शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

जनता में रिश्वतखोरी की बनाई धारणा

राणा ओबराय
हरियाणा की जनता में बनी धारणा, सीएम विंडो के अधिकारी भी रिश्वत लिए बिना नही करते कोई काम !

चंडीगढ़ ! हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को की सरकार को बदनाम करने में उनके अपने ही अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं! बात अगर सीएम विंडो की जाए तो प्रदेश की जनता उससे भी सन्तुष्ट नजर नही आ रही है। क्योंकि आज अगर आप कोई शिकायत डालते हैं तो उस पर महीने भर भी कोई असर नही होता! जब दुखी व्यक्ति अधिकारियों से फ़ोन पर या व्यक्तिगत रूप से मिलकर बात करते हैं तो उनको सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ भी नही मिलता! प्रदेश की जनता का सीएम विंडो से विश्वास ही उठता जा रहा है। लोगो मे धारणा बनती जी रही है कि सीएम विंडो के अधिकारी भी रिश्वत लिए बिना कोई काम नही करते! शायद हरियाणा में अफसर ही निकाल रहे सीएम विंडो का जनाजा?
ईमानदार मुख्यमंत्री कहलाने वाले मनोहर लाल आपके अधिकारी सीएम विंडो पर कैसे आपके दावों का जनाजा निकाल रहे है! आप के कार्यालय ने आदेश दिया था कि यदि कोई फ़ाइल 30 दिन तक किसी अफसर के पास रहती है और वो कार्यवाही नहीं करता तो वो मामला भ्र्ष्टाचार की श्रेणी में आएगा। आपने एक सप्ताह पहले बयान दिया था कि सीएम विंडो की शिकायत पर 7 दिन में कार्यवाही न हुई तो अफसर के खिलाफ़ कार्यवाही होगी? मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए खोखले दावे मत करो। हकीकत में जो भ्रष्ट अधिकारी काम नही करते है उनको पदमुक्त करो। जिससे जनता में आप की ईमानदारी पर कोई विरोधी पार्टी सवाल न खड़ा कर सके?


राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का निर्णय

 


 रस्तोगी अधिवक्ता :9456610104


देरी होने पर घर खरीदार राष्ट्रीयकृत बैंक के होम लोन के बराबर ब्याज के हकदार : NCDRC


राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने हाल के आदेश में एक बिल्डर को परियोजनाओं में देरी होने पर घर खरीदारों को अनुसूचित राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा उस अवधि में गृह निर्माण ऋण के लिए ब्याज दरों के बराबर पैसा वापस करने का निर्देश दिया है।


दरअसल NCDRC बिल्डरों के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 17 के तहत दायर शिकायतों की सुनवाई कर रहा था। बिल्डरों ने मोहाली में आवासीय परियोजना 'वेव गार्डन' के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे जिसमें आखिरी 20 घर खरीदारों द्वारा 10 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। यद्यपि बिल्डर ने 3 साल के भीतर परियोजना को पूरा करने का वादा किया था लेकिन वो पिछले 7 वर्षों के भीतर इसे पूरा करने में विफल रहा। शिकायतकर्ताओं ने न्यायसंगत व समान ब्याज की एकमुश्त क्षतिपूर्ति और मुकदमेबाजी की लागत समेत बिल्डर से जमा राशि की वापसी का अनुरोध किया था।


एसएम कांतिकर और दिनेश सिंह की पीठ ने बिल्डर की ओर से धारा 2 (1) (जी) और (ओ) और धारा 2 (1) (आर) के तहत अनुचित व्यापार प्रथाओं के तहत सेवा में कमी को देखते हुएez in कहा कि बिल्डर को घर खरीदारों को मुआवजा और मुकदमेबाजी की लागत का भुगतान करना होगा।यह कहते हुए कि राशि वापस करने के बारे में दो राय नहीं हो सकती!


आयोग ने कहा कि:


"जमा की गई राशि पर ब्याज के संबंध में, किसी मामले के तथ्यों और विशिष्टताओं में संभव और उपयुक्त हद तक यह हमेशा वांछनीय और बेहतर होता है कि कुछ उद्देश्य तार्किक मानदंड की पहचान की जाए और उपयुक्त ब्याज दर निर्धारित की जाए। ब्याज की दर मनमानी नहीं हो सकती, कुछ उचित और स्वीकार्य औचित्य को स्पष्ट किया जाना चाहिए, व्यक्तिपरकता को कम से कम किया जाना चाहिए। हमारे विचार में, यह ध्यान में रखते हुए कि प्रश्न में विषय इकाई एक आवासीय आवास इकाई है, में अनुसूचित राष्ट्रीयकृत बैंक में इसी अवधि के लिए गृह निर्माण ऋण के लिए ब्याज की दर (भारतीय स्टेट बैंक) उचित और तार्किक होगी, और, यदि चल/ अलग / ब्याज की विभिन्न दरें हों / तो इस त्वरित गणना के लिए ब्याज की उच्च दर ली जानी चाहिए। "


इसके साथ ही प्रत्येक खरीदारों को एकमुश्त मुआवजा और 1 लाख रुपये की मुकदमेबाजी की लागत प्रदान की गई। आयोग ने आगे कहा कि खरीदार और बिल्डर के बीच लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए ऋण के मद्देनजर ऐसी राशि पर पहला शुल्क बैंकों को दिया जाएगा क्योंकि वो अपने नियमों के अनुसार कार्य करते हैं और खरीदार और बिल्डर के बीच एक उपभोक्ता विवाद में अनावश्यक रूप से परेशान करना अनुचित होगा।


आगे कहा गया कि एक बार सेवा में कमी के लिए दी गई राशि को स्थगित कर दिया गया था, इसलिए बिल्डर को बकाया राशि निर्धारित समय के भीतर भुगतान करने के लिए दायित्व दिया जाएगा। यह माना गया कि भुगतान में देरी करके आम उपभोक्ताओं के लिए और अधिक उत्पीड़न, कठिनाई और असहायता पैदा करना अस्वीकार्य है और देरी को दंडित किया जाएगा। बिल्डर यानी डायरेक्टरों के साथ कानूनी व्यक्ति व संबंधित पदाधिकारी व्यक्तिगत रूप से, संयुक्त रूप से और गंभीर रूप से धारा 25 (3) के संदर्भ में और अधिनियम की धारा 27 (1) के तहत दंड के अनुसार उत्तरदायी होंगे। इस प्रकार मामले का निपटारा किया गया।


कारोबारी यात्रा का होगा लाभ:मीन

राशिफल


मेषराशि(Aries)-आज का दिन अच्छा रहेगा। आय में वृद्धि होगी। अपरिचित व्यक्ति पर अधिक भरोसा ना करे।लड़ाई झगड़ा से निजात पाने की कोशिश करें।कोई अपका पुराना मित्र आपके कारोबार में तरक्की के लिए मदद करेगा।रोजाना अछि सेहत के लिये सुबह की सैर अवश्य करे।बुज्र्गॉ की सेवा करके अच्छा फल प्राप्त करें।


2वृषराशि(tauras)- परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेंगा।बच्चो के भविष्य बारे उचित सोचे।गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।आज आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपकी मदद करेगें।धनलक्ष्मी का योग बन रहा है।आज लम्बित पडी समस्या का समाधान होगा।यात्रा का योग नहीँ बन रहा हैं सावधानी बरतनी चाहिए।
3 मिथुन राशि (gemini)-आपके विचार स्करातमक हो।आप कभी नकारात्मक ना सोचे।आज गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।अचानक अटका हुआ धन प्राप्त होगा।किसी परेशानी से छुटकारा मिले।क्रोध व इर्ष्या से निजात पाने की कोशिश करें। आज यात्रा का योग सुभ होगा।


4 कर्क राशि ( cancer)-आज अचानक धनलाभ का योग है।छोटी छोटी बातों पर गौर करें व बिना बात किसी से लड़ाई झगड़ा ना करे।कोई पुराना मित्र आपके कारोबार मे आपकी मदद करेगा।आपकी पुत्री के लिये अच्छा रिश्ता आएगा।माता पिता की सेवा करना आपका धर्म है इसे पूरी तरह से निभाए ।
5सिंह राशि(leo)- आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होगी।धनलाभ का योग है।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।समय समय पर अपने डाक्टर से जांच करवाये।रोजाना सुबह की सैर अवश्य करें।बुजुर्गो की सेवा करना आपका कर्तव्य है।दायित्व निभाए।
6कन्या राशि( virgo)-आज का दिन भाग्यशाली होगा।मनचाहा कार्य सफल होगा।अचानक अटका हुआ उधार वापस मिल सकतीं है।कोई रिस्तेदार आपके कारोबार में मदद करेगा।अपका व्यवहार अपका दर्पण है सबसे अच्छा व्यव्हार करे।आपके पुत्र को सरकारी नौकरी मिलने कायोगहै।नियमितताअपनाए।


7--तुला राशि (libra)- किसी अनजान व्यक्ति से दुरी बनाएँ रखना उचित होगा।कोई अपका करीबी मित्र आपको धोखा देने की कोशिश करेगा।सावधानी बरते।अपने व्यवसाय की सफलता के राज अपने निजी व्यक्ति को ही बताए।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।धनलाभ के योग है।।रोजाना कसरत या व्यायाम करना जरुरी है। 
8वृश्चिक राशि(scorpion)-आपका व्यवहार अन्य लोगों के लिये आदर्श साबित होगा।दूर स्थान की यात्रा लाभदायक सिद्ध होगी।धन लाभ का योग है।आज पुराने मित्रों से मुलाकत अच्छी-खासी लाभकारी होगी।छोटी छोटी बातों पर गौर करें व अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें।गरीब रिश्तेदारों की मदद अवश्य करें।
9धनु राशि(Sagittarius)- अधूरे कार्य पूरे करे।रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार करे।कोशिश करें कि आप उन्हें नाराज ना करे।कोई रिस्तेदार आपकी मन से मदद करेगा।आज धन लाभ का योग है ।अपने ब्च्चॉ के भविष्य की चिंता अवश्य करे।आज यात्रा टालना आपके लिए हितकारी होगा।
10मकर राशि(capricon)-आपका व्यवहार सबके साथ मीठा और सौहार्दपूर्ण होना चाहिये।रेगुलर स्वास्थ्य की जांच अति आवश्यक है डाक्टर की सलाह की पालना अवश्य करें।सबको साथ लेकर चलने की आदत बनाये।योगा या व्यायाम करने से सेहत ठीक रखें।रोजाना सुबह की सैर अवश्य करें।
11कुम्भ राशि(Aquarius)-सबसे मीठा और अच्छा व्यवहार करे।धनलाभ का योग है।अटकी हुई उधार वापस मिल सकतीं है। नया कार्य शुरू करने से पहले विचार विमर्श करे।अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अनुसार कार्य करे।सेहत के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
12-मीन राशि ( pisces)-अपने माता-पिता की सेवा करना अपका दायित्व है।कोई करीबी आपकी मदद की कोशिश करेगा।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे कदम उठायें।आज कारोबारी यात्रा लाभदायक होगी। आपकी बेटी के लिये अच्छा वर योग है।विवाह की तैयारियाँ शीघ्र करे।धनलाभ का योग है!


मच्छरों से करे बचाव (स्वास्थ्य)

खतरनाक मच्छर


मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू और यलो फ़ीवर की वजह से दुनिय भर में क़रीब दस लाख लोग मारे जाते हैं! मच्छरों के शिकार इन लोगों में से ज़्यादातर ग़रीब देशों के होते हैं


कुछ मच्छरों से ज़ीका वायरस भी फैलता है! पहले माना जाता था कि ज़ीका वायरस से हल्का बुखार और बदन पर छाले भर पड़ते हैं! लेकिन वैज्ञानिक अब फ़िक्रमंद हैं क्योंकि ज़ीका वायरस, गर्भ में पल रहे बच्चों को नुक़सान पहुंचाता है! इसका ताल्लुक़ माइक्रोसेफ़ेली नाम की बीमारी से भी पाया गया है! ब्राज़ील में इसके शिकार कई बच्चे पैदा हुए हैं! माइक्रोसेफ़ेली की वजह से बच्चे छोटे सिर वाले पैदा होते हैं!


दुनिया के तमाम देश लोगों को मच्छरों के ख़तरों से आगाह करने के लिए बरसों से अभियान चला रहे हैं! लोगों को समझाया जाता है कि वो मच्छरदानी और बचाव के दूसरे तरीक़ों का इस्तेमाल करें ताकि मच्छर उन्हें न काटें!लेकिन, अब जबकि विज्ञान ने इतनी तरक़्क़ी कर ली है, तो क्या बीमारी फैलाने वाले मच्छरों का पूरी तरह से ख़ात्मा करके इस चुनौती से निजात पाई जा सकती है?


ब्रिटिश जीव वैज्ञानिक ओलिविया जडसन इस ख़्याल की समर्थक हैं! वो कहती हैं कि तीस तरह के मच्छरों का सर्वनाश करके हम दस लाख इंसानों की जान बचा सकते हैं! इससे मच्छरों की केवल एक फ़ीसद नस्ल ख़त्म होगी!लेकिन, इंसानों का बहुत भला होगा!


नई नस्ल
ब्रिटेन में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और बायोटेक कंपनी ऑक्सीटेक के वैज्ञानिकों ने एडीस एजिप्टी मच्छरों के जीन में बदलाव कर के नर मच्छरों की नई नस्ल तैयार की है! इस मच्छर के ज़रिए डेंगू और ज़ीका के वायरस फैलते हैं! इन जेनेटिकली मॉडिफ़ाइड मच्छरों में ऐसा जीन है, जो मच्छरों की नई पीढ़ी को पूरी तरह से विकसित नहीं होने देता! इस वजह से मच्छरों की नई पीढ़ी अपने बच्चे पैदा करने से पहले ही मर जाती है! अब मच्छरों की पीढ़ी दर पीढ़ी इसी तरह ख़त्म की जाए तो एक दिन वो नस्ल ही पूरी तरह ख़त्म हो जाएगी! फिर उनसे फैलने वाली बीमारियों के फैलने का सिलसिला भी थमेगा!ऐसे क़रीब तीस लाख मच्छरों को केमन द्वीपों पर 2009 से 2010 के बीच छोड़ा गया था! ऑक्सीटेक की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस प्रयोग से आसपास के इलाक़ों के मुक़ाबले केमन द्वीपों पर मच्छरों की आबादी 96 फ़ीसद तक घट गई थी! ब्राज़ील में चल रहे इसी तरह के प्रयोग से 92 फ़ीसद तक मच्छर ख़त्म हो गए!


उत्पत्ति का आधार शिवलिंग

उत्पत्ति

सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई के दौरान कालीबंगा और अन्य खुदाई के स्थलों पर मिले पकी मिट्टी के शिवलिंगों से प्रारंभिक शिवलिंग पूजन के सबूत मिले हैं। सबूत यह दर्शाते हैं कि शिवलिंग की पूजा 3500 ईसा पूर्व से 2300 ईसा पूर्व भी होती थी।


मानवविज्ञानी क्रिस्टोफर जॉन फुलर ने लिखा है कि हालांकि अधिकांश मुर्तियाँ मानवरूपी मिली हैं परन्तु शिवलिंग एक महत्वपूर्ण अपवाद है।कुछ का मानना है कि शिवलिंग-पूजा स्वदेशी भारतीय धर्म की एक विशेषता थी।


अथर्ववेद के स्तोत्र में एक स्तम्भ की प्रशंसा की गई है, संभवतः इसी से शिवलिंग की पूजा शुरू हुई हो। अथर्ववेद के स्तोत्र में अनादि और अनंत स्तंभ का विवरण दिया गया है और यह कहा गया है कि वह साक्षात् ब्रह्म है (यहाँ भगवान ब्रह्मा की बात नहीं हो रही है)। स्तम्भ की जगह शिवलिंग ने ले ली है। लिङ्ग पुराण में अथर्ववेद के इस स्तोत्र का कहानियों द्वारा विस्तार किया गया है जिसके द्वारा स्तम्भ एवं भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया गया है।


शिव पुराण में शिवलिंग की उत्पत्ति का वर्णन अग्नि स्तंभ के रूप में किया गया है जो अनादि व अनंत है और जो समस्त कारणों का कारण है। लिंगोद्भव कथा में परमेश्वर शिव ने स्वयं को अनादि व अनंत अग्नि स्तंभ के रूप में ला कर भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु को अपना ऊपरला व निचला भाग ढूंढने के लिए कहा और उनकी श्रेष्ठता तब साबित हुई जब वे दोनों अग्नि स्तंभ का ऊपरला व निचला भाग ढूंढ नहीं सके।शिवलिंग के ब्रह्मांडीय स्तंभ की व्याख्या का समर्थन लिङ्ग पुराण भी करता है। लिङ्ग पुराण के अनुसार शिवलिंग निराकार ब्रह्मांड वाहक है - अंडाकार पत्थर ब्रह्मांड का प्रतीक है और पीठम् ब्रह्मांड को पोषण व सहारा देने वाली सर्वोच्च शक्ति है।इसी तरह की व्याख्या स्कन्द पुराण में भी है, इसमें यह कहा गया है "अनंत आकाश (वह महान शून्य जिसमें समस्त ब्रह्मांड वसा है) शिवलिंग है और पृथ्वी उसका आधार है। समय के अंत में, समस्त ब्रह्मांड और समस्त देवता व इश्वर शिवलिंग में विलीन हो जाएँगें।" जग्गी वासुदेव के अनुसार शिवलिंग को रचना के बाद बना पहला रूप और ब्रह्माण्ड के अंत से पहले का रूप माना जाता है। महाभारत में द्वापर युग के अंत में भगवान शिव ने अपने भक्तों से कहा कि आने वाले कलियुग में वह किसी विशेष रूप में प्रकट नहीं होगें परन्तु इसके बजाय वह निराकार और सर्वव्यापी रहेंगे।


अनेक नाम वाला 'रूद्र' (वेद-सार)

वैदिक एवं सनातन धर्म के देवतागण अनेक हैं। उनमें एक रुद्रदेवता भी हैं। वेदों में रुद्र नाम परमात्मा, जीवात्मा, तथा शूरवीर के लिए प्रयुक्त हुआ है। यजुर्वेद के रुद्राध्याय में रुद्र के अनंत रूप वर्णन किए हैं। इस वर्णन से पता चलता है कि यह संपूर्ण विश्व इन रुद्रों से भरा हुआ है।


यास्काचार्य ने इस रुद्र देवता का परिचय इस प्रकार दिया है !


रुद्रो रौतीति सत:, रोरूयमाणो द्रवतीति वा, रोदयतेर्वा, यदरुदंतद्रुद्रस्य रुद्रत्वं' इति काठकम्।(निरुक्त:१०.१.१-५)


रु' का अर्थ 'शब्द करना' है - जो शब्द करता है, अथवा शब्द करता हुआ पिघलता है, वह रुद्र है।' ऐस काठकों का मत है।
शब्द करना, यह रुद्र का लक्षण है। रुद्रों की संख्या के विषय में निरुक्त में कहा है!एक ही रुद्र है, दूसरा नहीं है। इस पृथवी पर असंख्य अर्थात् हजारों रुद्र हैं।' (निरुक्त १.२३) अर्थात् रुद्र देवता के अनेक गुण होने से अनेक गुणवाचक नाम प्रसिद्ध हुए हैं। एक ही रुद्र है, ऐसा जो कहा है, वहाँ परमात्मा का वाचक रुद्र पद है, क्योंकि परमात्मा एक ही है। परमात्मा के अनेक नाम हैं, उनमें रुद्र भी एक नाम है। इस विषय में उपनिषदों का प्रमाणवचन देखिए!


एको रुद्रो न द्वितीयाय तस्यु:।
य इमाल्लोकानीशत ईशनीभि:॥ ( श्वेताश्वतर उप. ३.२)



'एक ही रुद्र है, दूसरा रुद्र नहीं है। वह रुद्र अपनी शक्तियों से सब लोगों पर शासन करता है।'
इसी तरह रुद्र के एकत्व के विषय में और भी कहा है - रुद्रमेंकत्वमाहु: शाश्वैतं वै पुराणम्। (अथर्वशिर उप. ५) अर्थात् 'रुद्र एक है और वह शाश्वत और प्राचीन है।'


'जो रुद्र अग्नि में, जलों में औषधिवनस्पतियों में प्रविष्ट होकर रहा है, जो रुद्र इन सब भुवनों को बनाता है, उस अद्वितीय तेजस्वी रुद्र के लिए मेरा प्रणाम है।' (अथर्वशिर उप. ६)


यो देवना प्रभवश्चोद्भवश्च।
विश्वाधिपो रुद्रो महर्षि:॥ (-श्वेताश्व. उ. ४.१२)
'जो रुद्र सब देवों को उत्पन्न करता है, जो संपूर्ण विश्व का स्वामी है और जो महान् ज्ञानी है।' यह रुद्र नि:संदेह परमात्मा ही है।
जगत् का पिता रुद्र - संपूर्ण जगत् का पिता रुद्र है, इस विषय में ऋग्वेद का मंत्र देखिए-


भुवनस्य पितरं गीर्भिराभी
रुद्रं दिवा वर्धया रुद्रमक्तौ।
बृहन्तमृष्वमजरं सुषुम्नं
ऋधग्हुवेम कविनेषितार:॥ (-ऋग्वेद ६.४९.१०)
'दिन में और रात्रि में इन स्तुति के वचनों से इन भुवनों के पिता बड़े रुद्र देव की (वर्धय) प्रशंसा करो, उस (ऋष्वं) ज्ञानी (अ-जरं सुषुम्नं) जरा रहित और उत्तम मनवाले रुद्र की (कविना इषितार:) बुद्धिवानें के साथ रहकर उन्नति की इच्छा करनेवाले हम शेष रीति से उपासना करेंगे।'
यहाँ रुद्र को 'भुवनस्य पिता' त्रिभुवनों का पिता अर्थात् उत्पन्नकर्ता और रक्षक कहा है। रुद्र ही सबसे अधिक बलवान् है, इसलिए वही अपने विशेष सामर्थ्य से इन संपूर्ण विश्व का संरक्षण करता है। वह परमेश्वर का गुहानिवासी रुद्र के रूप में वर्णन भी वेद में है!


स्तुहि श्रुतं गर्तसंद जनानां
राजानं भीममुपहलुमुग्रम्।
मृडा जरित्रे रुद्र स्तवानो
अन्यमस्मत्ते निवपन्तु सैन्यम्॥ (-अथर्व: १८.१.४०)
'(उग्रं भीमं) उग्रवीर और शक्तिमान् होने से भयंकर (उपहलुं) प्रलय करनेवाला, (श्रुतं) ज्ञानी (गर्तसदं) सबके हृदय में रहनेवाला, सब लोगों का राजा रुद्र है, उसकी (स्तुहि) स्तुति करो। हे रुद्र! तेरी (स्तवान:) प्रशंसा होने पर (जरित्रे) उपासना करनेवाले भक्त को तू (मृड) सुख दे। (ते सैन्यं) तेरी शक्ति (अस्मत् अन्यं) हम सब को बचाकर दूसरे दुष्ट का (निवपन्तु) विनाश करे।' इस मंत्र में 'जनानां राजांन रुद्र' ये पद विशेष विचार करने योग्य हैं।


गुरुवार, 18 जुलाई 2019

भारत रक्षा मंच विचारधारा के प्रति समर्पित


गाजियाबाद ! भारत रक्षा मंच लोनी विधान सभा की कार्यकारिणी का गठन किया गया! जिसमें महंत चंद्रपाल भगत विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा संदीप गुप्ता को महामंत्री एवम संगठन मंत्री बनाने के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यप्रकाश मावी ,उपाध्यक्ष अंकित गोस्वामी, राहुल कसाना,ससेन्द्र सिंह परमार, पडिंत राकेश शुक्ला, मीडिया प्रभारी पत्रकार विश्वनाथ त्यागी, कानूनी सलाहकार राजेश तिवारी, वरिष्ठ कानूनी सलाहकार विपिन त्यागी, मंत्री सुशील तिवारी, राजेश तिवारी, सोनवीर ,दीपक बजरगीं, घनश्याम मुर्खजी,सहमंत्री ड्रा विकास चौधरी, सूरजभान, जगन्नाथ विश्वकर्मा,देवव्रत चौहान, विकास मौर्य, प्रवक्ता ड्रा आर बी सिंह, राकेश मिश्रा,कार्यलय प्रभारी ओमप्रकाश शर्मा और 22 कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए! इस प्रकार 45 सदस्यो की टीम बनाई गई! जो संगठन की विचारधारा के अनुकूल 'मुखर-हिंदू, प्रखर-राष्ट्र' की नीति पर कार्य करेगा ! यथासंभव आर्थिक रूप से संगठन को मजबूत किया जाएगा और हिंदुओ को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाएगा और जनसेवा तन मन धन से की जाएगी! भगत चंद्र पाल आस्थावान व्यक्ति क्षेत्र की जनता के लिए अनुचित विचारधारा नहीं रखते हैं! यह संगठन क्षेत्र के ज्वलंत सामाजिक मुद्दो के प्रति ध्यान आकर्षित करता है! जनसंख्या नियंत्रण को लेकर स्‍थानीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधेयक लाने का वचन दिया है! जिससे कि उत्तर प्रदेश के लोग ही नहीं पूरा देश जागरूक हो सकें! क्योंकि आज हमारे देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की बहुत आवश्यकता है! जिसके लिए भारत रक्षा मंच के सभी कार्यकर्ता पूरे देश में संघर्ष करते रहेंगे!


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...