20 हजार कर्मी हड़ताल पर, चरमराई बिजली व्यवस्था
कई सूत्रीय मांगों को लेकर संविदा कर्मी ईको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। अफसरों को संविदा कर्मी की बात सुनने का समय नहीं।
लखनऊ ! जिनके कंधों पर प्रदेश की बिजली व्यवस्था है, उन्हीं की बात सुनने के लिए न तो ऊर्जा मंत्री के पास समय है और न ही बिजली महकमे के बड़े अधिकारियों के पास। यही नहीं उत्तर प्रदेश पॅावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के संरक्षक व मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर की भी इनकी बात नहीं सुनी। ऐसे में यूपी के अलग-अलग जिलों से आए बीस हजार संविदा कर्मियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
रविवार की सुबह राजधानी सहित आसपास जिलों में तेज बारिश ने बिजली व्यवस्था चरमरा दी। राजाजीपुरम, कैम्पबेल रोड, उतरेठिया, अंबेडकर विवि उपकेंद्र व ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह छह बजे गई। बिजली दोपहर एक बजे तक नहीं आ सकी थी। कारण अभियंताओं के इशारे पर नाचने वाले संविदा कर्मी जो हड़ताल पर चले गए थे। ऐसे में सुबह से बिजली उपभोक्ताओं को बिजली व पानी के लिए परेशान होना पड़ा।
इस संबंध में जब मुख्य अभियंता ट्रांस गोमती प्रदीप कक्कड़ से बात की गई तो उन्होंने अपने क्षेत्र के संविदा कर्मियों के हड़ताल पर न जाने के बात कही। वहीं, सिस के मुख्य अभियंता मधुकर वर्मा ने स्वीकार किया कि संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से बिजली संकट को दुरुस्त करने में समय लग रहा है।
वहीं, कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि यह समय बिजली महकमे के बड़े अफसरों ने पैदा की है। संविदा कर्मियों का वेतन समय से नहीं मिलता, जो मिलता है उसमें से ई-पीएफ, ईएसआई में घोटाले हो रहे हैं। इसमें अभियंताओं की अनदेखी व मिलीभगत है!
शरद यादव