जय बद्रीविशाल पत्रकारों के न हों बुरे हाल
देश की आजादी से लेकर आज तक मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।परंतु अपने अहम के लिए बनाए गए संघठन ने सब के साथ संवाद हीनता के कारण सबको कमजोर होने का चोला पहना दिया।आज पत्रकार को जो चाहे वह अपने गुस्सा उनके उपर उतारने लगता है।
डॉक्टर देश मे एक हो सकते हैं सफाई कर्मी ,वकील एक होसकते परन्तु पत्रकार कुकरमुत्तों की तरह कई संगठनों को बनाने के कारण अपनी अहम में चूर हैं एक नहीं हो रहे है ।रस्सी पूरी जलकर अब उसकी गांठ जलने को रह गई है
सरकार समाचार कवरेज करने वाले पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने वाले को सरकारी कार्य मे बाधा उत्पन्न करने वाली धाराओं से भी कठोर बना कर उसकी जमानत उच्चतम न्यायालय से एक लाख जुर्माना किये जाने का प्रविधान किया जाय।
साथ ही सरकार जबतक पत्रकार को सामाजिक सुरक्षा के लिए 5साल के मान्यता प्राप्त पत्रकारिता करने के बाद10000 हजार रुपये महीना जिस दिन देना सुरु करेगी उस दिन आपकी सबसे बड़ी इज्जत समाज में आमजन करने लगेंगे।
इस के लिए देश के प्रत्येक जिले में रोज 1 घन्टे का धरना जिलाधिकारी कार्यलय में दिया जाय।पत्रकार कल्याण कोष का गठन कर उद्योगपतियों के फण्ड से 50 अरब के कोष बनाया जाय!पत्रकार का विमारी का पूर्ण व्यय सरकार कल्याण कोष दें।
हवाई यात्रा की सुविधा निशुल्क उपलब्ध की जाय।
पत्रकार का बीमा20 लाख दिया जाय
पत्रकार के मृत्यु पर परिवार को 10 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाय।इसके लिए मरे 70वें वर्ष के प्रवेश माह में मेरे नेतृत्व में पत्रकार जागो यात्रा श्री बद्रीनाथ धाम हिमालय से दिल्ली राजघाट तक 29 जून के बाद मोटरसाइकिल से निकालने जारहे हैं।
देश के मा0प्रधानमंत्री,अन्य नेताओं को ,राष्ट्रपति ,लोकसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष ,राज्यसभा स्पीकर ,मा0 सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को ज्ञापन दिया जाएगा। सरकार चौथे स्तंभ को कानूनी रूप से अधिकार दे।
ताकि देश के मीडिया अपने अधिकारों को पाने के लिए तैयार हो सके।इस यात्रा को प्रत्येक राज्य के पत्रकार 29 के बाद सुरु कर दिल्ली तक जासकते हैंइसकी पहल तो हमे ही करनी होगी आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं।उनको स्मृति पत्र में सम्मिलित किया जाएगा।
जीतमणि पैन्यूली