शनिवार, 29 जून 2019

17 ओबीसी जातियों को एससी का दर्जा

सीएम योगी का बड़ा फैसला: 17 ओबीसी जातियों को मिलेगा एससी का दर्जा


लखनऊ ! उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए अति पिछड़ा वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों की लिस्ट में डाल दिया है। ये अति पिछड़ी जातियां हैं ! निषाद, बिन्द, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा और गौड़। इन जातियों को एससी की कैटेगरी में डालने का सीधा फायदा इनके लिए बढ़े आरक्षण के फायदे के तौर पर होगा। इसे सरकार का पिछड़ी जातियों को लुभाने के बड़े फैसले के तौर पर देखा जा रहा है।


हालांकि समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि यह फैसला कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होगा। यानी अगर कोर्ट का अंतिम निर्णय इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल न करने का आता है, तो फिर से इन्हें अनुसूचित जाति के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा। जबकि अगर कोर्ट इन्हें अनुसूचित जाति में बरकरार रखने को कहता है तो उनका यह स्टेटस जारी रहेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार काफी लंबे समय से इन 17 अन्य पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की लिस्ट में डालने का प्रयास कर रही थी। योगी सरकार का इन जातियों को एससी लिस्ट में डालने के पीछे तर्क ये है कि ये वो जातियां हैं जो सामाजिक और आर्थिक रूप से काफी पिछड़ी हुई हैं। 


 


ट्रेन की चपेट में आने से अधेड़ की मौत

फ़िरोज़ाबाद ! टूंडला रेलवे स्टेशन पर पानी लेने उतरे अधेड़ की ट्रेन की चपेट में आने से मौत। मरुधर एक्सप्रेस का मामला । जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


 टूंडला रेलवे स्टेशन क्षेत्र का मामला है !लखनऊ से जयपुर की ओर जा रही मरुधर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे करीब 55 वर्षीय रघुनाथ पुत्र राम चंद्र निवासी इमलीवाला फाटक जनकपुरी फर्स्ट थाना ज्योति नगर जयपुर टूंडला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही पानी लेने के लिए उतरे थे! तभी ट्रेन आगे चल दी ट्रेन चलता देख,उन्होंने ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ लगा दी ! हाथ फिसलने से ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई! जीआरपी ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।


संवाददाता रिहान अली 


82 केंद्रों पर बीएड की मुख्य परीक्षा

मेरठ और सहारनपुर के 82 केंद्रों पर बीएड की मुख्य परीक्षा आज से मेरठ


मेरठ,। चौ.चरण सिंह विवि की बीएड की मुख्य परीक्षा शुक्रवार से शुरू हो रही है। मेरठ और सहारनपुर में 82 केंद्रों पर परीक्षा होगी। परीक्षा के एक दिन पहले छात्र- छात्राओं के एडमिट कार्ड डाउनलोड हो सके। इससे छात्र-छात्रएं परेशान भी हुए। बीएड दो वर्षीय पाठ्यक्रम में सत्र 2018-19 फस्र्ट ईयर, सत्र 2017-19 द्वितीय वर्ष, फस्र्ट ईयर एक्स और बैक पेपर, सत्र 2016-18 फस्र्ट और सेकेंड ईयर एक्स के विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे।
कहां पर कितने केंद्र
इसके अलावा सत्र 2015-17 फर्स्‍ट ईयर एक्स और सत्र 2015-17 सेकेंड ईयर और बैक पेपर के छात्र- छात्राएं परीक्षा देंगे। मेरठ में 31 केंद्रों पर परीक्षा होगी। गाजियाबाद में 12, बुलंदशहर में 11 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं, जबकि हापुड़ में चार, गौतमबुद्धनगर में छह परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। बड़ौत में पांच केंद्रों पर परीक्षा होगी। मुजफ्फरनगर में चार,शामली में दो, सहारनपुर में छह केंद्र बनाए गए हैं। बीएड की परीक्षा दो पालियों में 11 बजे से दो बजे और तीन बजे से छह बजे के बीच होगी।
बीएड की मौखिक परीक्षा 10 जुलाई से
बीएड दो वर्षीय पाठ्यक्रम 2016 प्रथम वर्ष, 2017 प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, बीएड सत्र 2018 प्रथम, द्वितीय वर्ष की छूटी हुई प्रयोगात्मक और मौखिक परीक्षा 10 जुलाई से 20 जुलाई के बीच होगी। जिनका शुल्क जमा नहीं है, वह पांच जुलाई तक निर्धारित फीस जमा कर परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं।
अब अल्पसंख्यक कॉलेज नहीं कर सकेंगे मनमानी
अब अल्पसंख्यक बीएड कॉलेज बीएड के प्रवेश में मनमानी नहीं कर सकेंगे। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय ने संबद्ध अल्पसंख्यक कॉलेजों में संचालित बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है ।


 रवि ठाकुर


विद्यालय में प्रवेश अवधि बढ़ाने की मांग

"प्रवेश लेने की अवधि बढ़ाने की मांग मेरठ कालेज प्राचार्य से मिले छात्र


मेरठ ! मेरठ कॉलेज में छात्र-छात्राओं के प्रवेश में आ रही समस्या को लेकर छात्र प्राचार्य से मिले। छात्रों ने स्नातक में प्रवेश लेने की अवधि बढ़ाने की मांग की है। एडमिशन के लिए काउंटर पर भीड़ को देखते हुए उन्होंने मंगल पांडे सभागार या अन्य जगह व्यवस्था करने को कहा। बैंकों में फीस जमा करने में छात्रों को दिक्कत आ रही है। उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। छात्रों ने कॉलेज परिसर में फोटो स्टेट की व्यवस्था कराने, नोटिस बोर्ड पर मेरिट और अन्य सूचनाएं बड़े अक्षरों में टाइप कराकर लगाने की मांग की।
मेरठ कॉलेज में आज अनावश्यक जाने से बचें
शुक्रवार को मेरठ कॉलेज में बीएड की परीक्षा है। जहां 17 कॉलेजों का सेंटर बनाया गया है। शुक्रवार को विधि कोर्स के निरीक्षण के लिए बार काउंसिल आफ इंडिया की टीम भी आ रही है। वहीं विवि में दाखिले का दौर चल रहा है। कॉलेज की चीफ प्राक्टर डा. अलका चौधरी ने बीएड परीक्षार्थियों को मोबाइल फोन न लेकर आने के लिए कहा है। अनावश्यक रूप से छात्रों को कॉलेज में आने से मना किया है। उन्होंने कहा है कि प्रवेश के लिए छात्र अपने अभिभावक के साथ शांतिपूर्ण आएं।
पहले दिन कॉलेजों में कम हुए प्रवेश
विश्वविद्यालय की रिवाइज हुई मेरिट से गुरुवार को शहर के कॉलेजों में बहुत कम प्रवेश हुए। मेरठ कॉलेज, डीएन कॉलेज, एनएएस कॉलेज के अलावा सभी ग‌र्ल्स कॉलेजों में प्रवेश की स्थिति एक जैसी रही। कई कॉलेजों में एक भी प्रवेश नहीं हुआ। मेरिट के इंतजार में छात्र-छात्राएं वापस लौट आए। 


रवि ठाकुर


देवता और परमेश्वर (मंथन)

देवता और ईश्वर


वेद के अनुसार ईश्वर सर्वव्यापक सर्वाधिष्ठान और एक है । वह अखिल ब्रह्माण्ड और उनके अधिष्ठातृ देवताओं के भी स्वामी तथा स्वप्रभु है । देवता अनेक हैं । देवताओं का कोई स्थूल रूप नहीं होता । ये अत्यन्त सूक्ष्म और दिव्य हैं ; शास्त्रीय कर्म और उपासना के अंग हैं । इनका सामर्थ्य एक ही ब्रह्माण्ड में सीमित है । अलग अलग ब्रह्माण्ड के अलग अलग ब्रह्मादि देवगण होते हैं । देवता निर्दिष्ट शक्ति या सामर्थ्य के अधिकारी हैं । ये अपने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सीमित फल ही उपासक के लिये प्रदान करते हैं । ईश्वर कोई याग-प्रविष्ट देवता नहीं है । सगुण ईश्वर की उपासना से अभीष्ट फल की प्राप्ति हो सकती है , सायुज्यादि मुक्ति की भी प्राप्ति हो सकती है । निष्काम भाव से की गयी ईश्वर उपासना तत्पदार्थ शोधक के रूप में ब्रह्मज्ञान में हेतु है । निर्गुण ब्रह्म का ज्ञान मोक्ष प्रदान करता है ।


कर्मफल के दाता , प्रकाशमान और द्युलोक में रहने के कारण ये देवता कहलाते हैं । ईश्वर जगत का अभिन्न- निमित्त-उपादान-कारण है । माया का अधिष्ठान है । देवता भी परमेश्वर की माया शक्ति के अधीन ही होते हैं । सगुण ईश्वर की वैदिक उपासना विधि से पृथक् आगमों की उपासना विधि में यथा-सम्प्रदाय नाम रूप और गुणों का अतिरिक्त अनुदेश है । किंतु पौराणिक अर्थवादात्मक विषय को छोड़कर देखें तो परमेश्वर ही समस्त सृस्टि , स्थिति , लय , अनुग्रह और तिरोधान का कर्ता है - इस प्रकार का अभिनिश्चय शैव, शाक्त और वैष्णव आदि सभी आगम में स्वीकृत है । जीव में कर्माधिकार, कर्तृत्व, भोक्तृत्व, और देहाभिमान है । देवताओं का दिव्य भोग में अधिकार है । ये देवत्व के अभिमान से युक्त होते हैं । किंतु सामान्य जीव में रहने वाली मूढ़ता देवताओं में नहीं होती है । ये प्रवल ज्ञान, वैराग्य और ऐश्वर्य से सम्पन्न होते है । तथापि दिव्यगुणानुसंगता यहां पर भी है । परमेश्वर अत्यन्त निर्लिप्त और असंग चित्पदार्थ है । सब का उपादान और निमित्त हो कर सब से अभिन्न होते हुये भी सब से अतिरिक्त और अपरिणामी है ।


अवतारवाद ईश्वर-उपासना का अनिवार्य अंग नहीं है । किन्तु इस से श्रद्धा और आस्तिक्य की वृद्धि होती है । वैसे मूर्ति-पूजा भी यथार्थ उपासना में अतिरिक्त विशिष्ट भूमिका ग्रहण नहीं करती । उपास्य लिंग विग्रहादि केवल प्रारंभिक अवस्था में एकाग्रता के सम्पादनार्थ सहायक हैं । किन्तु शास्त्रीय पारमार्थिक बोध के विना मूर्ति पूजा भी एक धार्मिक पाखण्ड ही है ।


वैदिक कर्म या उपासना में देवता का ध्यान नहीं किया जाता । विनियोग स्थान में मंत्र के पाठ से ही देवता की उपस्थिति मानी जाती है । आगमों के अनुसार उपासना में ध्यान पूर्वक अपने अन्तःकरण को देवता के स्वरूप में ढाला जाता है । यही यहां देवता की उपस्थिति है । तब बाह्यपूजारूप बहिर्याग ध्यानात्मक अन्तर्याग के लिये ही समर्पित है ; यही सिद्धान्त है । ईश्वर उपासनामें द्रव्यादि त्याग सहित कर्तृत्व आदि के अभिमान का त्याग और समर्पण भाव ही मुख्य है । सकाम उपासना निष्काम भाव का हेतु नहीं है । सकाम ईश्वर उपासक की बुद्धि में विद्यमान ईश्वर संबंधी ज्ञान आगे चलकर उपासक के निष्काम होनेपर तत्त्वबोध का उपकारक होता है । किंतु केवल देवताओं के उपासक के लिये देवताओं का दासत्व या पशुत्व लाभ ही सार होता है ।


निगमागम विधि और ज्ञान से रहित कल्पित ग्राम्य देवताओं की उपासना केवल मनोरञ्जन ही है ; मूढ़ता और जड़ता से पूर्ण है । उसका कोई फल नहीं है । सम्प्रति प्राचीन या आधुनिक बड़े बड़े प्रसिद्ध अथवा साधारण मंदिरों में ट्रस्टी, पुजारी, तीर्थयात्री, दानकर्ता या मंदिर प्रशासन के हित केलिये समर्पित जिस पूजा पाठ की परिपाटी प्रचलित है वह धर्म या अध्यात्म की यथार्थता के विपरीत है । विवेकी जन इन सब के लिये अपना समय , धन या एकाग्रता को खराब नहीं करते हैं । 


सनातनी सदीप गुप्ता


शुक्रवार, 28 जून 2019

डीएम ने एटीएम वैन को हरी झंडी दिखाई

डीएम ने डिस्ट्रिक कॉपरेटिव बैंक के मोबाइल एटीएम वैन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना


ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल एटीएम वैन का प्रयोग कर निकाल सकेंगे धनराशि-डीएम


एटा। जिलाधिकारी आईपी पाण्डेय ने गुरूवार को प्रातः शासन के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्र के किसान भाईयों, आमजनमानस को बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से भेजी गई डिस्ट्रिक कॉपरेटिव बैंक के एटीएम मोबाइल वैन का विधिवित फीता काटकर, हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। डीएम ने इस अवसर पर कहा कि एटीएम वैन गांव-गांव जाकर अपनी सेवायें लोगों को प्रदान करेगी। इससे उपभोक्ता कहीं पर ही पैसे निकाल सकेंगे, जिससे एटीएम धारको को असुविधाओं से राहत मिलेगी। एटीएम वैन से किसान भाई गांव में ही पैसा निकाल सकेंगे।


डीएम आईपी पाण्डेय ने कहा कि मोबाइल एटीम वैन गांव-गांव जाकर जनता की सेवा करेगी। इसमें सभी बैंकों के एटीएम के माध्यम से धन की निकासी की जाएगी। ग्रामीण जनता को बैंक से लेन-देन करने के लिए बैंकों में जाकर लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। पॉस मशीन होने से डेबिट, क्रेडिट व अन्य कई प्रकार के कार्डों से भी भुगतान करने की सुविधा होगी। नाबार्ड के वित्तीय अनुदान के सहयोग से बैंक को मोबाइल एटीएम वैन उपलब्ध करायी गयी है। इसमें प्रबंधक, क्लर्क, सुरक्षागार्ड तथा चालक मौजूद रहेंगे। जिन ग्रामों में बैंकिग सेवा नहीं होगी उन ग्रामों का शेड्यूल बनाकर इसका नियमित भ्रमण कराया जाएगा। यह सुविधा प्रधानमंत्री के डिजिटल लेन-देन को ग्रामीण क्षेत्र में चरितार्थ करेगी।


इस अवसर पर डीडीएम नाबार्ड आशुतोष आनंद, एआर कॉपरेटिव दीपक सिंह, एलडीएम प्रदीप कुमार, उपमहाप्रबंधक मुकेश कुमार, रामानन्द दुबे, कमलेश गौतम, बी.के. चर्तुवेदी, देवेन्द्र पाल सिंह, प्रदीप सिसौदिया, कन्हैयालाल पाण्डेय, अखिल मिश्रा, सतेन्द्र यादव, केपी सिंह, अविनाश शुक्ल, जितेन्द्र यादव, आनन्द यादव, प्रशान्त पुण्ढीर, कमलेश राठौर, विक्रम मिश्रा आदि मौजूद रहे।


हरीश कुमार


न्यायपालिका भी कर रही बड़ी लापरवाही

 


पुलिस की मिलीभगत से हो रहा है कुशमोहरा गांव मैं अवैध तरीके से निर्माण कार्य


संवाददाता-अभिलाष दीक्षित


लखनऊ ! न्यायिक प्रक्रिया  अपने केंद्र बिंदु से बटक से भटक रही है! जिसके चलते  अपराधिक प्रवृत्तिया बढ़ती जा रही है! जिसका परिणाम आपके सामने है ! थाना निगोहा के कुशमोहरा मे स्थित भूमि पर कृष्ण कुमार दीक्षित तथा उनके पुत्र गढ़ सुनील कुमार दीक्षित विनय कुमार दीक्षित बम भोले दीक्षित गुड्डू दीक्षित द्वारा अवैध तरीके से निर्माण कार्य कराया जा रहा है!


आपको बताते चलें कि सहन की भूमिका सरकारी बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है जिसके लिए उप जिला अधिकारी महोदय के वहां मुकदमा भी विचाराधीन है! तथा साथ ही सीआरपीसी 145 की कार्यवाही भी की गई! 145 होने का मतलब यह होता है कि दोनों पार्टियों का हस्तक्षेप तब तक के लिए खत्म जब तक न्यायालय द्वारा कोई भी आदेश ना प्रेषित ने किया जाए!


लेकिन 145 होने के बावजूद भी दबंग कृष्ण कुमार दीक्षित तथा उनके पुत्र गणों द्वारा जबरन तरीके से राधा रमन दीक्षित की सहन की भूमि में निर्माण कार्य बार-बार कराया जा रहा है और लगातार जारी है! अब आप इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि कितने दबंग हैं यह लोग इनको ना ही प्रशासन का डर है और यह बेखौफ होकर गांव में एलानिया धमकी भी देते हैं कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा और हम तो छत डलवा कर ही रहेंगे!


अब देखने वाली बात यह होगी कि जिम्मेदार अधिकारी कब इस मामले को संज्ञान में लेंगे और दबंग तथा बेखौफ अपराधियों के खिलाफ कौन सी कठोर कार्यवाही करेंगे।


'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...