शनिवार, 13 जुलाई 2019

स्वास्थ्य-शिक्षा शिविर में 470 मरीजों की जांच,दवा वितरित

अमरोहा-गजरौला ! वेंकटेश्वरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल  प्रबंधन के द्वारा गजरौला ब्लॉक के तिगड़ी गांव में निशुल्क बहुउद्देशीय स्वास्थ्य शिक्षा शिविर का आयोजन किया गया !


प्रबंधक डॉ राजीव त्यागी के द्वारा बताया गया, प्रबंधन का मूल उद्देश्य जनता को महत्‌वाक्षीं और स्वस्थ बनाना है! जिस में लंबे समय से प्रबंधन कार्य कर रहा है! समय-समय पर शिविर और कैंपों का आयोजन कर जनता से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं! ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शिविरों में आ सके और इस प्रयास का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें ! आयोजित शिविर कैंप में 470 मरीजों की जांच करने के बाद निशुल्क दवाइयां वितरण की गई ! इस बहुउद्देशीय स्वास्थ्य शिक्षा शिविर में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है, लोग लाभ भिंत हो रहे हैं ! जिसे हम सुचारू और संचालित करने का प्रयास करेंगे! स्वास्थ्य एवं शिक्षा शिविर में चिकित्सकों एवं मार्गदर्शक का धन्यवाद है !इसी तरह जनता के मार्गदर्शन का कार्य करते रहें


राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज ने किया उद्घाटन

राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला जज ने किया उद्घाटन


 



गोरखपुर। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय लोक अदालत दीवानी न्यायालय गोरखपुर में जनपद न्यायाधीश- अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोरखपुर गोविंद बल्लभ शर्मा के अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोरखपुर सचिव तारकेश्वरी सिंह की देखरेख में विधवत जिला जज ने उद्घाटन किया! इस मौके पर दीवानी न्यायालय के न्यायाधीश गण व अधिवक्ता संघ के मंत्री अजय कुमार शुक्ला उपस्थित रहे। जिला जज ने कहा कि अधिवक्ता व वादकारियों के बिना हम न्यायाधीश बेकार है हमारे दो बच्चे अधिवक्ता व वादकारी है! आज दोनों की संख्या नहीं के बराबर राष्ट्रीय लोक अदालत में है राष्ट्र के हित के कार्यों के-लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है !ताकि ज्यादा से ज्यादा वादकारियों का हित हो सके इस लिये सभी को आपसी विवादों को भूलकर एकजुट होकर राष्ट्रीय लोक अदालत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा वाद कार्यों का निस्तारण हो सके।


विधायक - सांसद ने सुनी जन समस्याएं

 गाजियाबाद- मोदीनगर! बागपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ श्री सत्यपाल सिंह एवं स्थानीय विधायक डॉ मंजू शिवाच  के द्वारा क्षेत्र का दौरा किया ! नगर पालिका स्थित सभागार में माननीय सांसद जी ने जनता दरबार लगाया ! जिसमें लगभग 150 शिकायत कर्ता सभागार में मौजूद रहे! माननीय सांसद से अपनी-अपनी शिकायत लेकर शिकायतकर्ता मिले !


जनता दरबार में विभाग के सभी अधिकारी मौजूद थे!  मौके पर सांसद के द्वारा लगभग 50 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही करवा  दिया गया ! और जो अन्य शिकायत रह गई थी भिन्न-भिन्न विभागों के अधिकारियों जैसे कि मोदीनगर के उप जिला अधिकारी तहसीलदार बिजली विभाग के एक्शन एसडीओ मोदीनगर थाना प्रभारी, निवाड़ी, भोजपुर एवं नगर पालिका के ईओ अनुज कौशिक को निस्तारण करने के लिए दे दिया और उन्होंने कहा कि 1 सप्ताह के अंदर सभी शिकायतों का निस्तारण हो जाना चाहिए! इस पर अधिकारियों ने समय रहते सभी समस्याओं का निस्तारण करने का आश्वासन दिया !


अंतरिक्ष उड़ान मिशन 'गगनयान' लक्ष्य की ओर

नई दिल्ली ! भारत और रूस ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन 'गगनयान' में सहायता देने सहित अंतरिक्ष के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को अगले स्तर तक बढ़ाने के लिए यहां उच्च-स्तरीय वार्ता की। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉस्मोस के महानिदेशक दिमित्री रोगोजिन ने गुरुवार को हुई बैठक में दोनों पक्षों का नेतृत्व किया!


विदेश मंत्रालय के एक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, 2022 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य रखने वाले गगनयान मिशन के ब्यौरों को अंतिम रूप देने के लिए दोनों अंतरिक्ष एजेंसियां लगातार संपर्क में हैं। बयान में कहा गया है कि रूस ने भारत के मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का वादा किया है ! गगनयान मिशन के लिए सहयोग से संबंधित जानकारियों पर चर्चा की। साथ ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भाग लेने को लेकर भारत को समर्थन देने की पेशकश भी की गई है।


उत्तर भारत में जमकर बरसात होगी

अब जमकर बरसेंगे मानसूनी बादल


नई दिल्ली ! इस महीने मानसून के पहले से बेहतर रहने की संभावना है। इसकी वजह है अल-नीनो का पिछले महीने से कमजोर होना। अमेरिकी मौसम एजेंसी के अनुसार यह अगले एक या दो महीने में गायब हो जाएगा। दरअसल, प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आए बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को अल-नीनो कहा जाता है।


इसके परिणाम स्वरूप समुद्र के सतह के जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका विस्तार 3 डिग्री दक्षिण से 18 डिग्री दक्षिण अक्षांश तक रहता है। इससे अमूमन भारतीय मानसून कमजोर हो जाता है। भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो की मौजूदगी से जून में मानसून पर प्रभाव पड़ा जिसमें 33 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।


पिछले महीने कमजोर अल-नीनो का मानसून के मौसम (सितंबर-अंत) और उसके बाद भी जारी रहने का अनुमान था। हालांकि क्लाइमेट प्रीडिक्शन सेंटर और अमेरीका की राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा बीते गुरुवार को जारी बयान के अनुसार पिछले महीने अल-नीनो काफी कमजोर हुआ है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मानसून पर छाई अल-नीनो की छाया अब घट रही है जो मानसून के लिए अच्छी खबर है।


(यूए)


प्रारब्ध क्या है ? ( अध्यात्म)

आध्यात्मिक चिकित्सा एक समग्र उपचार पद्धति (भाग 25)
प्रारब्ध का स्वरूप एवं चिकित्सा में स्थान


प्रारब्ध के सुयोग- दुर्योग जीवन में सुखद- दुःखद परिस्थितियों की सृष्टि करते हैं। प्रारब्ध का सुयोग उदय होने से अनायास ही सुख- सौभाग्य एवं स्वास्थ्य की घटाएँ छा जाती है। जबकि कहीं यदि प्रारब्ध का दुर्योग उदय हुआ तो जीवन में दुःख- दुर्भाग्य एवं रोग- शोक की घटाएँ घिरने लगती हैं। मानव जीवन में प्रारब्ध का यह सिद्धान्त भाग्यवादी कायरता नहीं बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि की सूक्ष्मता व पारदर्शिता है। यह ऐसा सच है जिसे हर पल- हर क्षण सभी अनुभव करते हैं। सुख- दुःख के हिंडोले में झूलते हुए इनमें से कुछ इस सच्चाई को पारम्परिक रूप से स्वीकारते हैं। जबकि कई अपनी बुद्धिवादी अहमन्यता के कारण इसे सिरे से नकार देते हैं। थोड़े से तपस्वी एवं विवेकी लोगों को आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त होती है, वे इस सूक्ष्म सत्य को साफ- साफ देख पाते हैं। इसे पूरी पारदर्शिता के साथ अनुभव करते हैं।


जिन्हें यह अनुभूति होती है और हो रही है वे इस सम्बन्ध में सभी के सभी तरह के सवालों का जवाब देने में सक्षम हैं। ज्यादातर जनों की जिज्ञासा होती है- प्रारब्ध है क्या? तो इसका सरल समाधान है- प्रारब्ध का अर्थ है- परिपक्व कर्म। हमारे पूर्वकृत कर्मों में जो जब जिस समय परिपक्व हो जाते हैं, उन्हें प्रारब्ध की संज्ञा मिल जाती है। यह सिलसिला कालक्रम के अनुरूप चलता रहता है। इसमें वर्ष भी लगते हैं और जन्म भी। कई बार क्रिया भाव में और विचारों का इतना तीव्रतम संयोग होता है कि वे तुरन्त, प्रारब्ध कर्म का रूप ले लेते हैं। और अपना फल प्रकट करने में सक्षम सिद्ध होते हैं। ये पंक्तियाँ अपने पाठकों को थोड़ा अचरज में डाल सकती है।किन्तु यह सभी तर्कों से परे अनुभूत सत्य है। आध्यात्मिक चिकित्सा में प्रारब्ध के स्वरूप एवं सिद्धान्त को समझना बहुत महत्त्वपूर्ण है।


इस क्रम में सबसे प्रथम बिन्दु यह है कि हमारे द्वारा किया जाने वाला प्रत्येक कर्म अविनाशी है। यह अच्छा हो या बुरा समयानुसार परिपक्व होकर प्रारब्ध में बदले बिना नहीं रहेगा। और प्रारब्ध का अर्थ ही है वह कर्म जिसका फल भोगने से हम बच नहीं सकते। इसे सामान्य जीवन क्रम के बैंक और उसके फिक्स डिपॉजिट के उदाहरण से समझा जा सकता है। हम सभी जानते हैं कि बैंक में अपने धन को निश्चित समय अवधि में जमा करने की प्रथा है।


इस प्रक्रिया में अलग- अलग जमा पूंजी एक निश्चित अवधि में डेढ़ गुनी- दो गुनी हो जाती है। इस प्रकार बैंक में हम अपने ढाई हजार रुपये जमा करके पांच साल में पांच हजार पाने के हकदार हो जाते हैं।


बस यही प्रक्रिया कर्मबीजों की है- जो जीवन चेतना की धरती पर अंकुरित, पल्लवित और पुष्पित होकर अपना फल प्रकट करने की स्थिति में आते रहते हैं। कौन कर्म किस समय फल बनकर सामने आएगा? इसमें कई कारक क्रियाशील होते हैं। उदाहरण के लिए सबसे पहले कर्म की तीव्रता क्या है? कितनी है? ध्यान देने की बात यह है कि प्रत्येक क्रिया कर्म नहीं होती। जो हम अनजाने में करते हैं, जिसमें हमारी इच्छा या संकल्प का योग नहीं होता, उसे कर्म नहीं कहा जा सकता। इसका कोई सुफल या कुफल भी नहीं होगा। इसके विपरीत जिस क्रिया में हमारी इच्छा एवं संकल्प का सुयोग जुड़ता है, वह कर्म का रूप धारण करती है।और इसका कोई न कोई फल अवश्य होता है।


डॉ. प्रणव पण्ड्या


गुरुवार, 11 जुलाई 2019

देश की ही सीमा के भीतर


क्रिकेट में भारत की हार पर कश्मीर में जश्न।
ऐसे देशद्रोहियों को क्यों दी जा रही है रियायतें?

 जब क्रिकेट की विश्व कप प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में भारत की न्यूजीलैंड से हार हो गई तब पूरे देश में क्रिकेट प्रेमी मायूस थे, लेकिन वहीं हमारे कश्मीर में अनेक लोग जश्न मना रहे थे। श्रीनगर, पुलवामा आदि शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आए और भारत की हार पर जश्न मनाया। ऐसे देश द्रोहियों ने आतिशबाजी की और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। सवाल उठता है कि भारत की हार पर कश्मीर में जश्न क्यों मनाया गया? जाहिर है कि कश्मीर में ऐसे लोग रहते हैं जो हर समय अपने ही देश को नीचा दिखाने में लग रहते हैं। जबकि केन्द्र सरकार की ओर से कश्मीर में अनेक रियायतें दी जा रही है। कश्मीर घाटी के लोगों को संविधान में विशेष अधिकार भी मिले हुए हैं।


सवाल उठता है कि जब कश्मीर के लोग भारत विरोधी मानसिकता रखते हैं तो फिर उन्हें रियायतें क्यों दी जा रही है? सरकार को चाहिए कि ऐसी रियायतों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। मालूम हो कि पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर में अलगाववादी सक्रिय हैं जो हर समय भारत का विरोध करते हैं। हालांकि अब ऐसे अलगाववादियों की संख्या लगातार कम हो रही है और कश्मीर में अमन चैन चहाने वालों की संख्या बढ़ रही है। केन्द्र सरकार की नई और प्रभावी नीतियों की वजह से आतंकवादियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही हो रही है। अलगाववादियों के नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है। जिन नेताओं को पाकिस्तान से आर्थिक मदद मिल रही है उन पर कानून शिकंजा कसा गया है।
एस.पी.मित्तल


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...