बुधवार, 17 जुलाई 2019

ऊर्जा की कमी महसूस होगी: कुंभ

राशिफल 


मेष ----आज का दिन सामान्य है। मन में अशांति रहेगी एवं आत्मविश्वास की कमी महसूस करेंगे भाइयों का सहयोग नहीं प्राप्त होगा। किसी बात को लेकर परिवार में विवाद की स्थिति बन सकती है। माता का सहयोग प्राप्त होगा। संतान का सहयोग प्राप्त होगा।


वृष ----आज का दिन शुभ है। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। संतान पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी आपको किसी विषय में उचित सलाह देंगे। सलाह से आपको लाभ मिलेगा। आय के साधन मजबूत होंगे। व्यवसाय में नई योजनाओं का लाभ मिलेगा।


मिथुन---- आज का दिन शुभ नहीं है। मन में अस्थिरता रहेगी। पुरानी बातों को लेकर मन में तनाव रहेगा। किसी विषय में निर्णय लेने में परेशानी महसूस करेंगे। धन अधिक खर्च होने से मन में चिंता रहेगी। पेट संबंधी रोग हो सकता है। जीवनसाथी से विचारों में मतभेद रहेंगे। परंतु सावधानी रखें, नहीं तो विवाद हो सकता है।


कर्क -----आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास रहेगा। प्रसन्नतापूर्वक सभी कार्य कर पाएंगे। भाइयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। माता के भाग्य से आपको लाभ प्राप्त होगा। संतान के लिए शुभ समय है। संतान पक्ष से संबंधित सभी कार्य पूर्ण होंगे। जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। दोनों के विचारों में समानता रहेगी।


सिंह -----आज का दिन सामान्य। भाइयों से कम सहयोग प्राप्त होगा। माता का भाग्य शुभ है। इससे आपके सारे कार्य सफल होंगे। जीवनसाथी से विचारों में मतभेद रहेगा, विवाद होने की स्थिति है। ससुराल पक्ष में कोई शुभ कार्य होने के योग हैं। कार्य क्षेत्र में व्यस्तता रहेगी। किसी बात को लेकर परिवार में मतभेद हो सकता है।


कन्या ---आज का दिन शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। माता के स्वास्थ्य में लाभ होगा। संतान पक्ष से संबंधित कार्य पूर्ण होंगे। जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग मिलेगा। कार्य क्षेत्र में मजबूत स्थिति बनेगी।


तुला ---आज का दिन शुभ नहीं है। मन में तनाव एवं अस्थिरता बनी रहेगी। घर में धार्मिक कार्य होंगे। माता का स्वास्थ्य अस्थिर रहेगा। संतान पक्ष के लिए यह दिन ठीक है। पेट सबंधी समस्याएं बनी रहेँगी।


वृश्चिक -----आज का दिन शुभ है। मन में प्रसन्नता रहेगी। धार्मिक कार्यों में रुचि बनी रहेगी। परिवार में आपका प्रभाव बढ़ेगा। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से संबंधों में मधुरता बनेगी। आय के साधन बढ़ेंगे।


धनु ----आज का दिन शुभ नहीं है। मन में तनाव बना रहेगा। कार्यों में निर्णय लेने में कठिनाई आएगी। जीवनसाथी से बहस ना करें, विवाद बढ़ सकता है। घर में सामान्य स्थिति रहेगी। ससुराल में कोई कठिनाई आ सकती है।


मकर ----आज का दिन बहुत शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा एवं आत्मविश्वास बना रहेगा। दिमाग एवं शरीर में स्फूर्ति रहेगी। पुराने रुके हुए कार्य संपन्न होंगे। घर परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी का भाग्य अनुकूल है। जीवनसाथी के भाग्य से आपके कार्यों में सफलता मिलेगी। स्थायी संपत्ति के योग अच्छे बनते हैं। धन की स्थिति मजबूत होगी।


कुंभ --आज का दिन शुभ है। व्यर्थ में अंजाना सा भय बना रहेगा। कार्य करने में ऊर्जा की कमी महसूस होगी। मन में आलस्य बना रहेगा। वाहन सावधानी से चलाएं, दुर्घटना हो सकती है। माता का स्वास्थ्य खराब रहेगा। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद बने रहेंगे। कार्यक्षेत्र में व्यस्तता रहेगी।


मीन ----आज का दिन शुभ है। मन में प्रसन्नता बनी रहेगी। कार्य करने में आत्मविश्वास बना रहेगा। भाइयों एवं घर परिवार का सहयोग बना रहेगा। माता के विचारों का सम्मान करें। माता के भाग्य से आपको सफलता मिलेगी। भाग्य अनुकूल है, नौकरी में पदोन्नति हो सकती है। व्यवसाय वालों को आर्थिक लाभ होगा।


पृथवी की प्राकृतिक विशेषताएं

पृथ्वी एकमात्र ग्रह है जो जीवन का समर्थन करने के लिए जाना जाता है, और इसकी प्राकृतिक विशेषताएं वैज्ञानिक अनुसंधान के कई क्षेत्रों का विषय हैं। सौर मंडल के भीतर, यह सूरज के निकट तीसरा है; यह सबसे बड़ा स्थलीय ग्रह और पांचवां सबसे बड़ा समग्र है। इसकी सबसे प्रमुख जलवायु विशेषताएं इसके दो बड़े ध्रुवीय क्षेत्र हैं! दो अपेक्षाकृत संकीर्ण समशीतोष्ण क्षेत्रों और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय एक विस्तृत। वर्षा के साथ अलग-अलग जगह अलग-अलग होती है, प्रति वर्ष कई मीटर पानी से मिलीमीटर से भी कम पृथ्वी की सतह का 71 प्रतिशत नमक पानी महासागरों द्वारा कवर किया गया है! शेष उत्तरी महाद्वीप में अधिकांश बसे हुए ज़मीन के साथ, महाद्वीपों और द्वीपों के होते हैं। पृथ्वी भूवैज्ञानिक और जैविक प्रक्रियाओं के माध्यम से विकसित हुई है, जो मूल स्थितियों के निशान छोड़ चुके हैं। बाहरी सतह को कई धीरे-धीरे उत्प्रवासन टेक्टोनिक प्लेट्स में विभाजित किया गया है। इंटीरियर सक्रिय रहता है, प्लास्टिक की मेल्ट की एक मोटी परत और एक लोहे से भरी हुई कोर जो एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। यह लौह कोर एक ठोस आंतरिक चरण से बना है, और एक द्रव बाहरी चरण है। कोर में संवहनी गति डायनेमो एक्शन के माध्यम से विद्युत धाराओं को उत्पन्न करती है, और ये, फिर, भू-चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं। वायुमंडलीय स्थितियों को जीवन-रूपों की उपस्थिति से मूल स्थितियों में काफी बदलाव किया गया है!


जो पारिस्थितिक संतुलन बनाते हैं जो सतह की स्थितियों को स्थिर करती हैं। अक्षांश और अन्य भौगोलिक कारकों द्वारा जलवायु में व्यापक क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद, अंतराल अवधि के दौरान दीर्घकालिक औसत वैश्विक जलवायु काफी स्थिर है! औसत वैश्विक तापमान की डिग्री या दो डिग्री के अंतर ऐतिहासिक रूप से पारिस्थितिक संतुलन, और पृथ्वी की वास्तविक भूगोल पर। 


सृष्टि रूपी शिव की आराधना :कावड़-यात्रा

ओम नमः शिवाय


हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं इस यात्राको कांवड़ यात्रा बोला जाता है। श्रावण की चतुर्दशी के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिव मंदिरों में शिव का अभिषेक किया जाता है। कहने को तो ये धार्मिक आयोजन भर है, लेकिन इसके सामाजिक सरोकार भी हैं। कांवड के माध्यम से जल की यात्रा का यह पर्व सृष्टि रूपी शिव की आराधना के लिए हैं। पानी आम आदमी के साथ साथ पेड पौधों, पशु - पक्षियों, धरती में निवास करने वाले हजारो लाखों तरह के कीडे-मकोडों और समूचे पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक वस्तु है। उत्तर भारत की भौगोलिक स्थिति को देखें तो यहां के मैदानी इलाकों में मानव जीवन नदियों पर ही आश्रित है


धार्मिक संदर्भ में कहें तो इंसान ने अपनी स्वार्थपरक नियति से शिव को रूष्ट किया है। कांवड यात्रा का आयोजन अति सुन्दर बात है। लेकिन शिव को प्रसन्न करने के लिए इन आयोजन में भागीदारी करने वालों को इसकी महत्ता भी समझनी होगी। प्रतीकात्मक तौर पर कांवड यात्रा का संदेश इतना भर है कि आप जीवनदायिनी नदियों के लोटे भर जल से जिस भगवान शिव का अभिषेक कर रहे है !वे शिव वास्तव में सृष्टि का ही दूसरा रूप हैं। धार्मिक आस्थाओं के साथ सामाजिक सरोकारों से रची कांवड यात्रा वास्तव में जल संचय की अहमियत को उजागर करती है। कांवड यात्रा की सार्थकता तभी है जब आप जल बचाकर और नदियों के पानी का उपयोग कर अपने खेत खलिहानों की सिंचाई करें और अपने निवास स्थान पर पशु पक्षियों और पर्यावरण को पानी उपलब्ध कराएं तो प्रकृति की तरह उदार शिव सहज ही प्रसन्न होंगे।


भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। शिव के कुछ प्रचलित नाम, महाकाल, आदिदेव, किरात,शंकर, चन्द्रशेखर, जटाधारी, नागनाथ, मृत्युंजय, त्रयम्बक, महेश, विश्वेश, महारुद्र, विषधर, नीलकण्ठ, महाशिव, उमापति, काल भैरव, भूतनाथ आदि।


मंगलवार, 16 जुलाई 2019

महिलाएं लैंगिक भेदभाव स्वीकार ना करें

महिलाएं लैंगिक भेदभाव सहन न करें- सुश्री सिमाला प्रसाद


पुलिस मुख्‍यालय की ''आंतरिक परिवाद समिति'' की बैठक आयोजित
पीएचक्‍यू में कार्यरत महिलाओं के शिशुओं के लिए जल्‍द खुलेगा झूला


आज़म खांन


भोजताल ! भोपाल महिला कर्मचारी कार्यस्‍थल पर लैंगिक भेदभाव कदापि सहन न करें। कार्यालय में किसी भी प्रकार का लैंगिक भेदभाव अथवा उत्‍पीड़न होने पर अपनी बात परिवाद समिति के समक्ष जरूर रखें। यह बात 23 वीं वाहिनी विशेष सशस्‍त्र बल की सेनानी सुश्री सिमाला प्रसाद ने पुलिस मुख्‍यालय की ''आंतरिक परिवाद समिति'' की बैठक में कही। उन्‍होंने बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए कहा इस समिति द्वारा न्‍यायिक प्रक्रिया के तहत सुनवाई की जाती है। साथ ही कानूनी मदद भी प्रदान की जाती है। महिलाओं का कार्यस्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण,प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 के परिपालन में पुलिस मुख्‍यालय में भी आंतरिक परिवाद समिति गठित की गई है।
आंतरिक परिवाद समिति की पीठासीन अधिकारी सुश्री प्रसाद ने कहा कार्यालय की हर शाखा में ऐसी कार्य संस्‍कृति व वातावरण विकसित करे जो महिला एवं पुरूष दोनों के लिए सहज हो, जिससे किसी को भी काम करने में कठिनाई न हो। उन्‍होंने इस अवसर पर जानकारी दी कि पुलिस मुख्‍यालय में कार्यरत महिलाओं के शिशुओं के लिए जल्‍द ही झूलाघर स्‍थापित किया जायेगा। साथ ही पीटीआरआई परिसर में भी झूलाघर खोलने के प्रयास किए जाएंगे।
सुश्री सिमाला प्रसाद ने सभी शाखाओं के नोडल अधिकारियों से कहा कि जो महिला कर्मचारी आत्‍मरक्षा का प्रशिक्षण लेना चाहती हैं, उनके नाम जल्‍द से जल्‍द महिला अपराध शाखा में भेजें। इसी तरह दुपहिया व चारपहिया वाहन चलाने एवं इंग्लिश स्‍पीकिंग का प्रशिक्षण लेने की इच्‍छुक महिला कर्मचारियों के नाम भी अतिशीघ्र उपलब्‍ध कराए जाएं। उन्‍होंने महिला कर्मचारियों को आह्वान करते हुए कहा कि वे कर्तव्‍यनिष्‍ठ होकर काम को अंजाम दें और यह साबित करें कि वे भी पुरूषों की तरह हर चुनौतीपूर्ण कार्य करने में सक्षम हैं।
बैठक में महिलाओं का कार्यस्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण,प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए महिला एवं पुरूष प्रतिनिधियों के सुझाव लिए गए। साथ ही एक्‍ट के बारे में विषय विशेषज्ञों ने विस्‍तारपूर्वक जानकारी दी।
ज्ञात हो ऐसे सभी शासकीय एवं निजी कार्यालय में महिलाओं का कार्यस्‍थल पर लैंगिक उत्‍पीड़न (निवारण,प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम के तहत आंतरिक परिवाद समिति का गठन अनिवार्य है, जहां 10 से अधिक महिला कर्मचारी कार्यरत है। यह एक्‍ट वहां भी लागू होता है जहां 10 से अधिक महिलाएं रोजी रोटी के लिए घरेलू काम करने जातीं हैं। समिति गठित न करने पर 50 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
मंगलवार को यहां पुलिस मुख्‍यालय के नवीन कांफ्रेस हॉल में आयोजित हुई बैठक में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती शालिनी दीक्षित सहित अन्‍य संबंधित अधिकारी, विभिन्‍न शाखाओं की महिला प्रतिनिधि एवं नव पदस्‍थ कर्मचारी मौजूद थी।


जिंदगी मौत से खेल रहे हैं स्कूली बच्चे

जिंदगी व मौत के साये से गुजरते हैं यहाँ के स्कूली बच्चे


संवाददाता-विवेक चौबे


पलामू ! जिले के उंटारी रोड थाना अंतर्गत गाँधी हाईस्कूल उण्टारी रोड है।जहा करीब 1500 छात्र अध्यन करते है।परन्तु यहाँ छात्रो को जिन कठिनाइयों से हो कर गुजरना पड़ता है बहुत ही डरावनी सी है। इन बच्चो के साथ कभी भी हादसा हो सकती है। इससे कितनी बड़ी हादसा हो सकती है सोचने से भी परे है।
इस विद्यालय से सटे प्रखंड मुख्यालय है। साथ ही घनी आबादी वाला क्षेत्र भी है। सभी लोग प्रखंड मुख्यालय तक पहुँचने के लिए इसी ट्रेन वाली ट्रैक से जो कभी भी मौत आ सकती है से गुजरते है। लोग व स्कूल के बच्चे ट्रैक पार करने पर मजबूर है। क्योंकि यहाँ हमेशा एक मालगाड़ी लगा ही रहता है।उस मालगाड़ी के निचे से सभी बच्चे और ग्रामीण जनता ट्रैक पार करते है,कभी कभी तो ट्रेन भी खुल जाती है। और वे किसी तरह तेजी से बाहर निकल जाते है। बहुत बार तो ट्रैक पार करने में कितनो ने मौत को गले भी लगा चुके है।यह समस्या बहुत सालो से चलती आ रही है। ग्रामीण जनता बहुत बार क्षेत्र के विधायक मंत्री को इस समस्या से अवगत कराया। परन्तु जवाब में कुछ नही मिला।लोगो ने आस छोड़कर इसी तरह से मौतों वाली ट्रैक पार करने पर विवश हैं।जानकारी देते हुए चन्दन कुमार ने बताया की सभी नेता मंत्री,विधायक व सांसद को एक बार इस समस्या को गंभीरता से सोचने के लिए कहूँगा।साथ ही जल्द इस पर कोई निर्णय लिया जाए।


भीषण सड़क हादसे में दो सगे भाइयों की मौत

जयपुर: जेएलएन मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, तेज रफ्तार कार ने ली दो सगे भाइयों की जान,


जयपुर। राजधानी की स्पीड रोड जेएलएन मार्ग पर बिड़ला मंदिर के सामने मंगलवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। यहाँ पर एक बेकाबू कार ने दो बाइक और एक स्कूटी को टक्कर मार दी। इस घटना में दो सगे भाइयों की मौत हो गई है। वहीं, कुल पांच लोग घायल बताए जा रहे हैं। बता दें कि करीब चार बजे एक तेज रफ्तार कार ने जेडीए चौराहे पर कई वाहनों को टक्कर मारते हुए रौंद दिया। इस सड़क हादसे में टक्कर मारने वाली कार के अलावा एक अन्य कार व चार दुपहिया वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। जानकारी अनुसार, हादसे के बाद दुपहिया वाहनों पर सवार करीब छह महिला-पुरुष गंभीर घायल हो गए। इनमें दो भाइयों विवेक और पुनीत पाराशर ने उपचार के दौरान एसएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं, एक महिला समेत चार लोगों की हालत भी गंभीर है। दोनो मृतकों के पिता राजकुमार पाराशर जयपुर सेंट्रल जेल में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है।


हादसे के बाद अफरा तफरी का माहौल हो गया। घायल हुए लोग सड़क पर तड़पते रहे। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार कार गांधी सर्किल की तरफ से आ रही थी। जिसने जेडीए चौराहे पर खड़े वाहनों को टक्कर मारी। इससे गाड़ियां आपस में भिड़ने से उसमें सवार लोग वहीं गिर पड़े। कुछ बेसुध हो गए तो कुछ लहूलुहान होकर चीख पुकार मचाने लगे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। वहां राहगीर मोबाइल फोन से वीडियो बनाने लगे। जिन्हें पुलिस ने हटाया। काफी देर तक अफरा तफरी का माहौल रहा। माना जा रहा है कि सड़क पर अचानक भीख मांगने आने वालों की वजह से यह हादसा हुआ। जिसकी अब पुलिस चौराहे पर लगे सीसीटीवी फुटेज से पड़ताल करेगी।


गुरु पूजा के बाद शिष्‍यो को आशीर्वाद दिया

गुरुओं की पूजा कर शिष्यों को आशीर्वाद दिया,योगी आदित्यनाथ


 


गोरखपुर। गुरु पूर्णिमा पर सनातन परंपरानुसार गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गुरु की भूमिका में दिखें। 12:20 पर मंदिर पहुच कर सबसे पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ की पूजा अर्चना करने के बाद उन्हें 'रोट' का प्रसाद चढ़ाएं। उसके बाद गंभीर नाथ जी के समाधि स्थल व महंत ब्रह्मा नाथ के समाधि स्थल नवमी नाथ की समाधि स्थल दिग्विजय नाथ जी महाराज की समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण किये। विभिन्न राज्यों से आए नाथ योगी संत महात्मा और गृहस्थ शिष्यों को गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ आशीर्वाद प्रदान किये। गुरु पूर्णिमा गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजन किया गया सनातन हिंदू धर्म की गौरवपूर्ण परम्परा में गुरु की महिमा आदिकाल से सर्वोच्च रही है। महायोगी गुरु गोरखनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथपंथ इसी गुरु परम्परा का वाहक रहा है। गुरु परम्परा के प्रति श्रद्धा निवेदित करने के पर्व गुरु पूर्णिमा पर श्री गोरक्षपीठ गोरखनाथ मंदिर मे भव्य आयोजन किया गया। सीएम स्मृति भवन सभागार के मंच पर बैठ श्रद्धालुओं के बैठने के लिए 2000 के करीब कुर्सियां लगाई गई थी। कार्यक्रम में भजन गायन भी हुआ जिसमें लोकप्रिय कलकार राकेश श्रीवास्तव एवं उनकी टीम भजन की प्रस्तुति किये। 10000 से ज्यादा लोगो ने कार्यक्रम में सम्लित होकर गुरु पूर्णिमा पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी से आशीर्वाद प्राप्त किया! सीएम बनने के बाद उनकी सुरक्षा की चिंता के कारण ज्यादा लोग समारोह में शामिल नहीं हो पाते थे। सीएम की इच्छा पर ज्यादा लोगों को शामिल होने का मौका मिले ! कार्यक्रम स्थल पर तिलक हाल से बदल कर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सगाभार में किया दिया गया। गोरक्षपीठाधीश्वर यहां 12: 30 से1:30 बजे तक उपस्थित रहें। स्मृति सभागार में उपस्थित नाथ योगियों संत महात्माओं और गृहस्थ शिष्यों को आर्शीवाद प्रदान किये।
नहीं लगा पाएं गुरु योगी आदित्यनाथ को तिलक
गुरु का सानिध्य एवं आशीर्वाद तो शहरवासियों को मिलता रहता है !लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से दिग्विजय नाथ स्मृति हाल में सभी को एक साथ आशीर्वाद योगी आदित्यनाथ ने अपने शिष्यों को दिया लेकिन उन्हें मलाल रहेगा कि वे गोरक्षपीठाधीश्वर को न तिलक लगा पाए न ही उन्हें तिलक लगा। असल में श्रद्धालुओं की भीड़ एवं सुरक्षा कारणों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया। अच्छी बात यह है कि इस बार ज्यादा लोगों को इस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। वैसे राज तिलक लगवाने व लगाने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ साथ दूर दूर से योगी सेवक आए हुए थे! वैसे कुछ विशिष्ट जनों से सीएम योगी छोटे हाल में मिलकर आशीर्वाद दिए! भंडारा का आयोजन स्मृतिभवन समागार स्थल और मठ में भी हुआ था!


सुरक्षा व्यवस्था चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगी हुई थी! स्वयं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता निगरानी कर रहे थे !इनका सहयोग पुलिस अधीक्षक नगर डॉ कौस्तुभ व पुलिस अधीक्षक क्राइम अशोक वर्मा व क्षेत्राधिकारी क्राइम प्रवीण सिंह कर रहे थे! मंडलायुक्त जयंत नार्लीकर जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन भी रहे मौजूद।


सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...