रेप से बचने के लिए हथियार का इस्तेमाल करें लड़कियां-स्वामी अनादि सरस्वती।
राजस्थान के अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे में उदयपुर रोड के किनारे झोंपडिय़ों में रहने वाले एक गरीब परिवार की सात वर्षीय मासूम बच्ची को रात के अंधेरे मे दो युवक उठा कर ले गए और सुनसान इलाके में ले जाकर गैंगरेप किया। बाद में जंगल में पटक कर भाग गए। अब इस बच्ची का ब्यावर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह घटना 13 जून की रात की है। 15 जून को सभी अखबारों में खबर छपी है। ऐसी दरिंदगी की खबरें आए दिन अखबरों में प्रकाशित होती हैं। इन खबरों और घटनाओं से विचलित होते हुए ही चित्ती योग संस्था की प्रमुख स्वामी अनादि सरस्वती ने कहा कि आत्मरक्षा में हथियार हथने की शिक्षा तो गीता में भी दी गई है। सतयुग में भगवान कृष्ण ने जब प्रवचन दिए तब ऐसे कलयुग की कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन तब भी भगवान कृष्ण का कहना रहा कि आत्मरक्षा और अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए हथियार उठाना जायज है। जब हमारी बेटियों पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं तो बेटियों को हथियार उठाने ही चाहिए। साध्वी अनादि ने इस बात पर अफसोस जताया कि जिस देश में औरत को देवी के तौर पूजा जाता है, वहां ऐसी वारदातें हो रही हैं। अपराधियों को मां दुर्गा की ताकत का अहसास नहीं है। दुर्गा ने ही राक्षसों का नरसंहार किया था। शासन-प्रशासन की अपनी व्यवस्था है, लेकिन हमें ऐसा समाज बनाना चाहिए जो महिलाओं का सम्मान करें। बच्चियों के साथ बलात्कार के कृत्य तो बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए वे जल्द ही अजमेर के चित्ती योग संस्थान के लोहागल रोड स्थित आश्रम में एक शिविर लगाएंगी। समाज में जिस तरीके से अपराध बढ़ रहे हैं उसमें लड़कियों को आत्मरक्षा तो करनी ही पड़ेगी। इसको लेकर वे जागरुकता अभियान भी चलाएंगी। साध्वी ने कहा कि इस मुद्दे पर साधु संतों को भी आगे आना चाहिए। साधु संतों का काम भी समाज को बचाना है। आज समाज को भी खतरा है। अभियान से जुडऩे के लिए मोबाइल नम्बर 8003570999 पर साध्वी अनादि से संवाद किया जा सकता है।
एस.पी.मित्तल
शनिवार, 15 जून 2019
लड़कियां हथियारों का इस्तेमाल करें:सरस्वती
राम का नहीं, डॉक्टरों का मुद्दा है
ममता जी! यह जय श्रीराम का नहीं, डॉक्टरों का मुद्दा है।
दादागिरी की तो पूरे देश को परिणाम भुगतने होंगे।
15 जून को भी देश भर में चिकित्सा व्यवस्था अस्त व्यस्त रही। पांच दिन पहले कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ अस्पताल में मारपीट करने के मामले में पहले पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल हुई तो धीरे धीरे पूरे देश में हड़ताल फैल रही है। इससे आम मरीज को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने यदि बिना शर्त माफी नहीं मांगी तो देश भर के एम्स अस्पतालों में 17 जून से बेमियादी हड़ताल शुरू हो जाएगी। असल में बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल को ममता ने गंभीरता के साथ नहीं लिया। हड़ताल खत्म करवाने के लिए ममता ने न केवल धमकी दी, बल्कि कहा कि मुस्लिम मरीज होने के कारण डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। ममता का यह बयान पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना था। असल में ममता ने पिछले दिनों जिस प्रकार जयश्रीराम के नारे लगाने वालों के साथ व्यवहार किया वैसा ही व्यवहार डॉक्टरों के साथ ही किया गया। सब जानते हैं कि जयश्रीराम के नारे लगाने वालों को जेल तक भिजवा दिया था। ममता का कहना रहा कि जय श्रीराम का नारा लगाने वालों को वे छोड़ेंगी नहीं। लेकिन इस बार ममता का पाला डॉक्टरों से पड़ा है। इसलिए जो हड़ताल बंगाल में हो रही थी, वो धीरे धीरे पूरे देश में फैल गई है। बंगाल में तो अराजकता का माहौल पहले से ही बना हुआ है। डॉक्टरों की हड़ताल ने आग में घी डालने का काम किया है। समझ में नहीं आता कि ममता बनर्जी कैसी राजनेता है? माहौल को देखकर निर्णय नहीं ले रही है। यह माना कि ममता की छवि एक जूझारू राजनेता की है, लेकिन हर मौके पर दादागिरी सफल नहीं होती है। लोकसभा चुनाव में मात्र 22 सीटे मिलने से ममता को अंदाजा लगा लेना चाहिए कि अब पश्चिम बंगाल में उनकी लोकप्रियता तेजी से घट रही है। पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में अधिकांश डॉक्टर बंगाल के ही रहने वाले हैं। जब डॉक्टरों का गुस्सा ममता के प्रति इतना है तो फिर ममता को धमकी नहीं देनी चाहिए। ममता जयश्रीराम नारा लगाने वालों को तो जेल में डाल सकती है, लेकिन डॉक्टरों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है। कल तक जो ममता बनर्जी धमकाने वाली भाषा बोल रही थी, वो ही ममता बनर्जी 15 जून को कोलकाता के अस्पताल में भर्ती घायल डॉक्टर से मिल रही हैं। अच्छा हो ममता बनर्जी माहौल को समझे और डॉक्टरों के साथ बैठकर मामले को सुलझाए। ममता को इस पूरे घटनाक्रम को साम्प्रदायिक रंग देने की जरुरत नहीं है। यदि डॉक्टरों को सुरक्षा की जरूरत है तो बंगाल सरकार को सुरक्षा उपलब्ध करवानी चाहिए। ममता को यह भी समझना चाहिए कि आबादी के हिसाब से डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है। रेजीडेंट डॉक्टरों को 18 घंटे तक अस्पतालों में काम करना होता है। सरकारी अस्पताल रेजीडेंट डॉक्टरों के भरोसे ही चल रहे हैं। ऐसे में रेजीडेंट डॉक्टरों को सुरक्षा और सुविधाएं मिलनी ही चाहिए।
एस.पी.मित्तल
गहलोत ने प्रिंट मीडिया को बताया झूठा
सीएम अशोक गहलोत ने प्रिंट मीडिया की खबर को झूठा बताया।
25 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्टस पर रोक
जयपुर ! प्रिंट मीडिया के सम्पादक और मालिक ईमानदार खबरों के लिए अक्सर अपनी पीठ थपथपाते हैं। अखबार की निष्पक्षता के लिए प्रथम पृष्ठ पर अग्रलेख लिखे जाते हैं। ऐसा लगता है कि पत्रकारिता की ईमानदारी का ठेका मीडिया के इन्हीं मालिकों ने ले रखा है। लेकिन 15 जून को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रिंट मीडिया की एक प्रमुख खबर को झूठा करार दिया है। 15 जून को ही प्रिंट मीडिया में खबर छपी कि वित्तीय संकट से गुजर रही है राजस्थान की कांग्रेस सरकार अब 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत वाले इन्फ्रास्टे्रक्चर प्रोजेक्टस को हाथ में नहीं लेगी। सरकार पहले ऐसे प्रोजेक्टस को पीपीपी मॉडल पर चला कर देखेगी। यानि 25 करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्टस को सरकार मंजूरी नहीं देगी। प्रिंट मीडिया की खबर में कहा गया कि सरकार के इस फैसले के संबंध में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिए हैं। लेकिन प्रिंट मीडिया की इस खबर को सीएम अशोक गहलोत ने झूठा बता दिया। 15 जून को दिल्ली में मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। सरकार 25 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्टस पर काम करती रहेगी। गहलोत ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने अंतिम दिनों में 12 हजार करोड़ के जो कार्यादेश जारी किए, उनका भुगतान भी अब हमारी सरकार कर रही है। वे राजनीतिक दुर्भावना से किसी प्रोजेक्टस को बंद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आज केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और आग्रह किया कि राज्य को मिलने वाली राशि का भुगतान तुरंत करवाया जाए। गहलोत ने बताया कि पूर्व में कुल राशि का 75 प्रतिशत वित्तीय वर्ष के शुरू में ही मिल जाता था, लेकिन अब केन्द्र सरकार मात्र 25 प्रतिशत ही दे रही है जिससे राज्यों को भारी परेशानी हो रही है। गहलोत ने कहा कि केन्द्र को राज्यों की वित्तीय स्थिति का भी ख्याल रखना चाहिए।
एस.पी.मित्तल
राम के लिए भूमि अधिग्रहण,अधिसूचना जारी
अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के लिए 200 घरों का होगा अधिग्रहण, अधिसूचना जारी
अयोध्या ! सरयू नदी के किनारे विश्व की सबसे ऊंची 221 मीटर की भगवान श्रीराम की विशालकाय मूर्ति स्थापित करने के लिए 200 घरों का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी है। अधिग्रहीत किये जाने वाले घर के मालिकों ने अधिक मुआवजा के लिए डीएम से मुलाकात की है।
222 लोगों की 29 हेक्टेयर अधिग्रहीत होगी जमीन
प्रस्तावित मूर्ति की स्थापना के लिए करीब 222 लोगों की 265 गाटा संख्या से 28.2864 हेक्टेयर भूमि क्रय की जानी है। सर्किल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत 38 करोड़ 6 लाख आंकी गई है, लेकिन नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र की भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना देने की व्यवस्था है। श्रीराम की मूर्ति के लिए अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कुल 28.2864 हेक्टयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है। जमीन अधिग्रहण करने का नोटीफिकेशन आज जारी कर दिया गया है। भू स्वामी 20 जून तक कागजात के साथ अपना पक्ष कार्यालय आकर रख सकते हैं।
योगी सरकार ने विश्व की सबसे ऊंची 221 मीटर की भगवान श्रीराम की विशालकाय मूर्ति स्थापित करने की कवायद तेज कर दी है। सरकार ने श्रीराम की मूर्ति के लिए पहले ही 200 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया है। रामनगरी में सरयू नदी किनारे रेलवे पुल के पास 222 लोगों की 28.2864 हेक्टयर भूमि ली जानी है। इसमें 66 भवन व 5 मदिरों के अधिग्रहण का भी प्रस्ताव है। सरकार इस मूर्ति को भव्यता प्रदान करने की पूरी तैयारी में है।
मूर्ति में 20 मीटर का होगा क्षत्र
रामनगरी में स्थापित होने जा रही यह प्रतिमा स्टेचू ऑफ यूनिटी से भी ऊंची होगी। स्टेचू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है, जबकि प्रस्तावित भगवान श्रीराम की प्रतिमा की कुल ऊंचाई 221 मीटर होगी। इसका आधार 50 मीटर का होगा जिसके ऊपर 20 मीटर ऊंचा क्षत्र लगेगा। जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण कर रहा है लेकिन रामघाट के लोग जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर जमीन का अधिग्रहण करना है तो सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा और पुनर्वास के लिए अलग से जमीन दी जाए जिसके लिए प्रशासन मानने को तैयार नहीं है।
जिलाधिकारी से मिले रामघाट के निवासी
आज 100 से अधिक महिलाओं व पुरुषों ने जिलाधिकारी अनुज झा से मुलाकात करके अपनी 12 सूत्रीय मांग रखी। उनका कहना है कि पहले तो जमीन का अधिग्रहण न किया जाए लेकिन अगर अधिग्रहण किया जाना है तो उनकी मांगे मानी जाए। रामघाट के निवासियों की मांग है कि जमीन मालिकों को सर्किल रेट की दर से 4 गुना मुआवजा दिया जाए और पुनर्वास के j उन्हें अलग से जमीन उपलब्ध कराई जाए। यही नहीं पीड़ित परिवार के एक सदस्य को भगवान श्री राम की प्रतिमा से जुड़े हुए ड्रीम प्रोजेक्ट में योग्यता के अनुसार नौकरी भी दी जाए।
7 महा की बच्ची का पिता साली को लेकर भागा
पत्नी व सात माह की दुधमुंही बच्ची को छोड़ साली को ले भागा युवक,थाने में कार्यवाही ना होने से क्षुब्ध पत्नी पहुँची पुलिस अधीक्षक कार्यालय,पति के खिलाफ की कार्यवाही किये जाने की मांग
कोरबा ! जिस पत्नी के साथ सात फेरे लेकर मांग भरते समय सदा साथ निभाने की पति ने कसमें खाई थी।उसी पति ने शादी के महज 14 माह बाद साली को प्रेमजाल में फसाकर और फिर पत्नी सहित अपनी सात माह की दुधमुंही पुत्री को छोड़ साली को अपने साथ ले भागा।पत्नी ने थाना पहुँच शारीरिक मानसिक प्रताड़ना दिए जाने सहित पति के करतूत की लिखित शिकायत दर्ज कराई।जहाँ उसे न्यायालय जाने की सलाह दी गई।कार्यवाही ना होने से क्षुब्ध पत्नी ने एसपी कार्यालय पहुँच मामले की शिकायत कर पति के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है।
यह मामला है जिले के कटघोरा थानांतर्गत ग्राम गुरूमुड़ा (बांझीबन) का।जहाँ लक्ष्मी यादव पिता शिवटहल यादव 20 वर्ष का विवाह ग्राम नागोईखार(जमनीपाली) थाना दर्री निवासी अरविंद यादव पिता रामधारी यादव के साथ 20 फरवरी 2018 को सामाजिक रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ था।पीड़िता लक्ष्मी यादव द्वारा अपने शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि शादी के बाद एक पुत्री के जन्म उपरान्त पति द्वारा आए दिन गाली-गलौज व मारपीट किया जाता था।ढंग से खानेपीने को भी नही दिया जाता था।तथा रात में मारपीट कर घर से भी बाहर निकाल देता था।लगातार शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर पुत्री को लेकर अपने मायके आ गई।कुछ दिनों बाद पति भी मायके पहुँचा।तथा साथ मे रहने लगा।इस बीच मेरी सगी छोटी बहन शालिनी यादव 18 वर्ष को पति द्वारा अपने प्रेमजाल में फंसाकर तथा बहलाफुसला कर 20 मई 2019 को अपने साथ ले भागा।और अपने गृह निवास में साथ रखा है।उक्त बातों का उल्लेख कर महिला द्वारा गत 10 जून को कटघोरा थाना पहुँचकर पति द्वारा शारीरिक मानसिक प्रताड़ना व करतूतों की लिखित शिकायत पुलिस को दी गई।जहाँ 11 जून को पीड़िता का धारा 155 के तहत बयान कलमबद्ध कर न्यायालय जाने की सलाह दी गई।पुलिस द्वारा कार्यवाही ना किये जाने से क्षुब्ध महिला 14 जून को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँच शिकायतपत्र सौप उचित कार्यवाही की मांग की है।साथ ही महिला सेल प्रभारी को भी शिकायत सौपी गई है।जहां पीड़िता लक्ष्मी यादव का बयान कलमबद्ध किया गया है।
खनन माफियाओं के लिए गर्मी बनी वरदान
एक ही फार्म पर निकाली जा रही अलग अलग नंबर की गाड़ियां
गर्मी खनन माफियाओं के लिए बनी तोहफा
- अफसर नहीं निकल रहे ऑफिस से बाहर
- खनन माफियाओं की आई मौज
- जमकर हाे रही ओवरलाेडिंग और धांधलेबाजी
सहारनपुर। ''गर्मी'' आम आदमी के लिए भले ही परेशानी का कारण बन रही हो, लेकिन खनन माफियाओं के लिए यह सौगात लेकर आई है। इसका बड़ा कारण यह है कि गर्मी में अफसर अपने दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रहे और इसका सीधा फायदा खनन माफियाओं को मिल रहा है। खनन सामग्री के परिवहन में जमकर धाधलेबाजी की जा रही है और सरकार काे राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
इसका खुलासा हाल ही में सामने आए 'सी' फार्म में हुआ है। एक ही फार्म पर दाे-दाे ट्रक भरे गए हैं। यह घाैटाला सामने आने के बाद साफ हाे गया है कि सहारनपुर में एक ही 'सी' फार्म पर एक से अधिक वाहनाें में खनन सामग्री का परिवहन किया जा रहा है। यह खुलासा तब हुआ जब एक ही सीरीज के दाे फार्म पर अलग-अलग वाहनाें के नंबर मिले। यह खेल सामने आने के बाद खनन विभाग के अधिकारियाें की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हाे गए हैं।
क्या कहते हैं खनन अधिकारी
जिला खनन अधिकारी पंकज कुमार ने भी इस धांधली के सामने की पुष्टि की है। यह अलग बात है कि उन्हाेंने इस मामले काे लेकर कैमरे के सामने कुछ भी बाेलने से इंकार कर दिया लेकिन उन्हाेंने बातचीत में यह माना कि एक ही फार्म पर एक से अधिक वाहन से खनन सामग्री ढुलाई का करने की धांधली सामने आई है। पूछने पर उन्हाेंने बताया कि फिलहाल दाेनाें ही वाहनाें पर जुर्माना लगाया गया है और अन्य वाहनाें की जांच कराए जाएगी लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह कार्य कितने लंबे से किया जा रहा था और इससे कितना बड़ा नुकसान सरकार काे हाे रहा हाेगा ? इन सभी सवालाें के जवाब मिलने अभी बाकी हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला, दरअसल क्रेशराें पर भंडारण उठान के लिए खनन विभाग की ओर से एक सी फार्म दिया जाता है। इस फार्म की तीन कॉपियां हाेती हैं। एक कॉपी खनन विभाग में रहती है। दूसरी कॉपी क्रेशर पर रहती है और तीसरी कॉपी वाहन के साथ रहती है। खनन विभाग से जुड़े सूत्राें के अऩुसार सहारनपुर में अब यह खेल चल रहा है कि जाे कॉपी क्रेशर के पास रहती है उस पर गाड़ी का नंबर नहीं डाला जाता और बाद में उसी कॉपी काे अन्य किसी दूसरे वाहनाें काे दे दिया जाता है। इस तरह एक ही फार्म पर दाे-दाे गाड़िया निकलवा दी जाती है।
खनन विभाग की कार्यप्रणली पर खड़े हुए सवाल
क्रेशराें काे भंडारण उठाने के लिए जारी किए फॉर्म काे लेकर खनन विभाग की नीयत पर भी सवाल खड़े हाे गए हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि क्रेशराें काे बगैर उनके भंडारण चेक किए ही भंडार से संबंधित फार्म दे दिए गए हैं।न नियमाें के अनुसार किसी क्रशर काे उतने ही फॉर्म दिए जा सकते हैं जितना क्रेशर में भंडारण हाेगा लेकिन यहां सहारनपुर में खनन विभाग से बगैर भंडारण चेक किए ही फॉर्म बुक दे दी गई हैं। ऐसे में आशंका यह है कि जिन क्रेशराें के पास भंडारण नहीं है उन्हे भी वह फार्म मिल गए हैं और ऐसे में वह क्रेशर खुदाई करकेे भंडारण फार्म पर खनन सामग्री का परिवहन कर रहे हैं। जब इस बारे में खनन अधिकारी से बात की गई ताे उन्हाेंने यही कहा कि क्रशराें का भंडारण चेक किया गया है। जिन क्रेशराें का भंडारण चेक नहीं हुआ है उनका किया जा रहा है।
प्रेमी संग, पति को उतारा मौत के घाट
पति को लगा अवैध संबन्धों का पता तो पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर दी खौफनाक मौत
देहरादून ! हर्रावाला निवासी रूपचंद ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उसका कत्ल किया गया था। डोईवाला पुलिस ने बुधवार को रूपचंद की पत्नी, उसके प्रेमी और दोस्त को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस का दावा है कि अवैध संबंधों के ऐतराज करने पर पत्नी ने अपने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर रूपचंद की हत्या करने के बाद शव पंखे से लटका दिया था।
डोईवाला कोतवाली क्षेत्र के हर्रावाला निवासी रूपचंद (45) शैल ब्वायज स्कूल में चौकीदार था। 10 जून को रूपचंद के आत्महत्या करने की सूचना पुलिस को मिली थी। जांच के दौरान रूपचंद के गले में अलग अलग निशान के अलावा तकिए और कपड़ों पर खून मिलने पर हत्या की आशंका जताई गई थी। इसके बाद पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में संदेह को बल मिल गया।
एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि विवेचना के दौरान रेणु की काल डिटेल में एक शख्स विनीत से लगातार बात होने का पता चला। शक के आधार पर पूछताछ की गई तो रेणु टूट गई। रेणु ने बताया कि उसने विनीत से दो साल पहले 35 हजार रुपये लिए थे। इसी लेनदेन के सिलसिले में एक दूसरे से मिलने पर दोनों में अवैध संबंध बन गए!
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