शनिवार, 15 जून 2019

गंगा के लिए संत समाज फिर एकजुट

 हरिद्वार ! स्वामी निगमानंद सरस्वती की 9 वीं पुण्यतिथि पर आज तीसरे दिन मातृ सदन में विचार गोष्टी का आयोजन कर सभा में उपस्थित लोगों से सरकार के द्वारा बृह्मचारी आत्मबोधानंद के 194 वें दिनों के अनशन के पश्चात दिए गए लिखित आश्वासन का अभी तक पालन नहीं करने को लेकर विचार आमंत्रित किये गए। सभा का संचालन प्रातः वंदनीय परमपूज्य श्री गुरुदेव स्वामी शिवानंद महाराज ने किया। सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से शशि ने कहा कि हमें कुछ समय सरकार को जागरूक करने के लिए देना चाहिए !उसके बाद आवश्यकता पड़ी तो वे भी अनशन पर बैठ सकते हैं। बलिया से आये योगेंद्र सिंह ने कहा कि अनशन होना चाहिए, अनशन नहीं होने से पूर्व के तप का प्रभाव कम होता जाता है। भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्रवक्ता दीपक कोठारी ने कहा कि अगर सरकार अपने लिखित आश्वासन का पालन नहीं कर रही है तो मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर उन्हें इसे पूरा करने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने अनशन में खुद भी सहयोग करने की बात कही। ब्रह्मचारिणी पद्मावती ने कहा कि स्वामी निगमानंद सरस्वती जी का बलिदान ऐसे नहीं जाएगा और उनके कार्य को आगे बढ़ाने के लिए तप करेंगे। अगर मोदी सरकार नहीं मानी तो श्री गुरुदेव जी से यही प्रार्थना करती हूं कि अगली बार अनशन पर मैं बैठूँगी। 194 वे दिनों के अनशन करने वाले बृह्मचारी आत्मबोधानंद जी ने मातृ सदन आने पर अपने अंदर की अनुभूति बताते हुए दोहराया कि यदि सरकार आश्वासन को पूरा नहीं करती है तो वे पुनः अनशन पर बैठेंगे। स्वामी निगमानंद सरस्वती जी और स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद जी ने हम युवाओं के लिए ही बलिदान दिया है इसलिए उनके संकल्पों को हम आगे बढ़ाएंगे। दिल्ली से आई 11 वर्षीय विद्या ने कहा कि स्वामी निगमानंद सरस्वती जी के जैसा सन्यासी और शिष्य कोई बन नहीं सकता। सरकार झूठे वादे कर रही है। वहीं 194 दिनों तक फलाहार पर रहने वाले पुण्यानंद जी ने कहा कि ये सरकार जो गंगा के नाम पर आई है उसने सबसे ज्यादा गंगा विरोधी कार्य किये हैं। अतः हमें स्ट्रेटजी बदलना चाहिये और जन समर्थन जुटाना चाहिए। ब्रह्मचारी दयानन्द ने कहा कि स्वामी निगमानंद सरस्वती जी एक महामानव थे जिनकी त्याग, तपस्या और गुरूभक्ति का आदर्श पृथ्वी के रहने तक हजारों-लाखोँ युवक अपनाकर अपने को गौरवान्वित अनुभव करते रहेंगे। कुछ समय सरकार को दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा जी के इस कार्य हेतु आवश्यक होने पर वे अपनी आहुति देने को तत्पर हैं। सबके विचार उपरांत सभा का समापन पूर्व प्रातः वंदनीय श्री गुरुदेव जी ने कहा कि हम आशावान हैँ और आशा करते हैं कि सरकार वादा पूरा करेगी। संत को दिए वचन से मुकरना बड़े बड़े देवताओं को भी बहुत भारी पड़ता है। जब लोग सत्ता के मद में होता है तो भूल जाता है। परिणाम सबके सामने है। सरकार ये भी भूल जाये कि वह evm की है। घनानन्द की सरकार तो इससे भी ज्यादा मजबूत थी। यही भूल घनानंद ने किया था। संत का अपना कोई स्वार्थ नहीं होता है, संत के हृदय में ब्रह्मांड रहता है और जिनके हृदय में ब्रह्मांड रहता है उससे न टकराये और अपने वचन को पूरा करे, हम कल भी विचार आमंत्रित करेंगे, कुछ लिखित विचार भी आए हैं। लेकिन एक बात तय है कि हम अपने लक्ष्य से थोड़ा भी कम पर नहीं मानेगें। कल के विचार के बात अंतिम घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद 194 दिनों के अनशन के बाद आश्रम में अनशन समाप्त होने पर पूर्ण स्वस्स्थ है लेकिन स्वामी निगमानंद सरस्वती 68 दिन और स्वामी ज्ञान स्वरूप स्नानंद जी को 110 वें दिन पूर्ण स्वस्थ अवस्था में अस्पताल ले जाकर मार दिए गए। पुलिस व प्रशासन के इन कृत्यों सहित अन्य कृत्यों को हम मा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे औऱ उनका निर्देश प्राप्त करेंगे कि क्या ये सब
संविधान सम्मत है? यदि नहीं तो इन लोगों से निपटने के लिए आखिर हमारे सामने क्या रास्ता बचा है? इस बीच सरकारी एजेंसी सतर्कता विभाग का दुरुपयोग कर हमारा लोकेशन लेकर षड्यंत्र कर मारने तक का प्रयास किया जाता है।


पानी के लिए इच्छामृत्यु की मांग की

पीने का पानी नहीं तो 3 बेटियों के साथ पिता ने मांगी इच्छा मृत्यु, पीएम को लिखा पत्र


 हाथरस ! पीने लायक पानी नहीं मिलने की समस्या से जूझ रहे एक पिता ने अपने साथ तीन मासूम बेटियों के लिए इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसके लिए पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रार्थना पत्र भी लिखा है।


दरअसल, चंद्रपाल सिंह एक साल से भी अधिक समय से गांव में खारे पानी की समस्या को लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे और शिकायत करते रहे लेकिन मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई।


हाथरथ जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री दफ्तर तक में शिकायत करने पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पिता ने बच्चियों के साथ मरना ही ज्यादा भला समझा। अधिकारियों के इस रवैये से तंग आकर चंद्रपाल ने अब इच्छा मृत्यु के लिए प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख दिया है।


जिले के हसायन ब्लॉक क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लाखों ग्रामीण खारे पानी की समस्या से परेशान हैं। पानी इतना ज्यादा खरा है कि इंसान क्या पशु भी इस पानी को पीने से कतराते हैं। इन गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को पीने योग्य पानी लाने के लिए दो से तीन किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना पड़ता है।


विकास जिंदा है संस्था द्वारा पुरस्कार आयोजन

नेहरू युवा केन्द्र भारत सरकार एवं विकाश जिंदा है संस्था द्वारा आज दिल्ली में दिया गया पुरुष्कार

 नई दिल्ली! पालम में नेहरू युवा केंद्र ,भारत सरकार एवं विकाश जिंदा है संस्था द्वारा आयोजित योग प्रशिषण ,शिविर ,कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल होने तथा अपने विचार व्यक्त करने का सुभ अवसर प्राप्त हुआ !सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का सुभारम्भ किया !इसके उपरांत कार्यक्रम में उपस्तिथ बड़ी संख्या में महिला पुरुषों को योग गुरु गोविंद सिंह बिष्ठ द्वारा योग का प्रशिषण दिया! इसके बाद वक्ताओं ने अपने विचार रखेंं !मैने अपने सम्बोधन में जहां अपने विषय मे तथा भारत के राष्ट्रीय महासंस्था भारतीय सर्व समाज द्वारा समाज हित मे कराये जा रहे जन कल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी लोगों को दी ! आयोजकों का आभार भी व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन विकाश जिंदा है !संस्था की अध्यक्ष डा0 सुनीता शर्मा ने किया कार्यक्रम में मेरे द्वारा अन्य भी कई समाज सेवियों ,साधु संतों ,आदि को आयोजको द्वारा सम्मानित भी कराया गया! सभा मे मुख्यरूप से नेहरू युवा केन्द्र के डिप्टी डारेक्टर एसपी सिंह ,सुरेंद्र सिंह बिष्ठ ,निर्मता आचार्या मेडम ,सोलंकी सहित कई गणमान्य लोग उपस्तिथ थे!


स्वतंत्रता सेनानी की 28 वीं पुण्यतिथि

 स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय लाला अतर सिंह अरोड़ा जी की 28 की पुण्यतिथि के अवसर पर दुर्गापुरी छज्जूपुर स्थित ब्राह्मण महासभा धर्मशाला में पुण्यतिथि का कार्यक्रम आयोजित किया गया! जिसका आयोजन श्री संदीप अरोड़ा ने किया! जिसमें भारत रक्षा मंच लोनी विधानसभा अध्यक्ष और सिद्ध पीठ महायोगी श्री गुरु गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट के महंत चंद्रपाल भगत और महामंत्री सनातनी संदीप गुप्ता शामिल हुए! जिसमें पुलकित महाराज के दर्शन करने का मौका मिला ! सर्व सम्मान संस्था द्वारा डॉ विजय कुंद्रा  के नेतृत्व में आंखों का निशुल्क शिविर भी लगाया गया! सैकड़ों लोगों के मेट्रो का निशुल्क जांच एवं परीक्षण किया गया!


पुलिस अधिकारी ने दिया मानवता का परिचय

पुलिस कर्मी ने दिया मानवता का परिचय


 सहारनपुर में इंस्पेक्टर परमवीर राणा आमजन से अभद्र व्यवहार करने पर चर्चित हैं


वहीं दूसरी ओर देवेंद्र कुमार सब इंस्पेक्टर हाल समय कार्यरत थाना कुतुब शेर सहारनपुर ने दियामानवता का परिचय
 सहारनपुर! एक महिला शबनम पत्नी सलीम निवासी हबीब गढ़ थाना क्षेत्र कुतुब शेर सहारनपुर अपनी पुत्री मुस्कान को सिविल अस्पताल सहारनपुर से रेफर किए जाने पर जोर जोर से रोने वह बिलबिला ने लगी बोली मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीं है कि मैं अपनी बेटी का इलाज कहीं और कर पाऊंगी !किसी मामले की जांच में सिविल अस्पताल इमरजेंसी वार्ड में आए ! देवेंद्र कुमार सब स्पेक्टर थाना कुतुबशेर सहारनपुर यह देख वह सुन कर महिला को एक टक देखते हुए अपनी जेब से पर्स निकाल कर कुछ 500,500 के नोटों से महिला की मदद की! जहां जिला सहारनपुर में इंस्पेक्टर परमवीर राणा आमजन से अभद्र व्यवहार करने पर चर्चित है! वही देवेंद्र कुमार सब इंस्पेक्टर कुतुब शेर सहारनपुर के इस रवैए को देखकर सिविल अस्पताल में मौजूद आमजन ने पुलिस की बड़ी ही सराहना की वही दुखियारी बेटी की मां ने भी पुलिस को बड़ी बड़ी दुआएं दी !
रिपोर्ट= हाकिम अली 


लड़कियां हथियारों का इस्तेमाल करें:सरस्वती


रेप से बचने के लिए हथियार का इस्तेमाल करें लड़कियां-स्वामी अनादि सरस्वती।

राजस्थान के अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे में उदयपुर रोड के किनारे झोंपडिय़ों में रहने वाले एक गरीब परिवार की सात वर्षीय मासूम बच्ची को रात के अंधेरे मे दो युवक उठा कर ले गए और सुनसान इलाके में ले जाकर गैंगरेप किया। बाद में जंगल में पटक कर भाग गए। अब इस बच्ची का ब्यावर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह घटना 13 जून की रात की है। 15 जून को सभी अखबारों में खबर छपी है। ऐसी दरिंदगी की खबरें आए दिन अखबरों में प्रकाशित होती हैं। इन खबरों और घटनाओं से विचलित होते हुए ही चित्ती योग संस्था की प्रमुख स्वामी अनादि सरस्वती ने कहा कि आत्मरक्षा में हथियार हथने की शिक्षा तो गीता में भी दी गई है। सतयुग में भगवान कृष्ण ने जब प्रवचन दिए तब ऐसे कलयुग की कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन तब भी भगवान कृष्ण का कहना रहा कि आत्मरक्षा और अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए हथियार उठाना जायज है। जब हमारी बेटियों पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं तो बेटियों को हथियार उठाने ही चाहिए। साध्वी अनादि ने इस बात पर अफसोस जताया कि जिस देश में औरत को देवी के तौर पूजा जाता है, वहां ऐसी वारदातें हो रही हैं। अपराधियों को मां दुर्गा की ताकत का अहसास नहीं है। दुर्गा ने ही राक्षसों का नरसंहार किया था। शासन-प्रशासन की अपनी व्यवस्था है, लेकिन हमें ऐसा समाज बनाना चाहिए जो महिलाओं का सम्मान करें। बच्चियों के साथ बलात्कार के कृत्य तो बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए वे जल्द ही अजमेर के चित्ती योग संस्थान के लोहागल रोड स्थित आश्रम में एक शिविर लगाएंगी। समाज में जिस तरीके से अपराध बढ़ रहे हैं उसमें लड़कियों को आत्मरक्षा तो करनी ही पड़ेगी। इसको लेकर वे जागरुकता अभियान भी चलाएंगी। साध्वी ने कहा कि इस मुद्दे पर साधु संतों को भी आगे आना चाहिए। साधु संतों का काम भी समाज को बचाना है। आज समाज को भी खतरा है। अभियान से जुडऩे के लिए मोबाइल नम्बर 8003570999 पर साध्वी अनादि से संवाद किया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल


राम का नहीं, डॉक्टरों का मुद्दा है


ममता जी! यह जय श्रीराम का नहीं, डॉक्टरों का मुद्दा है।
दादागिरी की तो पूरे देश को परिणाम भुगतने होंगे।

15 जून को भी देश भर में चिकित्सा व्यवस्था अस्त व्यस्त रही। पांच दिन पहले कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ अस्पताल में मारपीट करने के मामले में पहले पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल हुई तो धीरे धीरे पूरे देश में हड़ताल फैल रही है। इससे आम मरीज को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने यदि बिना शर्त माफी नहीं मांगी तो देश भर के एम्स अस्पतालों में 17 जून से बेमियादी हड़ताल शुरू हो जाएगी। असल में बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल को ममता ने गंभीरता के साथ नहीं लिया। हड़ताल खत्म करवाने के लिए ममता ने न केवल धमकी दी, बल्कि कहा कि मुस्लिम मरीज होने के कारण डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। ममता का यह बयान पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना था। असल में ममता ने पिछले दिनों जिस प्रकार जयश्रीराम के नारे लगाने वालों के साथ व्यवहार किया वैसा ही व्यवहार डॉक्टरों के साथ ही किया गया। सब जानते हैं कि जयश्रीराम के नारे लगाने वालों को जेल तक भिजवा दिया था। ममता का कहना रहा कि जय श्रीराम का नारा लगाने वालों को वे छोड़ेंगी नहीं। लेकिन इस बार ममता का पाला डॉक्टरों से पड़ा है। इसलिए जो हड़ताल बंगाल में हो रही थी, वो धीरे धीरे पूरे देश में फैल गई है। बंगाल में तो अराजकता का माहौल पहले से ही बना हुआ है। डॉक्टरों की हड़ताल ने आग में घी डालने का काम किया है। समझ में नहीं आता कि ममता बनर्जी कैसी राजनेता है? माहौल को देखकर निर्णय नहीं ले रही है। यह माना कि ममता की छवि एक जूझारू राजनेता की है, लेकिन हर मौके पर दादागिरी सफल नहीं होती है। लोकसभा चुनाव में मात्र 22 सीटे मिलने से ममता को अंदाजा लगा लेना चाहिए कि अब पश्चिम बंगाल में उनकी लोकप्रियता तेजी से घट रही है। पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में अधिकांश डॉक्टर बंगाल के ही रहने वाले हैं। जब डॉक्टरों का गुस्सा ममता के प्रति इतना है तो फिर ममता को धमकी नहीं देनी चाहिए। ममता जयश्रीराम नारा लगाने वालों को तो जेल में डाल सकती है, लेकिन डॉक्टरों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है। कल तक जो ममता बनर्जी धमकाने वाली भाषा बोल रही थी, वो ही ममता बनर्जी 15 जून को कोलकाता के अस्पताल में भर्ती घायल डॉक्टर से मिल रही हैं। अच्छा हो ममता बनर्जी माहौल को समझे और डॉक्टरों के साथ बैठकर मामले को सुलझाए। ममता को इस पूरे घटनाक्रम को साम्प्रदायिक रंग देने की जरुरत नहीं है। यदि डॉक्टरों को सुरक्षा की जरूरत है तो बंगाल सरकार को सुरक्षा उपलब्ध करवानी चाहिए। ममता को यह भी समझना चाहिए कि आबादी के हिसाब से डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है। रेजीडेंट डॉक्टरों को 18 घंटे तक अस्पतालों में काम करना होता है। सरकारी अस्पताल रेजीडेंट डॉक्टरों के भरोसे ही चल रहे हैं। ऐसे में रेजीडेंट डॉक्टरों को सुरक्षा और सुविधाएं मिलनी ही चाहिए।


एस.पी.मित्तल


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...