शनिवार, 29 जून 2019

नेपाल में ₹100 से ऊपर की मुद्रा प्रतिबंध

नेपाल ने लगाया 200 रुपये के भारतीय मुद्रा पर प्रतिबन्ध,अब केवल ₹ 100 तक के नोट वैध! 



रक्सौल। नेपाल सरकार ने अब दो सौ रुपये की भारतीय मुद्रा के चलन पर भी रोक लगा दी है। नेपाल कैबिनेट ने तत्काल प्रभाव से इस आदेश को लागू करने को कहा है। सरकार ने नागरिकों से कहा है कि सौ रुपये से ऊपर की भारतीय करेंसी लाना, पास में रखना, खरीद-फरोख्त में इस्तेमाल करना कानूनन अपराध माना जाएगा।
सूचना एवं संचार मंत्री गोकुल प्रसाद बास्कोटा ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि भारत में जब नोटबंदी हुई थी, तब नेपाल में बड़ी मात्रा में 500 और 1000 के पुराने नोट थे। वह मुद्रा वहीं फंस गई थी। नेपाल सरकार ने अभी तक भारत में नोटबंदी के बाद जारी हुई नई करेंसी को मान्यता नहीं दी थी पर उसे गैरकानूनी भी नहीं बताया था, लेकिन अब नेपाल सरकार ने नई भारतीय करेंसी को गैरकानूनी घोषित करते हुए इनका प्रचलन पूरी तरह बंद कराने का फैसला किया है। अब भारतीयों को नेपाल में 50-100 अन्य छोटे नोट ही ले जाने होंगे। या फिर उन्हें नेपाल सीमा पर भारतीय नोटों को नेपाल की करेंसी से बदलना होगा।
नेपाल सरकार के संचार मंत्री का कहना है कि उनके देश में आर्थिक अपराध ,स्वर्ण तस्करी और हवाला कारोबार पर रोक के लिए यह पहल की गई है।मंत्रिपरिषद के फ़ैसले के बाद शुक्रवार से पांच सौ और दो हजार रुपये के भारतीय नोट के अलावा दो सौ रुपये के नोट भी नेपाल में गैरकानूनी हो गए।गुरुवार यानी 27 जून 2019 को मंत्री परिषद की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव नेपाल के पर्यटन उद्योग पर जरूर पड़ेगा, लेकिन देशहित में यह फैसला जरूरी था।


हार को स्वीकार करना चाहिए

ऐसे इस्तीफे पटकवाने से भला क्या होगा ? राहुल गांधी के बाल हठ से बर्बाद हो रही है कांग्रेस
आखिर अब तक क्यूँ अपना वर्चस्व सिद्ध करने में लगे हैं


जब से पूरे देश में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की जबरदस्त हार हुई है । तब से राहुल गांधी मुंह फुलाए बैठे हैं।और अपना अध्यक्ष पद छोड़कर कोप भवन में विराजमान है । इस उम्मीद के साथ कि कोई फिर उनके पास जाए और मनुहार करते हुए कहे की - नहीं साहब ! मेहरबानी करके आप पुनः प्रधानमंत्री के उम्मीदवार .....( नहीं नहीं माफ कीजिएगा,वो तो कैसे बनेंगे यार ?? ) आप एक बार फिर बने रहिए । हम आपके बिना कैसे रहेंगे ?

बजाय अपनी कमी स्वीकार करने के राहुल गांधी ने भी अब तक अपना बाल हठ नहीं छोड़ा है। दो दिन पहले तो यूथ कांग्रेस की एक मीटिंग में यह तक कह दिया कि मुझे पद छोड़े हुए 1 महीना हो गया है , लेकिन लोग अभी भी अपनी कुर्सियों पर टिके हैं। कोई भी मेरे साथ इस्तीफा देकर अपनी कुर्सी खाली करने को तैयार नहीं है ।
अब बताओ यह भी कोई बात हुई भला ! कोई उनसे यह कहे कि ,क्यों राहुल जी आप तो पुश्तैनी राजा हैं। जो बेचारे गैर गांधी कार्यकर्ता हैं वह पूरा जीवन पार्टी की सेवा करते हुए अपने घर परिवार को ताक पर रखकर गली-गली गांव-गांव कांग्रेस का प्रचार करने के लिए मारे मारे फिर रहे हैं । और बड़ी मुश्किल से पार्टी में अपना सम्मानजनक पद पाकर काम कर रहे हैं। वह भला इस बात से प्रभावित होकर पद क्यों छोड़े ? वह भी एकमात्र कारण से की उनके अध्यक्ष अपनी ज़िद्द पर सवार है । देखा जाए तो उसमें *गलती सबसे बड़ी राहुल गांधी की खुद की है । जब लोगों को लोकसभा के टिकट बांटे जा रहे थे , तब राहुल गांधी आंखें बंद कर अपने मुट्ठी अनुभवहीन नेताओं से घिरे रहे , जो की जैसा मन में आया वैसे ही पट्टी राहुल को पढ़ाते रहे । राहुल भी बिल्कुल अपनी अनुभवहीन युवा टीम के भरोसे सभी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर उल्टे सीधे फैसले लेते रहे।
देखा जाए तो कांग्रेस को पिछले 10 साल में जितना नुकसान राहुल गांधी के बाल हठ की वजह से हुआ है , उतना नुकसान शायद पिछले 70 साल में कभी नहीं हुआ है । परंतु अब तक भी राहुल गांधी इस बात को समझने को तैयार नहीं है कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की जिद सबसे बड़ी गलती थी। और इस गलती ने ही कांग्रेस को आज के इस कगार पर लाकर खड़ा किया है। जहां पर कांग्रेस एक प्रादेशिक दल की तरह अल्पमत में आ गई है। बजाय इसके की लोकसभा के टिकटों के बंटन के दौरान राहुल की टीम द्वारा की गई गलतियों को स्वीकार करने के, राहुल गांधी अब भी अपनी नाकारा युवा टीम को पूरे देश में कांग्रेस की कमान सौंपना चाहते हैं ।और हमेशा की तरह अब की बार भी उनका निशाना वरिष्ठ और अनुभवी लोग ही है । ताकि युवाओं के लिए रास्ता साफ हो सके। आम लोगों की भाषा में सुनने पर यह बहुत सुखद लगता है । परंतु यथार्थ का धरातल यह है कि यदि उन्होंने ऐसा कर दिया तो कांग्रेस का नामोनिशान मिट जाएगा। वैसे भी कांग्रेस में अब अनुभवी नेता अंतर्मन में राहुल के हठीले स्वभाव के सामने थकान महसूस कर रहे हैं।उनके लिए तो दोनों तरफ ही मरण है। एक तरफ राहुल गांधी जैसा अनुभवहीन नेतृत्व जिसको स्वीकार करने के लिए लिए आम जनता को समझाना बहुत मुश्किल दिखाई दे रहा है । और दूसरी तरफ राहुल गांधी का ज़िद्दी स्वभाव। जिसके चलते राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं के पीछे लठ लेकर घूम हैं। राहुल के इस चिड़चिड़े रवैये से यही लग रहा है कि वह अपनी गलती मानने की बजाय इसको दोष बाकी सब अनुभवी नेताओं पर मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
राहुल को वरिष्ठ नेताओं को पार्टी में हाशिए पर ले जाने का इतना ही शौंक है , तो इस से पहले यह भी मूल्यांकन करना होगा कि उनकी ताजा युवा टीम में क्या वाकई इतना दम है कि कांग्रेस की खोई हुई इज्जत वापस ला सके ? उत्तर है नहीं ... क्योंकि इतना ही दम होता तो लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार की कमान खुद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित ज्योतिरादित्य सिंधिया,सचिन पायलट , जितिन प्रशाद,रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे उनके करीबियों में हाथ में ही थी।जो कि सब के सब फेल साबित हुए हैं। मजे की बात यह है कि इनमें से भी किसी ने अब तक अपना इस्तीफा राहुल की टेबल पर नहीं रखा है। *कायदे से तो पहले ये लोग ही इस्तीफा दें तब कोई बात है। वर्ना बाकी सब तो खेल तमाशा है .... परंतु राहुल को फिर भी आशा है !


नरेश राघानी


जिला कारागार का निरीक्षण किया गया

प्रभारी जिला जज व डीएम एसएसपी ने जिला कारागार का किया निरीक्षण



गोरखपुर। प्रभारी जिला जज-एंटी करप्शन मनोज कुमार राय प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंगल देव सिंह जिलाधिकारी गोरखपुर के विजयेंद्र पांडियन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता जिला कारागार गोरखपुर का त्रैमासिक निरीक्षण किया इस मौके पर जेलर प्रेम सागर शुक्ला डिप्टी जेलर प्रभाकांत पांडेय व डिप्टी जेलर भोलानाथ भारती जेल अधीक्षक रामधनी रहे मौजूद। जिलाधिकारी गोरखपुर के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि जेल में कुछ विदेशी कैदी थाईलैंड नाइजीरिया जर्मन के सजा काट रहे हैं। महिला कैदियों के साथ 13 बच्चे महिलाओं के साथ रह रहे हैं जिसे पढ़ने व दूध की व्यवस्था किया गया है जिला जज से बात कर महिलाओं को रिहा करने का प्रयास किया जाएगा ताकि जेल में महिलाओं के साथ बेवजह बच्चे अपना जीवन व्यतीत न करे। जेल में लगभग 2000 कैदी बंद है अंदर 4 बैरक नया बनाया जा रहा है उसके बाद भी रहने की जगह कम पड़ रही है जो शासन से बात कर और बैरक बढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी साफ-सफाई की व्यवस्था जेल के अंदर ठीक-ठाक पाई गई जेल की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रही।


गोरखपुर। पुलिस लाइन पुलिस मेस सभागार में पुलिस अधीक्षक नगर विनय कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी कैंट प्रभात राय गोरखपुर जनपद के सभी थानों के एंटी रोमियो प्रभारियों के साथ बैठक कर 1 जुलाई से 31 जुलाई तक जनपद के सभी थानों के अंतर्गत आने वाले प्रतिदिन एक विद्यालय में छात्राओं के साथ संवाद कर छात्राओं को जागरुक करने का कार्य करेंगे जिसका नेतृत्व संबंधित सर्किल के क्षेत्राधिकारी प्रतिदिन प्रत्येक थानों के अंतर्गत एक विद्यालय में प्रतिदिन 26 विद्यालयों मे संवाद करते हुए अगल-बगल के विद्यालयों की छात्राओं को भी बुलाकर सीधा संवाद कर मनचलों के प्रति छात्राओं को जागरूक किया जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता का मंशा है कि 1 महीने में लगभग 700 विद्यालयों में क्षेत्राधिकारीयों के नेतृत्व में थानाध्यक्ष व एंटी रोमियो प्रभारियों को विद्यालय में भेज कर छात्राओं को जागरूक करेंगे इसके दौरान पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारीगण विद्यालयों का दौरा कर निरीक्षण करते रहेंगे की किस विद्यालय में छात्राओं को एंटी रोमियो के प्रति जागरूक किया जा रहा है वैसे तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ सुनील गुप्ता का लक्ष्य है कि 700 विद्यालयों के साथ-साथ अगल-बगल पढ़ने वाले विद्यालय की छात्राएं भी उक्त विद्यालय पर बुलाकर उन्हें भी जागरूक किया जाए ताकि 1 महीने में सारे विद्यालयों के छात्राओं को एंटी रोमियो के प्रति जागरूक किया जाए इस मौके पर महिला थाना प्रभारी अर्चना सिंह एंटी रोमियो प्रभारी मौजूद रहे।


केंद्र सरकार लोगों के साथ कर रही है छलावा

ग्वालियर। ज्योतिषपीठ एवं शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि राम मंदिर को लेकर केन्द्र सरकार लोगों के साथ छलावा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दुओं के साथ ही मुस्लिमों को भी एक ही विवाह के लिए कानून बनाया जाना चाहिये जिससे मुसलमानों में तीन तलाक जैसी बुराई की नौबत ही नहीं आ सके।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आज अपने प्रवास के दौरान यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। स्वामी जी ने कहा कि वह तो चुनावों के पूर्व ही राम मंदिर के शिलान्यास के लिये अयोध्या जा रहे थे। लेकिन उस समय अचानक पुलवामा में बडी घटना घट गई और उन्होंने अपना राम मंदिर शिलान्यास का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। स्वामी जी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस ने जो बाबरी के नाम पर ढांचा तोडा था वह तो वास्तविकता में राम मंदिर का ही हिस्सा था। वहां पर तो कोई मस्जिद थी ही नहीं। उन्होने कहा कि वह चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बने इसके लिये वह स्वयं भी प्रयासरत हैं और उन्होंने न्यायालय सहित हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई तीन सदसयीय समिति के सामने अपना पूरा ठोस पक्ष रख दिया है अब अंतिम फैसला न्यायालय को लेना है।


स्वामीजी ने कहा कि वह तो राम मंदिर का मुददा तो रामानंद सागर द्वारा प्रस्तुत किये गये धारावाहिक के बाद से ज्यादा जागा इसमें आरएसएस ने कोई विराट आंदोलन नहीं किया। उन्होने आरएसएस प्रमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह तो भगवान राम को एक महापुरूष मानते हैं हाल ही में उन्होंने ऐसा ही बयान एक साक्षात्कार में दिया है इसीलिये वह तो उनके स्मारक के पक्ष में ज्यादा है ना कि मंदिर के । उन्होंने कहा कि उन्होंने १९८३ से श्री राम जन्म भूमि के लिए आंदोलन चलाया। स्वामी जी ने कहा कि पूर्व की मध्यप्रदेश सरकार ने आदि शंकराचार्य के नाम पर जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य का मध्यप्रदेश में कुछ भी तथ्य नहीं जुडे फिर भी सरकार ने नरसिंहपुर से नर्मदा के उत्तर तट पर एक विलक्षण गुफा में शंकराचार्य विराजते थे कहकर उसकी महिमा मंडित की। जबकि वह क्षेत्र पतजंलि अंशभूत गोविंदभगवत्पादाचार्य जो एक बडे योगी थे परकाय प्रवेश एवं आकाश गमन की विद्यायें उन्होंने शंकराचार्य जी को प्रदान की थी उस संन्यास स्थल को उनके द्वारा खोजा गया उसका परिस्कार कर लोकार्पण शिवराज सरकार ने किया। इतना ही नहीं इस यात्रा में अनेकों साधू संन्यासियों को बुलाया लेकिन जो मुख्य शंकराचार्य वह स्वयं थे उनसे सरकार ने बात तक नहीं की। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार इस एकात्म यात्रा के नाम पर पंडित दीनदयाल के आदर्शों को सरकारी धन से जनता तक पहुंचाना चाहती थी। देश में दूसरी बार बहुमत से आई नरेन्द्र मोदी सरकार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह तो झूठ का सहारा ले रहे हैं। स्वामी जी ने स्पष्ट किया कि पिछली बार उन्होंने गौवंश के निर्यात पर रोक लगाने की बात कही लेकिन वह रूका तो नहीं केन्द्र में मोदी की सरकार रहते बढ और गया। इतना ही नहीं गौवंश निर्यात पर अनुदान तक सरकार देने लगी है। राम मंदिर की बात कहीं लेकिन उसके लिये उच्चतम न्यायालय ने जरूर तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जिसमें सेवा निवृत न्यायाधीश सहित श्री श्री रविशंकर को रखा है वह लोगों से बात कर अपना पक्ष न्यायालय को बतायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार तो ना मंदिर ना मस्जिद ना गुरूद्वारा बनवा सकती है वह तो संविधान की शपथ लेते हैं जिसमें साफ लिखा है कि देश सेक्यूलर है। स्वामी जी ने कहा कि अभी तक राम मंदिर के साथ ही काशी और मथुरा की बात करने वाली भाजपा सभी को भूल गई है। एक आने वाली फिल्म आर्टिकल १५ में ब्राह्मणों को लेकर चित्रण करने पर उन्होंने कहा कि यह निदंनीय है। हम महिलाओं बेटियों का सम्मान करते हैं ऐसा कुछ नहीं करते। यह आपस में लडने के लिए क्यों मोड रहे हैं उन्हें नहीं पता। तीन तलाक के बारे में उन्होंने कहा कि मुसलमानों में भी हिन्दुओं जैसे ही एक पत्नी प्रथा का चलन करना चाहिये। अभी चार पत्नी शरियत के हिसाब से रखकर एक को तलाक बोल देते हैं उससे क्या फर्क पडता है। उन्होंने कहा कि समान सिविल कोड को लागू करना चाहिये। काशमीर के बारे में उन्होंने कहा कि वहां से धारा ३७० को केन्द्र सरकार को समाप्त करना चाहिये। और काश्मीर में हिन्दुओं काशमीरी पंडितों को बसाना चाहिये जिससे अभी मुसलमानों की जो मनमानी चल रही है वह समाप्त हो सके। स्वामी जी ने कहा कि सरकार को ईव्हीएम से नहीं बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहिये। स्वामीजी ने कहा कि जहां आग होती है वहां धुंआ उठता ही है। ऐसा ही ईवीएम के साथ है।


20 देशों के प्रमुखो से मिले प्रधानमंत्री

जी-20 के मंच पर 20 देशों के प्रमुखों से मिले प्रधानमंत्री


ओसाका ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन में भाग लेकर स्वदेश लौटने को रवाना हो गए। सम्मेलन के आखिरी दिन आज ओसाका से विदा होने से पहले पीएम मोदी ने कई देशों के प्रमुखों से मुलाकात की। इनमें ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन, ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो प्रमुख हैं।


बता दें कि जी-20 की सम्मेलन में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब बीस देशों के प्रमुखों से मिले। इसके साथ ही पीएम मोदी ने जापान-भारत-अमेरिका और रूस-भारत-चीन जैसे समूहों के साथ त्रिपक्षीय मुलाकातों में शिरकत की। इसके अलावा ब्रिक्स देशों की अनौपचारिक बैठक और जी-20 शिखर सम्मेलन के सत्रों में भी उनकी सक्रिय भागीदारी नजर आई।


इससे पहले बता दें कि जी-20 शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन आज पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की। दोनों देशों में हालिया चुनाव के बाद मोदी और विडोडो की यह पहली मुलाकात थी। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक दोनों नेताओं ने माना कि चुनावों के बाद अब द्विपक्षीय रिश्तों को तेजी से आगे बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है।


सरकारी हेडपंप पर अवैध कब्जा

रामनगर टेंगरामोड़ बाईपास पर दबंगो का कब्जा पीडब्ल्यू डी में सरकारी हैंडपम्प और बनी हुई नाली पे किया कब्जा गर्मी में टेंगरामोड़ पर हजारों की संख्या में यात्री का होता है आवा गमन ।


वाराणसी ! रामनगर टेंगरामोड़ बाईपास पर प्रसाशन और प्रधान के मिली भगत से सरकारी हैण्ड पम्प को निजी  समरसेबल डालकर दबंगो ने किया कब्जा और पीडब्ल्यू डी में बनी हुई नाली पर दबंगो का कब्जा ! कब्जे के बाद सारा पानी हीरानगर कालोनी के रास्ते से होकर बहता है! जिससे रास्ता ना बनने से हीरानगर कालोनी के रास्ता का बद से बेहतर हुआ और बरसात में मिटटी की कटान जोरो से है !तीन साल से रास्ता पास हुआ है पर प्रधान ने रास्ता बनने का बस अस्वासन ही दिये जो की उस रास्ते पर तीन तीन भी हास्पिटल है।
बताते चले 2019 के चुनाव के समय अचार संहीता लागु होने के बाद एक ट्रक गिट्टी रास्ते में डाला गया और वहाँ पर कहाँ गया कि ये रास्ता बनेंगे और उसी रास्ते में भारत शर्मा जी के घर के सामने बरसाती पानी निकलने के लिए पाइप भारत शर्मा ने लगाया था लेकिन उनका पाइप यह कह कर निकलवाया गया कि ये रोड बन रहा है आप वहाँ से पाईप निकाल ले उस समय भरत शर्मा ने अपना पाईप निकाल लिये लेकिन चुनाव भी हो गए और बरसात के दिन आ गए और बारिश भी हो रहे है लेकिन ना तो अभी तक रोड बना ना ही बरसात का पानी निकलने के लिए प्रधान के तरफ से कोई ब्यवस्था किया गया । अब सवाल ये है ऐसी क्या वजह थी !


एक तिहाई कश्मीर भारत के पास नहीं

लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- मनीष तिवारी आज देश के विभाजन पर सवाल उठा रहे हैं मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि देश का विभाजन किसने किया था?आज कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा भारत के पास नहीं है, ऐसा किसके कारण हुआ?


नई दिल्ली ! जम्मू कश्मीर की आवाम और भारत की आवाम के बीच एक खाई पैदा की गई। क्योंकि पहले से ही भरोसा बनाने की कोशिश ही नहीं की गई! पाक प्रेरित आतंकवाद से लड़ने के लिए CRPF की कुछ विशिष्ट मांगे थी जिनमें अत्याधुनिक तकनीक और हथियार शामिल थे। मुझे इस सदन को बताते हुए आनंद हो रहा है कि उनकी सभी मांगों को पूरा कर दिया गया! आज से पहले 132 बार धारा 356 का उपयोग किया गया है। 132 में से 93 बार कांग्रेस ने इसका उपयोग किया है और अब वो हमें सिखाएंगे कि 356 का उपयोग कैसे करना है!


जमायते इस्लामी पर पहले क्यों प्रतिबन्ध नहीं लगाया गया ? किसको खुश करना चाहते थे आप ? ये नरेन्द्र मोदी सरकार है जिसने इस पर प्रतिबंध लगाया ! देश विरोधी बात करने वालों को पहले सरकार द्वारा सुरक्षा दी जाती थी। हमने 919 लोग, जिन्हें भारत विरोधी बयान देने के कारण सुरक्षा मिली थी, हमने उनकी सुरक्षा को हटाने का काम किया है! जहाँ आतंकवाद की जड़ है वहां घुसकर मारेंगे! मोदी जी की सरकार आने के बाद आतंकवादियों की जड़ में घुसकर इनके दिल दहलाने वाले हमले कराने का काम हुआ ! हम विभाजन का समर्थन नहीं करते है और न करते थे। विभाजन किसने किया? हमने नहीं किया। हम आज भी कहते है धर्म के आधार पर विभाजन नहीं होना चाहिए!


मनीष तिवारी आज देश के विभाजन पर सवाल उठा रहे हैं मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि देश का विभाजन किसने किया था ? आज कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा भारत के पास नहीं है, ऐसा किसके कारण हुआ ! जम्मू कश्मीर की आवाम और भारत की आवाम के बीच एक खाई पैदा की गई। क्योंकि पहले से ही भरोसा बनाने की कोशिश ही नहीं की गई ! 23 जून 1953 को जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू कश्मीर के संविधान का, परमिट प्रथा का और देश में दो प्रधानमंत्री का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वहां उनकी संदेहास्पद मृत्यु हो गई! श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की मृत्यु की जांच होनी चाहिए या नहीं, क्योंकि मुखर्जी जी विपक्ष के नेता थे, देश के और बंगाल के नेता थे!आज बंगाल अगर देश का हिस्सा है तो इसमें मुखर्जी जी का बहुत बड़ा योगदान है! जम्मू-कश्मीर में चुनाव आयोग जब भी तय करेगा तब लोकत्रांतिक तरीके से चुनाव कराए जाएंगे। केंद्र सरकार का उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा!


जम्मू-कश्मीर की आवाम के मन डर नहीं होना चाहिए। जो देश को तोड़ना चाहते हैं उनके मन में डर होना चाहिए. जम्मू कश्मीर की आवाम को हम अपना मानते हैं, उन्हें अपने गले लगाना चाहते हैं। लेकिन उसमें पहले से ही जो शंका का पर्दा डाला गया है, वो इसमें समस्या पैदा कर रहा है. सिर्फ 3 ही परिवार इतने साल तक कश्मीर में शासन करते रहे। ग्राम पंचायत, तहसील पंचायत, नगर पंचायत सब का शासन वही करें और सरकार भी वही चलाएं। ऐसा क्यों, क्या जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है. कश्मीर में हुए पंचायत चुनाव हो या अभी हुए लोकसभा चुनाव एक खून का कतरा भी कश्मीर में जमीन पर नहीं गिरा और आप कह रहे हैं कि कंट्रोल नहीं है। कंट्रोल है बस देखने का नजरिया अलग-अलग है!


घाटी के अंदर 6 हजार ट्रांजिट आवासों का निर्माण कश्मीरी पंडितों के लिए हमने शुरू किया है. 370 है, मगर अस्थायी शब्द शायद आप भूल गए हैं, ये अस्थायी है, स्थायी नहीं। 370 हमारे संविधान का अस्थायी मुद्दा है ये याद रखियेगा. कश्मीरियत खून बहाने में नहीं है। कश्मीरियत देश का विरोध करने में नहीं है। कश्मीरियत देश के साथ जुड़े रहने में है। कश्मीरियत कश्मीर की भलाई में है। कश्मीर की संस्कृति को बचाने में है!


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...