गुरुवार, 18 जुलाई 2019

हनुमान चालीसा पर इशरत का विरोध क्यों


हनुमान चालीसा पढऩे पर इशरत जहां का विरोध क्यों?
दरगाहों में सूफी परंपराओं के अनुरूप हिन्दू भी तो जियारत करते हैं।
क्या सांसद नुसरत मदद करेंगी?



 अजमेर ! अजमेर स्थित विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में रोजाना जितने मुसलमान जियारत के लिए आते हैं उससे कहीं ज्यादा हिन्दू सूफी परंपरा के अनुरूप जियारत करते हैं। दरगाह का खादिम समुदाय भी मानता है कि जियारत करने वाले हिन्दुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। खादिम समुदाय भी पूरी शिद्दत से हिन्दुओं को जियारत करवाता है। हिन्दुओं के जियारत करने पर कभी भी एतराज नहीं हुआ, क्योंकि यह आस्था का मामला है। अजमेर की दरगाह में ही नहीं बल्कि दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया और देश अन्य दरगाहों में हिन्दू बड़ी संख्या में जियारत करते हैं, लेकिन गत 16 जुलाई को मंगलवार के दिन पश्चिम बंगाल के हावड़ा में इशरत जहां नाम की एक मुस्लिम युवती के द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ में भाग लेने पर बवाल हो गया है। सैकड़ों मुसलमान इशरत जहां का विरोध कर रहे हैं। जिस मकान में इशरत रहती है उसके मालिक ने मकान खाली करने का फरमान जारी कर दिया है। इशरत के यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर पाठ में शामिल होकर उसने कौनसा गुनाह कर दिया है? यदि किसी मंदिर के बाहर कोई धार्मिक आयोजन हो रहा है तो क्या उसमें कोई मुस्लिम औरत थोड़ देर के लिए शामिल नहीं हो सकती? सेक्यूरलवादी जब हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का नारा देते हैं तो फिर इशरत जहां का विरोध क्यों हो रहा है? इस पूरे प्रकरण में इशरत जहां की हिम्मत की दाद देनी होगी। इशरत कट्टरपंथियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है। इशरत का कहना है कि उसने मुस्लिम धर्म के विरुद्ध कोई कार्य नहीं किया है। अपनी सुरक्षा के लिए इशरत ने अब पुलिस से गुहार लगाई है। इशरत का मुस्लिम महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने तीन तलाक की पंरपरा के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
क्या सांसद नुसरत जहां मदद करेंगी?:
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टीएसमी की सांसद नुसरत जहां को उदारवादी चेहरे के तौर पर प्रस्तुत किया है। बंग्ला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत ने उद्योगपति निखिल जैन से विवाद किया है। गत चार जुलाई को नुसरत ने कोलकाता में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में उपस्थिति दर्ज करवाई। सवाल उठता है कि क्या नुसरत जहां अब इसारत जहां की मदद के लिए आगे आएंगी? क्या इशरत को नया घर दिलवाया जाएगा? क्या नुसरत जहां इशरत की ओर से कट्टरपंथियों को जवाब देंगी? यदि टीएमसी की सांंसद नुसरत मदद के लिए आगे आती हैं तो माना जाएगा कि अब ममता बनर्जी की सोच में भी बदलाव आएगा, लेकिन नुसरत ऐसा नहीं करती हैं तो यही माना जाएगा कि ममता बनर्जी अपनी सांसद का चेहरा आगे कर हिन्दुओं के वोट हासिल करना चाहती हैं। लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को 18 सीटों पर जीत मिली है, जबकि टीएमसी को मात्र 22 सीटें ही मिल सकीं।
एस.पी.मित्तल


डिजाइनर बनने को लेकर महिलाओं में उत्साह


ड्रेस डिजाइनर बनने के लिए अजमेर की महिलाओं में जबरदस्त उत्साह।
दयालबाग एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट की पहल

अजमेर ! शहर में ड्रेस डिजाइनर बनने के लिए महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया है। महिलाएं आत्मनिर्भर बनने और फेशन के क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इसके लिए दयाल बाग एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट की ओर से माकड़वाली रोड, दैनिक भास्कर प्रेस के सामने स्थित डीईआई स्टडी सेंटर पर ड्रेस डिजाइनिंग कोर्स शुरू किया जा रहा है। स्टडी सेंटर के दिनेश माथुर ने बताया कि प्रात: 9 से 11 और सायं 6 से 8 बजे के बीच प्रवेश फार्म स्टडी सेंटर पर उपलब्ध रहेंगे। इच्छुक महिलाएं 20 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि संस्था के डीईआई के अंतर्गत मूल्यआधारित शिक्षा प्रणाली अपनाई जा रही है जिसमें शारीरिक परिश्रम, सेवा एवं ईमनदारी की कमाई पर आश्रित रहना सिखाया जाता है। धर्म और शिक्षा का धेय एक ही है और बिना आध्यात्मिक उन्नति के शिक्षा अधूरी है। यह आवश्यक है कि शिक्षा प्राप्त कर व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक रूप से विकसित हो। मानवता की व्यवहारिकता एवं प्रजातंत्र के गुणों के समावेश से ही व्यक्ति समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है। दयाल बाग एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट के कोर्सेज में महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया जाता है बल्कि समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने की प्रेरणा भी दी जाती है। ड्रेस डिजाइनिंग के कोर्स के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9828052749 पर दिनेश माथुर से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल


अयोध्या भूमि विवाद सामान्य प्रकरण:एससी


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को अब अयोध्या भूमि विवाद के फैसले में विलम्ब नहीं करना चाहिए। समझौते की कोशिशें नाकाम। मोदी सरकार की भी होनी है अग्नि परीक्षा।


नई दिल्ली ! मध्यस्थता कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर दी है। कोर्ट ने कमेटी से कहा कि अयोध्या भूमि विवाद के प्रकरण में 31 जुलाई तक फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाए। अब सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंगन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ 2 अगस्त को खुली अदालत में सुनवाई करेगी। इसी दिन यह तय होगा कि मामले की सुनवाई किस तरह हो। सुप्रीम कोर्ट की पिछली कार्यवाही बताती है कि चीफ जस्टिस गोगोई ने कोर्ट के बाहर दोनों पक्षों में समझौते के बहुत प्रयास किया। चीफ जस्टिस का पद संभालने के बाद जस्टिस गोगोई ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद कोर्ट की नजर में सामान्य प्रकरण है। इसलिए सामान्य तरीके से ही सुनवाई होगी। फिर जस्टिस गोगोई ने भूमि विवाद को सुलझाने के लिए रिटायर जज एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में मध्यस्थता कमेटी बना दी। कमेटी की गतिविधियों की खबरें मीडिया में जारी होने पर पाबंदी भी लगा दी। हालांकि अभी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि कमेटी अपने उद्देश्य में विफल रही है। दोनों पक्षों की ओर से कहा गया कि कोर्ट को ही आदेश देना चाहिए। यानि चीफ जस्टिस को जो प्रयास करने थे, वो कर लिए। अब अच्छा हो कि सुप्रीम कोर्ट अपना निर्णय दे दे। माना तो यही जाता है कि अदालतेें सबूतों के आधार पर फैसला देती हैं। अयोध्या में विवादित भूमि पर भगवान राम का मंदिर था, इसके पक्के सबूत अदालत में मौजूद हैं। पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में मंदिर के अवशेष मिले हैं। सवाल यह भी है कि भगवान राम का जन्म स्थान भारत में नहीं होगा तो क्या अमरीका में होगा? रामजी जन्म स्थान से करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं, लेकिन कोर्ट की नजर में धार्मिक भावनाएं कोई मायने नहीं रखती है। कोर्ट को सबूत के आधार पर फैसला देता है। धार्मिक भावनाएं लोकतंत्र में सरकार के लिए बहुत मायने रखती हैं। सुप्रीम कोर्ट कुछ भी फैसला दे, लेकिन इस फैसले के बाद ही केन्द्र में नरेन्द्र मोदी वाली भाजपा सरकार की अग्नि परीक्षा होगी। इसलिए चीफ जस्टिस गोगोई को अब रोजाना सुनवाई कर निर्णय देना चाहिए। अब विलम्ब होगा तो अदालत की मंशा पर भी सवाल उठेगा।
एस.पी.मित्तल


नौजवान संघर्ष मोर्चा की बैठक संपन्न

संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में गुरुवार को नौजवान संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं की एक बैठक की गई । बैठक की अध्यक्षता पार्टी के जिला अध्यक्ष बबलू पटवा ने की।उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से बलराम कुमार सोनी को प्रखण्ड अध्यक्ष नियुक्त किया । बैठक की मुख्य एजेंडा पार्टी के प्रखण्ड कमिटी का विस्तार करना था । पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कल के भविष्य की जिम्मेवारी नौजवानों के कंधे पर टिकी है।वे जो चाहे कर सकते हैं।मौके पर भानु गुप्ता,पुष्प रंजन,महेश पाल, दिनेश सिंह,पंकज कुमार,विजय कुमार,राहुल कुमार,संतोष कुमार,रंजन ठाकुर, अंकित सिंह, दिवेश कुमार सोनी, सुजीत कुमार, सीपू,नरेश मेहता, प्रशांत कुमार सहित काफी संख्या में पार्टी के गणमान्य व नेतागण उपस्थित थे।


एक बार फिर खून के रिश्ते हुए शर्मसार

पिता ही निकला बेटी की हत्या का कारण


एक बार फिर खूनी रिश्ते हुए शर्मसार


मुज़फ्फरनगर।कल हुई करीब 11 वर्षीय किशोरी की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा, मुखबिर की सूचना पर हत्यारोपी भाई शहनवाज उर्फ सोनू को चाकू के साथ किया गिरफ्तार, हत्यारोपी भाई ने हत्या की बात कबूलते हुये अपने ही पिता को हत्या का कारण बताया, हत्यारोपी सोनू ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया की मेरी पत्नी को मेरा पिता ही रखता है इसी लिये मेरी मानसिक स्तिथि ठीक नही रहती, ओर मेरी बहन भी मुझे बुरा भला कहती थी मुझे कोई अफसोस नही है कि मैने अपनी बहन की हत्या कर दी है !फिलहाल पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है !मुज़फ्फरनगर के कस्बा चरथावल का मामला है!


3 साल की सृष्टि ने तोड़े कई रिकॉर्ड

फरीदाबाद ! अनोखा रिकॉर्ड बनाकर चमकती फ़रीदाबाद की सृष्टि गुलाटी। सितारों की जगमग रहे सृष्टि की किस्मत सदा जगमगाती रहे अनोखी पहचान अनोखी यादे अनोखा अंदाज अनोखा रेकॉर्ड।एक ऐसा रेकॉर्ड जो आज तक फ़रीदाबाद हरियाणा में कभी नही बना है।जिस उम्र में सब ठीक से बोल भी नही पाते उसी उम्र में सृष्टि गुलाटी फ़रीदाबाद की प्यारी सी नन्ही सी बाल कलाकार ने अपनी सफलता का परचम ही फहराया है।एक बार फिर से सृष्टी ने अपनी सफलता का परचम लहराया।एक ओर बड़ा और अनोखा रेकॉर्ड अपने नाम किया।एक छोटी सी नन्ही परी सृष्टि गुलाटी जो आज फ़रीदाबाद में एक मिसाल बन गई है।3 साल 6 माह की छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है।इतनी छोटी सी उम्र में इस प्यारी सी बेटी ने एक अनोखा ही रेकॉर्ड अपने नाम किया है।सृष्टि फ़रीदाबाद का एक जाना माना नाम है।सृष्टि फ़रीदाबाद की छोटी सी बाल कलाकार है।इस नन्ही सी बाल कलाकार ने सबका मन मोह लिया है।आज हर कोई इस प्यारी सी परी की छोटी सी खुशी को भी अपनाता है सबको सृष्टि से अपनापन मिलता है।सृष्टि गुलाटी के नाम अनेक प्रकार के प्रमाण पत्र,मेडल,अवार्ड ओर ट्रॉफी है।इतनी कम उम्र में इस नन्ही सी परी ने अभी तक 54 प्रमाण पत्र 8 ट्रॉफी 6 मेडल ओर 14 अवार्ड हासिल किए है।फ़रीदाबाद में आज तक ओर अभी तक इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम किसी ने भी हासिल नही किया।यह फ़रीदाबाद हरियाणा में एक रेकॉर्ड है।सृष्टि का प्रथम सर्टिफिकेट ओर अवार्ड मार्च 2017 में किड्स केन विद्यालय में फेस ऑफ फरीदाबाद मिला था और 50 वा सर्टिफिकेट 2 जून 2019 में श्री ओम वीर जी ने सेक्टर 12 फ़रीदाबाद में दिया है।सृष्टि तब से लगातार कामयाबी की ओर अग्रसर है।इसके बाद बेटी ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा और सदा प्रगति करती रही।सृष्टि ने अपने माता पिता के साथ-साथ अपने शहर ही नही अपितु अपने राज्य ओर देश का भी नाम रोशन किया है।सृष्टि एक होनहार बच्ची है।सृष्टि एक अनोखी पहेली बन गई है।सृष्टि ने अभी तक दिल्ली, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा आदि जगहों पर हर प्रकार की गतिविधियों ओर सभी प्रतियोगिताओ में भाग लिया तथा हर जगह अपना परचम लहराया है।वह हर प्रतियोगिता में बेबी शो हो या ड्राइंग हो या पेंटिंग हो या नृत्य हो फैशन शो हो या रैंप वॉक उसने हर कला में अच्छा प्रदर्शन किया है वह कई प्रतियोगिताओ में विजेता भले ही ना बन पाई हो पर उसने सबके दिलों में राज किया है।जो सबके दिलों में राज करे वही असली विजेता होता है।सृष्टि अच्छी और प्यारी सी बच्ची है।सृष्टि की इस अनोखे रेकॉर्ड से हर कोई हैरान है।सभी बेटी को आशीर्वाद दे रहे है ओर भगवान से ऐसी ही बेटी की कामना करते है।सृष्टि के पिता श्री प्रवीण गुलाटी अपनी बेटी के इस रेकॉर्ड से काफी खुश है।सृष्टी के माता श्रीमती प्रिया भी अपनी बेटी की बड़ी ओर अनोखी उपलब्धि पर काफी काफी खुश है।सृष्टि की यह कामयाबी सदा ऐसे ही बनी रहे।बेटी सदा निरंतर आगे बढ़ती रहे।सृष्टि गुलाटी एक महान कलाकार है।प्रवीण गुलाटी ने कहा कि बेटी हमारे लिए एक वरदान है।एक अनोखे रेकॉर्ड के बारे में सुनकर हम काफी अचंभित है और अत्यंत खुश भी।हम सब ख़ुशी से फुले नही समा रहे है।हमारी बेटी ईश्वर का दिया हुआ वरदान है।हम यही कामना करते है कि बेटी सदा ही ऐसे ही हम सबका नाम रोशन करे।


राजस्थान सरकार स्वास्थ्य के प्रति उदार

 


अलवर-गोविन्दगढ़। सरकार की लुहावानी घोषणाओं के बावजूद भी सरकारी अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को अव्‍यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है।गोविंदगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी बदहाली का शिकार है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाओं के साथ-साथ स्टाफ की भी कमी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्सिंग कर्मियों के साथ साथ डॉक्टर्स के पद भी रिक्त हैं,लेकिन इन खाली पदों का खामियाजा ग्रामीणों को इलाज नहीं मिलने से भुगतना पड़ रहा है । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 30 बेड का है,लेकिन एक दशक से 18 बेड ही लगे हुए हैं। क्षेत्र की तकरीबन 45 हजार आबादी पर डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की कमी से आमजन को परेशान होना पड़ रहा है। विशेषज्ञों की कमी के चलते गंभीर मरीज को रेफर करना मजबूरी बनी हुई है। अस्पताल में चिकित्सकों के 8 पद सृजित है जिनमे से 6 डॉक्टर तैनात हैं, जिनमें से भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो डॉक्टर यदा-कदा ही दिखाई देते हैं। महिला रोग विशेषज्ञ का पद पिछले 1 दशक से रिक्त चल रहा है।


वही सर्जन डॉक्टर मनमोहन सिंह को गोविन्दगढ़ से सेलरी उठा रहे है और राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय अलवर लगाया कार्यरत है।
डॉक्टर राजेश लालवानी को प्रितिनियुक्ति पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैरथल लगाया हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मेल नर्स फर्स्ट ग्रेड, तीन जे एन एम, फार्मेसिस्ट, रेडियोग्राफर के भी पद रिक्त चल रहे हैं।


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला विशेषज्ञ का पद एक दशक से रिक्त
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। जिसके चलते अलवर पहुंचकर उपचार करवाना पड़ता है।सरकार ने करीब एक दशक पूर्व स्त्री रोग विशेषज्ञ पद सर्जित किए थे।लेकिन डॉक्टर तैनाती नहीं होने से आमजन को इसका लाभ नहीं मिल रहा है । महिला चिकित्सक नहीं होने से प्रसूताओ को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इमरजेंसी केस होने पर अस्पताल से प्रसूताओ को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। वहीं अस्पताल में हर महीने 180 डिलीवरी कराई जाती है।


बिना रेडियोग्राफर धूल फांक रहे हैं उपकरण
निशुल्क जांच योजना को लेकर भले ही स्वास्थ्य विभाग कुछ भी कह रहा हो लेकिन गोविंदगढ़ में ना तो x-ray हो पा रहे हैं ना ही सोनोग्राफी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे मशीन तो हैं लेकिन उन्हें चलाने के लिए रेडियोग्राफर नहीं है जिसके चलते एक्सरे मशीनें अस्पताल के बंद कमरे में धूल फांक रही हैं। जिनका लाभ आमजन को नही मिल रहा है।


डेंटल विशेषज्ञ पास नहीं है डेंटल चेयर:
गोविंदगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गत 5 वर्षों से दंत चिकित्सक डॉ योगेश चंद्रावत कार्यरत है। इनके लिए परिसर में अलग से कमरा भी है,लेकिन अस्पताल में दंत रोगों की जांच हेतु चिकित्सालय में डेंटल चेयर,मिनी x-ray मशीन सहित दंतरोग जांच का एक भी आवश्यक उपकरण नहीं है।ऐसे में बीते 5 वर्षों से चिकित्सक पूरी तरह फ्री है। डॉक्टर मोबाइल के माध्यम से अपना ऑफिस समय व्यतीत करते हैं।


ऑपरेशन थिएटर के उपकरण विशेषज्ञ के अभाव में फांक रहे धूल:
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थिएटर तो बना हुआ है जिसमें लाखों रुपए के उपकरण विशेषज्ञ के अभाव में धूल फांक रहे हैं गोविंदगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ तो है लेकिन उन्हें प्रतिनियुक्ति पर खैरथल लगाया हुआ है


इनका कहना
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंटल चेयर और आवश्यक उपकरण नही होने के अभाव में दंत रोगियों को दवा देकर काम चलाया जा रह है।
योगेश चंद्रावत, दंत चिकित्सक सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र गोविन्दगढ़


स्टाफ की कमी है, ओपीडी में प्रतिदन 300 से 400 मरीज आते है। एक डॉक्टर को प्रतिनियुक्ति पर खैरथल लगया हुआ है। डेंटल चेयर के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। एक्स-रे मशीन तो है लेकिन है रेडियोग्राफर नहीं है।


योगेंद्र  द्विवेदी


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...