रविवार, 14 जुलाई 2019

वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)

वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)
भारत गणराज्य में लिए गए निर्णय के लिए सरकार उत्तरदायी है ! सरकार का प्रत्येक फैसला न्याय उचित एवं संविधान- संगत होना चाहिए! जनता को समृद्ध सूचनाएं प्राप्त होनी चाहिए! राष्ट्रीय विकास और निर्माण की सामान्य जानकारी जनता को समय-समय पर मिलती रहनी चाहिए !
लोकतंत्र की स्वायत्तता के लिए यह जरूरी है! लेकिन वित्त मंत्रालय की मंशा कुछ ठीक नहीं है! वित्त मंत्रालय को किससे और क्यों पर्दा चाहिए ? पारदर्शिता को खत्म करने की साजिश क्यों रची जा रही है? बजट से आम जनता खफा है! जनता भी आपकी है और बजट भी आपकी ही सरकार का है! यदि बजट में जनता कहीं विरोध कर रही है, तो सरकार को जनता या विरोधियों की समस्या का समाधान तलाशना चाहिए! पत्रकारों को वित्त मंत्रालय से दूर रखने से कोई हल होने वाला नहीं है ! जो पत्रकार इसके विरोध में कार्य कर रहे हैं! जो जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं !वे पीछे नहीं हटते हैं ,वह वास्तव में लड़ते रहेंगे और वास्तविकता की तह तक जाएंगे! आखिर वित्त मंत्रालय को वह कौन सी समस्या है? जो पत्रकारों पर खींज रहा है ! पत्रकारों को रात्रि भोज में जाकर वित्त मंत्रालय की मंसा को भापने का प्रयास करना था! बहिष्कार केवल तिरस्कारी गई नीतियों का करना चाहिए ! यह संबंध की खाई को चोडी करने के समान है ! जो हमारे कर्तव्य के विरुद्ध हो सकता है! इसमें हमारे स्वार्थ जुड़े हो,लेकिन हमें अपने कर्तव्य की सार्थकता का अनुसरण करना ही होगा! इसके विपरीत वित्त मंत्रालय की मंशा और अवस्था को जानना और समझना होगा! वित्त मंत्रालय में ऐसा क्या अनैतिक हो रहा है, जो छुपाया जा रहा है! ऐसी कौन सी सूचना है, जिसके सार्वजनिक हो जाने का भय वित्त मंत्रालय को सता रहा है ! जनता से क्या छुपाना चाहता है वित्त मंत्रालय !यह सभी के लिए जाना आवश्यक बनता जा रहा है ! वित्त मंत्रालय को इसका जवाब देना ही होगा!


 राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'


शनिवार, 13 जुलाई 2019

प्रधानमंत्री मोदी सितंबर में अमेरिका का दौरा करेंगे

सितंबर में अमेरिका जाएंगे PM मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा को दोबारा कर सकते हैं संबोधित



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में अमेरिका का दौरा करेंगे।


नई दिल्ली ! जहां वो संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) में शामिल होंगे।माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकबार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर सकते हैं। यह दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) की पहली बैठक है। इससे पहले 2014 में भी पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। अपने दूसरे कार्यकाल में यह पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। वह 2015 में वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क गए थे।सके अलावा वहां वे संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस द्वारा आयोजित किए जाने वाले जलवायु कार्रवाई सम्‍मेलन (क्‍लाइमेट एक्‍शन समिट) में हिस्‍सा लेंगे। इस दौरान वे ह्यूस्‍टन में भारतीय समुदाय को भी संबोधित कर सकते हैं।


गुटेरस द्वारा जलवायु सम्‍मेलन का आयोजन 23 सितंबर को किया जाएगा। जलवायु सम्‍मेलन में उनके हिस्‍सा लेने की योजना उनके आगामी दौरे की लिस्‍ट में सूचिबद्ध है लेकिन ह्यूस्‍टन मीटिंग के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पीएम मोदी न्‍यूयार्क में होने वाली संयुक्त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए 20-23 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे। इसके बाद वह ह्यूस्‍टन भी जाएंगे, वहां वे टेक्‍सास में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। वह वाशिंगटन डीसी जाएंगे या नहीं, इस बारे में कुछ भी स्‍पष्‍ट नहीं है, पर माना जा रहा है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के विभिन्‍न सत्रों से इतर पीएम मोदी की ट्रंप सहित दुनिया के कई देशों के नेताओं से मुलाकात होगी।


अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दो शहरों शिकागो और ह्यूस्‍टन में भारतीय-अमेरिकी लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी जलवायु परिवर्तन पर 23 सितंबर को होने वाली संयुक्‍त राष्‍ट्र की विशेष बैठक से पहले ह्यूस्‍टन में होंगे और यूएन सत्र को संबोधित करने के लिए वह ह्यूस्‍टन से ही न्‍यूयार्क जाएंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार जब उन्‍होंने अमेरिका का दौरा किया था, तब भी न्‍यूयार्क के मेडिसन स्‍क्वायर पर भारी संख्‍या में लोगों की भीड़ जुटी थी। यहां तकरीबन 20,000 भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग जुटे थे, जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर जबरदस्‍त उत्‍साह देखा गया।_


2010 की जनगणना के अनुसार, टेक्‍सास इस मामले में चौथे नंबर पर है जहां सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं। अपने विदेशी दौरे में वहां रह रहे भारतीय समुदाय से जुड़ने का मौका तलाशने वाले प्रधानमंत्री मोदी न्‍यू यार्क सैन जोस और वाशिंगटन में तीन बड़े भारतीय समुदायों से मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर उनका ये छठा अमेरिका दौरा होगा।


जीजेयू के वीसी का नियंत्रण हुआ फेल: हरियाणा

राणा ओबराय
जीजेयू के वीसी का नियंत्रण हुआ फेल*
जीजेयू द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा केंद्र एफसी कॉलेज केंद्र में आज फिर हुआ हंगामा" 85 बच्चों को नहीं मिला शिक्षा देने का अभी तक मौका!
हिसार ! जीजेयू द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा परीक्षा केंद्र में आज फिर हुआ हंगामा" 85 बच्चों को नहीं मिला शिक्षा देने का अभी तक मौका! परीक्षार्थी और उनके माता पिता का आरोप है कि परीक्षा केंद्र के अधीक्षक और उनके स्टाफ ने उनके साथ धक्के मुक्की की और केंद्र से बाहर निकलने के लिए कहा। बच्चो के माता पिता ने इस दुर्व्यवहार का दोषी यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर टंकेशेवर सचदेवा को माना है। एक बच्चे की माता ने कहा जीजेयू के उपकुलपति का नियंत्रण।बिल्कुल ही फेल है।


नए नियम -नियमावली से होगी पत्रकारिता

देशभर में पत्रकारों के लिए लागू होने जा रही है नियमावली,प्रेस कार्ड जारी करने से लेकर पंजीकरण और शैक्षणिक योग्यता का होगा निर्धारण



नईदिल्ली ! पत्रकारिता जगत में असामाजिक तत्वों के प्रवेश से चिंतित केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा समाचार पत्रों के पंजीकरण, समाचार पत्र-पत्रिका व टीवी चैनल तथा न्यूज एजेंसी द्वारा जारी प्रेस कार्ड के लिए नियमावली तैयार की जा रही है तथा मौजूदा नियमावाली में संशोधन किए जाने पर गंभीरता से मंथन चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बढ़ रहे अखबारी आंकड़े और पत्रकारों की बढ़ रही संख्यां से पाठकों की जागरूकता में वृद्धि हुई है। वहीं कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए है।
*पत्रकारिता क्षेत्र में होगी शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य*
बता दें कि समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के बाद प्रकाशक व संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर अनगिनत लोगों को प्रेस कार्ड जारी कर देते है, जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता। ऐसे चेहरों की बदौलत पत्रकारिता पर जरूर उंगलियां उठती है।
हर गावं शहर मे कुछ तथाकथित पत्रकार या समाचार पत्र मालिको ने कुछ लोगो को पैसे लेकर प्रेस कार्ड जारी कर रखे है जो पुलिस एवं टोलटेक्स नाको पर धोंस जमाते हैं. एेसे तथाकथित पत्रकारो से असली पत्रकार भी परेशान हो रहे है । पुलिस, प्रशासन एवं टोलटेक्स नाके वाले असली नकली मे फर्क नही कर पाते है। अब इस नियम के लागू होने पर तथाकथित फर्जी पत्रकारो से पुलिस प्रशासन पुछताछ कर उन सरगनाओ तक पहुचं सकेगी जिन्होने पैसे लेकर प्रेसकार्ड जारी कर रखे हैं.।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है।
*समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार*
दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज एजेंसियों व टीवी चैनल के रिपोर्टर के लिए संबंधित जिला मैजिस्ट्रेट की स्वीकृति उसकी पुलिस वैरीफिकेशन होने उपरांत जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रेस कार्ड तथा प्रैस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य समाचार पत्र, पत्रिकाओं के प्रकाशक व संपादक का प्रैस कार्ड सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड व प्रेस स्टीकर ही मान्य होंगे।
केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई।
*प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला*
चर्चा तो यह भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा, जो जिला सूचना व संपर्क अधिकारी की तस्दीक उपरांत स्वीकृति प्रदान करेंगे।
जिला सूचना व संपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे कि अमूक दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है।
संशोधित नियमावाली के चलते प्रैस कार्ड की खरीद-फरोख्त तथा प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी। तथ्य पाए जाने उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक, कार्ड जारी करने वाले हस्ताक्षर तथा प्रैस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा। जाहिर है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस संभावित योजना पर अमल होने से पत्रकारिता का मानचित्र बदल जाएगा।
क्या कहती है पुलिस?
हम खुद प्रेस कार्ड वालो से परेशान है कैसे पता किया जाये की कौन सही पत्रकार है और कौन फर्जी इसके लिये जैसे ही आदेश आते है प्रेस लिखे सभी वाहनों की जाँच की जायेगी और जो भी सूचना जनसम्पर्क विभाग की लिस्ट मै नही होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।


लेखन का लाभ? (संपादकीय)

 


अपनी किस से यारी है , आज इसकी तो कल उसकी बारी है - ब्लॉग लेखन विशेष


एक मित्र ने मुझसे कहा कि - क्या मधुकर जी आप गाय पर भी ब्लॉग लिख सकते हो ?क्या शहर में दूसरी कोई समस्या या विषय नहीं मिला क्या आपको ?


मैंने कहा भाई ! गाय ?तुम गाय कह रहे हो मैं तो कुत्ते पर भी ब्लॉक लिख सकता हूं । बशर्ते कोई शहर का नेता अथवा अधिकारी कुत्ते से भी गई गुजरी कोई हरकत कर दे तो । अपनी किस से यारी है आज इसकी तो कल उसकी बारी है।


गाय तो फिर भी एक 'धार्मिक' पशु है। और यदि मेरे ब्लॉग लिखने से एक घायल पशु का भला होने की संभावना उत्पन्न होती है, तो इसमें हर्ज ही क्या है ?और वैसे भी लिखने के लिए मुझे कौन से पैसे देने पड़ते हैं । शहर में लोग पैसे दे देकर ब्लॉग लिखवा रहे हैं । किराये के पत्रकार साथ बिठाकर।और अपने नाम से चला रहे हैं। ऐसे में मैं अगर खुद प्रयास करके रोज एक दो ब्लॉग लिख लेता हूं । तो उसमें विषय क्या है , इस पर मेरे ख्याल से कोई बहुत विशेष सोचने वाली बात नहीं है।
क्या घटित हुआ है वह तो लोग अन्य मीडिया माध्यमों से जान हीं लेते हैं । और उन माध्यमों में जिस तरह से लिखा जाता है वह केवल घटना का ब्यौरा मात्र होता है। जिसमें केवल यह बताया जाता है कि क्या घटित हुआ है। और कहां घटित हुआ है । थोड़ा और अच्छा लिखने वाले यह भी लिख देते हैं कि कैसे और किन कारणों से घटित हुआ है। परंतु जो घटित हो रहा है उसके बारे में अपने विचार रखना मेरे ख्याल में ब्लॉग लेखन है। और यह कर पाना उसी के लिए संभव है जो सब खबरें पड़ता है , और उन पर विचार करके अपना मत या नजरिया लिख कर लोगों तक पहुंचाता है। ताकि लोग उस नजरिया से उस घटना को देखकर अपनी राय बना सके। सच पूछो तो खबर लिखने वाले और ब्लॉग लिखने वाले में यही एक बहुत बड़ा अंतर है। जो कि अधिकांश लोग नहीं समझ पाते हैं। और अपुन तो ठहरे कलाकार आदमी ... जो ब्लॉग लिखने से पहले ग़ज़ल और कविताएं ही लिखा करते थे। वह भी कितनी अच्छी लिखते थे, उसका अता पता नहीं । बस अपना मन खाली करने के लिए लिखा करते थे। जब देखा कि सोशल मीडिया पर लोग कविताएं और ग़ज़ल जैसी चीजें पढ़कर हल्की-फुल्की तारीफ करने लगे। तो एक दिन विचार आया कि क्यों ना ज्वलंत मुद्दों पर भी अपना विचार लिखकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए। यह यात्रा कोई 3 साल पहले शुरू हुई होगी। जिसके अंतर्गत तकरीबन 21 सौ ब्लॉग अब तक लिख चुका हूँ। बहुत संतुष्टि का अनुभव करता हूं। इस यात्रा के बीच में मैंने यह पाया है कि जो कुछ भी आपके आसपास घटित हो ,उसे यदि आप ध्यानपूर्वक देखकर उसके बारे में लिखकर लोगों तक पहुंचाएं , तो भी वह एक तरह से आपके अनुभव को लोगों से साझा करने से लोगों का ज्ञान बढ़ाने के ही काम आता है। और कुछ नहीं तो अपने अनुभव साझा करने से असीम संतुष्टि ज़रूर मिलती है।ब्लॉग लेखन के दौरान अब महसूस होने लगा है की , लोग अपनी समस्याएं कॉल कर के मुझ तक पहुंचाने लगे हैं । और उम्मीद भी करते हैं कि मैं उनके दिए हुए विषय पर भी कुछ लिखूं।अधिकांश लोगों के दिए हुए विषयों पर मैं पूरा प्रयास करता हूं कि जल्द से जल्द लिख कर आप लोगों के साथ साझा करूं। परंतु सभी पर नहीं लिख पाता हूँ। क्योंकि अकेले इंसान के लेखन की भी कुछ सीमाएं होती हैं। इसलिए बाकी लोगों से माफी मांग लेता हूँ।फिर भी मैं राजनीति के दल दल से दूर हटकर इस लेखन क्षेत्र में आकर बहुत खुश हूँ। क्योंकि राजनीति की तरह इस क्षेत्र में आपको आपसे कम योग्य इंसान के सामने शीश झुकाना नही पड़ता। और आपकी अंतरात्मा सदैव जीवित रहती है।


नरेश राघानी


बारिश ने ली 15 लोग,23 जानवरों की जान

कई राज्यों में भारी बारिश से बिगड़े हालात


लखनऊ ! जहां देश में कई इलाके मानसून की बारिश के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई राज्यों में बारिश आफत बन गई है। भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित होने के साथ जान-माल का भी नुकसान हुआ है। उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में बीते तीन दिन में आई तेज बारिश और तूफान के चलते 15 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 23 जानवरों की भी मौत हो गई है और 133 इमारतों को नुकसान पहुंचा है।


बिहार में बाढ़ के कारण जीवन अस्तव्यस्त हो चुका है। उत्तर बिहार की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां शुक्रवार को भी लगातार पांचवें दिन भारी बारिश हुई है। नदियों के उफान के चलते निचले इलाकों में पानी भर गया है। बारिश के कारण घरों के गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई है। पूर्वोत्तर के राज्य भी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हैं। जिसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो गई है। सबसे अधिक छह लोगों की मौत असम में हुई है। असम में आई बाढ़ के कारण 21 जिले और साढ़े आठ लाख लोग प्रभावित हैं।


पानी भर जाने के कारण लंबडिंग-बदरपुर रेल मार्ग से यातायात को रोक दिया गया है। बारिश के कारण हुई घटनाओं से मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में भी दो-दो लोगों की मौत हो गई है। हिमाचल में बारिश के कारण छह सड़कें बंद पड़ी हैं। जिसमें शिमला में पांच सड़क और एक कांगड़ा जोन में है। शिमला के सोलन सर्कल में एक, नाहन में तीन और कांगड़ा के डलहौजी में एक सड़क बंद पड़ी है।


100 करोड़ का घोटाला,मुकदमा,सीबीआई जांच

100 करोड़ के विज्ञापन घोटाले में रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा


नई दिल्ली ! सीबीआई ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) और कुछ कर्मचारियों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के विज्ञापन घोटाले में मामला दर्ज किया है। सीबीआई के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने ऐसे पत्र-पत्रिकाओं के नाम से बिल भुगतान किया, जिनका प्रसार ही नहीं था।


जांच एजेंसी ने वरिष्ठ पीआरओ दिलीप चंद्र बोरा, कार्यालय अधीक्षक हर्धन डे और बाबुल चंद्र मेधी, मुख्य प्रचार निरीक्षक एमएमवाई आलम, लेखा सहायक हितेश डेका और वरिष्ठ कैशियर प्रबीर दास पुरकायस्थ को नामजद किया है। घोटाला 2014-18 के बीच का बताया जा रहा है।


'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...