शनिवार, 15 जून 2019

कियारा और शाहिद,कबीर सिंह के प्रमोशन में जुटे

इन दिनों अपनी रिलीज़ के लिए तैयार फिल्म 'कबीर सिंह' के प्रमोशन में जुटी हैं। फिल्म के ट्रेलर में शाहिद कपूर के साथ कियारा की रोमांटिक जोड़ी और केमिस्ट्री की खूब चर्चा है। शाहिद-कियारा की जोड़ी को बॉलिवुड की एक बेहतरीन जोड़ी कहा जा रहा है। अपनी जोड़ी को लेकर हो रही तारीफ पर कियारा कहती हैं कि रोमांटिक केमिस्ट्री दिखाने के लिए दोनों को कोई मेहनत ही नहीं करनी पड़ी। 
 कियारा कहती हैं, 'शाहिद कपूर के साथ मेरी रोमांटिक जोड़ी को लोग पसंद कर रहे हैं, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। सच बताऊं तो हमने अपनी रोमांटिक केमिस्ट्री को दिखाने के लिए किसी तरह का कोई मेहनत नहीं की है। कभी-कभी ऐसा होता है कि आपको एक सीन को असल दिखाने के लिए बहुत मेहनत करना पड़ता है, लेकिन यह जो शाहिद के साथ मेरी केमिस्ट्री है, शाहिद एक ऐसे ऐक्टर हैं, जो ऐक्शन और कट के बीच काम करते हैं। मुझे कभी भी ऐसा नहीं लगा कि हम बहुत ज्यादा मेहनत करके कोई सीन शूट कर रहे थे।' 



असल जिंदगी में कियारा फिल्म के किरदार प्रीति की तरह ही हैं, खासतौर से प्यार और रिलेशनशिप के मामले में। कियारा बताती हैं, 'फिल्म कबीर सिंह में जो मेरा प्रीति का किरदार है, उससे मैं बहुत कनेक्ट फील करती हूं। प्यार के मामले में किरदार की तरह ही मैं असल जिंदगी में भी ईमानदार हूं, मैं अपने रिश्ते में बहुत ही ईमानदार रहती हूं। मैं प्यार में पूरी तरह विश्वास करने वाली लड़की हूं। मैं वन मेन-वुमन की बात को मानती हूं। मेरे लिए शादी भी बहुत महत्वपूर्ण है।' 

असल जिंदगी में प्यार और फिर ब्रेकअप के बारे में कियारा कहती हैं, 'सबकी तरह ही मेरी असल जिंदगी में भी प्यार था, मेरा भी ब्रेकअप हुआ था। हार्टब्रेक से बाहर निकलने के लिए मैंने भी रोना-धोना किया, घर से कई दिनों तक बाहर नहीं निकली, मां मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा थी, उन्हीं के कंधे में सिर रखकर रोती थी। दोस्तों का सपॉर्ट लिया था।' 

'जब हम रिलेशनशिप में होते हैं तो अपनी एक अलग दुनिया में होते हैं, अपनी पहचान भी भूल जाते हैं। अपनी पहचान को बनाए रखना जरूरी है। इस समय मैं किसी भी तरह के रिलेशनशिप में नहीं हूं, इस समय काम पर पूरा फोकस रखा है। असल जिंदगी में कबीर सिंह जैसे आशिक का इंतजार है।' 

लिंकअप्स की खबरों पर कियारा का कहना है, 'अखबारों में जब कोई मेरे लिंकअप्स के बारे में लिखता है तो बहुत ज्यादा बुरा लगता है, शुरू-शुरू में तो बहुत ज्यादा ही अपसेट हो जाती थी, बाद में समझ गई कि यह खबरें भी मेरे काम का हिस्सा हैं। वैसे मुझे प्यार-मोहब्बत की खबरों में खुद को रखना पसंद नहीं है। मैं अपने काम को लेकर हेडलाइंस में रहना चाहती हूं।' 

शाहिद कपूर और कियारा अडवाणी स्टारर इस फिल्म में निकिता दत्ता और सुरेश ओबेरॉय की भी अहम भूमिका है। 'कबीर सिंह' साउथ की सुपरहिट फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' का हिंदी रीमेक है। यह फिल्म 21 जून को देशभर के सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज़ हो रही है। फिल्म को भूषण कुमार ने प्रड्यूस किया है और फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' के निर्देशक संदीप वंगा ने फिल्म का निर्देशन किया है।


नीति आयोग की बैठक से पहले, मनमोहन की समीक्षा

निति आयोग की बैठक से पहले मनमोहन ने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक ली
नई दिल्ली ! पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने निति आयोग की बैठक से पहले कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक ली !डॉ.मनमोहन सिंह ने निति आयोग की बैठक में उठाएं जाने वाले मुद्दे पर चर्चा की !इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ,कर्नाटक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, पुडुचेरी मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी, छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठक में शामिल हुए।


पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह ने सभी मुख्यमंत्रियों से निति आयोग की बैठक में सुखी पड़ी नदियों को पुनजिर्वित करने की मांग रखी,किसानों की समस्याओं की बात जोरदार तरीके से उठा कर रखा।डॉ मनमोहन सिंह ने ऐसे कई मुद्दों को निति आयोग की बैठक में रखा !


राशनकार्ड के लिए बनाई जा रही कार्ययोजना

नये राशनकार्ड के लिए बनाई जा रही है कार्ययोजना



जयपुर।खाद्य सचिव श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार परिवार में वरिष्ठतम महिला मुखिया के नाम राशनकार्ड जारी करने की आवश्यकता, राशनकार्ड को बायोमैट्रिक फ्रेण्डली बनाने, विभिन्न तरह की सूचनाओं का निरन्तर अपडेशन करने, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के गैस कनेक्शन को राशनकार्डों से जोड़ने एवं भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबिलिटी जैसी सुविधाओं का समावेश किये जाने की आवश्यकता पर नये राशनकार्ड जारी करने के लिए एक कार्ययोजना बनाई जा रही है।


श्रीमती सिन्हा ने शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान यह बात कही। उन्होंने वर्ष 2012-13 से पूर्व जारी मैन्युअल राशनकार्ड व 2012-13 के बाद जारी किये गये डिजीटाइज्ड राशनकार्डों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि राशनकार्ड का आवेदन फार्म इस प्रकार से डिजाइन किया जाये कि जिसमें राशनकार्डधारी परिवार की मुख्य सभी सूचनाओं का समावेश किया जा सके। उन्होंने बताया कि नवीन राशनकार्ड में बैंक खाता संख्या, गैस कनेक्शन की स्थिति, श्रेणी, जन्मतिथि, अटैच उचित मूल्य दुकान, सामाजिक श्रेणी, दूरभाष संख्या एवं खाद्य सुरक्षा में चयन क्रमांक आदि का अंकन हो तथा जिसमें प्रार्थी स्वयं सुरक्षित ढंग से संशोधन भी करा सके।


खाद्य सचिव ने बताया कि राशनकार्ड के आवेदन-पत्रों को ई-मित्र व अन्य उपलब्ध एजेन्सियों के माध्यम से ऑनलाईन प्राप्त करने, राशनकार्ड पर सुरक्षात्मक प्रतीक (लोगो) लगाने, एक रूपये प्रतिकिलो गेहूं की योजना का संचालन करने, सहरिया, कथौड़ी व खेरवा परिवारों को निःशुल्क गेहूं उपलब्ध कराने, राशनकार्ड पर होम डिलीवरी हाईटेक प्रणाली से स्वतः ही प्रार्थी प्रिन्ट ले सकने जैसी सम्भावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास आम उपभोक्ताओं को सम्पूर्ण सूचनाओं सहित सही, सस्ता व सहज तरीके से राशनकार्ड उपलब्ध कराने का प्रयास है ताकि आम उपभोक्ता ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सके।


श्रीमती सिन्हा ने तेल कम्पनियों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे अपने गैस कनेक्शन से संबंधित डाटा राशनकार्ड के साथ लिंक करवायें ताकि गैस युक्त राशनकार्डों पर केरोसीन के वितरण का दुर्पयोग न हो। राशनकार्ड का फार्म व अन्य सूचनायें तैयार करने के लिए जिला रसद अधिकारी श्री उम्मेद सिंह की अध्यक्षता में एक उपसमिति का गठन किया जायेगा जो आगे की कार्यवाही के लिए शीघ्र ही अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे।


उल्लेखनीय है कि पूर्व में वर्ष 2012-13 में राशनकार्ड अभियान चलाकर आम उपभोक्ताओं को डिजीटाइज्ड राशनकार्ड उपलब्ध कराये गये थे जो 01 अप्रेल,2015 से लागू किये गये थे।बैठक में अतिरिक्त खाद्य आयुक्त श्रीमती रश्मि गुप्ता, हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कम्पनी के उपमहाप्रबन्धक श्री मनोज गोयल, इण्डियन ऑयल कम्पनी के महाप्रबन्धक श्री एन.मण्डल, एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक श्री एस.सी.गुप्ता, सूचना एवं प्रौद्योगिकी के तकनीकी अधिकारी जिला रसद अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, हुए गंभीर

लखीमपुर खीरी!  पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के द्वारा जनपद खीरी नवनिर्मित जेलगेट चौकी व उससे लगे पुलिस कल्याणार्थ एसबीआई की ई-गैलरी (जनपद की प्रथम ई-गैलरी) का उद्घाटन किया गया। इसके पश्चात् पुलिस लाइन में स्थित शिशु देखभाल केन्द्र का उद्घाटन किया गया ! साथ ही पुलिस लाइन प्रांगण में आर0टी0सी0 के जवानों को प्रशिक्षण के संबंध में उद्बोधित करते हुए जनता की सेवा के लिए प्रेरित किया गया! तदोपरान्त पुलिस लाइन की संगोष्ठी कक्ष में प्रशासनिक व पुलिस राजपत्रित अधिकारियों की गोष्ठी की गयी, जिसमें कानून-व्यवस्था एवं विकास कार्यों के संबंध में मुख्यमंत्री महोदय की प्राथमिकताओं एवं शासन की मंशानुरूप कार्य करने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये! साथ ही समस्त पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को टीम भावना से संयुक्त रूप से आपसी सामन्जस्य से कार्य करने हेतु बताया गया।महिलाओं एवं बच्चों के साथ जो अपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उस पर रोक लगाने हेतु कार्य योजना तैयार कर प्रत्येक थाना क्षेत्र में ऐसे संदिग्ध लोगों की लिस्ट बनाने, उन पर निगाह रखने एवं उन्हें सजा दिलाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये। समस्त उपजिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारीगण को यूनाइटेड होकर सजगता, चैतन्यता, संवेदनशीलता बरतते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
गोष्ठी के उपरान्त पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रेस वार्ता की गयी, तदोपरान्त जनपद के जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की गयी। इसके पश्चात् क्षेत्राधिकारी नगर लखीमपुर कार्यालय पहुंचकर कार्यालय भवन के जीर्णोद्धार का उद्घाटन किया गया, जहाॅ से पी0डब्ल्यू0डी0 गेस्ट हाउस कलेक्ट्रेट पहुंचकर वहां से लखनऊ हेतु प्रस्थान किया गया।


अब ट्रेन में नहीं मिलेगी मसाज की सुविधा

अब नहीं मिलेगी ट्रेनों में मसाज की सुविधा


 नई दिल्ली ! रेलवे ने ट्रेनों में यात्रियों के लिए मसाज सेवा देने की अपनी योजना को शनिवार को रद्द कर दिया। इससे पहले भाजपा के एक सांसद ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर आपत्ति जतायी थी। इंदौर के नवनिर्वाचित सांसद शंकर लालवानी ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि महिला यात्रियों की उपस्थिति में यात्रियों को मसाज सेवाएं मुहैया कराना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।


रेलवे के बयान में कहा गया है कि इंदौर से शुरू होने वाली ट्रेनों में मसाज सेवाओं को प्रस्ताव पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल द्वारा शुरू किया गया था। जैसे ही यह प्रस्ताव पश्चिम रेलवे के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया, यह प्रस्ताव वापस लेने का फैसला किया गया।


गौरतलब है कि इंदौर से चलने वाली 39 रेलगाड़ियों में सफर के दौरान यात्रियों को मालिश की सुविधा देकर अतिरिक्त राजस्व कमाने की रेलवे की नवाचारी योजना पर क्षेत्रीय बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने सवाल उठाए थे। लालवानी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में भारतीय संस्कृति के मानकों का हवाला देते हुए रेलवे की प्रस्तावित मालिश सेवा को स्तरहीन बताया था।



गंगा के लिए संत समाज फिर एकजुट

 हरिद्वार ! स्वामी निगमानंद सरस्वती की 9 वीं पुण्यतिथि पर आज तीसरे दिन मातृ सदन में विचार गोष्टी का आयोजन कर सभा में उपस्थित लोगों से सरकार के द्वारा बृह्मचारी आत्मबोधानंद के 194 वें दिनों के अनशन के पश्चात दिए गए लिखित आश्वासन का अभी तक पालन नहीं करने को लेकर विचार आमंत्रित किये गए। सभा का संचालन प्रातः वंदनीय परमपूज्य श्री गुरुदेव स्वामी शिवानंद महाराज ने किया। सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से शशि ने कहा कि हमें कुछ समय सरकार को जागरूक करने के लिए देना चाहिए !उसके बाद आवश्यकता पड़ी तो वे भी अनशन पर बैठ सकते हैं। बलिया से आये योगेंद्र सिंह ने कहा कि अनशन होना चाहिए, अनशन नहीं होने से पूर्व के तप का प्रभाव कम होता जाता है। भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्रवक्ता दीपक कोठारी ने कहा कि अगर सरकार अपने लिखित आश्वासन का पालन नहीं कर रही है तो मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर उन्हें इसे पूरा करने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने अनशन में खुद भी सहयोग करने की बात कही। ब्रह्मचारिणी पद्मावती ने कहा कि स्वामी निगमानंद सरस्वती जी का बलिदान ऐसे नहीं जाएगा और उनके कार्य को आगे बढ़ाने के लिए तप करेंगे। अगर मोदी सरकार नहीं मानी तो श्री गुरुदेव जी से यही प्रार्थना करती हूं कि अगली बार अनशन पर मैं बैठूँगी। 194 वे दिनों के अनशन करने वाले बृह्मचारी आत्मबोधानंद जी ने मातृ सदन आने पर अपने अंदर की अनुभूति बताते हुए दोहराया कि यदि सरकार आश्वासन को पूरा नहीं करती है तो वे पुनः अनशन पर बैठेंगे। स्वामी निगमानंद सरस्वती जी और स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी ने हम युवाओं के लिए ही बलिदान दिया है इसलिए उनके संकल्पों को हम आगे बढ़ाएंगे। दिल्ली से आई 11 वर्षीय विद्या ने कहा कि स्वामी निगमानंद सरस्वती जी के जैसा सन्यासी और शिष्य कोई बन नहीं सकता। सरकार झूठे वादे कर रही है। वहीं 194 दिनों तक फलाहार पर रहने वाले पुण्यानंद जी ने कहा कि ये सरकार जो गंगा के नाम पर आई है उसने सबसे ज्यादा गंगा विरोधी कार्य किये हैं। अतः हमें स्ट्रेटजी बदलना चाहिये और जन समर्थन जुटाना चाहिए। ब्रह्मचारी दयानन्द ने कहा कि स्वामी निगमानंद सरस्वती जी एक महामानव थे जिनकी त्याग, तपस्या और गुरूभक्ति का आदर्श पृथ्वी के रहने तक हजारों-लाखोँ युवक अपनाकर अपने को गौरवान्वित अनुभव करते रहेंगे। कुछ समय सरकार को दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा जी के इस कार्य हेतु आवश्यक होने पर वे अपनी आहुति देने को तत्पर हैं। सबके विचार उपरांत सभा का समापन पूर्व प्रातः वंदनीय श्री गुरुदेव जी ने कहा कि हम आशावान हैँ और आशा करते हैं कि सरकार वादा पूरा करेगी। संत को दिए वचन से मुकरना बड़े बड़े देवताओं को भी बहुत भारी पड़ता है। जब लोग सत्ता के मद में होता है तो भूल जाता है। परिणाम सबके सामने है। सरकार ये भी भूल जाये कि वह evm की है। घनानन्द की सरकार तो इससे भी ज्यादा मजबूत थी। यही भूल घनानंद ने किया था। संत का अपना कोई स्वार्थ नहीं होता है, संत के हृदय में ब्रह्मांड रहता है और जिनके हृदय में ब्रह्मांड रहता है उससे न टकराये और अपने वचन को पूरा करे, हम कल भी विचार आमंत्रित करेंगे, कुछ लिखित विचार भी आए हैं। लेकिन एक बात तय है कि हम अपने लक्ष्य से थोड़ा भी कम पर नहीं मानेगें। कल के विचार के बात अंतिम घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 194 दिनों के अनशन के बाद आश्रम में अनशन समाप्त होने पर पूर्ण स्वस्स्थ है लेकिन स्वामी निगमानंद सरस्वती 68 दिन और स्वामी ज्ञान स्वरूप स्नानंद जी को 110 वें दिन पूर्ण स्वस्थ अवस्था में अस्पताल ले जाकर मार दिए गए। पुलिस व प्रशासन के इन कृत्यों सहित अन्य कृत्यों को हम मा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे औऱ उनका निर्देश प्राप्त करेंगे कि क्या ये सब
संविधान सम्मत है? यदि नहीं तो इन लोगों से निपटने के लिए आखिर हमारे सामने क्या रास्ता बचा है? इस बीच सरकारी एजेंसी सतर्कता विभाग का दुरुपयोग कर हमारा लोकेशन लेकर षड्यंत्र कर मारने तक का प्रयास किया जाता है।


पानी के लिए इच्छामृत्यु की मांग की

पीने का पानी नहीं तो 3 बेटियों के साथ पिता ने मांगी इच्छा मृत्यु, पीएम को लिखा पत्र


 हाथरस ! पीने लायक पानी नहीं मिलने की समस्या से जूझ रहे एक पिता ने अपने साथ तीन मासूम बेटियों के लिए इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसके लिए पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रार्थना पत्र भी लिखा है।


दरअसल, चंद्रपाल सिंह एक साल से भी अधिक समय से गांव में खारे पानी की समस्या को लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे और शिकायत करते रहे लेकिन मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई।


हाथरथ जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दफ्तर तक में शिकायत करने पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पिता ने बच्चियों के साथ मरना ही ज्यादा भला समझा। अधिकारियों के इस रवैये से तंग आकर चंद्रपाल ने अब इच्छा मृत्यु के लिए प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख दिया है।


जिले के हसायन ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लाखों ग्रामीण खारे पानी की समस्या से परेशान हैं। पानी इतना ज्यादा खरा है कि इंसान क्या पशु भी इस पानी को पीने से कतराते हैं। इन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को पीने योग्य पानी लाने के लिए दो से तीन किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना पड़ता है।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...