रविवार, 14 जुलाई 2019

विद्युत विभाग की मनमानी से जनता परेशान

श्रीकान्त शाक्य 


बिद्युत सब स्टेशन पर नही रूक रहा मनमानी का खेल


तीन साल में भी नही पहुंची घरनाजपुर नई बस्ती में बिद्युत सप्लाई


 लाईनमैन के पद पर तैनात दिखाता है अधिकारियों से बढ़कर रौव


 जब कि बिद्युत पोल पर चढ़ना भी नही आता है रौव वाले लाईनमैन कों


मैनपुरी -कुरावली। नगर में संचालित बिद्युत सब स्टेशन पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाहियों और मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। इनकी मनमानी से नगर के लोगो को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। नगर के लोगो की परेशानी की तो इन लोगो को कतई चिन्ता नही है। बिद्युत सब स्टेशन के माहौल की बात करें तो जो बिद्युत बिभाग में लाईनमैन के पद पर तैनात जिन्हे बिद्युत पोल पर चढ़ना भी नही आता वह बिद्युत सब स्टेशन की तरफ से जाकर नगर व क्षेत्र के लोगो पर रौव झाड़ते हुए देखे जाते है। इसीलिए बिद्युत सब स्टेशन का माहौल कुछ ज्यादा ही बिगड़ा हुआ है। यहां पर तैनात कर्मचारियों को जब अपने कर्मचारियों की चिन्ता नही है तो आम लोगो की क्या औकात है।बताते चले कि नगर के मौहल्ला घरनाजपुर नई वस्ती में बिद्युत पोलों को लगायें हुयें तीन सालों का समय बीत चुका है उन पोलो पर बिद्युत लाईन भी बिछा दी गई है। लेकिन बिद्युत सप्लाई शुरू नही कराई गई। इसलिए घरनाजपुर नई बस्ती के लोग अपने दिन कैसे काट रहे होगे इसका अंदाज लगाना किसी के लिए मुश्किल नही है। नई वस्ती घरनाजपुर में जिस स्थान पर एसीवी केबिल बिछाई गई है। उन पोलो पर बिद्युत सप्लाई आने का लोग काफी समय से इंतजार कर रहे है।


बिद्युत सब स्टेशन पर तैनात कर्मचारियों की लापरवाही की बात करें तो कुछ दिन पूर्व एक लाईनमैन बाई पास रोड पर बिद्युत लाईन को सही करने के लिए पोल पर चढ़ गया जब वह बिद्युत लाईन सही कर रहा था। तभी तैनात बिद्युत कर्मचारी के द्वारा बिद्युत सफ्लाई को चालू कर दिया गया। वेचारा लाईनमैन किसी प्रकार से अपने आप को बचा पाया बिद्युत सप्लाई चालू होने की बजह से करीव एक घंटे तक लाईन उसी पोल पर लटका रहा। मौहल्ला के लोगो ने प्रयास किया तब कहीं बिद्युत लाईन बंद हो सकी तब कहीं लाईन पोल से नीचे उतर सका।


वहीं नगर व क्षेत्र के लोगो पर रौव झाडने की बात करें। तो बिद्युत सब स्टेशन पर तैनात बिनोद कुमार बिद्युत सब स्टेशन पर एक लाईनमैन के पद पर तैनात है। सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि उसे बिद्युत पोल पर चढ़ना भी नही आता है। ऊपर से जब कहीं बिद्युत लाईन सहीं हो रही होती है तो इस अंदाज में जाता है कि मानों बिद्युत सब स्टेशन का सबसे बड़ा अधिकारी यहीं हों। उसके रौव दिखाने से नगर के लोग दुखी हो चुके है!


भाजपा नेत्री के घर गोल्ड मेडलिस्ट की हत्या

भाजपा नेत्री के घर पंखे से लटका मिला


पार्टी की सदस्यता लेने हरदोई से आया था गोल्ड मेडल विजेता "आत्महत्या" का कारण अभी अज्ञात‌ ?


लखनऊ। राजधानी के पड़ोसी जिले हरदोई से भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने आए गोल्ड मेडल विजेता पहलवान की भाजपा नेत्री के घर रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई, उसका शव पंखे से लटकता पाया गया। भाजपा नेत्री रेशम सिंह द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने की बात कह रहीं हैं।पुलिस को आज सुबह सूचना दी गई कि ठाकुरगंज थाना अंतर्गत 546/ 786 सरफराजगंज स्थित भाजपा की अवधि क्षेत्र की मीडिया प्रभारी के घर पर 26 वर्षीय रेशम सिंह नामक युवक ने पंखे से लटककर "आत्महत्या" कर ली है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
भाजपा नेत्री ने पुलिस को बताया कि रेशम सिंह कल अपने दोस्त वारिस गाजी के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के लिए लखनऊ आया था और रात उनके घर रुक गया था। सुबह जब वह नहीं उठा तो बाहर से देखा गया तो वह चादर के सहारे छत के पंखे से लटका हुआ था। इंटरनेशनल पहलवानी में गोल्ड मेडल जीतने वाले रेशम सिंह के भाजपा की सदस्यता लेने के उपरांत जरूरी कागज "खो" गए जिसकी उसने पुलिस में शिकायत भी की थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के समय मौके पर मौजूद रेशम सिंह के भाई ने बताया कि कल जब उसका भाई घर से निकला तो एकदम सही था, पता नहीं ऐसी क्या बात हुई जो उसने रात में फांसी लगा ली। हरदोई के बालामऊ निवासी राम सिंह के पुत्र रेशम सिंह का मोबाइल भी गायब है।
क्षेत्राधिकारी चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी के अनुसार मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।


सड़क हादसे में पिता घायल पुत्री की मौत

तेज रफ्तार ट्रैक्टर की ठोकर से स्कूटी सवार पुत्री की मौत,पिता गंभीर रूप से घायल


कोरबा ! प्रशासन के अनेकों जतन के बाद भी जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।आए दिन किसी न किसी मार्ग में सड़क हादसों से लोग मौत के ग्रास में समा रहे हैं।आज भी दोपहर को कटघोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत छुरी कटघोरा मुख्य मार्ग में तेज रफतार ट्रैक्टर के चालक ने तेजी व लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए छात्रावास से अपनी पुत्री को लेकर वापस लौट रहे स्कूटी सवार पिता-पुत्री को अपनी चपेट में ले लिया।जिससे पुत्री की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पिता को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में दाखिल कराया गया है।उधर घटना से आक्रोशित बस्ती वासियों ने कटघोरा कोरबा मुख्य मार्ग में चक्का जाम कर दिया।जहाँ हादसे की सूचना मिलते ही कटघोरा थाना प्रभारी रघुनंदन शर्मा दलबल सहित मौके पर पहुंच गए।और समाचार लिखे जाने तक उनके द्वारा चक्काजाम पर अड़े ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा था।ग्रामीणों की मांग है कि मृत छात्रा के परिजनों को उचित मुआवजा दी जाए।वहीं इस मार्ग में वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाई जाने को लेकर ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए थे।जिसकी वजह से कोरबा कटघोरा मुख्य मार्ग में वाहनों की लंबी कतार लग गई थी।और फिलहाल आगे की खबर अभी नही मिल पाई है।


ज्ञात रहे कि जिला पुलिस द्वारा लगातार हादसों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।लेकिन वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते आए दिन किसी न किसी मार्ग में सड़क हादसे हो रहे हैं।और लोगों की जान जा रही है।शनिवार को करतला थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर पेट्रोल पंप के समीप चलाते हुए बाइक चालकों को अपनी चपेट में ले लिया था।जिससे बाइक सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी।जबकि दूसरे युवक को गंभीर अवस्था में उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर प्रशासन और पुलिस को गहन चिंता करने की विषय है कि आखिर किस तरह इन हादसों को रोका जा सके ?


दलित प्रोफ़ेसर के साथ गाली-गलौच अभद्रता

दलित प्रोफेसर के साथ अभद्रता ब गाली गलौज की घटना


झांसी ! बुंदेलखंड कॉलेज झांसी के कार्यवाहक प्राचार्य डॉक्टर बाबू लाल तिवारी अचानक अपने साथियों के साथ b.Ed विभाग पहुंचे! जहां पर b.Ed विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉक्टर अश्वनी कुमार बैठे हुए थे !प्राचार्य महोदय ने डॉ अश्वनी कुमार की कॉलर पकड़कर, गाली गलौज करने लगे! b.ed प्रथम वर्ष के छात्रों को बुलाकर इनके सामने अपमानित किया!


धुबिया होकर पढ़ाने का कार्य करता है !इस धोबी से तुम छात्रों को पढ़ने की जरूरत नहीं है ! इसके बाद प्राचार्य महोदय दलित शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार घसीटते हुए टीचर स्टाफ रूम के पास स्टेज पर लाकर खड़ा कर दिया ! गाली गलौज करने लगे बार-बार जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर रहे थे और कह रहे थे ! कि कॉलेज परिसर है इस कारण छोड़ रहा हूं! कॉलेज के बाहर होते तो जान से मार डालते दलित शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार डरे सहमे अपने घर की और चले गए! शिक्षक व कर्मचारियों में भय बा असंतोष का माहौल बन गया है!


सरकार और किसान (संपादकीय)


खेती की बढ़ती लागत बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं और बेबस बेहाल छोटे किसानों पर विशेष



भारत जैसे देश में किसान को भगवान कहा जाता है और यहां पर समय समय ऐसी फिल्में भी बनी है जिसमें भगवान को भक्त किसान के घर आकर उसकी चाकरी भी करनी पड़ती है और लक्ष्मी जी को भी विवश होकर अपने पति परमेश्वर के साथ किसान के घर रूप बदलकर रहना पड़ा है। किसान को भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह जीव जंतु पशु पक्षियों से लेकर हर मनुष्यों तक का पेट भरता है और खुद नंगा भूखा सो जाता है। वह जिस कड़ी मेहनत से अपनी जान हथेली पर लेकर भगवान के सहारे खेती करता है यह जगजाहिर है। आज भले ही सरकार किसानों के खाद बीज दवा पानी और उसके विकास के नाम पर तमाम योजनाएं चलाती हो लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज भी देश के विभिन्न कोनों में हमारे किसानों को कर्ज के तले दबकर आत्महत्या करनी पड़ रही है।किसान और उसकी किसानी निम्न, मध्यम एवं उच्च तीन श्रेणी में विभाजित है। निम्न श्रेणी के किसान वह होते हैं जिनके पास एक हेक्टेयर या उससे कम खेती होती है जिन्हें खेतिहर किसान मजदूर कहा जाता है। ऐसे किसानों के यहां अगर बाहर से कोई कमाई करने वाला नहीं है तो वह खेती नहीं कर सकता है क्योंकि आजकल के जमाने में खेती करने में भी पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है। एक हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों के पास साल भर खाने तक का अनाज कभी कभी नहीं पैदा हो पाता है।बीमारी आजारी शादी ब्याह जैसे घर गृहस्थी के कार्य चलाने के लिए अन्ततः एक कर्ज़ ही सहारा होता है और उसे न चाहते हुए भी मजबूरी में लेना पड़ता है। आज भले ही हमारी सरकार किसानों के लिए तमाम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवा रही हो उसके बावजूद आज भी लोगों को प्राइवेट यानी साहूकारों का सहारा लेना पड़ता है कभी- कभी तो घर गृहस्थी चलाने में घर के सारे जेवर और खेती तक गिरवी रख देना या बेच देना पड़ता है। मध्यम वर्ग का किसान वह होता है जिसके पास 2 से ढाई हेक्टेयर भूमि होती है। इनमें वह लोग आते हैं जिनके घर में बाहर से आमदनी का थोड़ा बहुत जरिया होता है। वह बाहरी कमाई को खेती में लगाकर खेती से पैदा होने वाले अनाज से अपना पेट भर लेता हैं और किसी तरह घर गृहस्थी चला लेते हैं। तीसरा उच्च किसान वह होता है जिसके पास दो से 4-5 हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि होती है।खेती में सबसे छोटे किसान को जहां अपनी लागत पूंजी बचाना मुश्किल हो जाता है वही मध्यमवर्ग के किसानों का हानि लाभ बराबर रहता है बशर्ते उसकी फसल देवी प्रकोप एवं अन्य किसी प्रकार से बच जाए। कहने का मतलब है कि खेती से लाभ 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को ही मिल सकता है और वहीं व्यवसायिक खेती मी कर सकते हैं।यही कारण है कि छोटे एवं मध्यम वर्ग के किसानों की हालत आज भी दयनीय बनी हुई है क्योंकि खेती की लागत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और दैवी प्रकोप ही नहीं जंगली एवं आवारा पशुओं से बरबादी का खतरा बढ़ता जा रहा है।जलवायु परिवर्तन के चलते करीब-करीब हर साल किसान को बाढ़ तूफान सूखा बीमारी का सामना करना पड़ता है ऐसी हालत में महंगी पूंजी लगाकर उसे वापस करने में उसे लाले लग जाते हैं। आज छोटे एवं मध्यम वर्ग के जो किसान मजदूर के सहारे खेती करते हैं उन्हें तेजी से बढ़ती मजदूरी के साथ ही साथ महंगी दवाइयों बीजों जुताई खाद पानी का भी सामना करना पड़ रहा है। धान की एक दो बीघा खेती करने के लिए आज की तारीख में कम से डेढ़ से दो हजार रुपए लग जाते हैं इसके बाद खाद दवा पानी के नाम पर भी डेढ़ से दो हजार रुपए लग जाते हैं। इस तरह कुल मिलाकर पांच हजार रुपए के आसपास लग जाते हैं जबकि 3 से 5 कुंटल ज्यादा पैदावार नहीं हो पाती है जबकि साधन संपन्न बड़े किसानों को कम लागत में अच्छी पैदावार मिल जाती है जिससे उनकी हालत सुधर जाती है। छोटे किसानों को लागत अधिक लगानी पड़ती है लेकिन फायदा उन्हें नहीं होता है क्योंकि वह साधन के अभाव में न तो समय पर जुताई बुवाई करा पाते हैं और न ही निकाई दवाई बीज सिंचाई ही कर पाते हैं। समय पर जुताई बुआई सिंचाई निकाई दवाई खाद पानी उपलब्ध न हो पाने के कारण उसकी हालत पतली रहती है। हमारी सरकार द्वारा किसानों की आमदनी दूनी करने का बीड़ा उठाया गया है साथ ही किसान सम्मान योजना की शुरुआत भी की गई है जिसका लाभ चुनाव के पहले ही तमाम भाग्यशाली किसानों को बिना किसी दौड़भाग के एक नहीं दो दो किस्त के रूप में मिल चुका है लेकिन जो किसान प्रधानमंत्री की सम्मान योजना से वंचित रह गए हैं अब उन्हें अपना पंजीकरण कराने के लिए इधर उधर नामित अधिकारियों कर्मचारियों के पास दौड़ना पड़ा रहा है। किसान को देश की रीढ़ माना जाता है इसलिए छोटे किसानों के वजूद को बचाए रखना राष्ट्रहित में जरूरी है क्योंकि उसी बेवश बेचारे किसान के त्याग बलिदान के बल पर देश हरा भरा सोन चिर्रैया जैसा बना हुआ है और जय जवान जय किसान कहा जाता है।



भोलानाथ मिश्र


पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी


नई दिल्ली ! करतारपुर कोरॉडोर और इससे जुड़े तमाम तकनीकी मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात जारी। इस मुलाकात से पहले पाकिस्तान ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पुनर्गठन किया है।इस कमेटी से खालिस्तान के नेता गोपाल सिंह चावला को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बता दें कि भारत ने गोपास सिंह चावला के नाम पर आपत्ति जताई थी।जानकारी के अनुसार पाकिस्तान का 20 सदस्यों का डेलीगेशन मुलाकात के लिए पहुंच रहा है। जिसमे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल भी शामिल हैं।


बता दें कि इससे पहले दो अप्रैल को भारत और पाकिस्तान के के बीच इस मसले को लेकर दूसरे दौर की बैठक होनी थी, लेकिन इसे स्थगति कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर से भारत इस मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर पाकिस्तान से बात करने के लिए तैयार है, जिसमे मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रद्धालुओं के आवागमन, उनकी सुरक्षा अहम हैं। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर तकरीबन तीन किलोमीटर लंबा है।


भारत पूरे प्रोजेक्ट को इस साल के 31 अक्टूबर तक पूरा करना चाहता है। करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ खर्च करेगा। इसके साथ भारत उच्च तकनीक निगरानी प्रणाली का उपयोग करेगा और एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। यह कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगा।


पुलिस ने फौजी के साथ की अभद्रता: रोस

औरैया ! कस्बा दिबियापुर में चंद्र नगर सेहुद बंबा के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों की अभद्रता का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने एक फौजी के साथ दिबियापुर की पुलिस ने की हाथापाई


मोहल्ला चंद्रनगर के पास दिबियापुर पुलिस के द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था तभी कुछ देर के बाद वहाँ औरैया CO सिटी मौके पर आ गए तभी वहां कैनाल रोड की तरफ से पैशन प्रो गाड़ी से एक फौजी आ रहा था COसिटी के साथ तैनात सिफाही ने फौजी को रोका क्यों कि वो बिना हेलमेट था सिफाही के रोकने पर फौजी ने अपनी बाइक रोक दी सिपाही ने फौजी के साथ अभ्रदता की तो फौजी ने उसका विरोध किया तो दिबियापुर पुलिस ने फौजी के साथ हाथापाई शुरू कर दी इस मौके पर औरैया के CO साहब मौके पर थे पर उन्होंने रोकने की कोशिश नही की और फौजी को CO सिटी की गाड़ी में डाल कर दिबियापुर थाने ले गए जब दिबियापुर थाने में पत्रकार इस घटना की जानकारी लेने के लिए पहुचे तो CO सिटी ने पल्ला झाड़ते हुए ऐसा मामला न होने की बात कही!दिबियापुर पुलिस के सिपाही खुद बिना हेलमेट के रोड पर फर्राटा भर रहे है जो सिपाही व दरोगा जी चेकिंग अभियान चला रहे थे वो खुद बिना हेलमेट बाद में जाते दिखे जब खुद नियम का उल्लंघन करेंगे तो जनता क्यों नही करेगी!


क्या उत्तर प्रदेश की पुलिस को ऐसे महान फौजियों पर हाथ उठाने का हक है? जो फौजी दिन रात एक करके हमारे देश की रक्षा कर रहे है उनके साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार कर रही है!


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...