गुरुवार, 25 जुलाई 2019

भारत का पहला गोब्रेज कैफे होगा:अंबिकापुर

प्लास्टिक कचरा लाएं और भरपेट खाना खाएं


अंबिकापुर ! आपने शानदार खाना परोसने वाले कई बेहतरीन कैफे के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी कचरा कैफे का नाम सुना है? नाम पर न जाएं क्योंकि यहां भी खाना ही मिलेगा। लेकिन पैसों से नहीं बल्कि प्लास्टिक कचरे के बदले।


दरअसल छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में प्लास्टिक के कचरे से निबटने और गरीब लोगों का पेट भरने के लिए एक पहल शुरू की गई है। ये कैफे जल्दी ही अंबिकापुर नगर निगम द्वारा खोला जाना है।ये अपने आप में भारत का पहला गार्बेज कैफे होगा। यहां लोग घर में बेकार पड़ा प्लास्टिक का कचरा दे सकेंगे और इसके बदले में कचरे के वजन के बराबर खाना खा सकेंगे। ये कैफे अंबिकापुर नगर निगम शहर के मुख्य बस स्टैंड पर खोला जाएगा। वहीं सड़क पर प्लास्टिक का कचरा बीनने वालों को एक किलो प्लास्टिक के बदले में मुफ्त भोजन दिया जाएगा। वहीं आधा किलो प्लास्टिक के बदले में नाश्ता दिया जाएगा।


वीवीआईपी सुरक्षा से हटाए 1300 कमांडो

वीवीआईपी सुरक्षा से हटाए गए 1300 कमांडो


नई दिल्ली ! केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 350 वीआईपी की सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो समेत 1,300 सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया है। सुरक्षा में हुई इस कटौती में सभी दलों के नेता शामिल हैं। इस फैसले के तहत कुछ नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है, जबकि कुछ की सुरक्षा कवर सेंट्रल लिस्ट से हटा दी गई है। इन 1,300 जवानों में अधिकतर विशेष रूप से प्रशिक्षित सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और हाइ-प्रोफाइल एंटी-टेरर फोर्स एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो शामिल हैं।


जिन नेताओं की केंद्रीय सुरक्षा में कटौती की गई है या घटाई गई है, उसमें दिग्गज विपक्षी नेताओं के साथ ही भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग भी शामिल हैं। मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद पहली बार गृहमंत्रालय ने वीआईपी को मुहैया की जाने वाली सिक्योरिटी में इतने बड़े पैमाने फेरबदल किया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई नेताओं को केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की तरफ से सुरक्षा दी जा रही थी। इसके कारण मैनपावर की बर्बादी हो रही थी। इसलिए केंद्र सरकार ने कुछ की सुरक्षा में कटौती करने और कुछ में बदलाव करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार किसी भी वीआईपी को उस पर मंडराने वाले खतरे का आकलन करने के बाद ही जरूरी सिक्योरिटी कवर मुहैया कराती और उसकी वक्त-वक्त पर समीक्षा भी करती रहती है।


चुनाव से पहले एनसीपी को झटका:महाराष्ट्र

महाराष्ट्र: विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी को झटका


मुंबई ! महाराष्ट्र में इस साल के अतं में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे कुछ महीने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को बड़ा झटका लगा है। एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री सचिन अहीर शिवसेना में शामिल हो गए हैं। अहीर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।अहीर एनसीपी के मुंबई प्रमुख थे। महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन वाली सरकार में अहीर कैबिनेट मंत्री का पदभार संभाल चुके हैं। उनके एनसीपी छोड़कर शिवसेना में जाने से एक बार फिर विपक्ष की स्थिति बिगड़ गई है।


अश्लील वीडियो के बाद दोनों नेता बर्खास्त

अश्लील विडियो सामने आने के बाद बीजेपी के दो नेता बर्खास्त


शिमला ! हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक अश्लील वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। वीडियो में हिमाचल बीजेपी महिला मोर्चा की एक नेता नजर आ रही है। वहीं, महिला नेता के साथ जो पुरुष मौजूद है, वह भाजयुमो का पदाधिकारी है। मामले की पुष्टि करते हुए बंजार से बीजेपी विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि दोनों लोगों को पार्टी से निकाल दिया गया है।


बीजेपी विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा, 'दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया है। पार्टी में ऐसे लोगों का स्थान नहीं होना चाहिए और न होगा। इस तरह की अश्लीलता को संगठन के अंदर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।गौरतलब है कि इस विडियो के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह किसी सरकारी गेस्ट हाउस के बाथरूम का है। हालांकि, यह विडियो कहां से वायरल हुआ, इस बात का अभी तक कोई पता नहीं लग सका है। बीजेपी ने दोनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।


बिजली गिरने से 50 से ज्यादा मौत

आसमानी कहर: बिहार-झारखंड में बिजली ग‍िरने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत


नई दिल्ली ! भीषण बाढ़ से जूझ रहे बिहार में आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है, अब स्‍थानीय लोगों को आकाशीय बिजली के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है, बीते 24 घंटे के अंदर राज्‍य में 43 से ज्यादा लोगों की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई, जबकि बिहार में बाढ़ से मरने वालों की कुल संख्‍या 123 पहुंच गई है।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक भागलपुर में पांच, बेगूसराय में पांच, सहरसा में तीन, पूर्णिया में तीन, अररिया में दो, जमुई में दो, कटिहार में दो, खगड़िया में एक, मधेपुरा में एक, दरभंगा में दो मधुबनी में एक, सीतामढ़ी में एक, मोतिहारी, गया में एक-एक और पूर्णिया में तीन की मौत हुई है। यही हाल झारखंड का भी है, यहां के दुमका और जामताड़ा जिलों में 12 लोग बिजली गिरने की चपेट में आने से मारे गए।बीते 24 घंटों के दौरान पटना में बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने बिहार में अगले 72 घंट तक के लिए आफत की बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभागीय जानकारी के अनुसार राज्‍य के 12 जिलों के 1123 पंचायतों में 69.27 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बारिश के कारण फिर आने वाली बाढ़ में ये आंकड़े और बढ़ने तय हैं।


बीवी को गोली मारने से अच्छा है तलाक

 तीन तलाक बिल: एसपी सांसद का विवादित बयान


तीन तलाक बिल पर लोकसभा में चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने तीसरी बार लोकसभा में इस बिल को पेश किया है, यहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन सदन से बाहर अनर्गल बयान देते हुए कहा है कि बीवी को गोली मारने से बेहतर तीन तलाक देकर रुखसत करना है।उन्होंने कहा, 'बीवी को गोली मारने से अच्छा है कि उसे तलाक दे दें। किसी भी मजहब के निजी मामले में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए। इसे सिर्फ एक फिरका मानता है। एक साथ तीन तलाक को सभी लोग नहीं मानते और एक महीने का गैप रखा जाता है। कभी-कभी ऐसे हालात होते हैं कि अलग होना ही रास्ता होता है तो गोली मारने से बेहतर है कि तीन तलाक देकर महिला को निकाल दिया जाए।मुस्लिम महिलाओं से न्याय के सवाल पर एसटी हसन ने कहा, 'महिलाओं के साथ इस्लाम ने बहुत न्याय किया है। वह जब चाहें अपने पति से खुला ले सकती हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव करना और शरीयत में बदलाव करना गलत है। यदि आप किसी पुरुष को तीन तलाक पर तीन साल की सजा देते हैं तो फिर वह परिवार को गुजारा भत्ता कैसे देगा। क्या यह गलत नहीं है। यदि हिंदू और ईसाई पुरुषों को ऐसे मामले में महज एक साल की ही सजा है तो फिर मुस्लिमों को तीन वर्ष की सजा क्यों।


तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को इंसाफ : प्रसाद

तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाकर रहेंगे


नई दिल्ली ! न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया। इसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की संरक्षा करने और उनके पतियों द्वारा तीन बार तलाक बोलकर विवाह तोड़ने को निषेध करने का प्रावधान किया गया है।


बहस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक पर रोक लगाने संबंधी विधेयक सियासत, धर्म, सम्प्रदाय का प्रश्न नहीं है बल्कि यह नारी के सम्मान और नारी-न्याय का सवाल है। हिन्दुस्तान की बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा संबंधी इस पहल का सभी को समर्थन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी और कानून लाने के बाद मुझे लगा था कि ये रुक जाएगा। ये महिला की गरिमा और सम्मान का मामला है। तीन तलाक मामलों में महिलाओं को न्याय दिलाकर रहेंगे।आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने विधेयक पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश किए जाने का विरोध करते हुए इस संबंध में सरकार द्वारा फरवरी में लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सांविधिक संकल्प पेश किया। संकल्प पेश करने वालों में अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, प्रो. सौगत राय, पी के कुन्हालीकुट्टी और असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...