मंगलवार, 23 जुलाई 2019

दीवार के विवाद में एक को गंभीर चोट

लखीमपुर खीरी ! थाना गोला गोकर्णनाथ के अंतर्गत ग्राम भवानीगंज में एक परिवार के तीन लोगों को  जान से मारने का प्रयास किया ! बताते चलें थाना गोला गोकर्ण नाथ के अंतर्गत ग्राम भवानीगंज निवासी लक्ष्मीनारायण यादव पुत्र गया प्रसाद ने बताया कि दीवार को लेकर विवाद हुआ था! मेरा मकान तथा विपक्षियों  का मकान पास - पास है! इससे पहले भी यह दीवार गिर चुकी है ! हम लोगों ने सिर्फ इससे 9 इंची दीवार बनवाने की बात कही थी! इतने में ही बाबूलाल पिता गंगाराम व श्यामा देवी तथा परिवार के अन्य लोगों ने मिलकर लाठी-डंडों से मारा पीटा तथा जान से मारने का प्रयास करने लगे गांव के कुछ लोगों ने हम लोगों को आकर बचाया! पीड़ित व्यक्ति गोला थाना पहुंचा ही था! तब तक चोट लगी उसकी पुत्री मनीषा यादव थाने में बेहोश हो गयी पुलिस ने आनन-फानन में गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज कर उसका इलाज कराया! सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने बताया कि मेरे पास एक ही परिवार के तीन लोग डॉक्टरी कराने के लिए आए हैं! उनके नाम इस प्रकार हैं! लक्ष्मी नारायण पुत्र गया प्रसाद व बंटू यादव पुत्र लक्ष्मी नारायण तथा मनीषा यादव पुत्री लक्ष्मी नारायण ये तीनों चोट खाये हुए पीड़ितों का मैंने इलाज करते हुए डॉक्टरी की है! उसमें दो लोगों के चोटे अधिक नहीं आई है, परंतु एक व्यक्ति के अधिक चोटें आई हुई हैं!


आशीष राठौर 


लापरवाह थानाध्यक्षो को लगी फटकार

एसएसपी ने उत्तरी क्षेत्र के राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारियों के साथ की बैठक



 लापरवाह थानाध्यक्ष को एसएसपी ने दिया चेतावनी


गोरखपुर। पुलिस लाइन  सभागार  में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर की अध्यक्षता में उत्तरी क्षेत्र के समस्त राजपत्रित पुलिस अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों तथा शाखा प्रभारियों की बैठक आयोजित कर अपराध की समीक्षा की गयी एवं अपराध व अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु निर्देश दिये लापरवाह थानाध्यक्षों को फटकार लगाते हुए दिया चेतावनी की जमानत पर छूटे अपराधियों/बदमाशों तथा हिस्ट्रीशीटरों की सूची को अद्यावधि करके उन पर सतत निगरानी रखने तथा बनाये गये टीम (आई-कार्ड अवतार एन्टी-बैट) द्वारा इलेक्ट्रानिक बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट कराकर डोजियर तैयार कराया जाय ताकि उनकी अपराधिक गतिविधियों को चिन्हीत किया जा सके। लूट व चोरी की घटनाओं की रोकथाम पर विशेष ध्यान देते हुए यह बताया गया कि अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर व्यापारी बन्धुओं द्वारा अपने-अपने दुकानों के सामने लगाये गये सीसीटीवी कैमरों को चिन्हीत कर लें ताकि घटनाओं का शीघ्र अनावरण किया जा सके। समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वह लम्बित गैर जमानतीय वारण्ट का शत-प्रतिशत तामीला कराना सुनिश्चित करें। समस्त थाना प्रभारियों व चैकी प्रभारी को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने क्षेत्र में महिलाओं एवं बच्चों से सम्बधित होने वाले घटनाओं पर सतर्क दृष्टि रखते हुए त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। सभी थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर पूर्व में बनाये गये नाका प्वाइंट पर पर्याप्त पुलिस बल लगाकर प्रभावी ढंग से कार्यवाही करायें।किसी भी दशा में अवैध शराब का निष्कर्षण एवं बिक्री किसी थाना क्षेत्र में नहीं होना चाहिए! यदि मेरे द्वारा जनपद मुख्यालय से टीम भेजकर यह पाया गया कि किसी थाना क्षेत्र में अवैध शराब का निष्कर्षण अथवा बिक्री हो रहा है! तो सम्बंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। यातायात व्यवस्था को सुगम व सुचारु रुप से संचालन हेतु अतिक्रमण पर विशेष ध्यान दिया जाय! जहाॅ पर एक बार अतिक्रमण हटवा दिया जाय! स्थानीय थानाध्यक्ष एवं चौकी प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि दुबारा वहाॅ अतिक्रमण न होने पाये।


आयकर विभाग ने फिर दी है राहत

राणा ओबराय


आयकर विभाग ने आयकरदाताओं को दी राहत,रिटर्न भरने की अवधि को एक माह बढ़ाया



नई दिल्ली !आयकर विभाग ने आंकलन वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 31 अगस्त 2019 कर दी है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को यहां जारी बयान में बताया कि जिन करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी उसे बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है। अंतिम तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेजता है। इसके बाद आप जवाब देते हैं। अगर अधिकारी आपके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है और जांच में साबित होता है कि आपने जानबूझकर टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो तीन माह से दो साल तक की जेल हो सकती है।
देरी का ये होगा नुकसान
तीन माह से सात साल तक की जेल रिटर्न में देरी पर।
एक हजार जुर्माना रिटर्न में देरी पर, पांच लाख से कम आय पर।
पांच हजार जुर्माना 31 जुलाई के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न भरने पर।
दस हजार जुर्माना 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर।


विश्वास मत के बाद गिरी स्वामी की सरकार

*कर्नाटक से इस वक्त की बड़ी खबर* 


विश्वासमत के बाद कर्नाटक में गिरी सीएम कुमारस्वामी की सरकार 


बैंगलुरु ! तमाम उठापटक के बाद आज कर्नाटक सीएम कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत पर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई और सीएम कुमारस्वामी की सरकार गिर गई! बीजेपी के विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की! विश्वासमत के खिलाफ 105 वोट पड़े. वहीं पक्ष में 99 वोट ही आए ।


इसी के साथ जल्दी ही एचडी कुमारस्वामी राजभवन जाकर इस्तीफा सौंप सकते हैं! उनके इस्तीफे के बाद सूबे के गवर्नर वजुभाई वाला बीजेपी लीडर बीएस येदियुरप्पा को सरकार गठन का न्योता दे सकते हैं! इससे पहले कुमारस्वामी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि देखते हैं कि कैबिनेट गठन के बाद आप सरकार को कैसे बचाएंगे? हम देखेंगे कि आप कब तक सरकार चलाएंगे? मैं ही यहीं हूं! उन्होंने कहा कि जब बीजेपी के लोग भागेंगे, इसके बाद चुनाव के लिए जाना बेहतर है! इसके अलावा सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि सत्ता किसी के लिए भी स्थायी नहीं है! मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं! मैं भाग नहीं रहा हूं! मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से कहना चाहता हूं कि देश को बर्बाद मत कीजिए!
बता दें कि 15 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद भी कांग्रेस और जेडीएस सरकार को बचाने के लिए प्रयास कर रहे थे! बीते कई दिनों से दोनों दल विश्वास मत प्रस्ताव को टालने की कोशिश में थे, लेकिन आखिरकार मंगलवार को वोटिंग हुई और कुमारस्वामी की सरकार का यह आखिरी दिन साबित हुआ।


एनडीआरएफ ने सिखाए गुर,दिया प्रशिक्षण

11  एनडीआरएफ की टीम पहुंची जिला सिद्धार्थ नगर जोखिम न्यूनीकरण बाढ़ आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण देने के लिए -


"11  एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक श्री आलोक कुमार के निर्देशानुसार 11



सिद्धार्थ नगर ! एनडीआरएफ की  टीम दिनांक 22 जुलाई को जोखिम न्यूनीकरण बाढ़ आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण के लिए जिला सिद्धार्थ नगर  पहुंची। सिद्धार्थ नगर  में संभावित आपदा क्षेत्रों के बारे में  टीम कमांडर रोहित कुमार भारद्वाज और जिलाधिकारी श्री दीपक मीणा (आईएएस)  की अध्यक्षता  में सभी  बाढ़ आपदा संभावित  क्षेत्रों के  बारे में चर्चा किया गया । तथा साथ ही साथ  जिले के सभी 14 ब्लॉक बाढ़ आपदा प्रभावित लोगों को बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जोखिम न्यूनीकरण बाढ़ आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया।    


बलाक बासी के गांव भगौतापुर  में बाढ़ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया! कार्यक्रम के दौरान उपजिलाधिकारी परबुद्धि सिंह, आर आई रामवीर यादव, सेवानिवृत्त राकेश तिवारी,कानूनगो ,लेखपाल प्रशांत चौधरी ,अमित चौधरी अमित श्रीवास्तव ,गिरीश श्रीवास्तव, प्रधान राधेश्याम यादव, लेखपाल, आशा वर्कर आपदा मित्र  और गांव भगौतापुर ,डडिया, भटौली, सतवाडी, कोड़री,  सूपाराजा,नगवा, नवइला के लोग भी शामिल रहे । टीम कमांडर रोहित कुमार भारद्वाज सहायक उपनिरीक्षक साभा यादव प्रशिक्षक दीपचंद जयसवाल राहुल रंजन व अन्य प्रशिक्षक ने इस प्रशिक्षण के दौरान बताया कि  बाढ़ आने से पूर्व की तैयारी,बाढ़ आने पर और बाढ़ आने के बाद क्या करना चाहिए इन सभी  का प्रशिक्षण दिया गया। आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने से पहले  प्राथमिक उपचार क्या दिया जा सकता है! इसके बारे में जानकारी दिया! साथ में घरेलू सिलेंडर में आग लग जाने के उपरांत क्या कार्रवाई करनी चाहिए तथा आकाशीय बिजली के दौरान और सर्पदंश या हार्ड अटैक आ जाए! क्या कार्रवाई करनी चाहिए ,इसके बारे में प्रशिक्षण दिया!


भ्रष्टाचार का नरक निगम बना:ग्वालियर

भ्रष्टाचार का "नरक" निगम ग्वालियर 
ठेंगे पर सूचना का अधिकार ?
घोटाले और भ्रष्टाचार छुपाने की नियत से नहीं देते आरटीआई के तहत जानकारी !
ग्वालियर ! महानगर ग्वालियर को विकसित और स्मार्ट सिटी बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम ग्वालियर की है l जहां एक ओर शहर के विकास कार्यों तथा मूलभूत सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारी विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी करके अपने घर भर रहे हैं, ग्वालियर नगर निगम में शायद ही ऐसा कोई अधिकारी हो जो करोड़ों और अरबों की आसामी ना हो अब सवाल यह उठता है कि शासन यह सब नजारा आंख बंद कर क्यों देख रहा है और तमाम भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसियां भी आखिरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है ? आखिरकार भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायतें जांच के नाम पर लंबित क्यों की जाती है ? यहां यह बताना लाजमी होगा कि दरअसल नगर निगम ग्वालियर निगमायुक्त अनय द्विवेदी के जाने के बाद से आमजन के पसीने का पैसा भ्रष्टाचार करके अधिकारियों के माध्यम से मंत्रियों के घर भरने का अड्डा बन गया है l यह ही नहीं जांच एजेंसियां भी भ्रष्टाचार की शिकायतों को जांच के नाम पर टरका कर शासन की जी हुजूरी कर रही हैं ,तो आखिर ऐसे में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कौन करें ? नगर निगम ग्वालियर में जो जितना बड़ा भ्रष्ट अधिकारी है उसे उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा जाता है इसका सीधा मतलब है कि मामला ऊपर तक सेट है l यही कारण है कि किसी भी योजना और निर्माण के संबंध में आमजन को सूचना का अधिकार के तहत जानकारी देने से बचते हैं नगर निगम के अधिकारी ! 


*यह जानकारी नहीं दे रहे*- विगत दिनों आरटीआई के तहत आवेदक जितेंद्र सिंह नरवरिया के द्वारा नगर निगम से निम्न जानकारी मांगी गई है !  जानकारी उपलब्ध होने पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है,  जिनकी अपील राज्य सूचना आयोग तक  की जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी जा रही है -  
(1) वार्ड क्रमांक 8 व 15 में विगत तथा वर्तमान पंचवर्षीय कार्यकाल में स्वीकृत सभी निर्माण तथा मरम्मत कार्यों के संबंध में जानकारी चाही गई थी जिसमें भ्रष्टाचार होने के कारण उपलब्ध नहीं कराई गई है l
(2) इसी प्रकार आवेदक के द्वारा नगर निगम ग्वालियर में पदस्थ भ्रष्ट इंजीनियरों पवन सिंघल, प्रदीप वर्मा तथा हंसीन अख्तर सहित सभी की पदस्थापना, शैक्षणिक योग्यता व अर्जित चल अचल संपत्ति की जानकारी चाही गई थी जिससे इनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और काली कमाई की कलई खुल सकती है इसलिए जानकारी नहीं दी जा रही है जबकि यह सब जानकारी शासन के नियमानुसार इन अधिकारियों को वेबसाइट पर डालनी होती है l
(3) आवेदक के द्वारा विगत 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2018 तक 5 वर्षों में विभिन्न आवासीय योजनाओं के तहत आवंटित आवासों की सूची व लाभार्थियों के संबंध में चाही गई जानकारी भी इसलिए उपलब्ध नहीं कराई जा रही है क्योंकि उक्त मामले में भी अधिकारियों ने जमकर रेवडिया बटोरी हैं ?
(4) इसी प्रकार हजीरा चौराहे पर तानसेन प्लाजा के बगल में वर्षों पुराने लाखों की लागत से बने सरकारी शौचालय को विगत दिनों तोड़े जाने के संबंध में जानकारी नहीं दी जा रही है क्योंकि इस मामले में निगम अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं l
(5) आवेदक के द्वारा विगत दिनों नगर निगम ग्वालियर के द्वारा बनाए और तोड़े गए साइकिल ट्रैक के संबंध में भी जानकारी इसलिए नहीं दी जा रही है कि जनता के करोड़ों रुपए की बर्बादी की जिम्मेदारी कौन ले l
उक्त मामले में आवेदक के द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग भोपाल तक अपील की जाने के बावजूद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है इससे स्पष्ट होता है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार से सुशासन की उम्मीद करना बेहद नासमझी होगी ?


टैंक में गिरने से मासूम की मौत

टैंक में गिरने से मासूम बच्ची की मौत
          बुलंदशहर। प्रदेश के बुलंदशहर में मंगलवार सुबह उस वक्त मातम छा गया जब कल शाम से गायब एक दो साल की बच्ची का शव घर के ही टैंक में तैरता मिला। जानकारी के अनुसार बच्ची खेलते हुए टैंक में गिर गई थी।   बुलंदशहर के डिबाई नगर के मोहल्ला हसियागंज में सत्येंद्र कुमार के मकान में टैंक का निर्माण हो रहा है। इस बीच उनकी बेटी दिव्यांशी उर्फ परी (2 वर्ष) सोमवार शाम से घर से गायब थी। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, पूरी रात उसे ढूंढा लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। आज सुबह जब टैंक में किसी ने झांका तो बच्ची परी का शव टैंक में तैरता मिला। 
यह खबर जैसे ही घर के अन्य लोगों  तक पहुंची तो कोहराम मच गया। खोई बच्ची इस तरह मिलेगी यह किसी को अंदाजा नहीं था।


अधिकारियों को कार्य संचालित करने के निर्देश

अधिकारियों को कार्य संचालित करने के निर्देश  संदीप मिश्र  लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के कई जिलो में भारी बारिश से हुए नुकसान...