शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

भारतीय रेलवे में 1923 पदों पर आवेदन

नई दिल्ली ! भारतीय रेलवे द्वारा पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए सबसे बड़ा भर्ती अभियान चलाया जाएगा। पैरा मेडिकल स्‍टाफ की विभिन्‍न श्रेणियों के 1923 पदों के लिए 19 जुलाई से यानी आज से ही शुरू होगी। कंप्‍यूटर आधारित यह परीक्षा 19 से 21 जुलाई तक प्रत्‍येक दिन तीन शिफ्ट में होगी जिसमें 4.39 लाख से ज्‍यादा उम्‍मीदवार शामिल होंगे।


परीक्षा के लिए देश के 107 छोटे बड़े शहरों में 345 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। यह पहली बार है जब रेलवे द्वारा आयोजित किसी भर्ती परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्‍ल्‍यूएस) के उम्‍मीदवारों के लिए आरक्षण की व्‍यवस्‍था की गई है। प्रतिवर्ष कुल रिक्त पदों में से 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्‍ल्‍यूएस) के लिए आरक्षित करने की नई व्‍यवस्‍था के तहत इस परीक्षा में 4654 ईडब्‍ल्‍यूएस उम्‍मीदवार हिस्‍सा लेंगे।


कंप्यूटर आधारित यह परीक्षा 90 मिनट की अवधि की होगी जिसमें निशक्‍तजनों को 30 मिनट का अतिरिक्‍त समय दिया जाएगा। परीक्षा में पेशे से जुड़े विषयों, सामान्य ज्ञान, अंकगणित, सामान्य विज्ञान तथा तार्किक और बौद्धिक क्षमता आंकने से संबधित बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे। परीक्षा में प्रश्‍नपत्र अंग्रेजी और हिंदी सहित 15 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे। उम्मीदवार अंग्रेजी के साथ ही परीक्षा के माध्‍यम के रूप में चुनी गई भाषा में भी प्रश्नपत्रप्राप्‍त कर सकेंगे। इस परीक्षा में सबसे ज्‍यादा 64,596 उम्‍मीदवार उत्‍तर प्रदेश से, 62,772 उम्‍मीदवार राजस्‍थान से, 38,097 महाराष्‍ट्र से तथा 35496 केरल से शामिल होंगे।


रेलवे के इस भर्ती अभियान की खास बात यह है इसमें आवेदन करने वाले कुल उम्‍मीदवारों में से महिला उम्‍मीदवारों की संख्‍या पुरूष उम्‍मीदवारों से कहीं ज्‍यादा है। कुल उम्‍मीदवारों में से 62 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके अलावा इसमें 28 ट्रांसजेंडर उम्‍मीदवार भी भाग ले रहे हैं। चयनित उम्‍मीदवारों की नियुक्ति स्‍टाफ नर्स, डायटीशियन, स्‍वास्‍थ्‍य एवं मलेरिया जांच इंस्‍पेक्‍टर फार्मासिस्‍ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट, और रेडियोग्राफर के पद पर की जाएगी। 50 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार स्‍टाफ नर्स के पद के लिए परीक्षा देंगे।


भगोड़े कैदियों को पकड़वाने में करें सहयोग

भगोड़े अपराधियों की तस्वीरें


संभल ! कैदी वैन पर किए गए हमले में दो पुलिसकर्मियों की जान चली गई ! कई लोग घायल हैं कैदी वैन पर किया गया हमला पूरी तरह से सुनियोजित था! जिसे पलानिगं के अंतर्गत अजांम दिया गया था! जिसमें तीन कैदी शकील, कमल और धर्मपाल फरार होने मे सफल रहे! पुलिस को इनकी तलाश है! पुलिस संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है !लेकिन अभी तक अपराधी पुलिस की पहुंच से बाहर है !पुलिस के सहयोग के लिए यह सब फोटो जनता के बीच में साझा किए जा रहे हैं! ताकि कोई, किसी प्रकार की जानकारी दे सके! कोई सुराग दे सके! इस प्रकरण में भगोड़े कैदियों की गिरफ्तारी अत्यंत महत्वपूर्ण है! कहीं ना कहीं वैन पर किए गए हमले में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है! भगोड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए संभल पुलिस के द्वारा नंबर जारी किए गए हैं! यदि किसी के पास किसी प्रकार की कोई सूचना हो तो सूचित कर सके और अपराधियों को दबोचा जा सके !संपर्क किया जा सकता है ! 9454404031, 78398 60127


झोलाछाप डॉक्टर ने ली मासूम की जान

 


झोलाछाप चिकित्सक ने छीन ली मासूम की जिंदगी
दर्जनों मरीजों की पूर्व में भी ले चुका है जान
फिर भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान।



चित्रकूट ! मामला थाना मऊ अंतर्गत झोलाछाप चिकित्सक किशन रस्तोगी का हैं जिसने गुरुवार को इलाज के दौरान एक मासूम के जिंदगी छीन ली है!


जानकारी के अनुसार लल्ला पुत्र गणेश प्रसाद उर्फ बबलू दिवेदी 2 वर्ष निवासी मऊ के हिप में फोड़ा था जिस के इलाज हेतु इसे डॉक्टर किशन रस्तोगी के यहां ले गए! जहां प्राथमिक उपचार के बजाय उक्त झोलाछाप चिकित्सक ने उसका ऑपरेशन काट दिया! जिससे उक्त मासूम के सोच के रास्ते से खून निकलने लगा! जिसे देख परिजनों ने पुन: उक्त चिकित्सक के यहां ले गए जहां उसने उसे देखने से जवाब दे दिया! जिसे परिजनों ने आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊ में भर्ती कराया जहां चिकित्सक ने देखते ही मासूम को मृत घोषित कर दिया!


डॉ शेखर वैश्य ने जानकारी दी है की उक्त मासूम की जान उक्त झोलाछाप चिकित्सक के यहां ही हो गई है! संभवत इसे डबल डोज दिया गया है! जिसमें आंख फटने की संभावना होती है! वही हुआ है इसी क्रम में एडवोकेट अंगद ने जानकारी दी है की पूर्व में उनके परिवार के भी एक बच्चे की जान इलाज के दौरान गई थी! इसी क्रम में मऊ निवासी आशीष त्रिपाठी ने जानकारी दी है की इनके बाबा रामनरेश त्रिपाठी की भी पूर्व में यही फीवर के इलाज में उक्त चिकित्सक द्वारा ग्लूकोस चढ़ाने के दौरान मृत्यु हुई थी!


इसी प्रकार लोगों के बीच चल रही चर्चा से ज्ञात हुआ की चिकित्सक किशन रस्तोगी के यहां इस प्रकार से दर्जनों मरीजों की जिंदगी छीनी है!जिसमें गणेश प्रसाद उर्फ बबलू दिवेदी ने थाना कोतवाली मऊ में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराने एवं चिकित्सक के गिरफ्तारी की मांग की है!



नरेन्द्र कुमार


पुलिसकर्मी की अनियंत्रित कार पेड़ से टकराई

 


मुरादाबाद। अनियंत्रित तेज रफ्तार कार के पेड़ से टकराने से पुलिसकर्मी की मौत हो गई ! पुलिसकर्मी चंद्रशेखर थाना बिलारी क्षेत्र के अंतर्गत तैनात थे ! थाना बिलारी क्षेत्र के अंतर्गत ही तेवर खास के पास तेज रफ्तार अनियंत्रित गाड़ी पेड़ से टकराई ! जिसमें पुलिसकर्मी को अत्यंत गंभीर चोट आने के कारण उनकी जान चली गई !गंभीर हालत में पुलिसकर्मी चंद्रशेखर को मुरादाबाद अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया !पुलिसकर्मी चंद्रशेखर की ड्यूटी हंड्रेड डायल पर थी! साथ में काम करने वाले पुलिसकर्मीयो की आंखें हुई नम!


वृक्षारोपण से मिलती है मन को शांति

बीएसएनएल कॉलोनी में वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न


बीएसएनल कॉलोनी में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजन किया गया !जिसमें मुख्य अतिथि गजाननराव अडसुले सहाब और गेडाम सहाब ( बीएसएनएल उप महाप्रबंधक ) कोसारे महाराज अध्यक्ष बीएसएनएल कॉलोनी में वृक्षारोपण कर पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक बनने की अपील करते हुए वृक्षों की महत्व व पर्यावरण के बाबत विस्तारपूर्वक उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवनकाल के प्रत्येक वर्ष एक-एक वृक्ष लगाना चाहिए! जिससे पर्यावरण बेहतर हो सके। इस मौके पर युवराज गुडधे पाटिल सेवानिवृत्त ( समाज सेवक , दानशुर ) चंद्रकांत बेलखुड़े ( समाज सेवक ) बीएसएनएल कॉलोनी के लिए काफी योगदान दे रहे हैं।


मुख्य अतिथि के रूप में सुधाकरराव कोहळे ( आमदार दक्षिण) दीपकजी चौधरी नगर सेवक, दीपकजी कापसे नगर सेवक, अभयजी गोटेकर नगर सेवक, नागेशजी सहारे नगर सेवक, संजयजी महाकालकर नगर सेवक, बळवंत जिचकार माजी नगर सेवक, रीतताई मुळे नगर सेविका, स्नेहलताई बेहारे नगर सेविका, कल्पनाताई कुंभलकर नगर सेविका, म्हात्रे और आड़े ( उप पुलिस निरीक्षक सक्करदरा पुलिस स्टेशन )महादेवराव बोराडे समाज सेवक, सुरेशराव भांडारकर समाज सेवक, पाण्डुरंगजी वाकड़े ( पाटिल ) विश्वनाथजी पाटिल, मिटकरी AIBSNL-PWA All India vice president, एम. जी. पिल्ले AIBSNL-PWA Circle secretary, डोरले AIBSNL-PWA Cashier, डॉक्टर दीपक सिंह ठाकुर, advocate सुरेश काळे, अशोक लांबट, डॉक्टर बळवंत महल्ले, राकेश शिरभाते, प्रकाश गेडाम , मुकुंदराव मुळे , गणेश गुल्हाने, नरेंद्र पेशने , शशिकांत अलोने बीएसएनएल कॉलोनी सचिव , रमेश भागलकर बीएसएनएल कॉलोनी उप सचिव,अनंत येवले बीएसएनएल कॉलोनी उपाध्यक्ष,अरुण पराते बीएसएनएल कॉलोनी कोषाध्यक्ष, हर्षाताई कुलसंगे बीएसएनएल कॉलोनी सलाहकार, मुकेश कौरव, प्रफुल नारनवरे, कृष्ण बोंडे, कृष्णा नारनवरे, प्रभाकर वाठ, जागींटवार, आरुष ढोरे, और सौ, रविंद्र अम्बिलकर, आदित्य,अनमोल , चंदन, तोमस्कार श्री रामहरि शेंडे, समाज सेवको ने मिल जुलकर कुछ वृक्ष लगाए।

बीएसएनएल ;कॉलोनी के महिलाओने सौ. वंदना अलोने, सौ. निर्मला कोसारे, सौ. पूजा तोमस्कार, सौ. राखी अरुण पराते, सौ. प्रवीणा घोरपड़े, सौ. मंगला येवले, सौ शालिनी बोंडे, सौ. लताताई नारनवारे, और सौ. वर्षाताई युवराज गुडधे इस समारोह में वृक्ष लगाने का मौका प्राप्त हुआ। वृक्षारोपण करके हम सभी लोगो को बहुत खुशी मिली।


जनता में रिश्वतखोरी की बनाई धारणा

राणा ओबराय
हरियाणा की जनता में बनी धारणा, सीएम विंडो के अधिकारी भी रिश्वत लिए बिना नही करते कोई काम !

चंडीगढ़ ! हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को की सरकार को बदनाम करने में उनके अपने ही अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं! बात अगर सीएम विंडो की जाए तो प्रदेश की जनता उससे भी सन्तुष्ट नजर नही आ रही है। क्योंकि आज अगर आप कोई शिकायत डालते हैं तो उस पर महीने भर भी कोई असर नही होता! जब दुखी व्यक्ति अधिकारियों से फ़ोन पर या व्यक्तिगत रूप से मिलकर बात करते हैं तो उनको सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ भी नही मिलता! प्रदेश की जनता का सीएम विंडो से विश्वास ही उठता जा रहा है। लोगो मे धारणा बनती जी रही है कि सीएम विंडो के अधिकारी भी रिश्वत लिए बिना कोई काम नही करते! शायद हरियाणा में अफसर ही निकाल रहे सीएम विंडो का जनाजा?
ईमानदार मुख्यमंत्री कहलाने वाले मनोहर लाल आपके अधिकारी सीएम विंडो पर कैसे आपके दावों का जनाजा निकाल रहे है! आप के कार्यालय ने आदेश दिया था कि यदि कोई फ़ाइल 30 दिन तक किसी अफसर के पास रहती है और वो कार्यवाही नहीं करता तो वो मामला भ्र्ष्टाचार की श्रेणी में आएगा। आपने एक सप्ताह पहले बयान दिया था कि सीएम विंडो की शिकायत पर 7 दिन में कार्यवाही न हुई तो अफसर के खिलाफ़ कार्यवाही होगी? मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए खोखले दावे मत करो। हकीकत में जो भ्रष्ट अधिकारी काम नही करते है उनको पदमुक्त करो। जिससे जनता में आप की ईमानदारी पर कोई विरोधी पार्टी सवाल न खड़ा कर सके?


राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का निर्णय

 


 रस्तोगी अधिवक्ता :9456610104


देरी होने पर घर खरीदार राष्ट्रीयकृत बैंक के होम लोन के बराबर ब्याज के हकदार : NCDRC


राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने हाल के आदेश में एक बिल्डर को परियोजनाओं में देरी होने पर घर खरीदारों को अनुसूचित राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा उस अवधि में गृह निर्माण ऋण के लिए ब्याज दरों के बराबर पैसा वापस करने का निर्देश दिया है।


दरअसल NCDRC बिल्डरों के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 17 के तहत दायर शिकायतों की सुनवाई कर रहा था। बिल्डरों ने मोहाली में आवासीय परियोजना 'वेव गार्डन' के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे जिसमें आखिरी 20 घर खरीदारों द्वारा 10 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। यद्यपि बिल्डर ने 3 साल के भीतर परियोजना को पूरा करने का वादा किया था लेकिन वो पिछले 7 वर्षों के भीतर इसे पूरा करने में विफल रहा। शिकायतकर्ताओं ने न्यायसंगत व समान ब्याज की एकमुश्त क्षतिपूर्ति और मुकदमेबाजी की लागत समेत बिल्डर से जमा राशि की वापसी का अनुरोध किया था।


एसएम कांतिकर और दिनेश सिंह की पीठ ने बिल्डर की ओर से धारा 2 (1) (जी) और (ओ) और धारा 2 (1) (आर) के तहत अनुचित व्यापार प्रथाओं के तहत सेवा में कमी को देखते हुएez in कहा कि बिल्डर को घर खरीदारों को मुआवजा और मुकदमेबाजी की लागत का भुगतान करना होगा।यह कहते हुए कि राशि वापस करने के बारे में दो राय नहीं हो सकती!


आयोग ने कहा कि:


"जमा की गई राशि पर ब्याज के संबंध में, किसी मामले के तथ्यों और विशिष्टताओं में संभव और उपयुक्त हद तक यह हमेशा वांछनीय और बेहतर होता है कि कुछ उद्देश्य तार्किक मानदंड की पहचान की जाए और उपयुक्त ब्याज दर निर्धारित की जाए। ब्याज की दर मनमानी नहीं हो सकती, कुछ उचित और स्वीकार्य औचित्य को स्पष्ट किया जाना चाहिए, व्यक्तिपरकता को कम से कम किया जाना चाहिए। हमारे विचार में, यह ध्यान में रखते हुए कि प्रश्न में विषय इकाई एक आवासीय आवास इकाई है, में अनुसूचित राष्ट्रीयकृत बैंक में इसी अवधि के लिए गृह निर्माण ऋण के लिए ब्याज की दर (भारतीय स्टेट बैंक) उचित और तार्किक होगी, और, यदि चल/ अलग / ब्याज की विभिन्न दरें हों / तो इस त्वरित गणना के लिए ब्याज की उच्च दर ली जानी चाहिए। "


इसके साथ ही प्रत्येक खरीदारों को एकमुश्त मुआवजा और 1 लाख रुपये की मुकदमेबाजी की लागत प्रदान की गई। आयोग ने आगे कहा कि खरीदार और बिल्डर के बीच लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए ऋण के मद्देनजर ऐसी राशि पर पहला शुल्क बैंकों को दिया जाएगा क्योंकि वो अपने नियमों के अनुसार कार्य करते हैं और खरीदार और बिल्डर के बीच एक उपभोक्ता विवाद में अनावश्यक रूप से परेशान करना अनुचित होगा।


आगे कहा गया कि एक बार सेवा में कमी के लिए दी गई राशि को स्थगित कर दिया गया था, इसलिए बिल्डर को बकाया राशि निर्धारित समय के भीतर भुगतान करने के लिए दायित्व दिया जाएगा। यह माना गया कि भुगतान में देरी करके आम उपभोक्ताओं के लिए और अधिक उत्पीड़न, कठिनाई और असहायता पैदा करना अस्वीकार्य है और देरी को दंडित किया जाएगा। बिल्डर यानी डायरेक्टरों के साथ कानूनी व्यक्ति व संबंधित पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से, संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से धारा 25 (3) के संदर्भ में और अधिनियम की धारा 27 (1) के तहत दंड के अनुसार उत्तरदायी होंगे। इस प्रकार मामले का निपटारा किया गया।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...