सोमवार, 24 जून 2019

आपदा सुरक्षा-प्रबंधन प्रणाली पर बैठक

जिलाधिकारी के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षात्माक आपदा प्रबंन्धन प्रमाणी पर बैठक।
गाजियाबाद ! कलैक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी वि.रा सुनील कुमार सिंह द्वारा राज्य और जिला स्तर को आपदा प्रतिरोधक और जन जीवन की हानि को कम करने हेतु सुरक्षात्मक उपायों पर सम्बन्धित अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने आपदा प्रतिरोधक और जन जीवन तथा सम्पत्ति के नुक्सान रोकने हेतु वार्ता की। इस प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश दियें।
बैठक में उपस्थित एनडीआरएफ कमाण्डर ने बताया कि प्रत्येक जिले मे आईआरटीएस प्रणाली का अनुपालन कराया जायेगा। आईआरटीएस एक ऐसी टीम है जिसमें आईआरएस संगठन के सभी पदों का समावेश है और आवश्यकताानुसार विभिन्न सामरिक आॅपरेशन तैयार करने में मद्द करता है। पीएस अलग-अलग सूचनाएं प्राप्त करने और आवश्यकतानुसार योजना तैयार करने में मद्द करता है। एलएस संसाधनों की उपलब्धता और आवश्यकता का आंकलन करता है।
यह प्रणाली राज्य, जिला, उपमण्डल, तहसील, ब्लाॅक स्थलों पर कार्य करेगी। ये टीम सभी प्रगति और मानव निर्मित आपदाओं का जबाव देगी। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने जिला स्तर पर दो स्टेजिंग ऐरिया रामलीला ग्राउण्ड कविनगर व इन्द्रिपुरम, गाजियाबाद का चयन कर तहसीलवार प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर माॅकडिल कर लोगों को संचेत करने को कहा है। एनडीआरएफ, स्वास्थ्य, पुलिस प्रशासन, पीएसी, सीआईएसएफ, फायर सहित अन्य विभागों की संयुक्त टीम सार्वजनिक व प्रमुख स्थालों पर अग्निकाण्ड व भूकम्प से बचाने के गुर सिखायेगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक नगर, अपर जिलाधिकारी नगर, अपर नगर मजिस्ट्रेट, उपजिलाधिकारी सदर, मुख्य चिकित्साधिकारी, सिविल डिफेन्स के चीफ वार्डन, एआरएम रोडवेज व अग्नि शमन अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
सुरेश शर्मा 


38 गांव में होगी नदी की खुदाई

गुन्नौर के 38 गांवों में महावा नदी की होगी खोदाई
तहसील प्रशासन ने जिला प्रशासन को भेजी नदी के दाएं बाएं बसे गांवों की सूची
तहसील के तीनों ब्लॉकों में मनरेगा के तहत खोदाई कराने के निर्देश
बबराला,गुन्नौर ! तहसील के दर्जनों गांवों से होकर बहने वाली महावा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए तहसील प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद तहसील प्रशासन ने उन सभी गांवों की सूची जिला प्रशासन को प्रेषित की है जो इस नदी के दाएं बाएं अवस्थित हैं। वहीं तहसील के तीनों ब्लाकों के खंड विकास अधिकारियों को मनरेगा के अंतर्गत इस नदी की खोदाई कार्य कराने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। जिससे इस नदी के बहाव को सरल बनाया जा सके।


गुन्नौर के भाजपा विधायक अजीत कुमार उर्फ राजू यादव की ओर से महावा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए शासन में की गई पहल के बाद जिलाधिकारी ने नदी का जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए हैं। जिस पर स्थानीय किसानों ने अवैध कब्जे करके खेती करना शुरू कर दिया है और गहराई वाले स्थानों को समतल कर के फसलें ले लाई जा रही है। गुन्नौर तहसील प्रशासन ने इस नदी के जीर्णोद्धार के लिए उन सभी गांवों की सूची तैयार की है जो इसके दाएं बाएं अवस्थित हैं। तकरीबन 3 दर्जन से अधिक गावों की पंचायतों को मनरेगा के अंतर्गत नदी की खोदाई का कार्य सौंपा गया है। जिसके लिए रजपुरा विकासखंड के 24, गुन्नौर विकासखंड के 12 और जुनावई विकासखंड के 8 गांव आते हैं। जिसमें राजस्व सीमा केवल 38 गांव की आती है। जिनके खंड विकास अधिकारियों को मनरेगा के अंतर्गत श्रमिकों से खोदाई कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जन सहयोग भी लिया जाएगा। जिसमें लोग श्रमदान भी कर सकते हैं। अपने उद्गम स्थल अमरोहा के पिपरिया घाट से चलकर गुन्नौर तहसील के मेदपुर डांडा और निरयावली से प्रवेश करने वाली यह नदी तहसील के ही अकबराबाद और जमालपुर गांव की सीमा से बदायूं जनपद में प्रवेश कर जाती है।
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25 जून को सैंडोरा में डीएम करेंगे खोदाई का शुभारंभ
बबराला। महावा नदी के जीर्णोद्धार के लिए तहसील प्रशासन के बाद अब तीनों ब्लॉकों में इसकी खोदाई की तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं। रजपुरा विकासखंड की ग्राम पंचायत सैंडोरा की राजस्व क्षेत्र में महावा नदी की खोदाई का कार्य 25 जून से शुरू होगा। जहां पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार जिलाधिकारी उद्घाटन करेंगे और पंचायत की ओर से मनरेगा के श्रमिकों को दायित्व दिया जाएगा।
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संबंधित पंचायतों को नदी के सीमांकन कराने के निर्देश
बबराला। तहसील के राजस्व प्रशासन की ओर से उन सभी ग्राम पंचायतों को नदी का सीमांकन कराने का निर्देश दिया गया है जो नदी के दाएं बाएं या फिर राजस्व सीमा के अंतर्गत आते हैं। जिन स्थानों पर खुदाई होनी है। उनकी सीमांकन के लिए हल्का के लेखपाल और पंचायत सचिव के साथ ग्राम प्रधान भी भूमिका निभाएंगे। पंचायत सचिव तकनीकी सहायक से खुदाई कार्य का प्राक्कलन बनवाकर खंड विकास अधिकारी को सौंपेंगे। जिसके अनुसार मनरेगा की कार्य योजना में शामिल कराया जाएगा। जिसे जिला प्रशासन की ओर से स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
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कोट-
तहसील में महावा नदी की खोदाई के लिए संबंधित ग्रामों की सूची बना ली गई है। जिसमें 38 गांवों की राजस्व सीमा आती है। मनरेगा खोदाई के लिए खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।-ओमवीर सिंह, एसडीएम, गुन्नौर।


सपा ने माया को दिया जवाब

मायावती के आरोपों का सपा ने दिया जवाब, कहा-अखिलेश का चरित्र किसी को धोखा देने वाला नहीं



समाजवादी पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। सपा के राष्ट्रीय सचिव व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है 


नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। सपा के राष्ट्रीय सचिव व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का चरित्र किसी को धोखा देने वाला नहीं है। उन्होंने कहा है कि सपा संविधान का सम्मान करने और समाजवादी विचारधारा पर चालने वाली पार्टी है। अखिलेश यादव ने कभी भी किसी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। सपा ने हमेशा बेहतर काम करने और सभी को साथ लेकर चलने का काम किया है। सपा ने बसपा के साथ गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाया। इसलिए धोखेबाजी का आरोप पूरी तरह से निराधार है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद पहली बार अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा था कि अखिलेश नहीं चाहते थे कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को अधिक टिकट दिए जाएं। उन्हें डर था कि इससे वोटों का ध्रुवीकरण होगा, जबकि वह चाहती थी कि अधिक टिकट दिए जाएं। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि बसपा कार्यकर्ता किसी मुद्दे पर धारना प्रदर्शन नहीं करेंगे।



बैठक में कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने उन्हें फोन नहीं किया। सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया। मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और मतगणना के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि 3 जून को जब मैंने दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात कही तब अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्रा को फोन किया, लेकिन तब भी मुझसे बात नहीं की।



उन्होंने कहा कि अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्र से मुझे मैसेज भिजवाया कि मैं मुस्लिमों को टिकट न दूं, क्योंकि उससे और ध्रुवीकरण होगा। यह भी आरोप लगाया कि मुझे ताज कॉरिडोर केस में फंसाने में भाजपा के साथ मुलायम सिंह यादव का भी अहम रोल था। उन्होंने कहा कि अखिलेश की सरकार में गैर यादव और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई। इसलिए उन्होंने वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलेमपुर सीट पर विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हराया, लेकिन अखिलेश ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भितरघात होता रहा और अखिलेश ने भीतरघात करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अगर यादवों का पूरा वोट गठबंधन को मिलता तो बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसी सीटें सपा न हारती। इससे साफ है कि यादव का अधिकतर वोट भाजपा को ट्रांसफर हुआ।


आयुक्त और मेयर के बीच फिर विवाद


अजमेर नगर निगम आयुक्त और मेयर के बीच फिर विवाद।
आयुक्त जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं कर रही हैं-मेयर गहलोत।
हर बैठक की सूचना दी है-आयुक्त।

अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने आरोप लगाया है कि नगर निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं कर रही है। उल्लेखनीय है कि निगम के काम काज को लेकर दोनों में पिछले कई दिनों से टकराव चल रहा है। ताजा मामला अजमेर पुष्कर बस लिमिटेड कंपनी से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार नगर निगम के मेयर कंपनी के अध्यक्ष होंगे और कंपनी बोर्ड की मीटिंग अध्यक्ष की अध्यक्षता में ही होगी। लेकिन आयुक्त सुश्री चिन्मयी ने दो फरवरी को कंपनी के मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर विश्वमोहन शर्मा की अध्यक्षता में बैठक करवा कर निर्णय ले लिए। इस बैठक की कोई जानकारी मेयर और कंपनी के अध्यक्ष को नहीं दी गई। इसी प्रकार 6 मार्च को अजमेर से पुष्कर की बस सेवा का शुभारंभ चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से करवा लिया गया। इस कार्यक्रम में मेयर को आमंत्रित तक नहीं किया गया। कंपनी के कामों से जुड़ी फाइल मेयर तक नहीं भेजी जा रही है। मेयर गहलोत ने बताया कि इस एक तरफा फैसलों की जानकारी तब हुई जब हाल ही में अजमेर से किशनगढ़ के बीच बस चलाने की अनुमति मांगी गई। फाइल को देखने पर पता चला कि आयुक्त और कलेक्टर मिलकर निर्णय ले रहे हैं। मेयर गहलोत ने कहा कि सुश्री चिन्मयी गोपाल लगातार जनप्रतिनिधियों की अवज्ञा कर रही हैं। यह कृत्य आयुक्त को शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि वे शहर हित में बस चलाने के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं। यदि अजमेर किशनगढ़ के बीच बस चलाने की जरुरत है तो उनकी तरफ से नियमों के अंतर्गत अनुमति दी जाती है। मेयर ने कहा कि नगर निगम में निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। इसलिए आयुक्त को आम जनता का सम्मान करना चाहिए।
मेयर को दी जाती है सूचना-आयुक्त :
वहीं निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने कहा कि अजमेर पुष्कर बस लिमिटेड कंपनी की जितनी भी बैठक हुई है उन सबकी जानकारी समय समय पर मेयर और कंपनी के चेयरमैन धर्मेन्द्र गहलोत को दी गई है। गहलोत सूचना प्राप्त होने के बाद भी बैठकों में नहीं आए है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं देने की कोई बात नहीं है। वे जनप्रतिनिधियों का पूरा सम्मान करती हैं। उन्होंने कहा कि दो फरवरी और 7 जून की बैठकों की सूचना विधिवत तौर पर मेयर को भिजवाई गई है। 2 फरवरी की बैठक में तो मेयर स्वयं उपस्थित थे।
एस.पी.मित्तल


 


सरकार फर्टिलाइजर तकनीकी विकसित करें


आवारा सांड और बछड़ों की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार फॢटलाइज्ड एग की तकनीक विकसित करे। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने डेयरी अध्यक्षों को भरोसा दिलाया। दूध पर चार रुपए प्रतिलीटर अनुदान की मांग। सहकारिता के क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता समाप्त हो।

 जयपुर ! बजट पूर्व जनसंवाद के अंतर्गत 24 जून को अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जयपुर स्थित सचिवालय में मुलाकात की। इस अवसर पर चौधरी के साथ जोधपुर डेयरी के अध्यक्ष रामलाल विश्नोई और जयपुर डेयरी के अध्यक्ष ओम पुनिया भी थे। चौधरी ने सीएम गहलोत के समक्ष पशुपालकों और डेयरी कर्मचारियों की समस्याओं को विस्तार से रखा। चौधरी ने आवारा सांड और बछड़ों की प्रदेशव्यापी समस्या को सीएम के सामने रखते हुए कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रदेश में ईएमबीआरवाईओ ट्रांसवर टेक्नॉलॉजी को विकसित किया जाए। इस टेक्नोलॉजी के अंतर्गत फर्टिलाइाज्ड एग प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे बछड़ी ही उत्पन्न होती है। जब बछड़े उत्पन्न नहीं होंगे तो आवारा पशुओं से अपने आप निजात मिल जाएगी। चौधरी ने फर्टिलाइज एग पर अनुदान देने की भी मांग की। सीएम गहलोत ने कहा कि इस तकनीक का अध्ययन करवाने के बाद जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। सीएम ने भी माना कि शहरी क्षेत्र में आवारा सांडों और बछडों की वजह से नागरिकों खास कर बुजुर्गों को परेशानी होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचता है।
शैक्षणिक अनिवार्यता समाप्त हो:
डेयरी प्रतिनिधियों ने सीएम से मांग की कि जिस प्रकार पंचायतीरात और स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनावों में शैक्षणिक योग्यता को समाप्त किया गया है, उस प्रकार सहकारी संस्थाओं के चुनाव में भी शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता खत्म की जाए। मौजूदा समय में ग्रामीण क्षेत्रों में 9वीं तथा जिला स्तर पर 10वीं कक्षा उत्त्तीर्ण होना अनिवार्य रखा गया है। इससे अनुभवी जनप्रतिनिधियों का चुनाव नहीं हो पा रहा है। चौधरी ने सीएम को बताया कि वर्ष 1985 के बाद प्रदेशभर की डेयरियों में भर्ती नहीं हुई है। यही वजह है कि अब मात्र 18 प्रतिशत कर्मचारी ही शेष बचे हैं। चौधरी ने मांग की कि एनडीडीबी के माध्यम से तकनीक स्टाफ की भर्ती करवाई जावे। चौधरी ने डेयरियों में रखे जा रहे अनुबंधित कर्मचारियों की समस्याओं को भी रखा। पूर्व में अनुबंध पर कर्मचारियों को छठे वेतनमान के अनुरूप पारीश्रमिक दिया जा रहा था, लेकिन सातवें वेतन आयोग में पारीश्रमिक की राशि आधी कर दी गई है। इससे अब डेयरियों में अनुबंध पर भी कर्मचारी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। मौजूदा कर्मचारियों ने इस्तीफा दे रखा है। चौधरी ने यह भी मांग की कि जिस प्रकार डॉक्टरों की सेवा निवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई है उसी प्रकार डेयरी में काम करने वाले तकनीकी स्टाफ के रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए।
जीएसटी के साथ मंडी टैक्स:
डेयरी प्रतिनिधियों ने सीएम को बताया कि राजस्थान एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां घी पर जीएसटी के साथ साथ मंडी टैक्स भी वसूला जाता है। प्रदेश भर में 12 करोड़ रुपए मंडी टैक्स के तौर पर सरकार को जमा करवाए जाते हैं। चौधरी ने यह भी मांग की कि जीएसटी को भी पांच प्रतिशत के दायरे में लाया जाए। मौजूदा समय में घी पर 12 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। जिसकी वजह से प्रतिलीटर 26 रुपए अधिक देने होते हैं। इससे डेयरी कारोबार को भारी नुकसान हो रहा है। चौधरी ने सीएम से आग्रह किया कि पशुपालकों को दो रुपए अनुदान की बजाए चार रुपए प्रतिलीटर का अनुदान उपलब्ध करवाया जाए। ताकि राजस्थान दुग्ध डेयरियां अमूल और पायस जैसी डेयरियों से मुकाबला कर सके। सीएम को बताया गया कि अमूल और पायस जैसी डेयरियां राजस्थान से दूध संग्रहित कर दिल्ली में ऊंची कीमत पर बेचती हैं। देश के कई राज्यों में पशुपालकों को चार रुपए प्रति लीटर का अनुदान मिल रहा है। चौधरी ने नए प्रोसेसिंग प्लांट के ऋण की ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार से करवाने की मांग की। ऐसा कई राज्यों में हो रहा है।
मोलासिस पर टैक्स कम करने की मांग:
चौधरी ने मांग की कि पशु आहार के निर्माण में काम आने वाले मोलासिस पर टैक्स कम किया जाए। मौजूदा समय में 32 प्रतिशत टैक्स वसूला जा रहा है। इससे पशु आहार की लागत ज्यादा आ रही है। इसी प्रकार एफसीआई के गोदामों में खराब होने वाले फूडग्रेन को सस्ती दर पर पशु आहार संयंत्रों को उपलब्ध करवाया जाए। इसके लिए राज्य सरकार एफसीआई की नीलामी में भाग ले। उन्होंने पशु बीमा कानून को भी लागू करने की मांग की।
एस.पी.मित्तल


कैबिनेट में कंज्यूमर प्रोटक्शन बिल को मंजूरी

कैबिनेट की बैठक खत्म, कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2019 को मिली मंजूरी, हुए कई अहम फैसले


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले हुए। कैबिनेट कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2019 को मंजूरी दे दी। ये बिल अगले हफ्ते संसद में पेश हो सकता है। इस विधेयक में कंज्यूमर के हितों की रक्षा करने के लिए नए प्रावधान अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं।
वहीं इस कैबिनेट बैठक में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल को भी मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा चीनी का 20 लाख टन बफर स्टॉक बनाने के लिए कैबिनेट नोट जारी कर दिया गया है।
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट ने आज कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2019 को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक में कंज्यूमर के हितों की रक्षा करने के लिए नए प्रावधान अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित हैं। इसके अलावा इस कैबिनेट बैठक में मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल को भी मंजूरी दी गई है।


ओवर रेट, सीज किया बीयर बार

डीएम वार रूम गौतम बुद्ध नगर डीएम बीएन सिंह के निर्देश पर आबकारी विभाग के अधिकारियों की बड़ी कार्यवाही, ओवर रेट बिक्री करने पर बीयर बार को किया गया सीज


 गौतमबुध नगर ! जनपद में सभी देशी-विदेशी मदिरा एवं बीयर बार शॉप पर निर्धारित मानकों के अनुसार बिक्री कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी बीएन सिंह के निर्देश पर जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं उनके सहयोगी अधिकारियों द्वारा निरंतर रूप से सघन चेकिंग अभियान संचालित किया जा रहा है। इस क्रम में विगत दिवस देर शाम समय रात्रि 09.00 बजे माडल शाप कृष्णा अपरा प्लाजा अल्फा-1ग्रेटर नोएडा का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय बिक्रेता अंकित मूल्य से अधिक मूल्य पर बियर की बिक्री करता हुआ पाया गया। उक्त माडल शाप के अनुज्ञापन को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए सीज कर दिया गया है और दुकान के अनुज्ञापी से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के द्वारा दी गई है। उन्होंने जनपद के समस्त देशी-विदेशी मदिरा बियर बार शॉप के स्वामियों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि सभी के द्वारा शासन की नीति के तहत देसी विदेशी मदिरा बियर आदि की बिक्री की जाए यदि कहीं पर भी ओवर रेट पाया जाएगा तो इसी प्रकार जिलाधिकारी के निर्देश पर कठोरतम कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।


राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गौतम बुद्ध नगर।


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...