बिना पीडि़त की पीड़ा सुने खुद अपने हिसाब से प्रकरण का निस्तारण करते हैं मिश्राना चौकी प्रभारी अजब सिंह
शिकायत कर्ता शिकायत करने के बाद न्याय लगाने की आस लगाए बैठा रहता है लेकिन न फोन न घटना स्थल पर जाना और न पीडि़त की पीड़ा सुनना सब दर किनारे करके खुद फैसला कर लेना विपक्षी के कद और सहुलियत को देखते हुए मनमर्जी का निस्तारण कर रिपोर्ट लगा कर पीडि़तों के साथ अन्याय कर रहे हैं मिश्राना चौकी प्रभारी अजब सिंह।
लखीमपुर-खीरी। एक सत्यता पर पत्रकार खबर प्रकाशित करता है और चारो ओर से घिर जाता है! क्योंकि जिसके विरूद्ध खबर प्रकाशित की वह इतना पावर फुल है कि इस पीडि़त पत्रकार को पानी-पीला दिया ! पुलिस अधीक्षक को दिये शिकायती पत्र में पीडि़त पत्रकार ने अपनी पीड़ा इस तरह से रखी कि कहते है कि दौलत हो पावर हो तो उसके दम पर कुछ करो, कुछ नहीं होगा ! इस बात को सत्य साबित कर रहा है वार्ड नंबर 24 मोहल्ला हिदायत नगर का सभासद पति नईम जिसने अपात्र होकर गरीबों का हक मारा! ऊंची शान शौकत और बुलेट यूपी 31 ए क्यू 3263 और फोर विलर आई टू जीरो मैग्ना कार यूपी 31 बी.सी 7584 जिसकी कीमत आठ से दस लाख रूपए है और सुनहरी मस्जिद के पास जिस दुकान में आलीशान रेडिमेड की शाप है और हिदायत नगर में आलीशान मकान में रईशो सी जिंदगी काटने वाले सभासद पति नईम ने फर्जी दस्तावेज के दम पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लिया उसे किराए पर दिया जिसकी खबर दिनांक 17 जून को एक पत्रकार ने प्रकाशित की तो उसकी जान का प्यासा हो गया सभासद पति नईम। वह पीडि़त पत्रकार दूसरे पेपर के कार्यालय बैठा था! तभी नईम अपने आठ दस साथियों के साथ उस पत्रकार को आगे खबर छापने और यह खबर छापने की हिम्मत कैसे की काफी डराया धमकाया!धमकियां दी जिसकी शिकायत पीडि़त पत्रकार ने जनसुनवाई संख्या 40015319018053 दर्ज हुई! मुख्यमंत्री व उच्च अधिकारियों को दी! लेकिन न्याय के नाम पर मिला झूठा मनगढ़ंत फर्जी निस्तारण! जिसमें न पीडि़त की पीड़ा सुनी गई न कोई जानकारी दी गई! दिशाहीन निस्तारण कर दिया चौकी प्रभारी ने! जिसमें विरोधियों ने कहा कि कार्यालय में कोई घटना नहीं घटित हुुई !क्या कोई चोर या घटना घटित करने वाला सच कबूलता है ! सब अपने को निर्दोष बताते है जिसकी सूचना पीडि़त को दिये बगैर विरोधियों की बात को सच मान गये चौकी प्रभारी ! जबकि जन एक्सप्रस प्रभारी ने चौकी से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायती पत्र दिया! सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर डीएम को ज्ञापन दिया !प्रकरण को मोड़ा गया, कहा कि हिदायत नगर में किसी अपात्र मोहल्ले वासी को नईम ने आवास नहीं दिया! जबकि सारी प्रकाशित खबरें और शिकायती पत्र में किसी मोहल्ले वाले के पात्र-अपात्र होने की बात नही की गई! बात सिर्फ सभासद पति नईम की है! उसने खुद प्रधानमंत्री आवास अपात्र होकर लिया! जिसका लाभार्थी संख्या 098009008054500028 हैं, बात इसकी है! तो फिर मोहल्ले वालों का नाम पुलिस द्वारा जांच में क्यो लाया गया! सभासद पति नईम द्वारा सभी जानकारी झूठी प्रधानमंत्री आवास में दी है ! दस्तावेज झूठे,सच्चाई कुछ और ! सारे काम गलत पर फिर भी बच रहा! क्योंकि कुछ दलाल, पुलिस ,सत्ता पक्ष को अपने पाले में किए हुए हैं! जिस कारण सभासद पति नईम का हर पक्ष मजबूत है! लेकिन समय चाहे जितना लगे जांच बड़े स्तर से होगी! परियोजना अधिकारी डूडा द्वारा कराई जा रही जांच समझ से परे है! अभी तक कोई जांच का अता पता नहीं चल पाया! बात यह है कि सभासद पति नईम गलत है ,यह साबित होगा! वह मिश्राना चौकी प्रभारी के वैसे चश्मे में सभासद पति नईम की साफ छवि नजर आई! लेकिन छवि गन्दी है,दबंग नईम ने सन् 2016 में सभासद रहते हुए मोहल्ला प्यारेपुर के एक पीडि़त के घर धावा बोला! जिसमें लाठी-डंडे नाजायज तमंचे के बल पर खूब तांडव किया! जिसकी एफ आई आर मु0 अ0 स0 972/2016 धारा 307,323,452,504,506, में दर्ज हुई, और सपा की सरकार थी! जिसमें नईम की अच्छी पकड़ थी! इस दम पर सभासद पति नईम धारा 307 को हटाने में कामयाब हुआ इस तरह का कद है सभासद पति नईम का जिसने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए सभासद पति नईम ने सरकार से झूठ बोला है सरकारी धन का गलत प्रयोग किया है जो अपराध की श्रेणी में आता है! इसको इसकी सजा जरूर मिलेगी लेकिन बचाने वाले बहुत है मगर सच सबकी बोलती बन्द करते हुये अपनी उपस्थित दर्ज करायेगा।