गुरुवार, 18 जुलाई 2019

आज आप कल्पना आत्मक रहेंगे:कर्क

♈ मेष राशिफल
आप ऊर्जा से भरे हैं और बहुत अच्छे मूड में भी हैं ǀदोस्तों को पार्टी दे सकते हैं ǀ अपनी ख़ुशी में खोकर आपका ध्यान भविष्य के खतरों से हट सकता हैं!


♊ वृषभ राशिफल
अपने जीवन पर नियंत्रण रखें और और सब के कहने या कुछ करने की कोई भी परवाह ना करें ǀ इसके स्थान पर आराम से खुद की इच्छाओं और आवश्यकताओं.!


♌ मिथुन राशिफल
आप अन्दर से डरे हुए से हैं ǀयह जान लें कि इन मुद्दों से घबराने की जरूरत नही हैǀ इन वर्तमान समस्याओं के कई कारण हैं !


♎ कर्क राशिफल
आप आज कल्पनात्मक रहेंगे ǀ कार्यस्थल की ओर से किसी अन्य स्थान की यात्रा का मौका मिल सकता है ǀ आपकी रोमांटिक प्रवृति उजागर होगी ǀ 


♐ सिंह राशिफल
दिन की शुरुआत अच्छी खबर से होगी ǀ आप काफी समय से जिस योजना पर काम कर रहे थे वह आज फलीभूत होगी ǀ सहकर्मियों के साथ कहीं बाहर जा सकते हैं!


♒ कन्या राशिफल
आप उन बदलावों के बारे में सोच रहे हैं जो शायद आपके काम और आपकी सेहत के बीच संतुलन ला सकते हैं ǀ आप अपने किसी करीबी दोस्त से इस 


♉ तुला राशिफल
आपके जीवन में एक नई उर्जा का प्रवेश होगाǀआपको अचानक यह लगने लगेगा कि जीवन में परिवार तथा करियर में संतुलन बनाना काफी आसान हो गया है ǀ


♋ वृश्चिक राशिफल
वित्तीय लाभ की सूचना से आपको और आपके परिजनों को ख़ुशी होगी ǀइससे ये भावना आएगी कि सब अच्छा हो रहा है ǀ आप खुशमिजाज और आकर्षक हैं !


♍ धनु राशिफल
आपकी जीवन में कोई ऐसी स्थति आने वाली है जब आपको सीधे तुरंत और अति सक्रिय रहकर फैसले लेने होंगे ǀ यह स्थिति देखने में बहुत मुश्किल लग सकती है !


मकर राशिफल
आज आपके लिए गंभीरता से मेहनत करने का दिन है ǀ आप काफी लम्बे समय से लटक रहा एक काम संतोषजनक ढंग से पूरा करने में सफल रहेंगे ǀ


♑ कुंभ राशिफल
आपको अपना अधूरा काम समय पर पूरा करने के बहुत से मौके मिलेंगे ǀ आपकी दूसरी परेशानियां भी तुरंत दूर हो जायेंगी उनके बारे में चिंता ना करें ǀ


♓ मीन राशिफल
आपकी एकाग्रता और विचारशक्ति इस समय अपने चरम पर है और इसीलिए आप अपने आसपास के लोगों की स्थिति के बारे में और भी संवेदनशील हैं ǀ


शिवप्रिय श्रावण मास

यह महीना शिव जी का अत्यंत प्रिय महीना हैं! पुरे माह धार्मिक रीति रिवाजों का ताता लगा रहता हैं! सर्जन का प्रारंभ हो जाता है ! विभिन्न प्रकार की प्रकृति उत्पन्न हो जाती है ! कई विशेष त्यौहार श्रावण के इस महीने में मनाये जाते हैं! हमारे देश की परम्परायें हमें हमेशा ईश्वर से जोड़ती हैं, फिर उसमें एक दिन का त्यौहार हो या महीने भर का जश्न सभी का अपना एक महत्व हैं! यहाँ ऋतुओं को भी पूजा जाता हैं! उनका आभार अपने तरीके से व्यक्त किया जाता हैं! 


वर्षा ऋतू से ही चार महीने के त्यौहार शुरू हो जाते हैं, जिनका पालन सभी धर्म, जाति और अपनी मान्यताओं के अनुरूप करते हैं! उसी प्रकार सावन का हिन्दू समाज में बहुत अधिक महत्व हैं! इसे कई विधियों एवं परम्पराओं के रूप में देखा एवं पूजा जाता हैं! हमारे देश में ऋतुओं का समान आकार हैं मुख्य तीनों मुख्य ऋतुयें 4-4 माह के लिए आती हैं! सभी का होना हमारे देश की जलवायु पर विशेष प्रभाव डालता हैं! भारत देश कृषि प्रधान होने के कारण यहाँ वर्षा ऋतू का महत्व अधिक होता हैं, और उसमें सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैं!


प्राचीनतम सिंधु घाटी सभ्यता

सिन्धु घाटी सभ्यता (3300 ईसापूर्व से 1700 ईसापूर्व तक,परिपक्व काल: 2550 ई.पू. से 1750 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है। जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान ,पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत में फैली है। प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित। सम्मानित पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है। यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है।


सिंधु घाटी सभ्यता अपने शुरुआती काल में, 3250-2750 ईसापूर्व
इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा और राखीगढ़ी इसके प्रमुख केन्द्र थे। दिसम्बर २०१४ में भिरड़ाणा को सिंधु घाटी सभ्यता का अब तक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया है। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं।


7वी शताब्दी में पहली बार जब लोगो ने पंजाब प्रांत में ईटो के लिए मिट्टी की खुदाई की तब उन्हें वहां से बनी बनाई इटे मिली जिसे लोगो ने भगवान का चमत्कार माना और उनका उपयोग घर बनाने में किया उसके बाद 1826 में चार्ल्स मैसेन ने पहली बार इस पुरानी सभ्यता को खोजा। कनिंघम ने 1856 में इस सभ्यता के बारे में सर्वेक्षण किया। 1856 में कराची से लाहौर के मध्य रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान बर्टन बंधुओं द्वारा हड़प्पा स्थल की सूचना सरकार को दी। इसी क्रम में 1861 में एलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशन में भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना की। 1902 में लार्ड कर्जन द्वारा जॉन मार्शल को भारतीय पुरातात्विक विभाग (ASI) (Archaeological Survey of India) का महानिदेशक बनाया गया। फ्लीट ने इस पुरानी सभ्यता के बारे में एक लेख लिखा। १९२१ में दयाराम साहनी ने हड़प्पा का उत्खनन किया। इस प्रकार इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता रखा गया व दयाराम साहनी को इसका खोजकर्ता माना गया। यह सभ्यता सिन्धु नदी घाटी में फैली हुई थी इसलिए इसका नाम सिन्धु घाटी सभ्यता रखा गया। प्रथम बार नगरों के उदय के कारण इसे प्रथम नगरीकरण भी कहा जाता है। प्रथम बार कांस्य के प्रयोग के कारण इसे कांस्य सभ्यता भी कहा जाता है। सिन्धु घाटी सभ्यता के १४०० केन्द्रों को खोजा जा सका है जिसमें से ९२५ केन्द्र भारत में है। ८० प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से ३ प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है।


बुधवार, 17 जुलाई 2019

इंस्पेक्टर बनने की राह हुई आसान

योगी सरकार की सौगात, दरोगा से इंस्पेक्टर बनने की राह हुई आसान



लखनऊ !  उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी कर रहे दारोगाओं के लिए सोमवार को हुई यूपी कैबिनट की बैठक एक अच्छी खबर लेकर आई है। इंस्पेक्टर बनने का सपना देख रहे दारोगाओं के ये सपने अब आसानी के साथ पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा (छठवां संशोधन) नियमावली 2019 और उत्तर प्रदेश स्टांप अधिनियम 2008 को निरसित करने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इससे पहले प्रमोशन के लिए होने वाली 400 नंबर की परीक्षा में 100-100 नंबर के पेपर होते थे। जिसमें पास होने के लिए 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होता था पर अब 35 प्रतिशत अंक होने पर भी उत्तीर्ण माने जाएंगे पर ओवरऑल 50 प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा।


दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा (छठवां संशोधन) नियमावली 2019 और उत्तर प्रदेश स्टांप अधिनियम 2008 को निरसित करने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी गई है। इस प्रस्ताव के पास होने के बाद अब इंस्पोक्टर बनने के लिए होने वाली परीक्षा में पासिंग मार्क 50 फीसदी की जगह 35 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि ओवरऑल 50 फीसदी अंक लाना अब भी अनिवार्य है।


विद्यालय परिसर में 25 पौधे लगाए

संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! सोनभद्र आदर्श इंटर कॉलेज कांडी के परिसर में प्राचार्य-बीरेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में 25 पौधे लगाये गये। जानकारी देते हुए बिरेन्द्र तिवारी ने बताया कि परिसर को स्वच्छ व पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए महाविद्यालय परिवार द्वारा प्रतिवर्ष पौधे लगाये जाते हैं। उन्होंने बताया कि हम सभी को अपने व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल कर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। मौके पर- शक्तिदेव द्विवेदी , अरविंद कुमार, सतिश कुमार , जंगबहादुर यादव सहित महाविद्यालय के अन्य कर्मी उपस्थित थे।


राजस्थान पुलिस की सक्‍ति (संपादकीय)

 मधुकर कहिन
आखिर मनीष मूलचंदानी हत्याकांड का पर्दाफाश करने में कामयाब रही पुलिस 
इस उपलब्धी हेतु बधाई के पात्र हैं अजमेर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप


जैसे ही अजमेर के नए पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप अजमेर आए। कुछ रोज बाद ही आगरा गेट के पास एक मनी एक्सचेंज की दुकान पर ,कुछ युवक फायरिंग करके दुकान मालिक की हत्या करके निकल लिए । कुछ दिन के लिए तो ऐसा लगा की अजमेर में अपराधियों का राज हो गया है। उस समय मीडिया ने भी पुलिस की जमकर क्लास लगाई थी।


लेकिन कुछ माह की कठिन मशक्कत और मेहनत के बाद पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने जिस काबिलियत से इस हत्याकांड पर बारीकी से काम किया है। उसके लिए अजमेर का पुलिस महकमा बधाई का पात्र है। आज सुबह कुंवर राष्ट्रदीप का स्वागत करने विभिन्न व्यापारिक संगठनों और सिंधी समाज के लोगों का , उनके कार्यालय के बाहर ताता लगा रहा । जो भी आ रहा था व पुलिस अधीक्षक के स्वागत हेतु मालाएं लेकर आया था। इसी बीच मनीष मूलचंदानी के परिजनों ने भी कुंवर राष्ट्रदीप से मिलकर उनको इस बात की बधाई दी । 
देखा जाए तो 13 लाख लोगों का शहर, और उस पर चंद पुलिस वाले । अपने आप में ही आंकड़ा बहुत गड़बड़ है। क्योंकि इतनी बड़ी जनसंख्या के बीच हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करना , अपराध पर काबू रखना, उसके साथ साथ ही अजमेर जैसी अंतरराष्ट्रीय ख्याति वाली जगह पर, आए दिन रोज वीआइपीज का आना जाना। इत्यादि काम वाकई बहुत चुनौतीपूर्ण है। अक्सर देखा गया है कि पत्रकार और शहर भर का मीडिया पुलिस की खामियों पर ही विश्लेषण करता हुआ दिखाई देता है। परंतु यदि वाकई पुलिस की कार्यशैली और उन पर चल रहे पूरे शहर को सुरक्षा प्रदान करने के दबाव को, ध्यान से देखा जाए और पल भर के लिए एक पुलिस वाला बन के सोचा जाए तो यह अपने आप में बहुत कठिन काम है।आखिर पुलिस वाले भी तो इंसान ही है भाई !उनके भी घर परिवार हैं , उनकी भी सामाजिक जिम्मेदारियां है, पर बावजूद उसके जब पुलिस की सर्विस कोई भी व्यक्ति जॉइन करता है। तो वह बखूबी जानता है कि उसे इन सब जिम्मेदारियों के साथ शहर भर के लोगों के दुख दर्द को समझ कर उनकी सुरक्षा के प्रति भी अपना उत्तरदायित्व निभाना है। केवल पुलिस को गाली देने की मानसिकता से या पुलिस की कार्यशैली की निंदा पर चर्चा कर देना समस्या का हल नहीं है। अपितु सजग नागरिक की जिम्मेदारी निभाते हुए , पुलिस महकमे को मानवीय दृष्टिकोण से मदद करने की भी आवश्यकता है।हालांकि ... पुलिस ने आम लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित करने हेतु हर थाने में सीएलजी कमेटी बना रखी है। परंतु वहां पर भी अधिकांश ऐसे लोग ही बैठे हैं , जो मात्र इस मीटिंग में बैठकर बाकी लोगों पर यह सिद्ध करने का प्रयास करते हैं की उनकी कितनी चलती है । जबकि सीएलजी कमेटी में जितने भी लोग हैं , उन्हें आम जनता को पुलिस के साथ जोड़कर शहर में एक ऐसा माहौल तैयार करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। जिसके चलते शहर में शांति और सुरक्षा का माहौल बना रहे । खैर !!! मनीष मूलचंदानी हत्याकांड के खुलने से कुंवर राष्ट्रदीप पर और अजमेर की पुलिस की कार्यशैली पर जो सवालिया निशान खड़े किए जा रहे हैं थे, उन सभी पर अब विराम लग गया है। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप को एक बार पुनः हार्दिक बधाई।


नरेश राघानी


आभायें (संपादकीय)

आभायें       ( संपादकीय)
आज श्रावण मास का प्रथम दिन है! श्रावण मास के दोनों पक्षों के प्रत्येक दिन सृष्टि स्थापना का शुभ आरंभ है!ग्रहो-नवग्रहो और विभिन्न ग्रहों-उपग्रहो की गणना का आभास किया जा सकता है !यह मानव की आभा है! अर्धनारीश्वर स्वरूप इस संसार में व्याप्त है!हम उसकी आभा का स्थापित स्वरूप है! लेकिन मानव का भौतिक विकास तेज गति से होता है! स्थिर सजीवों में इसकी गति अति-सामान्य होती है! मानव समाज की नैतिकता स्थिर हो गई है! सामाजिक विपन्नता मनुष्य के भीतर आघात होता है! हम अपने कर्तव्य की सार्थकता का चितंन नहीं करते हैं! अपने मूल कर्तव्य के विरुद्ध खड़े हो जाते हैं! जीवन की सार्थकता के महत्व को समझने का प्रयास नहीं करते हैं! सुख-सुविधाओं का दुरुपयोग करते रहते हैं! कर्म का वास्तविक ज्ञान हमें करना चाहिए, होना चाहिए! देश में कई राज्यों में भारी आभा परिवर्तन से जन जीवन तहस-नहस हो रहा है! उन लोगों को हेल्प की आवश्यकता है! मुझे लगता है हम सबको इसमें सहयोग करना चाहिए !जिस प्रकार उचित हो! परिवारों के जीवन संकट में है!सरकार प्रयासों की पहुंच बढ़ाने का प्रयास कर रही है!
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...