रविवार, 14 जुलाई 2019

पुलिस भी भीड़ हिंसा का शिकार: मायावती

अब तो पुलिस भी भीड़ हिंसा की शिकार : मायावती



लखनऊ ! भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं को लेकर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार उप्र कांबेटिंग ऑफ मॉब लिंचिंग विधेयक-2019 का स्वागत करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार को सख्त कानून बनाने के साथ-साथ उसे सख्ती से हर स्तर पर लागू कराने की इच्छाशक्ति भी दिखानी होगी। मायावती ने इसके लिए बसपा सरकार से सबक लेने की सलाह भी दी।
मायावती ने कहा कि भीड़ हिंसा की घटनाएं देश भर में एक भयानक बीमारी की तरह उभर रही है। यह रोग भाजपा सरकारों की कानून का राज स्थापित न करने की नीयत व नीति की देन है!


जिससे अब केवल एससी, आदिवासी, धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं, बल्कि सर्वसमाज के लोग व पुलिस भी भीड़ हिंसा का शिकार बन रही है। इन घटनाओं का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिये हैं, लेकिन उन्हें लेकर सरकारें गंभीर नहीं हैं। मायावती ने कहा कि उप्र राज्य विधि आयोग की भीड़ हिंसा की घटनाओं की रोकथाम के लिए नया सख्त कानून बनाने की सिफारिश का वह स्वागत करती हैं। कहा कि आयोग ने ऐसे मामलों में दोषियों को उम्र कैद की सजा दिये जाने की सिफारिश की है।


विधिक सेवा प्राधिकरण ने 1864 मामले निपटाए

सुलह समझौते से निपटे 1864 मामले



औरैया ! जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जनपद न्यायाधीश सुशील कुमार की अध्यक्षता में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व विभाग व न्यायालयों के कुल 1864 मुकदमे सुलह समझौते से तय किए गए।
प्राधिकरण के नोडल अधिकारी प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राज बहादुर सिंह मौर्या एवं सचिव अर्चना तिवारी ने बताया कि इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम के कुल 67 वाद तय हुए तथा 32.75 लाख रुपये प्रतिकर एवार्ड हुआ। विद्युत निगम के अधिवक्ता भूपेश मिश्र व अधिकारियों ने 247 मुकदमे निस्तारित कर 4.17 लाख रुपये का सेटिलमेंट किया।


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामनेत ने कुल 153 वाद तय कर करीब 1.71 लाख रुपये अर्थदंड वसूला। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों ने 76 एमवी एक्ट के चालान से करीब 77 हजार रुपये अर्थदंड वसूला। जिला जजी में सभी बैंकों व विभिन्न सरकारी विभागों ने विशेष 121 बैंक वसूली के मामले तय किए। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राज बहादुर सिंह मौर्या ने सुखी दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए कई जोड़ों में समझौता कराया। जिला जज सुशील कुमार, अपर जिला जज राजेश चौधरी, प्रथम कांत, मीनू शर्मा, रजत सिंह, सचिव अर्चना तिवारी आदि न्यायिक अधिकारियों ने सभी जोड़ों को विदा किया। अधिवक्ता कुलदीप दुबे, डीजीसी अभिषेक मिश्र रहे।(यूए)


₹1400नहीं 1300मे मिलेगी एक बोरी डीएपी

1400 नहीं अब 1300 में मिलेगी एक बोरी डीएपी

औरैया ! खरीफ की फसल के लिए सरकार की ओर से सरकारी डीएपी की बोरी में 100 रुपये कम किए गए हैं। जिससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी। अभी तक 1400 रुपये में मिलने वाली बोरी अब 1300 में मिलेगी।
कृषि विभाग की मानें तो इससे जनपद के किसानों के एक करोड़ की बचत होगी। अभी तक किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1400 रुपये में मिल रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय सहकारी संस्था इफ्को, क्राफ्को, आरसीएफ ने डीएपी में प्रति बोरी 100 रुपये कम किए हैं। जिसके चलते अब किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1300 में मिलेगी।


जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि खरीफ की दलहन, तिलहन समेत धान की फसल में लगभग पांच हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है, जिसके सापेक्ष नौ हजार आठ सौ 51 मीट्रिक टन स्टॉक जनपद में उपलब्ध है। प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने पत्र एवं ऑडियो क्लिप के माध्यम से बताया कि सभी जगह पर डीएपी की बिक्री अब नई दर से की जाएगी। उन्होंने सभी से ई-पॉस मशीन से ही बिक्री करने एवं सभी किसानों से 1300 रुपये का भुगतान कर बिल लेने को कहा है।(यूए)


आज का दिन शुभ नहीं है :सिंह

राशिफल 



मेष ---आज का दिन सामान्य है। किसी बात को लेकर भाइयों के बीच तनाव हो सकता है। परिवार में अस्थिरता का वातावरण रहेगा। माता का सहयोग प्राप्त होगा। धन संबंधी कार्यों में परेशानियां आएगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रक्त संबंधी परेशानी आ सकती है। अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाए रखें। जीवनसाथी से विवाद होने के संकेत मिलते हैं। ससुराल पक्ष में कोई धार्मिक कार्य संपन्न हो सकता है।


वृष ------आज का दिन शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा। रुके हुए कार्य पूर्ण होने के संकेत हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। अति आत्मविश्वास में किसी को अपशब्द ना कहें, किसी का अपमान ना करें, क्योंकि इससे आपका भाग्य कमजोर होगा और आपके कार्य बिगड़ सकते हैं। छोटे भाई-बहन का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा एवं परिवार में भी सम्मान मिलेगा।


मिथुन ----आज का दिन सामान्य है। मन में अस्थिरता बनी रहेगी। कार्य करने में रुचि नहीं होगी एवं कार्यों में अनिर्णय की स्थिति बनेगी। परिवार में विवाद होने की स्थिति है। वाणी पर नियंत्रण रखें, आपके कठोर बोलने से आप के बने हुए कार्य बिगड़ सकते हैं। पिता से मतभेद हो सकते हैं। कार्य क्षेत्र में पिता यदि उचित सलाह दें तो उसे अवश्य मानें, नहीं मानने पर बड़ा नुकसान संभव है।


कर्क ----आज का दिन शुभ है। मन में विश्वास बना रहेगा। कार्यों को आत्मविश्वास पूर्ण करने से सभी कार्य में सफलता मिलेगी। शत्रुओं के इरादे कमजोर पड़ेंगे। जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से विचार-विमर्श में किसी प्रकार का विवाद ना करें। नई योजनाएं सफल होगी।


सिंह -----आज का दिन शुभ नहीं है। मन में अनिर्णय की स्थिति बनेगी। कार्य करने में आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी। माता के विचारों का सम्मान करें एवं विवाद ना करें। हड्डी, जोड़ो एवं पैर के निचले हिस्से में कोई परेशानी हो सकती है। कार्य क्षेत्र में दी गई पिता की सलाह का सम्मान करें।



कन्या---- आज का दिन शुभ है। मन में प्रसन्नता रहेगी एवं सभी परिस्थितियों में सही निर्णय ले पाएंगे। सफलता मिलने के कारण मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। धन में स्थायित्व प्राप्त होगा। स्थायी संपत्ति के अच्छे योग बनते हैं एवं नौकरी में पदोन्नति होने के योग बनते हैं।


तुला -----आज का दिन सामान्य है। मन में तनाव रहेगा। कार्य करने में ऊर्जा की कमी महसूस होगी। सही निर्णय न ले पाने की वजह से कार्य करने के प्रति उदासीनता रहेगी। धन संबंधी परेशानी रहेगी। भाइयों से किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पिता में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। पिता की सलाह का सम्मान करें।



वृश्चिक----- आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। मन प्रसन्न रहेगा एवं दिमाग सक्रिय रहेगा। कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी एवं पुरानी बनाई हुई योजनाओं का क्रियान्वयन करने में लग जाएंगे। समाज एवं घर परिवार से बहुत सम्मान प्राप्त होगा। नौकरी वाले लोगों की पदोन्नति होने के योग हैं। व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी एवं प्रभुत्व बढ़ेगा। धन संबंधी समस्या हल होगी।


धनु--- आज का दिन शुभ नहीं है। मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे। जीवनसाथी से किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है। परिवार में किसी समस्या को लेकर मन उदास रहेगा। भाग्य कमजोर रहने से कार्य आगे टल जाएंगे। किसी धार्मिक कार्य में धन खर्च होने के योग हैं। भाई-बहनों के ग्रह अभी अधिक प्रभावशाली है।



मकर ---आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। आत्मविश्वास पूर्वक कार्य करने से सफलता मिलेगी एवं मन प्रसन्न रहेगा। भाइयों द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी के द्वारा सही सलाह मिलने पर सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। आय के साधन मजबूत होंगे। घर परिवार से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।


कुंभ ----आज का दिन सामान्य है। मन में कुछ और स्थिरता रहेगी। कार्य करने में कुछ अधिक ऊर्जा महसूस होगी। सारे क्षेत्र में पहले की तरह ही कार्य सुचारू रूप से करते रहेंगे। परंतु कुछ मन में अस्थिरता रहेगी। संतान के ग्रह वर्तमान में अधिक प्रभावशाली होने के कारण संतान से वैचारिक मतभेद होते रहेंगे। परंतु स्वयं के विवेक बुद्धि का उपयोग करते हुए संतान से सामंजस्य बनाकर रखें।


मीन---- आज का दिन शुभ है। माता का आशीर्वाद पूर्ण रूप से बना रहेगा। धन संबंधी कार्य पूर्ण होंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में सम्मान बढ़ेगा। संतान को सफलता प्राप्त होने से मन में हर्ष की अनुभूति होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ह्रदय संबंधी परेशानी हो सकती है।


दैनिक जीवन में आदतों का महत्व

स्वस्थ जीवनशैली को कुछ समय की जरूरत है। हालांकि यह पहले की पीढ़ियों के लिए आसान था, लेकिन इन दिनों लोगों को तेजी से भागती जिंदगी के कारण इसका पालन करना कठिन लगता है। लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं, कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के अलावा सब कुछ कर रहे हैं। यह समय है कि हमें अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना चाहिए। कुछ स्वस्थ आदतें आपको समय पर स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने में मदद कर सकती हैं।


स्वस्थ आदतें जिनका पालन करना चाहिए:


एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करें: जब आप एक स्वस्थ जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं तो एक स्वस्थ आहार योजना का अत्यधिक महत्व है। एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करना शुरू करें जिसमें सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं और जंक फूड से स्पष्ट हैं।


जल्दी उठो: ज्यादातर लोग व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं, सुबह का नाश्ता करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ कुछ गुणवत्ता के क्षण बिताते हैं क्योंकि वे समय पर नहीं उठते हैं। प्रत्येक सुबह जल्दी उठने की आदत बनाएं ताकि आपके पास इन सभी कार्यों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय हो।


व्यायाम करें: अपनी पसंद के शारीरिक व्यायाम में लिप्त होने के लिए प्रत्येक दिन कम से कम आधे घंटे का समय निकालें। आप टहलने, तैरने, योग का अभ्यास करने, गहरी सांस लेने या ऐसा कोई भी काम करना चुन सकते हैं जिसमें आपकी रुचि हो। यह डी-स्ट्रेसिंग में मदद करता है।


समय पर सोएं: चूंकि आपको जल्दी उठना है, इसलिए समय पर सोना जरूरी है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।


अपना मोबाइल एक तरफ रखें: आपको उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम करते समय अपने फोन को अलग रखने की आदत डालनी चाहिए। जब आप घर पर हों तो अपने फोन को कुछ दूरी पर रखें और अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। मोबाइल फोन द्वारा उत्सर्जित किरणें हानिकारक होती हैं, इस प्रकार इसे दूर रखने का सुझाव दिया जाता है विशेषकर जब आप रात को सोते हैं।


सकारात्मक मन से जुड़ें: ऐसे लोगों से दोस्ती करना हमेशा अच्छा होता है जो आपके जीवन में सकारात्मकता लाते हैं और उन लोगों से दूर रहते हैं जो नकारात्मक बातों में लिप्त रहते हैं। इसके अलावा उन लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाएं जो नियमित रूप से स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हैं, जो नियमित रूप से धूम्रपान या शराब पीने जैसी अस्वस्थ आदतों में लिप्त होते हैं।


समय पर आहार लें: स्वस्थ आहार योजना का पालन करना जितना महत्वपूर्ण है, समय पर भोजन करना भी उतना ही आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि आप अपने नाश्ते या दिन के किसी अन्य भोजन को नहीं छोड़ते हैं और अपने भोजन को सही अंतराल पर करते हैं। यह भी सुझाव दिया जाता है कि तीन बड़े वाले होने के बजाय दिन में 5-6 छोटे भोजन करें।


अपनी रुचि का पालन करें: हम में से अधिकांश इन दिनों अपने काम में इतने तल्लीन हैं कि हम अपने हितों और शौक का पालन करने के लिए समय निकालना भूल जाते हैं। अपने शौक का पालन करने के लिए कुछ समय में निचोड़ करना अच्छा होता है जैसे बागवानी, पढ़ना, लिखना या अपनी पसंद का कुछ भी। ये अस्वास्थ्यकर आदतों के लिए एक अच्छा प्रतिस्थापन के रूप में कार्य करते हैं और खाड़ी में तनाव को बनाए रखने में भी मदद करते हैं।


(यूए)


ब्रह्म परतत्व (ऋग्वेद)


ब्रह्म - वेद का पाठक अथवा ब्रह्म परमात्मा का ज्ञाता।


ऋग्वेद की अपेक्षा अन्य संहिताओं में यह साधारण प्रयोग का शब्द हो गया था, जिसका अर्थ पुरोहित है। ऋग्वेद के 'पुरुषसूक्त' (10.90) में वर्णों के चार विभाजन के सन्दर्भ में इसका जाति के अर्थ में प्रयोग हुआ है। वैदिक ग्रन्थों में यह वर्ण क्षत्रियों से ऊँचा माना गया है। राजसूय यज्ञ में ब्राह्मण क्षत्रिय को कर देता था, किन्तु इससे शतपथ ब्राह्मण में वर्णित ब्राह्मण की श्रेष्ठता न्यून नहीं होती। इस बात को बार-बार कहा गया है कि क्षत्रिय तथा ब्राह्मण की एकता से ही सर्वागींण उन्नति हो सकती है। यह स्वीकार किया गया है कि कतिपय राजन्य एवं धनसम्पन्न लोग ब्राह्मण को यदि कदाचित दबाने में समर्थ हुए हैं, तो उनका सर्वनाश भी शीघ्र ही घटित हुआ है। ब्राह्मण पृथ्वी के देवता ('भूसुर') कहे गये है, जैसे कि स्वर्ग के देवता होते हैं। ऐतरेय ब्राह्मण में ब्राह्मण को दान लेने वाला (आदायी) तथा सोम पीने वाला (आपायी) कहा गया है। उसके दो अन्य विरूद 'आवसायी' तथा 'यथाकाम-प्रयाप्य' का अर्थ अस्पष्ट है। पहले का अर्थ सब स्थानों में रहने वाला तथा दूसरे का आनन्द से घूमने वाला हो सकता है।[3]



पाणिनि काल में ब्राह्मण
कात्यायन ने चार वर्णों के भाव या कर्म को चातुर्वर्ण्य कहा है।[4] आनुपूर्वी क्रम से चारों वर्णों के लिये 'ब्राह्मणक्षत्रियविट् शूद्रा:' यह समस्त पद प्रयुक्त होता था।[5] पाणिनि ने 'ब्रह्मन्' और 'ब्राह्मण' दोनों शब्दों को पर्याय रूप में प्रयुक्त किया है। ब्रह्मन् के लिए हितकारी इस अर्थ में ब्रह्मण्य पद बनता था।[6] पतंजलि ने इसका अर्थ 'ब्राह्मणेभ्य: हितम्' किया है। उनका कहना है कि ब्रह्मन् और ब्राह्मण पर्यायवाची हैं।[7], किंतु यत् प्रत्यय ब्रह्मन शब्द से ही होता है, ब्राह्मण से नहीं। ज्ञात होता है कि पाणिनि-काल में ब्रह्मन शब्द ब्रह्मणोचित अध्यात्मिक गुण-सम्पत्ति के लिए प्रयुक्त होता था और ब्राह्मण जन्म पर आश्रित जाति के लिए। ब्राह्मण के भाव (आदर्श) और कर्म (आचार) के लिये ब्राह्मण्य पद सिद्ध किया गया है।[8] नाम मात्र के आचारहीन ब्राह्मण 'ब्रह्मबंधु' कहलाते थे। ऐतरेय ब्राह्मण, छन्दोग्य उपनिषद, श्रौतसूत्र एवं गृह्यसूत्रों में 'ब्रह्मबंधु' शब्द पाया जाता हैं। सूत्र 6।3।44 की काशिका वृत्ति में उदाहृत 'ब्रह्मबंधुतर' और 'ब्रह्मबंधुतम' प्रयोग बताते हैं कि 'ब्रह्मबंधु' पद के पीछे कुत्सा परक व्यंग्य की कई कोटियाँ थीं। पाणिनि के समय में केवल जाति का अभिमान करने वाले कर्म-विहीन ब्राह्मणों के लिए ब्रह्मबंधु की तरह 'ब्राह्मणजातीय' यह नया विशेषण भी प्रचलित हो गया था।[9]


जनपदों के अनुसार ब्राह्मणों के नाम
'ब्रह्मणो जानपदाख्यायां'[10] सूत्र से ज्ञात होता है कि भिन्न-भिन्न देशों में बस जाने के कारण ब्राह्मणों के अलग-अलग नामों की प्रथा चल पड़ी थी। कंबोज जनपद से लेकर कलिंग-अश्मक-कच्छ-सौवीर जनपदों तक फैले हुए विस्तृत प्रदेश में ब्राह्मण फैल चुके थे। स्वभावत: पृथक्-पृथक् भूखंडों के अनुसार उनके अलग नाम भी पड़े होंगे। काशिका में सुराष्ट्र ब्रह्म (सुराष्ट्रेषु ब्रह्म) और अवंति ब्रह्मा ( अवंतिषु ब्रह्मा) ये दो उदाहरण हैं। अवंतिब्रह्म मालव ब्राह्मणों के पूर्ववर्ती थे, क्योंकि उज्जयिनी के साथ शब्द का सम्बंध गुप्त काल के लगभग आरम्भ हुआ। इसी प्रकार गुजराती और कच्छी ब्राह्मणों के पूर्ववर्ती सुराष्ट्र के ब्राह्मण रहे होंगे। जनपदों के अनुसार नाम पड़ने के कारण ब्राह्मणों के पंचगौड़ और पंचद्राविड़ दो मुख्य भेद कालांतर में प्रसिद्ध हुए।


वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)

वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)
भारत गणराज्य में लिए गए निर्णय के लिए सरकार उत्तरदायी है ! सरकार का प्रत्येक फैसला न्याय उचित एवं संविधान- संगत होना चाहिए! जनता को समृद्ध सूचनाएं प्राप्त होनी चाहिए! राष्ट्रीय विकास और निर्माण की सामान्य जानकारी जनता को समय-समय पर मिलती रहनी चाहिए !
लोकतंत्र की स्वायत्तता के लिए यह जरूरी है! लेकिन वित्त मंत्रालय की मंशा कुछ ठीक नहीं है! वित्त मंत्रालय को किससे और क्यों पर्दा चाहिए ? पारदर्शिता को खत्म करने की साजिश क्यों रची जा रही है? बजट से आम जनता खफा है! जनता भी आपकी है और बजट भी आपकी ही सरकार का है! यदि बजट में जनता कहीं विरोध कर रही है, तो सरकार को जनता या विरोधियों की समस्या का समाधान तलाशना चाहिए! पत्रकारों को वित्त मंत्रालय से दूर रखने से कोई हल होने वाला नहीं है ! जो पत्रकार इसके विरोध में कार्य कर रहे हैं! जो जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं !वे पीछे नहीं हटते हैं ,वह वास्तव में लड़ते रहेंगे और वास्तविकता की तह तक जाएंगे! आखिर वित्त मंत्रालय को वह कौन सी समस्या है? जो पत्रकारों पर खींज रहा है ! पत्रकारों को रात्रि भोज में जाकर वित्त मंत्रालय की मंसा को भापने का प्रयास करना था! बहिष्कार केवल तिरस्कारी गई नीतियों का करना चाहिए ! यह संबंध की खाई को चोडी करने के समान है ! जो हमारे कर्तव्य के विरुद्ध हो सकता है! इसमें हमारे स्वार्थ जुड़े हो,लेकिन हमें अपने कर्तव्य की सार्थकता का अनुसरण करना ही होगा! इसके विपरीत वित्त मंत्रालय की मंशा और अवस्था को जानना और समझना होगा! वित्त मंत्रालय में ऐसा क्या अनैतिक हो रहा है, जो छुपाया जा रहा है! ऐसी कौन सी सूचना है, जिसके सार्वजनिक हो जाने का भय वित्त मंत्रालय को सता रहा है ! जनता से क्या छुपाना चाहता है वित्त मंत्रालय !यह सभी के लिए जाना आवश्यक बनता जा रहा है ! वित्त मंत्रालय को इसका जवाब देना ही होगा!


 राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'


सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित

सीडीओ की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज।‌ उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष अंतर्गत जनपद ...