रविवार, 14 जुलाई 2019

₹1400नहीं 1300मे मिलेगी एक बोरी डीएपी

1400 नहीं अब 1300 में मिलेगी एक बोरी डीएपी

औरैया ! खरीफ की फसल के लिए सरकार की ओर से सरकारी डीएपी की बोरी में 100 रुपये कम किए गए हैं। जिससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी। अभी तक 1400 रुपये में मिलने वाली बोरी अब 1300 में मिलेगी।
कृषि विभाग की मानें तो इससे जनपद के किसानों के एक करोड़ की बचत होगी। अभी तक किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1400 रुपये में मिल रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय सहकारी संस्था इफ्को, क्राफ्को, आरसीएफ ने डीएपी में प्रति बोरी 100 रुपये कम किए हैं। जिसके चलते अब किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1300 में मिलेगी।


जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि खरीफ की दलहन, तिलहन समेत धान की फसल में लगभग पांच हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है, जिसके सापेक्ष नौ हजार आठ सौ 51 मीट्रिक टन स्टॉक जनपद में उपलब्ध है। प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने पत्र एवं ऑडियो क्लिप के माध्यम से बताया कि सभी जगह पर डीएपी की बिक्री अब नई दर से की जाएगी। उन्होंने सभी से ई-पॉस मशीन से ही बिक्री करने एवं सभी किसानों से 1300 रुपये का भुगतान कर बिल लेने को कहा है।(यूए)


आज का दिन शुभ नहीं है :सिंह

राशिफल 



मेष ---आज का दिन सामान्य है। किसी बात को लेकर भाइयों के बीच तनाव हो सकता है। परिवार में अस्थिरता का वातावरण रहेगा। माता का सहयोग प्राप्त होगा। धन संबंधी कार्यों में परेशानियां आएगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रक्त संबंधी परेशानी आ सकती है। अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाए रखें। जीवनसाथी से विवाद होने के संकेत मिलते हैं। ससुराल पक्ष में कोई धार्मिक कार्य संपन्न हो सकता है।


वृष ------आज का दिन शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा। रुके हुए कार्य पूर्ण होने के संकेत हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। अति आत्मविश्वास में किसी को अपशब्द ना कहें, किसी का अपमान ना करें, क्योंकि इससे आपका भाग्य कमजोर होगा और आपके कार्य बिगड़ सकते हैं। छोटे भाई-बहन का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा एवं परिवार में भी सम्मान मिलेगा।


मिथुन ----आज का दिन सामान्य है। मन में अस्थिरता बनी रहेगी। कार्य करने में रुचि नहीं होगी एवं कार्यों में अनिर्णय की स्थिति बनेगी। परिवार में विवाद होने की स्थिति है। वाणी पर नियंत्रण रखें, आपके कठोर बोलने से आप के बने हुए कार्य बिगड़ सकते हैं। पिता से मतभेद हो सकते हैं। कार्य क्षेत्र में पिता यदि उचित सलाह दें तो उसे अवश्य मानें, नहीं मानने पर बड़ा नुकसान संभव है।


कर्क ----आज का दिन शुभ है। मन में विश्वास बना रहेगा। कार्यों को आत्मविश्वास पूर्ण करने से सभी कार्य में सफलता मिलेगी। शत्रुओं के इरादे कमजोर पड़ेंगे। जीवनसाथी से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से विचार-विमर्श में किसी प्रकार का विवाद ना करें। नई योजनाएं सफल होगी।


सिंह -----आज का दिन शुभ नहीं है। मन में अनिर्णय की स्थिति बनेगी। कार्य करने में आत्मविश्वास की कमी महसूस होगी। माता के विचारों का सम्मान करें एवं विवाद ना करें। हड्डी, जोड़ो एवं पैर के निचले हिस्से में कोई परेशानी हो सकती है। कार्य क्षेत्र में दी गई पिता की सलाह का सम्मान करें।



कन्या---- आज का दिन शुभ है। मन में प्रसन्नता रहेगी एवं सभी परिस्थितियों में सही निर्णय ले पाएंगे। सफलता मिलने के कारण मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। धन में स्थायित्व प्राप्त होगा। स्थायी संपत्ति के अच्छे योग बनते हैं एवं नौकरी में पदोन्नति होने के योग बनते हैं।


तुला -----आज का दिन सामान्य है। मन में तनाव रहेगा। कार्य करने में ऊर्जा की कमी महसूस होगी। सही निर्णय न ले पाने की वजह से कार्य करने के प्रति उदासीनता रहेगी। धन संबंधी परेशानी रहेगी। भाइयों से किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पिता में आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। पिता की सलाह का सम्मान करें।



वृश्चिक----- आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। मन प्रसन्न रहेगा एवं दिमाग सक्रिय रहेगा। कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी एवं पुरानी बनाई हुई योजनाओं का क्रियान्वयन करने में लग जाएंगे। समाज एवं घर परिवार से बहुत सम्मान प्राप्त होगा। नौकरी वाले लोगों की पदोन्नति होने के योग हैं। व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी एवं प्रभुत्व बढ़ेगा। धन संबंधी समस्या हल होगी।


धनु--- आज का दिन शुभ नहीं है। मन में नकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे। जीवनसाथी से किसी बात को लेकर मतभेद हो सकता है। परिवार में किसी समस्या को लेकर मन उदास रहेगा। भाग्य कमजोर रहने से कार्य आगे टल जाएंगे। किसी धार्मिक कार्य में धन खर्च होने के योग हैं। भाई-बहनों के ग्रह अभी अधिक प्रभावशाली है।



मकर ---आज का दिन शुभ है। मन में आत्मविश्वास बना रहेगा। आत्मविश्वास पूर्वक कार्य करने से सफलता मिलेगी एवं मन प्रसन्न रहेगा। भाइयों द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी के द्वारा सही सलाह मिलने पर सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। आय के साधन मजबूत होंगे। घर परिवार से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।


कुंभ ----आज का दिन सामान्य है। मन में कुछ और स्थिरता रहेगी। कार्य करने में कुछ अधिक ऊर्जा महसूस होगी। सारे क्षेत्र में पहले की तरह ही कार्य सुचारू रूप से करते रहेंगे। परंतु कुछ मन में अस्थिरता रहेगी। संतान के ग्रह वर्तमान में अधिक प्रभावशाली होने के कारण संतान से वैचारिक मतभेद होते रहेंगे। परंतु स्वयं के विवेक बुद्धि का उपयोग करते हुए संतान से सामंजस्य बनाकर रखें।


मीन---- आज का दिन शुभ है। माता का आशीर्वाद पूर्ण रूप से बना रहेगा। धन संबंधी कार्य पूर्ण होंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में सम्मान बढ़ेगा। संतान को सफलता प्राप्त होने से मन में हर्ष की अनुभूति होगी। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकेंगे। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ह्रदय संबंधी परेशानी हो सकती है।


दैनिक जीवन में आदतों का महत्व

स्वस्थ जीवनशैली को कुछ समय की जरूरत है। हालांकि यह पहले की पीढ़ियों के लिए आसान था, लेकिन इन दिनों लोगों को तेजी से भागती जिंदगी के कारण इसका पालन करना कठिन लगता है। लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं, कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के अलावा सब कुछ कर रहे हैं। यह समय है कि हमें अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना चाहिए। कुछ स्वस्थ आदतें आपको समय पर स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने में मदद कर सकती हैं।


स्वस्थ आदतें जिनका पालन करना चाहिए:


एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करें: जब आप एक स्वस्थ जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं तो एक स्वस्थ आहार योजना का अत्यधिक महत्व है। एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करना शुरू करें जिसमें सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं और जंक फूड से स्पष्ट हैं।


जल्दी उठो: ज्यादातर लोग व्यायाम करने में असमर्थ होते हैं, सुबह का नाश्ता करते हैं और अपने प्रियजनों के साथ कुछ गुणवत्ता के क्षण बिताते हैं क्योंकि वे समय पर नहीं उठते हैं। प्रत्येक सुबह जल्दी उठने की आदत बनाएं ताकि आपके पास इन सभी कार्यों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय हो।


व्यायाम करें: अपनी पसंद के शारीरिक व्यायाम में लिप्त होने के लिए प्रत्येक दिन कम से कम आधे घंटे का समय निकालें। आप टहलने, तैरने, योग का अभ्यास करने, गहरी सांस लेने या ऐसा कोई भी काम करना चुन सकते हैं जिसमें आपकी रुचि हो। यह डी-स्ट्रेसिंग में मदद करता है।


समय पर सोएं: चूंकि आपको जल्दी उठना है, इसलिए समय पर सोना जरूरी है। आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।


अपना मोबाइल एक तरफ रखें: आपको उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम करते समय अपने फोन को अलग रखने की आदत डालनी चाहिए। जब आप घर पर हों तो अपने फोन को कुछ दूरी पर रखें और अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। मोबाइल फोन द्वारा उत्सर्जित किरणें हानिकारक होती हैं, इस प्रकार इसे दूर रखने का सुझाव दिया जाता है विशेषकर जब आप रात को सोते हैं।


सकारात्मक मन से जुड़ें: ऐसे लोगों से दोस्ती करना हमेशा अच्छा होता है जो आपके जीवन में सकारात्मकता लाते हैं और उन लोगों से दूर रहते हैं जो नकारात्मक बातों में लिप्त रहते हैं। इसके अलावा उन लोगों के साथ मेलजोल बढ़ाएं जो नियमित रूप से स्वस्थ जीवन शैली का पालन करते हैं, जो नियमित रूप से धूम्रपान या शराब पीने जैसी अस्वस्थ आदतों में लिप्त होते हैं।


समय पर आहार लें: स्वस्थ आहार योजना का पालन करना जितना महत्वपूर्ण है, समय पर भोजन करना भी उतना ही आवश्यक है। सुनिश्चित करें कि आप अपने नाश्ते या दिन के किसी अन्य भोजन को नहीं छोड़ते हैं और अपने भोजन को सही अंतराल पर करते हैं। यह भी सुझाव दिया जाता है कि तीन बड़े वाले होने के बजाय दिन में 5-6 छोटे भोजन करें।


अपनी रुचि का पालन करें: हम में से अधिकांश इन दिनों अपने काम में इतने तल्लीन हैं कि हम अपने हितों और शौक का पालन करने के लिए समय निकालना भूल जाते हैं। अपने शौक का पालन करने के लिए कुछ समय में निचोड़ करना अच्छा होता है जैसे बागवानी, पढ़ना, लिखना या अपनी पसंद का कुछ भी। ये अस्वास्थ्यकर आदतों के लिए एक अच्छा प्रतिस्थापन के रूप में कार्य करते हैं और खाड़ी में तनाव को बनाए रखने में भी मदद करते हैं।


(यूए)


ब्रह्म परतत्व (ऋग्वेद)


ब्रह्म - वेद का पाठक अथवा ब्रह्म परमात्मा का ज्ञाता।


ऋग्वेद की अपेक्षा अन्य संहिताओं में यह साधारण प्रयोग का शब्द हो गया था, जिसका अर्थ पुरोहित है। ऋग्वेद के 'पुरुषसूक्त' (10.90) में वर्णों के चार विभाजन के सन्दर्भ में इसका जाति के अर्थ में प्रयोग हुआ है। वैदिक ग्रन्थों में यह वर्ण क्षत्रियों से ऊँचा माना गया है। राजसूय यज्ञ में ब्राह्मण क्षत्रिय को कर देता था, किन्तु इससे शतपथ ब्राह्मण में वर्णित ब्राह्मण की श्रेष्ठता न्यून नहीं होती। इस बात को बार-बार कहा गया है कि क्षत्रिय तथा ब्राह्मण की एकता से ही सर्वागींण उन्नति हो सकती है। यह स्वीकार किया गया है कि कतिपय राजन्य एवं धनसम्पन्न लोग ब्राह्मण को यदि कदाचित दबाने में समर्थ हुए हैं, तो उनका सर्वनाश भी शीघ्र ही घटित हुआ है। ब्राह्मण पृथ्वी के देवता ('भूसुर') कहे गये है, जैसे कि स्वर्ग के देवता होते हैं। ऐतरेय ब्राह्मण में ब्राह्मण को दान लेने वाला (आदायी) तथा सोम पीने वाला (आपायी) कहा गया है। उसके दो अन्य विरूद 'आवसायी' तथा 'यथाकाम-प्रयाप्य' का अर्थ अस्पष्ट है। पहले का अर्थ सब स्थानों में रहने वाला तथा दूसरे का आनन्द से घूमने वाला हो सकता है।[3]



पाणिनि काल में ब्राह्मण
कात्यायन ने चार वर्णों के भाव या कर्म को चातुर्वर्ण्य कहा है।[4] आनुपूर्वी क्रम से चारों वर्णों के लिये 'ब्राह्मणक्षत्रियविट् शूद्रा:' यह समस्त पद प्रयुक्त होता था।[5] पाणिनि ने 'ब्रह्मन्' और 'ब्राह्मण' दोनों शब्दों को पर्याय रूप में प्रयुक्त किया है। ब्रह्मन् के लिए हितकारी इस अर्थ में ब्रह्मण्य पद बनता था।[6] पतंजलि ने इसका अर्थ 'ब्राह्मणेभ्य: हितम्' किया है। उनका कहना है कि ब्रह्मन् और ब्राह्मण पर्यायवाची हैं।[7], किंतु यत् प्रत्यय ब्रह्मन शब्द से ही होता है, ब्राह्मण से नहीं। ज्ञात होता है कि पाणिनि-काल में ब्रह्मन शब्द ब्रह्मणोचित अध्यात्मिक गुण-सम्पत्ति के लिए प्रयुक्त होता था और ब्राह्मण जन्म पर आश्रित जाति के लिए। ब्राह्मण के भाव (आदर्श) और कर्म (आचार) के लिये ब्राह्मण्य पद सिद्ध किया गया है।[8] नाम मात्र के आचारहीन ब्राह्मण 'ब्रह्मबंधु' कहलाते थे। ऐतरेय ब्राह्मण, छन्दोग्य उपनिषद, श्रौतसूत्र एवं गृह्यसूत्रों में 'ब्रह्मबंधु' शब्द पाया जाता हैं। सूत्र 6।3।44 की काशिका वृत्ति में उदाहृत 'ब्रह्मबंधुतर' और 'ब्रह्मबंधुतम' प्रयोग बताते हैं कि 'ब्रह्मबंधु' पद के पीछे कुत्सा परक व्यंग्य की कई कोटियाँ थीं। पाणिनि के समय में केवल जाति का अभिमान करने वाले कर्म-विहीन ब्राह्मणों के लिए ब्रह्मबंधु की तरह 'ब्राह्मणजातीय' यह नया विशेषण भी प्रचलित हो गया था।[9]


जनपदों के अनुसार ब्राह्मणों के नाम
'ब्रह्मणो जानपदाख्यायां'[10] सूत्र से ज्ञात होता है कि भिन्न-भिन्न देशों में बस जाने के कारण ब्राह्मणों के अलग-अलग नामों की प्रथा चल पड़ी थी। कंबोज जनपद से लेकर कलिंग-अश्मक-कच्छ-सौवीर जनपदों तक फैले हुए विस्तृत प्रदेश में ब्राह्मण फैल चुके थे। स्वभावत: पृथक्-पृथक् भूखंडों के अनुसार उनके अलग नाम भी पड़े होंगे। काशिका में सुराष्ट्र ब्रह्म (सुराष्ट्रेषु ब्रह्म) और अवंति ब्रह्मा ( अवंतिषु ब्रह्मा) ये दो उदाहरण हैं। अवंतिब्रह्म मालव ब्राह्मणों के पूर्ववर्ती थे, क्योंकि उज्जयिनी के साथ शब्द का सम्बंध गुप्त काल के लगभग आरम्भ हुआ। इसी प्रकार गुजराती और कच्छी ब्राह्मणों के पूर्ववर्ती सुराष्ट्र के ब्राह्मण रहे होंगे। जनपदों के अनुसार नाम पड़ने के कारण ब्राह्मणों के पंचगौड़ और पंचद्राविड़ दो मुख्य भेद कालांतर में प्रसिद्ध हुए।


वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)

वित्त मंत्रालय की मंसा (संपादकीय)
भारत गणराज्य में लिए गए निर्णय के लिए सरकार उत्तरदायी है ! सरकार का प्रत्येक फैसला न्याय उचित एवं संविधान- संगत होना चाहिए! जनता को समृद्ध सूचनाएं प्राप्त होनी चाहिए! राष्ट्रीय विकास और निर्माण की सामान्य जानकारी जनता को समय-समय पर मिलती रहनी चाहिए !
लोकतंत्र की स्वायत्तता के लिए यह जरूरी है! लेकिन वित्त मंत्रालय की मंशा कुछ ठीक नहीं है! वित्त मंत्रालय को किससे और क्यों पर्दा चाहिए ? पारदर्शिता को खत्म करने की साजिश क्यों रची जा रही है? बजट से आम जनता खफा है! जनता भी आपकी है और बजट भी आपकी ही सरकार का है! यदि बजट में जनता कहीं विरोध कर रही है, तो सरकार को जनता या विरोधियों की समस्या का समाधान तलाशना चाहिए! पत्रकारों को वित्त मंत्रालय से दूर रखने से कोई हल होने वाला नहीं है ! जो पत्रकार इसके विरोध में कार्य कर रहे हैं! जो जनता के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं !वे पीछे नहीं हटते हैं ,वह वास्तव में लड़ते रहेंगे और वास्तविकता की तह तक जाएंगे! आखिर वित्त मंत्रालय को वह कौन सी समस्या है? जो पत्रकारों पर खींज रहा है ! पत्रकारों को रात्रि भोज में जाकर वित्त मंत्रालय की मंसा को भापने का प्रयास करना था! बहिष्कार केवल तिरस्कारी गई नीतियों का करना चाहिए ! यह संबंध की खाई को चोडी करने के समान है ! जो हमारे कर्तव्य के विरुद्ध हो सकता है! इसमें हमारे स्वार्थ जुड़े हो,लेकिन हमें अपने कर्तव्य की सार्थकता का अनुसरण करना ही होगा! इसके विपरीत वित्त मंत्रालय की मंशा और अवस्था को जानना और समझना होगा! वित्त मंत्रालय में ऐसा क्या अनैतिक हो रहा है, जो छुपाया जा रहा है! ऐसी कौन सी सूचना है, जिसके सार्वजनिक हो जाने का भय वित्त मंत्रालय को सता रहा है ! जनता से क्या छुपाना चाहता है वित्त मंत्रालय !यह सभी के लिए जाना आवश्यक बनता जा रहा है ! वित्त मंत्रालय को इसका जवाब देना ही होगा!


 राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'


शनिवार, 13 जुलाई 2019

प्रधानमंत्री मोदी सितंबर में अमेरिका का दौरा करेंगे

सितंबर में अमेरिका जाएंगे PM मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा को दोबारा कर सकते हैं संबोधित



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में अमेरिका का दौरा करेंगे।


नई दिल्ली ! जहां वो संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) में शामिल होंगे।माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एकबार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर सकते हैं। यह दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) की पहली बैठक है। इससे पहले 2014 में भी पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। अपने दूसरे कार्यकाल में यह पीएम मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी। वह 2015 में वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क गए थे।सके अलावा वहां वे संयुक्‍त राष्‍ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस द्वारा आयोजित किए जाने वाले जलवायु कार्रवाई सम्‍मेलन (क्‍लाइमेट एक्‍शन समिट) में हिस्‍सा लेंगे। इस दौरान वे ह्यूस्‍टन में भारतीय समुदाय को भी संबोधित कर सकते हैं।


गुटेरस द्वारा जलवायु सम्‍मेलन का आयोजन 23 सितंबर को किया जाएगा। जलवायु सम्‍मेलन में उनके हिस्‍सा लेने की योजना उनके आगामी दौरे की लिस्‍ट में सूचिबद्ध है लेकिन ह्यूस्‍टन मीटिंग के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। पीएम मोदी न्‍यूयार्क में होने वाली संयुक्त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए 20-23 सितंबर को अमेरिका का दौरा करेंगे। इसके बाद वह ह्यूस्‍टन भी जाएंगे, वहां वे टेक्‍सास में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। वह वाशिंगटन डीसी जाएंगे या नहीं, इस बारे में कुछ भी स्‍पष्‍ट नहीं है, पर माना जा रहा है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के विभिन्‍न सत्रों से इतर पीएम मोदी की ट्रंप सहित दुनिया के कई देशों के नेताओं से मुलाकात होगी।


अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के दो शहरों शिकागो और ह्यूस्‍टन में भारतीय-अमेरिकी लोगों से मुलाकात कर सकते हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी जलवायु परिवर्तन पर 23 सितंबर को होने वाली संयुक्‍त राष्‍ट्र की विशेष बैठक से पहले ह्यूस्‍टन में होंगे और यूएन सत्र को संबोधित करने के लिए वह ह्यूस्‍टन से ही न्‍यूयार्क जाएंगे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार जब उन्‍होंने अमेरिका का दौरा किया था, तब भी न्‍यूयार्क के मेडिसन स्‍क्वायर पर भारी संख्‍या में लोगों की भीड़ जुटी थी। यहां तकरीबन 20,000 भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग जुटे थे, जिनमें भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर जबरदस्‍त उत्‍साह देखा गया।_


2010 की जनगणना के अनुसार, टेक्‍सास इस मामले में चौथे नंबर पर है जहां सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं। अपने विदेशी दौरे में वहां रह रहे भारतीय समुदाय से जुड़ने का मौका तलाशने वाले प्रधानमंत्री मोदी न्‍यू यार्क सैन जोस और वाशिंगटन में तीन बड़े भारतीय समुदायों से मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर उनका ये छठा अमेरिका दौरा होगा।


जीजेयू के वीसी का नियंत्रण हुआ फेल: हरियाणा

राणा ओबराय
जीजेयू के वीसी का नियंत्रण हुआ फेल*
जीजेयू द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा केंद्र एफसी कॉलेज केंद्र में आज फिर हुआ हंगामा" 85 बच्चों को नहीं मिला शिक्षा देने का अभी तक मौका!
हिसार ! जीजेयू द्वारा संचालित दूरस्थ शिक्षा परीक्षा केंद्र में आज फिर हुआ हंगामा" 85 बच्चों को नहीं मिला शिक्षा देने का अभी तक मौका! परीक्षार्थी और उनके माता पिता का आरोप है कि परीक्षा केंद्र के अधीक्षक और उनके स्टाफ ने उनके साथ धक्के मुक्की की और केंद्र से बाहर निकलने के लिए कहा। बच्चो के माता पिता ने इस दुर्व्यवहार का दोषी यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर टंकेशेवर सचदेवा को माना है। एक बच्चे की माता ने कहा जीजेयू के उपकुलपति का नियंत्रण।बिल्कुल ही फेल है।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...