शनिवार, 22 जून 2019

नई पेंशन योजना, ₹3000 महीना

मोदी सरकार की नई पेंशन योजना, हर महीने 3000 रुपये पाने के लिए ऐसे करें अप्‍लाई


 नई दिल्ली ! मोदी सरकार ने 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग किसानों को 3 हजार रुपये प्रति माह सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की योजना बनाई है। इसकी पुष्टि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्‍यसभा में की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक सदस्‍य सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने सभी छोटे और सीमांत किसानों के लिए 1 पेंशन योजना को मंजूरी दी है।


इसमें कुछ शर्तें होंगी। इस योजना का मकसद ऐसे किसानों को बुढ़ापे में 1 न्यूनतम सहारा देना है, जो कोई खास बचत करने की स्थिति में नहीं होते। यह योजना उनकी आजीविका का साधन खत्म होने की स्थिति में उनकी मदद करेगी। इस योजना के तहत पात्र किसानों के 60 वर्ष की आयु के बाद प्रति माह 3,000 रुपये की न्यूनतम निश्चित पेंशन देने का प्रावधान है।


यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें 18 से 40 वर्ष की आयु तक प्रवेश किया जा सकता है। लाभार्थी जीवन बीमा निगम द्वारा प्रबंधित पेंशन फंड की सदस्यता लेकर योजना के सदस्य बनने का विकल्प चुन सकते हैं।


जन समस्याओं पर नहीं ध्यान केंद्रित

राजस्थान के अलवर जिले के गोविंदगढ़ तहसील से
संवाददाता-योगेन्द्र द्विवेदी 


 अलवर,गोविंदगढ़ ! कस्बे के समवर्ती गांव रामबास में चमत्कारी हनुमान जी मंदिर एवं ग्राम रामबास के शमशान के मुख्य मार्ग पर स्थित तालाब पर लोगों के द्वारा अवैध रूप से कचरा डालने से कूड़े के ढेर लग गए हैं !  जिसकी शिकायत ग्राम पंचायत रामबास व तहसीलदार गोविन्दगढ़ को की जा चुकी है!


तालाब के समीप निवास करने वाले मोहल्ले वासियों ने तहसीलदार हेमेंद्र गोयल जी को ज्ञापन सौंपकर इस समस्या से निजात दिलवाने के लिए आग्रह 4 जून को ज्ञापन देकर किया था! लेकिन जिस पर प्रशासन ने अभी तक इस समस्या को हटाने तो दूर इसे मौके पर जाकर देखना भी जरूरी नही समझा जिससे कूड़ा डालने वाले लोगो के हौसले बुलंद हो रहे है मोहल्ले वासियो के अनुसार कचरा तालाब में जाने से दुर्गंध उठ रही है! ओर पानी पशुओं के पीने योग्य नहीं रह पा रहा है और इससे मच्छर व बीमारियों के उत्पन्न होने का संकट गहराता जा रहा है! लोगों का कहना है, कि रात्रि के समय दुर्गंध के कारण आसपास के घर में रहने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है!


एयरपोर्ट को लेकर जिलाधिकारी एक्टिव

 जेवर ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना के कार्यों में गतिशीलता लाने के उद्देश्य से डीएम बीएन सिंह का तूफानी दौरा।


 गौतमबुध नगर ! तीन ग्रामों में पहुंचकर स्थानीय किसानों से किया वार्तालाप। सुनी समस्याएं। सभी प्रभावित किसानों के द्वारा जिला प्रशासन के कार्यों की, की गई भूरी भूरी प्रशंसा। जिलाधिकारी बीएन सिंह जेवर इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की स्थापना को लेकर बहुत ही गंभीरता के साथ कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि प्रभावित किसानों को उनके प्रतिकर का भुगतान आसानी एवं सरलता के साथ उनके बैंक खातों में पारदर्शिता के साथ पहुंच सके। इसके लिए जिलाधिकारी बीएन सिंह के द्वारा आज तूफानी दौरा किया गया। उन्होंने ग्राम रन्हेरा, दयानतपुर एवं किशोर पुर में पहुंचकर प्रभावित किसानों से वार्तालाप किया और उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया। तीनों ग्रामों में भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी को संबंधित किसानों के द्वारा अवगत कराया गया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा प्रति कर दिलाने के लिए किसानों का भरपूर सहयोग प्रदान किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से खोले गए सभी पांच सुविधा केंद्रों पर किसानों की प्रत्येक समस्या का निवारण प्रशासन के अधिकारियों द्वारा बहुत ही गंभीरता के साथ किया जा रहा है। सभी किसानों ने बताया कि प्रभावित किसानों को प्रति कर दिलाने के संदर्भ में जेवर ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रभारी अधिकारी अभय कुमार सिंह के द्वारा निरंतर रूप से ग्रामों में भ्रमण करते हुए किसानों को सुविधा प्रदान की जा रही है और उनकी समस्याओं का निरंतर रूप से हल करते हुए पारदर्शिता के साथ किसानों को प्रति कर दिलाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर किसानों का आह्वान किया कि 30% किसानों को प्रति कर का भुगतान जिला प्रशासन की ओर से किया जा चुका है जिसमें 1000 करोड़ रुपया किसानों के खातों में भेजा गया है। जिलाधिकारी ने सभी प्रभावित किसानों का अपने तूफानी दौरे के अंतर्गत आह्वान किया कि यदि किसी किसान को अपना प्रति कर प्राप्त करने में किसी प्रकार की कठिनाई आ रही हो तो वह संबंधित सुविधा केंद्र पर पहुंचकर अपनी समस्या के बारे में अवगत करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रभावित किसान की समस्या के संबंध में जिलाधिकारी को भी अवगत कराया जा सकता है ताकि उनकी समस्या का निदान कराते हुए तत्काल उन्हें प्रति कर दिलाने की कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से की जा सके। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर सभी किसानों का आह्वान किया कि उनकी सुविधा के लिए खोले गए सभी पांच सुविधा सेंटर सभी सीसी कैमरों से लैस किए गए हैं ताकि सभी कार्यवाही पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न हो सके। जिलाधिकारी ने इस बात को भी दौराहा जिन किसानों की जमीन एयरपोर्ट में जा रही है जिला प्रशासन की ओर से उन्हें निरंतर रूप से सहयोग प्रदान किया जाएगा। डीएम ने कहा कि सभी प्रभावित किसानों के बच्चों को रोजगार से जोड़ने तथा अन्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन पूर्ण रूप से कटिबद्ध है और सभी किसानों को जिला प्रशासन की ओर से आगे भी निरंतर रूप से इसी प्रकार सहयोग प्रदान किया जाएगा। उनके भ्रमण के दौरान जेवर एयरपोर्ट के प्रभारी अधिकारी अभय कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी जेवर गुंजा सिंह, तहसीलदार राकेश जयन्त तथा अन्य संबंधित अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।


राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गौतम बुध नगर


नड्डा से वसुंधरा की मुलाकात, फायदा


क्या जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को कोई राजनीतिक फायदा होगा?
 जयपुर ! दिल्ली में राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। राजे ने नड्डा को गुलदस्ता भेंट करते हुए उम्मीद जताई की उनके अनुभव का लाभ संगठन को मिलेगा। दोनों के बीच राजनीतिक मंत्रणा भी हुई। इस मुलाकात के बाद सवाल उठता है कि क्या अब राजे को कोई राजनीतिक लाभ होगा। असल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजे को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया था। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह के निर्णय के बाद हुआ, लेकिन राजे ने राष्ट्रीय राजनीति में रुचि नहीं दिखाई। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हैसियत से राजे को राजस्थान से बाहर जो जिम्मेदारियां दी गई उनका निर्वाह भी राजे ने नहीं किया। राजे को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव में उन्हें कोई जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व ने लोकसभा के चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी राजे को नहीं दी। उल्टे राजे के विरोधियों को भाजपा में शामिल कर जता दिया कि अब राजस्थान में भाजपा अपने बूते पर चलेगी। कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला, हनुमान बेनीवाल ऐसे उदाहरण हैं जो बताते हैं कि राजे के विचारों के विपरीत निर्णय लिए गए हैं। यही वजह रही कि लोकसभा के चुनाव में राजे का अधिकांश समय अपने पुत्र दुष्यंत सिंह के झालावाड़ संसदीय क्षेत्र में ही व्यतीत हुआ। सभी 25 सीटों पर भाजपा की जीत ने दर्शा दिया कि अब राजस्थान भाजपा की राजनीति में वसुंधरा राजे का पहले जैसा महत्व नहीं है। आने वाले दिनों में राजे की राजनीति में क्या भूमिका होगी, इसको लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब प्रदेश की राजनीति में गजेन्द्र सिंह शेखावत और ओम बिरला जैसे सांसदों का दखल बढ़ गया है। शेखावत को जहां केन्द्रीय मंत्री बनाया गया, वहीं बिरला को लोकसभा का अध्यक्ष बनाया गया है। देखना होगा कि कार्यकारी अध्यक्ष से मुलाकात के बाद राजे भविष्य कैसे निर्धारित होता है।
एस.पी.मित्तल


 


भर्तियों में वसूले जा रहे डेढ़-डेढ़ लाख


राहुल गांधी खुद देख लें कि राजस्थान के चिकित्सा महकमे में भ्रष्टाचार के कैसे हालात हैं?
सीएम गहलोत बेबस। 2500 भर्तियों में वसूले जा रहे थे डेढ़-डेढ़ लाख रुपए।
मंत्री जी कहते हैं उन्हें जानकारी नहीं। दोषियों पर कार्यवाही होगी।
 जयपुर ! राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में फैले भ्रष्टाचार की एक खबर प्रकाशित हुई। यदि इस खबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पढ़ेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि प्रदेश के चिकित्सा विभाग के हालात कैसे हैं? राहुल गांधी कहते हैं कि कांगे्रस शासित राज्यों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे, जबकि राजस्थान में चिकित्सा महकमे में भास्कर ने भ्रष्टाचार के सबूत दिए हैं। क्या अब राहुल गांधी कांग्रेस सरकार के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से कोई जवाब तलब करेंगे? जहां तक सीएम अशोक गहलोत का सवाल है तो प्रदेश की आतंरिक राजनीति की वजह से वे अपने चिकित्सा मंत्री से जवाब नहीं मांग सकते हैं। रघु शर्मा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमे के हैं। भास्कर की खबर के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 2500 कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए 22 जून को परीक्षा होनी थी। एक दिन पहले 21 जून को चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार ने रोक लगा दी। आरोप है कि नियुक्ति होने वाले एक अभ्यर्थी से डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत वसूली जा रही है। ऐसा नहीं कि यह परीक्षा गुपचुप में ली जा रही थी, इसके लिए बकायदा आवेदन मांगे गए। कोई तीस हजार पात्र अभ्यर्थियों ने आवेदन भी किया। यदि 21 जून को रोक नहीं लगती तो भ्रष्टाचारी सफल हो जाते। गंभीर बात यह है कि प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि उन्हें 2500 पदों की भर्तियों की जानकारी नहीं है। सवाल उठता है कि जब इतनी बड़ी प्रक्रिया की जानकारी नहीं है तो फिर रघु शर्मा किस बात के चिकित्सा मंत्री हैं। विभाग के अधिकारियों की माने तो एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तबादले में भी मंत्री का दखल रहता है और रघु शर्मा तो दबंग मंत्रियों में से हैं। उनके महकमे में 2500 पदों पर भर्ती हो रही हो और शर्मा को पता ही नहीं चले, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है।
केन्द्र सरकार की योजना:
असल में कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर की नियुक्ति केन्द्र सरकार की योजना है। इसके अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कम्पाउंडर से अधिक ज्ञान रखने वाले पात्र व्यक्ति को नियुक्ति दी जाती है। इस कर्मचारी के वेतन का 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार देती है, जबकि 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। जानकारों के अनुसार चिकित्सा विभाग को राज्य के वित्त विभाग से भी अनुमति लेनी थी, लेकिन जब भर्ती की फाइल चिकित्सा विभाग के सचिव तक ही नहीं पहुंची तो फिर वित्त विभाग की अनुमति का सवाल ही नहीं उठता। मालूम हो कि इस समय वित्त विभाग का दायित्व भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है। सवाल यह भी है कि क्या चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार को दर किनार कर 2500 पदों पर भर्ती हो रही थी? भर्तियों की सारी जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एमडी डॉ. समित शर्मा के हाथों में थी। क्या ऐसा संभव है कि डॉ. समित शर्मा जैसा तेज तर्रार आईएएस अपने मंत्री को बताए बगैर इतनी बड़ा काम अकेले दम पर कर रहा हो? इस पूरे प्रकरण में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग की भूमिका की भी पड़ताल होनी चाहिए। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डॉ. गर्ग की राजनीति के बारे में सब जानते हैं। डॉ. गर्ग अजीत सिंह चौधरी वाली आरएलडी के विधायक हैं और राजस्थान में कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रखा है। 2500 पदों पर भर्ती की जानकारी डॉ. सुभाष गर्ग को भी न हो, यह आश्चर्य वाली बात है।
सख्त कार्यवाही करेंगे-रघु शर्मा:
वहीं पूरे प्रकरण में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही होगी। यदि उन्हें पूर्व में पता होता तो ऐसी गलती होने ही नहीं देता। यदि भाजपा इस मुद्दे को विधानसभा में उठा कर कांग्रेस सरकार पर हमला करेगी तो मैंने भी पूरी तैयारी कर ली है। भाजपा के पांच वर्ष के शासन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में क्या क्या हुआ इस बारे में विधानसभा में बताया जाएगा। कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर की भर्ती के प्रकरण में देखा जाएगा कि कहीं तार पुराने अफसरों से तो नहीं जुड़े हैं? इस मामले में किसी भी दोषी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। मैं स्वयं इस मामले को देख रहा हंू। विपक्ष को आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
सीबीआई जांच की मांग:
भाजपा के विधायक और पूर्व चिकित्सामंत्री कालीचरण सराफ ने भर्ती घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। सराफ ने कहा कि रघु शर्मा की अपने विभाग पर कोई पकड़ नहीं है। जब एनएचएम के एमडी समित शर्मा ने गलती स्वीकार कर ली है तो फिर अब कार्यवाही क्यों नहीं की गई। सराफ ने कहा कि इस घोटाले को विधानसभा में उठाया जाएगा।
एस.पी.मित्तल


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अधिकारी की कार्यविधि पर प्रश्न चिन्ह

अधिकारियों की कार्यविधि पर प्रश्न चिन्ह


अलवर, रैणी !  रैणी क्षैत्र के मुख्य मार्ग बस स्टेंड पर एनसीअार योजना के तहत निर्माणधीन पुलियाँ के नालें पर  लेंटर डालने का कार्य किया जा रहा था! कार्य मानको के पूरी तरह विरुद्ध किया जा रहा था ! जिसके चलते जाल-पटाव सहित टूटकर नाले में गिर गया ! लेंटर गिरने से बड़ा हादसा होने से टला ! ग्रामीणों ने एनसीअार ठेकेदार और अधिकारियों पर हल्का मेटेरियल काम में लेने का अारोप लगाया हैं ।नाला पटाव लेंटर सहित टूटने के कारण कई हजारों की लगी चपत !


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...