शनिवार, 13 जुलाई 2019

उत्तर भारत में जमकर बरसात होगी

अब जमकर बरसेंगे मानसूनी बादल


नई दिल्ली ! इस महीने मानसून के पहले से बेहतर रहने की संभावना है। इसकी वजह है अल-नीनो का पिछले महीने से कमजोर होना। अमेरिकी मौसम एजेंसी के अनुसार यह अगले एक या दो महीने में गायब हो जाएगा। दरअसल, प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आए बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को अल-नीनो कहा जाता है।


इसके परिणाम स्वरूप समुद्र के सतह के जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका विस्तार 3 डिग्री दक्षिण से 18 डिग्री दक्षिण अक्षांश तक रहता है। इससे अमूमन भारतीय मानसून कमजोर हो जाता है। भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो की मौजूदगी से जून में मानसून पर प्रभाव पड़ा जिसमें 33 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।


पिछले महीने कमजोर अल-नीनो का मानसून के मौसम (सितंबर-अंत) और उसके बाद भी जारी रहने का अनुमान था। हालांकि क्लाइमेट प्रीडिक्शन सेंटर और अमेरीका की राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा बीते गुरुवार को जारी बयान के अनुसार पिछले महीने अल-नीनो काफी कमजोर हुआ है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मानसून पर छाई अल-नीनो की छाया अब घट रही है जो मानसून के लिए अच्छी खबर है।


(यूए)


प्रारब्ध क्या है ? ( अध्यात्म)

आध्यात्मिक चिकित्सा एक समग्र उपचार पद्धति (भाग 25)
प्रारब्ध का स्वरूप एवं चिकित्सा में स्थान


प्रारब्ध के सुयोग- दुर्योग जीवन में सुखद- दुःखद परिस्थितियों की सृष्टि करते हैं। प्रारब्ध का सुयोग उदय होने से अनायास ही सुख- सौभाग्य एवं स्वास्थ्य की घटाएँ छा जाती है। जबकि कहीं यदि प्रारब्ध का दुर्योग उदय हुआ तो जीवन में दुःख- दुर्भाग्य एवं रोग- शोक की घटाएँ घिरने लगती हैं। मानव जीवन में प्रारब्ध का यह सिद्धान्त भाग्यवादी कायरता नहीं बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि की सूक्ष्मता व पारदर्शिता है। यह ऐसा सच है जिसे हर पल- हर क्षण सभी अनुभव करते हैं। सुख- दुःख के हिंडोले में झूलते हुए इनमें से कुछ इस सच्चाई को पारम्परिक रूप से स्वीकारते हैं। जबकि कई अपनी बुद्धिवादी अहमन्यता के कारण इसे सिरे से नकार देते हैं। थोड़े से तपस्वी एवं विवेकी लोगों को आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त होती है, वे इस सूक्ष्म सत्य को साफ- साफ देख पाते हैं। इसे पूरी पारदर्शिता के साथ अनुभव करते हैं।


जिन्हें यह अनुभूति होती है और हो रही है वे इस सम्बन्ध में सभी के सभी तरह के सवालों का जवाब देने में सक्षम हैं। ज्यादातर जनों की जिज्ञासा होती है- प्रारब्ध है क्या? तो इसका सरल समाधान है- प्रारब्ध का अर्थ है- परिपक्व कर्म। हमारे पूर्वकृत कर्मों में जो जब जिस समय परिपक्व हो जाते हैं, उन्हें प्रारब्ध की संज्ञा मिल जाती है। यह सिलसिला कालक्रम के अनुरूप चलता रहता है। इसमें वर्ष भी लगते हैं और जन्म भी। कई बार क्रिया भाव में और विचारों का इतना तीव्रतम संयोग होता है कि वे तुरन्त, प्रारब्ध कर्म का रूप ले लेते हैं। और अपना फल प्रकट करने में सक्षम सिद्ध होते हैं। ये पंक्तियाँ अपने पाठकों को थोड़ा अचरज में डाल सकती है।किन्तु यह सभी तर्कों से परे अनुभूत सत्य है। आध्यात्मिक चिकित्सा में प्रारब्ध के स्वरूप एवं सिद्धान्त को समझना बहुत महत्त्वपूर्ण है।


इस क्रम में सबसे प्रथम बिन्दु यह है कि हमारे द्वारा किया जाने वाला प्रत्येक कर्म अविनाशी है। यह अच्छा हो या बुरा समयानुसार परिपक्व होकर प्रारब्ध में बदले बिना नहीं रहेगा। और प्रारब्ध का अर्थ ही है वह कर्म जिसका फल भोगने से हम बच नहीं सकते। इसे सामान्य जीवन क्रम के बैंक और उसके फिक्स डिपॉजिट के उदाहरण से समझा जा सकता है। हम सभी जानते हैं कि बैंक में अपने धन को निश्चित समय अवधि में जमा करने की प्रथा है।


इस प्रक्रिया में अलग- अलग जमा पूंजी एक निश्चित अवधि में डेढ़ गुनी- दो गुनी हो जाती है। इस प्रकार बैंक में हम अपने ढाई हजार रुपये जमा करके पांच साल में पांच हजार पाने के हकदार हो जाते हैं।


बस यही प्रक्रिया कर्मबीजों की है- जो जीवन चेतना की धरती पर अंकुरित, पल्लवित और पुष्पित होकर अपना फल प्रकट करने की स्थिति में आते रहते हैं। कौन कर्म किस समय फल बनकर सामने आएगा? इसमें कई कारक क्रियाशील होते हैं। उदाहरण के लिए सबसे पहले कर्म की तीव्रता क्या है? कितनी है? ध्यान देने की बात यह है कि प्रत्येक क्रिया कर्म नहीं होती। जो हम अनजाने में करते हैं, जिसमें हमारी इच्छा या संकल्प का योग नहीं होता, उसे कर्म नहीं कहा जा सकता। इसका कोई सुफल या कुफल भी नहीं होगा। इसके विपरीत जिस क्रिया में हमारी इच्छा एवं संकल्प का सुयोग जुड़ता है, वह कर्म का रूप धारण करती है।और इसका कोई न कोई फल अवश्य होता है।


डॉ. प्रणव पण्ड्या


गुरुवार, 11 जुलाई 2019

देश की ही सीमा के भीतर


क्रिकेट में भारत की हार पर कश्मीर में जश्न।
ऐसे देशद्रोहियों को क्यों दी जा रही है रियायतें?

 जब क्रिकेट की विश्व कप प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में भारत की न्यूजीलैंड से हार हो गई तब पूरे देश में क्रिकेट प्रेमी मायूस थे, लेकिन वहीं हमारे कश्मीर में अनेक लोग जश्न मना रहे थे। श्रीनगर, पुलवामा आदि शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आए और भारत की हार पर जश्न मनाया। ऐसे देश द्रोहियों ने आतिशबाजी की और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। सवाल उठता है कि भारत की हार पर कश्मीर में जश्न क्यों मनाया गया? जाहिर है कि कश्मीर में ऐसे लोग रहते हैं जो हर समय अपने ही देश को नीचा दिखाने में लग रहते हैं। जबकि केन्द्र सरकार की ओर से कश्मीर में अनेक रियायतें दी जा रही है। कश्मीर घाटी के लोगों को संविधान में विशेष अधिकार भी मिले हुए हैं।


सवाल उठता है कि जब कश्मीर के लोग भारत विरोधी मानसिकता रखते हैं तो फिर उन्हें रियायतें क्यों दी जा रही है? सरकार को चाहिए कि ऐसी रियायतों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। मालूम हो कि पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर में अलगाववादी सक्रिय हैं जो हर समय भारत का विरोध करते हैं। हालांकि अब ऐसे अलगाववादियों की संख्या लगातार कम हो रही है और कश्मीर में अमन चैन चहाने वालों की संख्या बढ़ रही है। केन्द्र सरकार की नई और प्रभावी नीतियों की वजह से आतंकवादियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही हो रही है। अलगाववादियों के नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है। जिन नेताओं को पाकिस्तान से आर्थिक मदद मिल रही है उन पर कानून शिकंजा कसा गया है।
एस.पी.मित्तल


मोहम्मद शमी तू बहुत याद आया (व्यंगात्मक)

मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
लेकिन  कमअक्ल ने तुझको नही खिलाया
........
आँखें सभी की दुआ से भरी थी।
मैदान मे बस तेरी ही कमी थी।
तेरे बगैर आज कुछ भी काम न आया
...........
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
लेकिन  कम अक्ल ने तुझको नही खिलाया
..........
तेरा खेल कोहली सबको पसंद था
रोहित राहुल पे सभी को घमंड था
जब हेनरी और बोल्ट ने तीनों को रस्ता दिखाया
.........
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
लेकिन कम अक्ल ने तुझको नही खिलाया
.........
विलियम्सन और टेलर ना सबको सताते
अगर तू जो होता वो ज़ीरो पे जाते
जडेजा पे उसने जब टेलर ने छक्का लगाया
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मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
लेकिन कमअक्ल ने तुझको नही खिलाया
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मौका जब भी तुझको मिला था
काम पूरा करके टीम को दिया था
मगर फिर भी कोहली का दिमाग सटियाया
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मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
मोहम्मद शमी तु बहुत याद आया
मगर कम अक्ल ने तुझे न खिलाया


✍🏻 डॉक्टर ज़बबार अंसारी


बारहवीं के लिए बाहर नहीं जाना होगा: स्वास्थ्य मंत्री

संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! जिले के कांडी प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय लमारी कला में बुधवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने नव पदस्थापित शिक्षकों को माला पहनाकर सम्मानित किया! इस दौरान संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि यहां के बच्चों की सहूलियत के लिए मैंने 2007 ई. में इस विद्यालय को मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में उत्क्रमित कराया था ताकि यहां के गरीब-गुरबा के बच्चे व बच्चियां जो 7-8 किमी दूर कांडी व गरदाहा नही जा पाने के कारण पढ़ाई छोड़ देते थे, वे पढ़ सकें!आज इस विद्यालय में एक हजार बच्चे पढ़ते हैं! पारा शिक्षकों के भरोसे विगत ग्यारह वर्षों से उच्च विद्यालय के बच्चों को पढ़ाया जा रहा था! झारखंड सरकार द्वारा वृहद पैमाने पर हाई स्कूल के शिक्षकों की बहाली की गई है ताकि बच्चों को सभी विषयों की पढ़ाई एक्सपर्ट द्वारा करायी जा सके! मंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों को शुभकामनाओं के साथ नशीहत देते हुए कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने में कोताही न बरतें.बच्चों का भविष्य आपके उपर ही टीका हुआ है! मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि अगले वर्ष उत्क्रमित उच्च विद्यालय को अपग्रेड कर +2 कर दिया जाएगा ताकि इस क्षेत्र की लड़कियों को कांडी न जाना पड़े!
बतातें चलें कि मध्य विद्यालय लमारी कला को 2007 ई. में ही अपग्रेड कर उच्च विद्यालय कर दिया गया था. तब से यह विद्यालय पारा शिक्षकों के भरोसे चलता था ! 2015 ई. में उच्च विद्यालय को एक शिक्षक मिला था किन्तु बहुत जल्द उक्त शिक्षक को हटा लिया गया था! फिलहाल उच्च विद्यालय लमारी कला में भूगोल विषय के लिए नृपेंन्द्र कुमार सिंह, विज्ञान के लिए दयानंद यादव,उर्दू के लिए नौशाद आलम, अंग्रेजी के लिए कमलेश कुमार राम,गणित के लिए ललन राम व हिन्दी के लिए शैलेन्द्र कुमार यादव की पदस्थापना की गई है! इसे लेकर विद्यालय के बच्चे व बच्चियां, शिक्षकों सहित ग्रामीणों में काफी खुशी है!
मौके पर मंत्री प्रतिनिधि ललित बैठा, विधायक प्रतिनिधि अजय सिंह, रविन्द्र चंद्रवंशी, विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक रविंद्र कुमार चौबे, सहायक शिक्षक लक्ष्मी राम,अनुप सिंह, बिरेन्द्र पासवान,प्रवीण कुमार सिंह, सत्येन्द्र मिश्र सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे!


आपदा प्रबंधन को लेकर की बैठक : गोरखपुर

आपदा तैयारी बैठक संपन्न


गोरखपुर।आपदा की तैयारी बैठक जिलाधिकारी सभागार में अपर जिलाधिकारी वित्त विधान जयसवाल की अध्यक्षता में हुआं की अट्ठारह जुलाई को विद्वत मार्क डील करके आपदा से बचने के लिए बताया जायेगा बैठक में एडीएम सिटी राकेश कुमार श्रीवास्तव ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रथमेश कुमार ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सरनीत कौर एसडीएम चौरीचौरा त्रिवेणी प्रसाद वर्मा एसडीएम कैंपियरगंज मनोज तिवारी एसडीएम खजनी विपिन कुमार एसडीएम बांसगांव अरुण कुमार मिश्रा एसडीएम गोला अरुण सिंह सदर तहसीलदार डॉक्टर संजीव दिक्षित एनडीआरएफ की टीम तैयारी बैठक में मौजूद रही!


किसानों के हित के लिए लगाए शिविर : नोएडा

 सरकार के द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने एवं उनके हितार्थ चलाई जा रही हैं अनेक योजनाएं, इनका सभी किसानों तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जनपद में आयोजित किए जा रहे हैं शिविर


उत्तर प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी में एक महत्वपूर्ण योजना किसान क्रेडिट कार्ड है। जिसके माध्यम से किसान को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वह अपने खेती को आगे बढ़ा सकते हैं। जनपद में सरकार की इस योजना को मूर्त रूप प्रदान करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों के द्वारा वृहद स्तर पर कैंप आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि सभी किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा सके। इस क्रम में आज दादरी एवं जेवर विकासखंड में शिविर का आयोजन किया गया। जहां पर बड़ी मात्रा में किसानों के द्वारा प्रतिभाग करते हुए अपने-अपने किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की गई। इस अवसर का कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों के हित और अन्य योजनाओं के संबंध में भी किसानों का अवगत कराया गया और सभी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया।


राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी 


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...