रविवार, 30 जून 2019

जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई

 


शामली ! आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता की जनहित याचिका पर कल हाईकोर्ट कर रहा है सुनवाई! आ सकता है बड़ा फैसला ! आपको बताते चलें कि मामला जनपद शामली के थानाक्षेत्र बाबरी के अंतर्गत आने वाले ग्राम भंदौड़ा की ग्राम सभा की विवादित भूमि जिसकी खसरा संख्या 530 है!
इसी ग्राम पंचायत की उक्त विवादित भूमि पर बीजेपी के थानाभवन विधानसभा से विधायक श्री सुरेश राणा उर्फ सुरेश कुमार ने फरवरी - मार्च 2016 को अपनी विधायक निधि से उक्त भूमि पर बारात घर बनाने को लेकर तकरीबन 16 लाख रुपये से ऊपर की धनराशि को स्वीकृति प्रदान करते हुए उपरोक्त मद में ग्रांट उपरोक्त बारात घर व गांव के दलित मंदिर में भी बारात घर के निर्माण के लिये जारी की थी ! जिसका स्थानीय स्तर से लेकर शासन स्तर तक गांव के ही आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने विरोध किया था! जब मामले में जिला प्रशासन शामली ने कोई संज्ञान नहीं लिया तब आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने उपरोक्त प्रकरण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में उक्त से सम्बंधित जनहित याचिका दाखिल कर दी! जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए शामली उपजिलाधिकारी को 8 हफ्तों के अंतर्गत याचिकाकर्ता कुलदीप शर्मा के प्रत्यावेदनों पर कड़ी कार्यवाही शुरू कर सम्बंधित निर्माण करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी नोटिस जारी करते हुए उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के सम्बंध में दिनांक 30 जून 2016 को आदेश पारित कर दिये !


उपरोक्त आदेशों का अनुपालन न किये जाने को लेकर याचिकाकर्ता ने पुनः हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना याचिका दाखिल कर दी जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जनपद शामली की सदर तहसील के तत्कालीन उपजिलाधिकारी श्री महेंद्रपाल सिंह को 23 सितम्बर 2016 को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर जवाब देने के लिए तलब कर लिया उपरोक्त प्रकरण तभी से हाईकोर्ट में विचाराधीन एवं लम्बित चला आ रहा था !उपरोक्त विवादित भूमि पर फरवरी - मार्च 2019 को जिला एवं पुलिस प्रशासन के कुछ भृष्ट अधिकारियों की मदद से पुनः उपरोक्त विवादित भूमि पर निर्माण कार्य को शुरू कर दिया गया !जिसमें याचिकाकर्ता ने जनपद स्तर से लेकर शासन स्तर तक उपरोक्त विवादित भूमि पर किसी भी प्रकार के कार्य को न कराने को लेकर प्रत्यावेदनों को प्रेषित कर कार्यवाही करने की गुहार लगाई गई! जो विफल रही ततपश्चात याचिकाकर्ता ने पुनः मामले में हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाते हुए मार्च 2019 के अंतिम सप्ताह में पुनः जनहित याचिका दाखिल कर दी! जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए जनपद शामली की सदर तहसील के एसडीएम और शामली के पुलिस अधीक्षक व डीएम सहित प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब करते हुए उनसे व्यक्तिगत तौर पर हाईकोर्ट के समक्ष पेश होकर उनको 2 सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के सम्बंध में दिनांक 9 अप्रैल 2019 को आदेश जारी कर दिये! जनहित याचिका पर पुनः सुनवाई करने के लिए जुलाई 2019 के पहले सप्ताह में तारीख तय करते हुए! याचिका की सुनवाई जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक के लिए स्थगित कर उपरोक्त आदेश जारी किए गए थे! जिसमें एक बार फिर हाईकोर्ट ने उपरोक्त प्रकरण की सुनवाई के लिये एक जुलाई की सुनवाई निश्चित की है!


भानु प्रताप उपाध्याय


उत्तर भारत में 3 तक आएगा मानसून

गर्मी से जुलाई में मिलेगी राहत : उत्तर भारत मे मानसून 1 से 3 जुलाई के बीच



गोरखपुर। मौसम विभाग के अनुसार एक से तीन जुलाई के बीच मानसून उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में छा जाएगा। इसके बाद बाकी बचे हिस्सों में भी मानसून जुलाई के पहले सप्ताह में पहुंच जाएगा। दिल्ली में छह या सात जुलाई तक मानसून के पहुंचने की उम्मीद मौसम विभाग व्यक्त कर रहा है।


मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने कहा कि अगले चौबीस घंटों के भीतर बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र बन रहा है। इसके विस्तारित होने की संभावना है जिसका असर मानसून की प्रगति पर पड़ेगा। इस सिस्टम से एक से तीन जुलाई के बीच मानसून मध्य भारत के करीब-करीब सभी इलाकों में छा जाएगा। साथ ही उत्तर-पश्चिमी राज्यों के भी ज्यादातर इलाकों को कवर कर लेगा। अभी मानसून भोपाल, जबलपुर, सुल्तानपुर से लेकर लखीमपुरी खीरी और मुक्तेश्वर तक पहुंच गया है। रमेश ने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों के दौरान मध्य भारत और पूर्व के हिस्से में मानसून सक्रिय है। बारिश अच्छी हो रही है। अब नए सिस्टम से इसे और गति मिलने की संभावना है।


अगला पड़ाव दिल्ली
दिल्ली के बारे में डॉ. रमेश ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दस्तक देने के बाद मानसून का अगला पड़ाव दिल्ली होता है। यदि तीन जुलाई तक मानसून पश्चिम उप्र में सक्रिय हो जाता है तो फिर अगले तो-तीन दिनों के भीतर यह दिल्ली भी पहुंच जाएगा।



34 फीसदी कम बारिश
मानसून में विलंब के कारण देश में अभी बारिश बहुत कम हुई है। पिछले सप्ताह तक यह कमी 43 फीसदी की थी। लेकिन शनिवार को यह घटकर 34 फीसदी रह गई। मध्य भारत में 36, पूर्वोत्तर में 35, उत्तर पश्चिम में 34 तथा दक्षिणी हिस्से में 30 फीसदी कम बारिश हुई है। मानसून का एक महीना बीतने को है। लेकिन अभी तक सिर्फ 104 मिमी बारिश हुई है जबकि यह 159 मिमी होनी चाहिए थी।


85 फीसदी भाग सूखे की चपेट में 
अब तक के आंकड़ों को देखें तो देश के 85 फीसदी हिस्से में जरूरी मानसूनी बारिश नहीं हुई है। सिर्फ 15 फीसदी हिस्से में ही जरूरत भर की बारिश हुई है। मौसम विभाग ने देश को 36 संभागों में बांटा है। इनमें से 31 संभागों में कम बारिश हुई है। जबकि पांच संभागों में ही सामान्य बारिश हो पाई है। 31 में से तीन संभाग ऐसे हैं जहां बारिश की कमी 60 फीसदी से भी ज्यादा दर्ज की गई है। जबकि जिन पांच संभागों में ठीक बारिश हुई है, उनमें से सिर्फ एक ऐसा है जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई है।


 


विकास कार्य नहीं होने से नराज पार्षदों का हंगामा


गोरखपुर नगर निगम में शनिवार को पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। कभी मेयर सीताराम जायसवाल की गाड़ी के नीचे लेटकर तो कभी जमकर नारेबाजी कर पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर विपक्षी दलों के पार्षदों के वार्डों की उपेक्षा का आरोप लगाया।


बाद में सपा के महानगर अध्‍यक्ष जियाउल इस्‍लाम और कुछ अन्‍य नेताओं की अगुवाई में पार्षदों ने नगर आयुक्‍त से विभिन्‍न मुद़दों पर बात भी की। नगर आयुक्‍त ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्‍वासन दिया लेकिन फिलहाल पार्षदों का गुस्‍सा शांत नहीं हुआ है। पिछले कई दिनों गोरखपुर के विभिन्‍न वार्डों में विकास न होने का आरोप लगाते हुए पार्षद आंदोलित हैं। शुक्रवार को ही कांग्रेसी पार्षद संजीव सिंह सोनू ने विकास कार्यों की अनदेखी पर आत्‍मदाह की चेतावनी दे दी थी। पार्षदों का दल अनशन पर भी बैठा है जिसका नेतृत्‍व सपा पार्षद विश्‍वजीत त्रिपाठी, कांग्रेस पार्षद संजीव सिंह सोनू और निर्दल पार्षद संजय यादव सहित कुछ गैर भाजपा पार्षद कर रहे हैं।


नाटक अंधेर नगरी का हुआ मंचन

कार्यशाला समापन के बाद नाटक अंधेर नगरी का होगा मंचन
गोरखपुर । प्रेमचंद साहित्य संस्थान व अलख कला समूह द्वारा आयोजित निशुल्क ग्रीष्मकालीन 17 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला का समापन हो रहा है! जिसमें भारतेंदु द्वारा लिखित व नाट्य प्रशिक्षक हर्षित मणि त्रिपाठी द्वारा निर्देशित नाटक 'अंधेर नगरी' का मंचन सांय 6:30 बजे से मुंशी प्रेमचंद पार्क में बने मुक्ताकाशी मंच पर होगा। विदित हो कि ए कार्यशाला विगत 17 दिन दिनांक -13 -06 -2019 से 29-06- 2019 तक स्थान- मुंशी प्रेमचंद साहित्य संस्थान ,मुंशी प्रेमचंद पार्क गोरखपुर में समय- सांय 4:30 बजे से 6:30 बजे तक लगातार चला।


जिसके प्रशिक्षक- हर्षित मणि त्रिपाठी (नाट्य प्रशिक्षणार्थी महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र ) रहे जिसमें कुल 18 प्रतिभागी प्रतिभाग किए। इन्हें प्रतिभागियों को लेकर नाटक अंधेर नगरी तैयार हुआ जिसका मंचन रविवार को शाम 6:30 बजे से मुंशी प्रेमचंद पार्क में होगा। इस संपूर्ण कार्यक्रम में बेचन सिंह पटेल ,बैजनाथ मिश्र, विपिन कुमार सिंह ,सुजीत कुमार श्रीवास्तव का सहयोग सराहनीय रहा जनपद के सभी नाटक प्रेमी उक्त कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं ।


कर्क :लेन-देन के कार्यों में सावधानी बरतें!

दैनिक राशिफल 



मेष -----व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर में मेहमानों का आगमन होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। भागदौड़ रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। मनोरंजन का कार्यक्रम बन सकता है।


वृष ----भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी लंबी यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। परिवार व मित्रों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। चोट व रोग से बचें। मस्तिष्ट पीड़ा हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा।


मिथुन ----किसी से बड़े विवाद होने की आशंका है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। किसी के भी कार्य में हस्तक्षेप न करें। चिंता बनी रहेगी। नेत्रों की समस्या हो सकती है। आय में निश्चितता रहेगी।



कर्क---- किसी पुराने रोग के उभरने की आशंका है। लेन-देन के कार्यों में सावधानी रखें। हानि होने की आशंका है। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा।


सिंह---- स्वास्थ्‍य का पाया कमजोर रह सकता है। लापरवाही न करें। आर्थिक उन्नति के लिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। प्रसन्नता रहेगी।



कन्या ----किसी धार्मिक स्थान की यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। आत्मशांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से संपर्क बन सकता है। विवाद में विजय प्राप्त होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। व्यापार अच्‍छा चलेगा।


तुला----- व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। आय बनी रहेगी। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की आशंका है। दूसरों से अपेक्षा न करें। विवाद होने की आशंका है। थकान व कमजोरी रह सकती है। कुसंगति से बचें। धनार्जन होगा।



वृश्चिक---- स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी विवाद में अपना पक्ष मजबूती से रख पाएंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। आराम व मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। प्रसन्नता रहेगी।


धनु -----किसी कारण से मन में खिन्नता रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। स्थायी संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। कोई बड़े लाभ की संभावना है। पार्टनरों तथा मित्रों के सहयोग से कार्य होंगे। जल्दबाजी न करें। जीवन सुखमय व्यतीत होगा।


मकर---- पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्व‍ादिष्ट व्यंजनों का लाभ प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। जीवन आनंद से व्यतीत होगा। किसी प्रबु‍द्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है।


कुंभ -----परिवार के छोटे सदस्यों के अध्ययन तथा स्वास्थ्य संबंधी चिंता रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। व्यर्थ भागदौड़ होगी। शोक समाचार मिल सकता है। लाभ के अवसर टलेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें।


मीन---- किसी कार्य के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नई योजना बनेगी। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। मित्रों तथा परिवार के सदस्यों के साथ प्रसन्न रहेंगे।


शंका-समाधान ( अध्यात्मिक मंथन)

(शंका- समाधान)


वेद अपौरुषेय है । धर्म और ब्रह्म में वेद ही एकमात्र प्रमाण है । वेद में प्रत्येक मन्त्र के ऋषि, देवताच्छन्द और विनियोग सुनिश्चित हैं । इन्द्र, आदित्य, वरुण, आदि देवता लोकाधिपति होते हैं । अश्विनीकुमार आदि देवता यजनीय होने पर भी लोकाधिपति नहीं हैं । किन्तु ये सब प्रकाशमान हैं कर्म फल के दाता हैं और द्युलोक स्थानीय हैं यही मुख्य देवत्व है । माता, पिता, राजा आदि में भी देव बुद्धि करने का उपदेश प्राप्त होता है । वे तो मर्त्य हैं । मनुष्य लोक के रहने वाले है । उनका देवत्व कैसे ? वस्तुतः गुणवृत्ति का प्रचलन लोक और वेद सर्वत्र है । विशेष प्रयोजन वश कहीं गुणवृत्तितः अदिव्य विषयों में भी शब्दित देवत्व वैदिक होता है । वहां देववृत्तिसे समादर ही अर्थतया प्राप्त है । अन्यथा अभिधेयार्थ-विप्लव हो जायेगा । और ऐसे प्रसंग में लक्षणया देवत्व भी अनुसंधेय नहीं है क्यों कि यागोपयोगी घटपटादि किसी भी पदार्थ की लक्षणा से देवत्व का संधान करते ही रहो ; जो अनावश्यक है । यह कोई वेदार्थ निर्णय की परिपाटी नहीं है ।
वैदिक कर्म या उपासना की संज्ञा , स्वरूप, द्रव्य, देवता, अधिकार और इतिकर्तव्यता षडंग-सहित वेद से ही सुनिश्चित है उस में सामान्य व्यतिक्रम असह्य है । लौकिक पूजापाठ में अधिकार, द्रव्य, देवता और मंत्र प्रभृति का स्वरूप अनिश्चित है और वह अनाप्त विषय भी है । सुतरां वह वैदिक उपासना के उपयोगार्थ अन्यथात्वेन सिद्ध है । कदाचित् शब्द साम्य के कारण वैदिक और लौकिक देवताओं में समता का भ्रम अविद्वानों को हो सकता है । परमाप्त वाङ्मय वेद में क्रम संशोधन के अभाव के कारण लौकिक उपासना का अन्तर्भाव कभी नहीं हुआ है । जनजातियों की क्रम विकशित विचारधारा कुछ वैदिकमन्य असंप्रदायवित् लोगों की मति को विवेकशून्य कर दे यह कोई बड़ा चमत्कार नहीं है । जो मनो भावना की प्रधानता से अनुस्ठित है और जिसके अभाव या विपरीत करण से कोई भी प्रत्यावाय संभावित नहीं होता है वह मनोरंजक ही तो है ।
आगम शास्त्रों में कोई भौतिक विषय को देवत्व प्रदान नहीं किया गया । वहां देवता ईश्वर के शक्ति रूप सूक्ष्म और दिव्य ही तो हैं । स्थूल लिङ्ग ,विग्रह ,यंत्र ,आदि देवता के स्मारक हो कर उपासना में उपयोगी हैं । प्रत्येक सम्प्रदाय के समयमार्गी उपासना में ये भी निरर्थक होते हैं ।
पुराण के विषय सर्वत्र वेदार्थ के अनुवादक नहीं होते हैं । कुछ लोग पुराण के अनेक विषयों को प्रक्षिप्त मानते हैं और कुछ लोग इसे विलुप्तार्थक या रहस्यार्थक मानते है । तब पौराणिक उपासना भी अगाम और निगम के प्रमाणाधीन हो कर निश्चय पदावगति को प्राप्त होती है ।
लैकिक उपासना को वैदिक उपासना का विकल्प या समकक्ष मान लेने पर कोई भी व्यवस्था नहीं बन पायेगी । लौकिक उपासना और कर्म में प्रामाण्य शंका का उन्मूलन कैसे होगा ? अनुष्ठान को प्रमाण मान भी लें तथापि कर्त्तव्य और प्रतिषिध्य का प्रमापक क्या होगा ? तो धर्माधर्म संदर्भ में असम्प्रदायवित् लोगों का आग्रह अस्वीकार्य है ।


सनातनी संदीप गुप्ता


वार्ड में भर्ती मरीज गर्मी से बिलबिला उठे

सीएचसी में विद्युत फाल्ट से फुंके पंखे, हलकान रहे मरीज


प्रतापगढ़ ! पट्टी सीएचसी में विद्युत फाल्ट के चलते शुक्रवार की रात वार्डों में लगे सीलिंग फैन फुंक गए। सोलह घंटे बाद कुछ पंखे बदलवाए गए। लेकिन वह भी चालू नहीं हो सके थे। तीमारदार घर से फर्राटा पंखा ले आए तो जनरेटर ही चालू नहीं हुआ। इससे अस्पताल में भर्ती मरीज गर्मी से बेहाल हो गए। वार्डो में मरीज हाथ से पंखा झलने को मजबूर थे। मरीज अस्पताल प्रशासन को कोसते नजर आए।
शुक्रवार की रात करीब बारह बजे विद्युत फाल्ट के चलते सीएचसी के सर्जिकल वार्ड सहित अन्य वार्डों के सीलिंग फैन फुंक गए। इससे अस्पताल में हाहाकार मच गया। वार्डों में भर्ती मरीज गर्मी से बिलबिला उठे। इस दौरान जो मरीज चलने की हालत में थे वह गर्मी से बचने के लिए अपने बिस्तर से उठकर तीमारदारों के साथ अस्पताल परिसर में बाहर पेड़ की छांव के नीचे जाकर लेट गए। जो बेड से उठ नहीं पाए उन्हें परिजनों ने हाथ के पंखों से हवा करके जैसे-तैसे संभाला।
कुछ इस तरह तीमारदारों ने सुनाया दुखड़ा
धूती निवासी ललित तिवारी ने बताया कि उनकी पत्नी नीलम की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई है। वह चलने फिरने में असमर्थ है। इसलिए अस्पताल का पंखा फुंक जाने के कारण वह शनिवार सुबह घर से फर्राटा पंखा ले आए। लेकिन अस्पताल की विद्युत लाइन में फाल्ट तथा जनरेटर बंद होने के कारण वह भी काम न आ सका। इसी तरह शेखपुर अठगवां के अभिषेक तिवारी ने बताया कि उनकी पत्नी भैरवी की भी ऑपरेशन से डिलीवरी हुई है। वह भी घर से फर्राटा पंखा ले आए थे। लेकिन विद्युत फाल्ट व जनरेटर चालू न होने के कारण वह भी बेकार पड़ा रहा। अस्पताल में भर्ती हीरावती का कहना है कि मरीजों का दर्द कोई समझने वाला नहीं है। विद्युत फाल्ट से अस्पताल में मरीज बेहाल हैं लेकिन कोई भी जिम्मेदार उनका दर्द समझने वाला नहीं है। जबकि स्टाफ नर्स के कमरे में पंखा चल रहा है।
इनका कहना है
शुक्रवार की रात फाल्ट के चलते पंखे खराब हो गए थे। कुछ पंखे बदलवा दिए गए हैं। जनरेटर खराब है। इंजीनियर डायनमो खोल कर ले गए हैं। शीघ्र ही फाल्ट दूर करा कर व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी।


रोहित जायसवाल


शनिवार, 29 जून 2019

रिश्वतखोर पटवारी पर कब होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी जी रिश्वत लेने वाले पटवारी पर कब होगी कार्यवाही 


दबंग पटवारी कंवरपाल का रिश्वत लेते हुए वीडियो हुआ वायरल , अधिकारी मौन 


सफ़ेद पोश नेताओ का पटवारी के सिर पर हाथ


वसीम मंसूरी


सहारनपुर, देवबंद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान सम्मान निधि योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने और योजना सफल बनाने के लिए शासन स्तर से हर संभव कोशिशें की जा रही हैं , लेकिन सरकारी कारिंदे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। योजना के तहत पात्रों की सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए किसानों को दौड़ाया ही नहीं जा रहा है, बल्कि इसके एवज में उनसे सुविधा शुल्क भी मांगा जा रहा है।


मिली जानकारी के अनुसार बीते दिन देवबंद क्षेत्र के लेखपाल कंवरपाल का गरीब किसानों से हस्ताक्षर करने के 100 - 100 रुपये वसूले का मामला सामने आ रहा हैं। गरीब किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए आपने आवेदन पर हस्ताक्षर करने के अवैध वसूली के रूप में लेखपाल द्वारा वसूले जा रहे हैं। गरीब किसानों के फर्मो पर लेखपाल द्वारा हस्ताक्षर करने का सुविधा शुल्क कब - तक गरीब किसानों की जेब मार झेलती रहेगी ।
देवबंद लेखपाल कंवरपाल तहसील में बैठने पर आपने आप को शर्म महसूस करते हैं और अपना निजी चेम्बर लेकर उसमें बैठ कर अपने कार्य करते हैं और वही पर गरीबो की जेबो पर डाका डालते हैं इतना ही नही कि लेखपाल अपने साथ मे एक प्राइवेट सहायक भी रखते हैं ।


आपको बता दे कि जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान निधि को गरीब किसानों को लाभ देने के लिए चलाई गई वही दूसरी ओर क्षेत्र के ही सफ़ेदपोश नेता आपने निजी फायदों के लिए लेखपाल का सहयोग करते हैं । सफ़ेदपोश नेताओ को गरीब किसानों की कोई फिक्र नही हैं ।
एसडीएम देवबंद के संज्ञान लेने के बाद भी कोई कानूनी कार्यवाही अभी तक अमल में नही आती नज़र आ रही हैं । क्या उक्त लेखपाल के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही हो पाएगी ।


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...