रविवार, 21 जुलाई 2019

सत्ता और विपक्ष दोनों तनाव में: कर्नाटक

कर्नाटक में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तनाव में


कर्नाटक में बागी विधायक पहले से ही विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट से दूरी बनाए हुए हैं, वहीं अब मायावती की पार्टी बसपा की तरफ से भी सीएम एचडी कुमारस्वामी को तगड़ा झटका लगा है। बसपा विधायक एन नागेश ने कहा कि वे सोमवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होंगे।


वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में बीजेपी नेताओं का मूड इन दिनों बेहद खुशनुमा है। बीजेपी नेताओं की इस खुशी की वजह भी है। लंबे अरसे बाद विधानसभा में विश्‍वासमत के बाद उन्‍हें सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। सरकार बनाने की कवायद शुरू होते ही बीजेपी के कई नेता टेंशन में आ गए हैं।


बीजेपी नेताओं के टेंशन की वजह 15 कांग्रेस-जेडीएस विधायकों की भूमिका है। यदि इन विधायकों को भगवा खेमे में शामिल किया जाता है तो उन्‍हें सरकार में शामिल करना पड़ सकता है। टेंशन में चल रहे बीजेपी नेताओं ने बताया कि बीजेपी जब राज्‍य में सरकार बनाने के नजदीक पहुंच जाएगी तो कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक मंत्री बनाए जाने की मांग कर सकते हैं। सभी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना नई सरकार के लिए बेहद मुश्किल होगा।


मनोज बने ज़ी न्यूज़ के रेजिडेंट एडिटर


मनोज माथुर बने जी न्यूज चैनल राजस्थान के रेजीडेंट एडिटर



जयपुर ! यूं तो मेरे द्वारा प्रशिक्षित पत्रकार आज अनेक दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों आदि में सफल पत्रकारिता कर रहे हैं, कई पत्रकार तो भास्कर, पत्रिका जैसे अखबारों के संस्करण प्रभारी हैं। पत्रकारिता के चालीव वर्षों में मुझ से युवा साथियों के लिए जो कुछ बना वो मैंने किया। पत्रकारों को अनुभव प्रमाण पत्र देने में भी मैंने कोई कंजूसी नहीं। यदि मेरे लिखे पर किसी को नोकरी अथवा भूखंड मिल रहा है तो मेरे लिए यह सम्मान की बात रही। मेरा मानना रहा कि व्यक्ति अपनी मेहनत और किस्मत से आगे बढ़ता है, लेकिन ऐसे कम लोग होते हैं जो अपनी सफलता का श्रेय किसी अन्य को दें। 21 जुलाई को मुझे जी न्यूज राजस्थान चैनल के वरिष्ठ पत्रकार मनोज माथुर का फोन आया। माथुर ने बताया कि अब इस चैनल में उनकी पदोन्नति रेजीडेंट एडिटर के पद पर हो गई है। माथुर का कहना रहा कि इस सफलता में मेरा भी सहयोग रहा है। आपसे ही मैंने पत्रकारिता के गुर सीखे और अनुभव प्रमाण पत्र लिया। मनोज माथुर ने अपनी खुशी और सफलता में जिस तरह से मुझे शामिल किया उससे मुझे भी एक सुखद अनुभूति हुई। मनोज माथुर शुरू से ही मेहनती पत्रकार रहे हैं। पिछले कई वर्षों से मनोज जी न्यूज में समाचार संकलन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे थे। संस्थान ने अब उन्हें सम्मानजनक पद दिया है। उम्मीद है कि मनोज इस पद पर खरा उतरेंगे।
एस.पी.मित्तल


अमेरिका:इमरान को मेट्रो मे कराया सफर


अमरीका में इमरान खान को मेट्रो में सफर करना पड़ा।
भारत में रह कर पाकिस्तान के गीत गाने वाले इस दुर्दशा को देख लें।

नई दिल्ली ! पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होनी है। इस मुलाकात के लिए इमरान खान 21 जुलाई को अमरीका पहुंच गए। इमरान को पूरी उम्मीद है कि अमरीका से कुछ न कुछ आर्थिक मदद मिल जाएगी। चूंकि इमरान खान हाथ में कटोरा लेकर गए हैं, इसलिए अमरीका में भी इमरान की कोई इज्जत नहीं हो रही है। वाशिंगटन एयरपोर्ट पर पहुंचने पर अमरीका का कोई मंत्री या बड़ा अधिकारी इमरान खान का स्वागत करने के लिए नहीं आया। न ही अमरीका प्रशासन ने एयरपोर्ट से होटल तक के सफर के लिए कोई कार उपलब्ध करवाई। ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी के साथ मेट्रो में सफर करना पड़ा। यानि अमरीका की सरकार ने इमरान खान को एक राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर कोई सम्मान नहीं दिया। इमरान की बेइज्जती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एयरपोर्ट से होटल तक का सफर मेट्रो में करना पड़ा है।
पाकिस्तान का जहाज भी नहींः
आमतौर पर राष्ट्राध्यक्ष अपने देश के जहाज का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि इमरान खान अपने देश के जहाज का इस्तेमाल भी नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह रही कि इमरान खान ने इस्लामाबाद से वाशिंगटन तक का सफर कतर एयरवेेज की सामान्य फ्लाइट से किया। यानि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सामान्य यात्री की तरह अमरीका पहुंचे। इससे पाकिस्तान की दननीय स्थति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जो लोग भारत में रह कर पाकिस्तान के गीत गाते हैं उन्हें इमरान खान और पाकिस्तान की इस दननीय स्थिति से सबक लेना चाहिए। जिस पाकिस्तान के लोगों के सामने आज भूखों मरने की स्थिति है उस पाकिस्तान की तरफदारी भारत के कुछ लोग करते हैं। वहीं नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का रुतबा बढ़ा है। डोनाल्ड ट्रंप भी अमरीका सरकार के प्रोटोकाॅल को तोड़ कर नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हैं। आज पूरी दुनिया में भारत की आवाज को सुना जाता है।
एस.पी.मित्तल


उपायुक्त और मेयर ने नगर निगम को लूटा


जिस गजेन्द्र सिंह रलावता को आयुक्त ने चार्जशीट थमाई, अब वही अजमेर नगर निगम के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी हैं। आयुक्त भी कर रही है प्रशंसा, तो फिर मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का क्या दोष है?

अजमेर ! दो माह पहले ऐसी छवि बनाई गई कि अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और नगर निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता ने मिल कर अजमेर को लूट लिया। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भाजपा के मेयर गहलोत को निलंबित करने की कार्यवाही भी शुरू हो गई। आरोपों के चलते ही निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने रलावता को चार्जशीट भी थमा दी। माना जा रहा था कि रलावता को सस्पेंड किया जाएगा। लेकिन अब वही रलावता निगम के सबसे जिम्मेदार और खास अफरसर हो गए हैं। बदली हुई परिस्थितियों में आयुक्त चिन्मयी भी सबसे ज्यादा भरोसा रलावता पर ही करती हैं। 20 जुलाई को निगम ने जब पहली आॅन लाइन नक्शे स्वीकृत किए तब मीडिया के सामने आयुक्त चिन्मयी ने इस काम का श्रेय रलावता को ही दिया। इतना ही नहीं आयुक्त ने रलावता को अपने साथ खड़ा कर नक्शों का वितरण किया। 21 जुलाई को अखबारों में आयुक्त और रलावता के फोटो ही प्रकाशित हुए हैं। यानि जो रलवता कल तक मेयर के विश्वास पात्र थे, आज वो ही रलावता आयुक्त के सबसे भरोसे के अफसर हैं। आॅन लाइन नक्शों के समारोह में भले ही मेयर को नहीं बुलाया गया लेकिन रलावता तो उपस्थित रहे। पिछले दिनों निगम के वार्डों के परिसीमन का कार्य भी रलावता को ही दिया गया। सवाल उठता है कि जब रलावता निगम के इतने जिम्मेदार अफसर हैं तो मेयर गहलोत के फैसलों पर आपत्ति क्यों दर्ज करवाई जा रही है? भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मेयर को क्यों कटघरे में खड़ा किया जा रहा है? जबकि मेयर गहलोत के इशारे पर जो भी आदेश जारी हुए, उन पर रलावता के ही हस्ताक्षर हैं। चाहे बहुचर्चित 13 काॅमर्शियल नक्शों का मामला या फिर किसी ठेके की अवधि बढ़ाने का निर्णय। अब यदि आयुक्त सुश्री चिन्मयी अपने उपायुक्त रलावता को काबिल अफसर मान कर प्रशंसा कर रही हैं तो मेयर को भी आरोपों से मुक्त किया जाना चाहिए। ऐसा कैसे हो सकता है कि रलवता रातों रात दूध के धुले हो जाएं और मेयर कोयले की कोठरी में ही बैठे रहें। रलावता के माध्यम से अजमेर नगर निगम के हालातों को आसानी से समझा जा सकता है। इतना जरूर है कि उपायुक्त रलावता सद्व्यवहार वाले अधिकारी हैं। उनकी मिलनसारिता के सभी लोग कायल हैं। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों में भी रलावता का मान सम्मान हैं। रलावता के बढ़ते महत्व से मेयर गहलोत भी उत्साहित हैं, क्योंकि अब गहलोत स्वयं को भी पाक साफ बता सकेंगे।
एस.पी.मित्तल


अजब ब्लॉग-गजब कहानी (संपादकीय)

मधुकर कहिन
अजब ब्लॉग की गज़ब कहानी


नरेश राघानी


आज एक क्रांतिकारी ब्लॉग पढ़ा। जिसमें यह लिखा गया की 
जिस गजेन्द्र सिंह रलावता को आयुक्त ने चार्जशीट थमाई, अब वही अजमेर नगर निगम के सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी हैं। आयुक्त भी कर रही है प्रशंसा, तो फिर मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का क्या दोष है?पढ़कर बड़ा अजीब लगा । यह तो बिल्कुल ऐसे ही था जैसे कोई कह रहा हो कि - 


मुझे और मेरे मित्रों को भूख लगी थी। मैंने कचोरी बनाई , सबको बहुत अच्छी लगी।लेकिन,अमरीका का इसमें क्या दोष है ?


उस ब्लॉग में लिखी गई लाइन भी , बिल्कुल ऐसी ही अजीब थीं। जिस में लेखक दो अलग अलग घटनाओं को जोड़कर कोई तीसरा ही लक्ष्य साधने का प्रयास कर रहा हैं।
जितना मेरी समझ आया उस अनुसार उस ब्लॉग में यह कहा गया था कि , जिस निगम उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता को निगमायुक्त चिन्मयी गोपाल ने कुछ रोज पहले 13 नक्शों के प्रकरण में नोटिस थमाया था। उसी उपायुक्त गजेंद्र सिंह रलावता को अब निगम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही है। ऑनलाइन नक्शा पास कराने की सुविधा के प्रारंभ करने पर जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी गजेंद्र सिंह रलावता को बिठाकर तवज्जो दी गई। और इसी तवज्जो को आधार मानकर यह तक लिख दिया गया है कि गजेंद्र सिंह रलावता संभवत आयुक्त की नजर में दोषमुक्त हो गए हैं। फिर जब गजेंद्र सिंह रलावता ही दोष मुक्त हो गए हैं तो अब धर्मेंद्र गहलोत का क्या दोष है ?
चलिए माना साहब ! धर्मेंद्र गहलोत का तो क्या किसी का कोई भी दोष नहीं है। दोष तो दरअसल जनता का है । जो इस तरह के दृश्य देख कर भी मौन साधे बैठी है। 13 फाइलों को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता ले जाने के बाद न जाने कौनसी पहाड़ी गुफा में छोड़कर आ गया है । यह कोई क्यूँ नहीं लिखता भाई ?
शांति से बैठो और लोगों को अपना काम करने दो भाई !


फिर विचारणीय बात यह है कि धर्मेंद्र गहलोत निगम में रलावता की तरह नौकरी थोड़े ही कर रहें हैं। जो उन्हें निगम के रोज़मर्रा के कामों में शामिल किया जाए। आयुक्त काम की ज़िम्मेदारी किसी न किसी सरकारी अधिकारी को ही देगी न ?
हाँ अगर निगम में मेयर साहब, गजेंद्र सिंह रलावता की तरह ही नौकरी कर रहे होते, तो उनको कोई जिम्मेदारी अवश्य दी जा सकती थी। मेरे ख्याल से वह बखूबी गज़ब की ज़िम्मेदारी निभाते भी ।


अब यदि 'ब्लॉग बादशाह' यह चाहते हैं , कि परिसीमन इत्यादि का काम गजेंद्र सिंह रलावता की जगह मेयर साहब को दे दिया जाए। और मेयर साहब निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल को रिपोर्ट करें। तो इस क्रांतिकारी सोच को 21 तोपों की सलामी देने की इच्छा करती है।
इन सब बातों से हट कर - अभी कुछ रोज पहले ही मैंने सोशल मीडिया पर एक बड़ा गजब का कार्टून देखा था। बनाने वाला कौन था इसका तो मुझे ज्ञान नहीं। परंतु उस कार्टून में यह दिखाया गया था कि एक हाथ कलम पकड़कर कुछ लिख रहा है। उस कलम में एक छेद है , जिसमें कोई दो रुपये का सिक्का डाल रहा है । शायद यह कार्टून पैसे लेकर खबरें लिखने वाले आधुनिक युग के पेड मीडिया को परिभाषित कर रहा था। मां कसम ! वह कार्टून अब तक मेरी आंखों के आगे घूम रहा है। हो सकता है मेरी सोचने समझने की शक्ति में कुछ गड़बड़ हो !लेकिन आधुनिक युग के पेड लेखन को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम ।


नरेश राघानी


नगर पालिका के विकास में फैला संक्रमण

टंडन पुरी कॉलोनी की स्थिती नारकीय
सीवर का पानी घरों में घुसा
फैल रहा है संक्रमण रोग


मीरजापुर। जल निकासी और स्वच्छता पर किए जा रहे करोड़ों रुपए के व्यय भी नगर के दक्षिण ओर स्थित टंडन पुरी कॉलोनी की हालत को सुधार नहीं पा रहे हैं। क्या सोच कर इंजीनियरों द्वारा जल निकासी के नाम पर योजनाएं बनाई जाती हैं और टेंडर कराये जाते हैं, क्योंकि जिस समस्या के समाधान के लिए धन खर्च किया गया, वह समस्या जस की तस बनी हुई है। नगर पालिका की लापरवाही से टंडन पुरी कॉलोनी के वासियों का जीना दुश्वार हो गया है जहां एक ओर सीवर का पानी घरों व सड़कों पर फैला हुआ है वही अब संक्रामक रोग अपना पैर पसार रहा है। जिससे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है जिसको लेकर कर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश है।
बताते चलें कि टन्डन पुरी कॉलोनी की यह समस्या बहुत पुरानी है बार-बार शिकायत के बावजूद नगर पालिका प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। टंडन पुरी कॉलोनी के लोग सीवर के गंदे पानी में रहने व जाने के लिए बाध्य है लोग अपने छतो पर शरण लिए हुए हैं बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत हो रही हैं।वही स्थानीय महिलाओं का घर से निकला मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद पालिका द्वारा न कोई गंभीरता, न कोई संवेदनशीलता दिखाई पड़ रही हैं। स्थानीय लोगों ने नगर पालिका प्रशासन एवं जिलाधिकारी का इस ओर ध्यान आकर्षित करते हुए जल जमाव की समस्या है निजात दिलाने की मांग की है।


कावड़ यात्रा शिविर का किया उद्घाटन

गाजियाबाद,लोनी !भारतीय जनता पार्टी की नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा व पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा ने बेहटा बंद फाटक व लोनी नगरपालिका के द्वारा हर वर्ष आयोजित कावंड कैंप का फीता काटकर उद्घाटन किया ।
सभी जगहों पर विधिवत रूप से पूजा पाठ करके व हवन करके धार्मिक मंत्रोचार के साथ कावंड शिविर का शुभारंभ किया गया ।कावंड शिविर का उद्घाटन लोनी नगरपालिका अध्यक्ष व पूर्व अध्यक्ष मनोज धामा व जलवाले गुरूजी ने फीता काटकर किया।इस अवसर पर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा  व रंजीता धामा  ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना मे भाग लिया ! ईश्वर के चरणों मे शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया।
कावंड शिविर की समितियों के द्वारा रंजीता धामा व मनोज धामा को फूल-माला पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।
कावंड शिविर मे सभी भक्तों को संबोधित करते हुये मनोज धामा ने कहा कि सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है! इसके साथ ही शुरू हो चुका है शिव के भक्तों का मेला! इस मेले मे लाखों शिवभक्त हरिद्वार व गौमुख से पावन गंगा जल लेकर अपने गंतव्य स्थान की तरफ भोले बाबा की भक्ति मे चूर होकर कई दिनों की पैदल यात्रा करके दिन-रात चलते रहते हैं! ये वो समय होता है जब हर तरफ सडकों पर भोले के भक्त दिखायी देते हैं, जो मस्त होकर चलते हैं ।मैं ईश्वर के समक्ष आज ये कामना करता हूँ कि हे ईश्वर,सभी भक्तों को सकुशल उनकी यात्रा पूर्ण कराना व मन चाहा फल देना ।
इस अवसर पर लोनी नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती रंजीता धामा ने भी सभी को संबोधित करते हुये कहा कि इस वर्ष बार्डर नहर थाने पर आयोजित ये पांचवा कावंड शिविर लगाया जा रहा है पिछले चार वर्षों से निरंतर लोनी नगरपालिका के कर्मचारी व अधिकारी भोले बाबा के भक्तों की सेवा करते हैं जिसमे सर्वसमाज के सभी सभासदगण, समाजसेवी लोगों व कर्मचारीयों के दुारा कई दिनों तक सेवाभाव से सेवा की जाती है कैंप के माध्यम से कावंडियों को चिकित्सा सुविधा, शुद्ध व ताजा भोजन, उनके आराम करने के लिये व नहाने के लिये व्यवस्था सुचारु रूप से की जाती हैं ।ये सावन मास बेहद ही पावन माह होता है बरसात की हल्की हल्की फुहारों के बीच सडकों पर पैदल जल लेकर चलने का आन्न्द बेहद ही सुहाना होता है ।भोले बाबा के भक्त विभिन्न कष्टों को सहकर भी पवित्र गंगा जल लेकर अपने गंतव्य को प्राप्त करते हैं । रंजीता धामा ने सभी को शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी तथा सभी से अपील करते हुये कहा कि हम सभी को भोले के भक्तों की सेवा करने का अवसर जब भी जँहा भी मिले हर प्रयत्न करके उनकी सेवा करनी चाहिए वो भगवान से यही मनोकामना करती है कि गर वर्ष की तरह अगले कई वर्षों तक भी ये सौभाग्य उनको मिलता रहे ।
इस अवसर पर जलवाले गुरूजी,अनिल प्रमुख, सभासद रूपेन्द्र चौधरी, अमित तोमर, सतपाल शर्मा, सतेन्दर शर्मा,देवेन्द्र ढाका, बबलू शर्मा, खुशनूद, इसरार,अनिल, पुजारी जी,दुबे जी,कुसुमलता, निश्चल ढाका, जगत भैय्या, राजेश बंसल, सुशील भाटी ,पवन,सुभाष,टीनू दहिया, नितिन ढाका, कपिल, सहित सैकड़ों की संख्या मे महिलाएं व पुरुष उपस्थित रहे।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...