शुक्रवार, 14 जून 2019

झांसी में पालीथिन के खिलाफ अभियान

जिलाधिकारी के कढ़े दिशा निर्देशन में पोलोथिन प्रतिबंधित जप्तकर जुर्माना बसूला
चिरगांव कस्वा में बीस हजार रूपये का जुर्माना वसूलकर पॉलीथिन जप्त


झांसी ! चिरगांव कस्वा में जिलाधिकारी के कढ़े दिशा निर्देशन में झाँसी खाद सुरक्षा विभाग अधिकारी दिव्या त्रिपाठी के निर्देशन में प्रतिबंधित पालीथिन के खिलाफ चिरगांव अभियान के दौरान नगरपालिका कर्मचारियों ने कई दुकानों से पालीथिन जप्त कर बीस हजार रुपयो का जुर्माना वसूल किया गया ! इस दौरान दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गयी कि अगर दोबारा पॉलीथिन पायी गयी तो कढ़ी कारवाही की जायेगी।
झांसी जिला शासन प्रशासन के कढ़े दिशा निर्देशन के बाबजूद कस्वा में दुकानों चार पहिया ठेले पर पॉलीथिन की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही थी। पॉलीथिन से नगर में प्रदूषण गन्दगी व कई जानवरो की अकारण म्रत्यु हो रही थी
जिलाधिकारी ने संज्ञान में लेते हुये !
 खाद विभाग एव नगरपालिका विभाग की सँयुक्त टीम ने पुराने बस स्टेंड राजेंद्र खर्द की दूकान में थर्माकोल एव पॉलीथिन व प्लास्टिक के गिलास पाये जाने पर खाद सुरक्षा अधिकारी ने ग्यारह हजार रूपये का जुर्माना वसूल किया।ऐसा ही नये बस स्टेंड दुकानों से पॉलीथिन थर्माकोल गिलास मिलने पर चार हजार रूपये का जुर्माना वसूल किया गया। इसी तरह पहाड़ी चुंगी मिठाई की दुकानों से चार हजार रूपये का जुर्माना वसूल कर पॉलीथिन जप्त की गयी।
दिव्या त्रिपाठी ने दुकानदारों को कढ़े निर्देश देते हुये कहा अगर दोबारा पॉलीथिन पायी गयी तो जुर्माने के साथ मुकदमा दर्ज भी करवाया जायेगा। संयुक्त टीम के साथ रामप्रकाश भूमिया महेश प्रसाद लक्ष्मीनारायण नीतेश समाधिया आदि मौजूद रहे!


उमेेश शर्मा


शिवसेना के 2 राष्ट्रीय संघटको की उपस्थिति

 


मुरबाड थाने,  महाराष्ट्र ! मुरबाड के कलम्बे गाँव मे देवी तुलजा भवानी के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पर 10 जुन से 15 जुन तक विभिन्न कार्यक्रम!थाने शिवसेना उत्तर भारतीय नेता शशि कुमार यादव द्वारा निर्मित थाने जिले के मुरबाड के करीबी गाँव कलम्बे मे आई तुलजा भवानी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के कार्यक्रम में दिनाँक 12 जून को महाराष्ट्र प्रदेश के सुप्रसिद्ध भजन गायिका प्रणीता देशमुख फुलवड़े तालुका अम्बेगाव पुणे निवासी ने अपनी प्रस्तुति देकर मौजूद श्रोताओं को मग्नमुग्ध कर दिया !


शिवसेना के दो राष्ट्रीय संगठकों ने दर्ज कराई अपनी उपस्थिती ,अपने दिए गये साक्षात्कार में कार्यक्रम के मुख्य आयोजक शशि कुमार यादव ने सभी देवीभक्तो एवं मित्र मंडली को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिये विसेष निमंत्रित किया है ।


हम आपको ज्ञात करादें की थाने जिले के मुरबाड तालुका के अंतर्गत आने वाले गाँव कलम्बे मे दिनाँक 10 जुन से 15 जुन तक महाराष्ट्र की आराध्य देवी श्री तुलजा भवानी एवं देवो के देव महादेव शिवशंकर के साथ नवों ग्रहों की मूर्तियों का प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी एवं 15 जुन को विशाल भंडारे एवं महाप्रसाद के साथ कार्यक्रम का समापन होगा ।


 महेंद्र मणि पाण्डेय 


अपराध और लंबी न्यायिक प्रक्रिया


कुदरती निजाम के खिलाफ अपरिपक्व देवी स्वरूपा मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म एवं निर्मम हत्याओ की बढ़ती घटनाओं एवं लम्बी न्यायिक प्रक्रिया पर विशेष
सम्पादकीय
मनुष्य का एक रूप ही देव मानव का तो मनुष्य का ही दूसरा रूप नर पशु और नर पिशाच का माना जाता है। दोनों इस धरती पर आम मानव के रूप में पैदा होते एवं मरते खाते पीते हैं किंतु पैदा होने के बाद दोनों अपनी अपनी प्रवृत्तियों व कार्यशैली के अनुसार देव और दानव हो जाते हैं। मनुष्य अपने कर्म से मानव से महामानव और देवमानव तथा नर से नरपशु नर पिशाच यानी इंसानियत से लाखों कोस दूर शैतान बन जाता है लेकिन इन दोनों में एक खूबी यह है कि यह दोनों अपनी-अपनी मान मर्यादाओं एवं कुदरत के निजाम में रहकर अपना अपना जीवन अपने अपने हिसाब से जीते हैं और दोनों विधि के विधान या कुदरत के खिलाफ काम नहीं करते हैं। मनुष्य जीवन में काम क्रोध मद लोभ से कोई नहीं बचा और जो बच गया है वह ईश्वर समान हो गया है इसीलिए कामवासना की तृप्ति के लिए कुदरत द्वारा परिपक्वता की समय सीमा निर्धारित की गई है जिसके तहत महिला पुरुष के संबंध पति पत्नी के रूप में निर्धारित किए गये हैं। इतना ही नहीं बल्कि कामवासना की दोनों की एक उम्र भी तय की गई है इस निर्धारित अवधि के पहले कामवासना करना कुदरत के ही खिलाफ नहीं बल्कि कानून के भी खिलाफ होता है। हम भारत जैसे देश में रहते हैं जहां पर बालिका को मासिक धर्म आने के पहले तक देवी स्वरूप कन्या मानकर उसकी पूजा की जाती हैं। जिस देश में कन्याओं को देवी माना जाता हो उस देश में कन्याओं के साथ असमय दुष्कर्म होना या कामवासना की नजर से कामुक होकर देखना देवी शक्ति एवं कुदरत के निजाम का अपमान करने जैसा होता है। इन अपरिपक्व कुंवारी कन्याओं के साथ दुष्कर्म को रोकने की अनुमति किसी भी काल में नहीं दी गई है और वर्तमान समय में भी कानून बने हुए हैं। लेकिन यहां पर सवाल कानून बनने या लागू होने का नहीं है बल्कि सवाल इस बात का है कि जिस उम्र में बालिकाओं को देवी स्वरूपा देखा जाना चाहिए उस उम्र में उसके साथ दुष्कर्म करने की बात मनुष्य के दिमाग में कैसे पैदा होने लगी है?क्या ऐसे लोगों को इंसान कहा जा सकता है? इधर देवी स्वरूपा बच्चियों के साथ असमय दुष्कर्म करके उनकी हत्या करने की घटनाओं की जैसे बाढ़ सी आ गई है। बच्चियों के साथ दुष्कर्म एवं हत्या की घटनाएं देश के विभिन्न राज्यों खासतौर से उत्तर प्रदेश में हो रही हैं। अलीगढ़ घटना के बाद से एक तूफान सा खड़ा हो गया है और पूरे देश में इस घटना की निंदा की जा रही है। उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ हो रही घटनाओं को लेकर जहां जनमानस उद्वेलित एवं आक्रोशित है तो विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर हैं। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी प्रशासनिक आला अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर उनके पेंच कस कर अन्य अपराधों के साथ इन शर्मनाक घटनाओं पर लगाम लगाने के कड़े निर्देश भी दे चुके हैं।फिलहाल अब तक बच्चियों के साथ हुई घटनाओं के आरोपियों को पकड़कर कानून के हवाले किया जा चुका है।इसके बावजूद घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। कहा जाता है कि लोगों के मन के अंदर कानून का भय तब खत्म हो जाता है जबकि उस कानून को लागू कराने वाले लापरवाह हो जाते हैं। यह बात सही है कि शासन सत्ता चलाने के लिए सरकार या उसकी पुलिस का इकबाल बुलंद होना आवश्यक होता है क्योंकि अपराधियों के दिलों के अंदर कानून का खौफ तभी व्याप्त होता है जब पुलिस का इकबाल बुलंद होता है और लोग अपराध करने से भय खाते हैं। बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को न तो मानव और न ही दानव ही कहा जा सकता है ऐसे लोगों को विवेकहीन पागल जरूर कहा जा सकता है। हमारे यहां एक परंपरा है कि जब विवेकहीन कुत्ता पागल हो जाता है और काटने लगता है तब उसे गोली मार दी जाती है।देवी स्वरूपा बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले कुदरत के अपराधी हैं और ऐसे अपराधियों को कुत्ता की मौत की सजा देना भी कम होगा क्योंकि कुदरत से छेड़छाड़ करने का मतलब खुद अपनी मौत को दावत देना होता है। समाज में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर व्यक्ति के अंदर कानून तोड़ने पर प्रतिफल भुगतने का भय बना होना चाहिए क्योंकि अपराधी भयमुक्त होकर तभी घिनौने कृत्य को करता हैं जब कानून का भय खत्म हो जाता है और जंगल राज कायम हो जाता है। कुदरत के नियमों और सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करने वालों के साथ कानूनी अदालती दंड के साथ समाजिक दंड भी आवश्यक है।सरकार को ऐसे कुदरती अपराधियों के लिए ऐसे कानून बनाने चाहिए या कानूनों को लागू करना चाहिए जिसे देख कर लोगों की रूह कांप जाए और कोई ऐसे कुकृत्य करने की भविष्य में कोशिश तो क्या दिमाग में सोच भी न सके। गतवर्षो कठुआ में एक बच्ची के साथ हुये सामूहिक दुष्कर्म एवं निर्मम हत्या के मामले अदालती फैसला आने में एक लम्बा समय लगा है। जब तक सख्ती के साथ ऐसे कुदरत के अपराधियों के साथ पेश नहीं आया जाएगा तब तक ऐसे कुदरत विरोधी शैतानों और शैतानियत भरी हरकतों को रोका नहीं जा सकता है।रामायण में भी कहा गया है कि-" अनुज वधू भगिनी सुत नारी ते सब कन्या समचारी, इन्हें कुदृष्टि विलोकै जोई ताहि वधे कुछ पाप न होई"। दुनिया के कुछ देश इस बात के लिए गवाह है जहां अपराधियों को लंबी अदालती प्रक्रिया से न गुजार कर प्रमाणिकता सिद्ध होने पर तत्काल सरेआम सरेबाजार एवं खुले आम ऐसी कठोर सजा दी जाती है जिसके कारण वहां पर कोई कानून तोड़ने की हिम्मत नहीं कर सकता है और वह देश आज भी दुनिया में मिसाल बने हुए हैं। लोकतंत्र की यही खूबी है इसमें किसी को अपराधी घोषित करने के लिए एक लंबी अदालती प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और न्याय देने में साक्ष्य को मुख्य आधार माना जाता है।मासूम बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं के आरोपियों को ईमानदारी के साथ एक सप्ताह में सुनवाई करके मामले को निपटाकर अकल्पनीय सजा देने की जरूरत है। जो घटनाएं सरेआम सरे चर्चा और सारे जहान होती हैं और दुनिया जानती है कि यह घटना किसने की है उनमे लम्बी प्रक्रिया अख्तियार करना अपराधियों को बढ़ावा देने जैसा है ।दुनिया में वियतनाम अमेरिका जैसे कुछ ऐसे भी देश हैंं जहां पर कुदरत के विधान के विरुद्ध बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को अदालती सजा के साथ ही उन्हें नपुंसक बना दिया जाता है जिससे वह भविष्य में ऐसी घिनौनी हरकतों की पुनरावृत्ति न कर सके!
भोलानाथ मिश्र


बिश्केक में मोदी और इमरान की वार्ता नहीं

किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हैं। साथ ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति इमरान खान भी इस सम्मेलन के लिए बिश्केक पहुंचे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान एक कार्यक्रम में मोदी और इमरान मौजूद थे, लेकिन दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। इससे पहले इमरान खान ने दो बार पत्र लिखकर मोदी से वार्ता बहाल करने की अपील की थी, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की कोई योजना नहीं है। इस सब के बाद इमरान खान ने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के संबंध अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।


'सबसे बुरे दौर में संबंध'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने आशा जताई कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने 'प्रचंड जनादेश' का उपयोग करेंगे। खान और मोदी दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हैं। बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक 'इंटरव्यू' में खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है।


किसी भी मध्यस्तता को तैयार पाक
खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है। खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है। उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं।


भारत ने मुलाकात से किया था इनकार
गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है। वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है। मोदी ने गुरुवार को यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान सीमा पार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत वार्ता बहाली के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने के मकसद से पाक द्वारा ठोस कार्रवाई किए जाने की उम्मीद करता है।


'कश्मीर समाधान के लिए करें बहुमत इस्तेमाल'
इमरान खान ने कहा कि मुख्य जोर शांति बहाल करने और वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर (मुद्दा) है। और यदि दोनों देश फैसला करते हैं तो यह मुद्दा हल हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से हमें (इस सिलसिले में) भारत की ओर से ज्यादा सफलता नहीं मिली है। लेकिन हम आशा करते हैं कि मौजूदा प्रधानमंत्री (मोदी) के पास प्रचंड जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति कायम करने में इसका उपयोग करेंगे।'


रूस से हथियार खरीद रहा पाक
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पैसों का इस्तेमाल लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में किया जाना चाहिए। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए यह बात कही जिसने अपने लाखों लोगों को गरीबी के भंवर जाल से बाहर निकाला है। खान ने कहा, ''हम आशा करते हैं कि भारत के साथ हमारा तनाव घटेगा, इसलिए हमें हथियार नहीं खरीदना है क्योंकि हम मानव विकास पर धन खर्च करना चाहते हैं। लेकिन हां, हम रूस से हथियार खरीदने पर विचार कर रहे हैं और मैं जानता हूं कि हमारी सेना रूसी सेना के साथ संपर्क में है।' उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान रूस के साथ पिछले कुछ बरसों से संयुक्त सैन्य अभ्यास करता आ रहा है। इसके अलावा वह रूस से रक्षा खरीद भी कर रहा है, जिसने नई दिल्ली को कुछ चिंतित किया है।


पतंजलि के उत्पादन की बिक्री में गिरावट दर्ज

पतंजलि की बिक्री में 10% गिरावट दर्ज


बाबा रामदेव पतंजलि को 'सिंहासन' तक पहुंचने का 'आसन' लगाए बैठे रहे! मगर कंपनी को 'शिथिलासन' लग गया! रामदेव बड़े-बड़े दावे करते रहे! वे कहते ही रह गए- 'हम मल्टीनेशनल कंपनियों को कपालभाती कराएंगे.' उलटे, उनकी पतंजलि ही भांति-भांति के भवजाल में फंस गई है! रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रामदेव के कमाई बढ़ाने के दांव बेअसर होते दिख रहे हैं! कंपनी की बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है!


साल 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने! उसके बाद से पतंजलि स्वदेशी के सहारे अपने कारोबार को दिन दूनी- रात चौगुनी स्पीड से बढ़ा रही थी! उसके सस्ते प्रोडक्ट कंज्यूमर हाथों-हाथ ले रहे थे! मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए पतंजलि के नारियल तेल और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट चिंता का सबब बने हुए थे! मगर आज सब कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है!


क्या से क्या हो गया?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक साल 2017 में रामदेव ने दावा किया, 'उनकी कंपनी के टर्नओवर के आंकड़े मल्टीनेशनल कंपनियों को कपालभाती करने को मजबूर कर देंगे! कपालभाती को एक मुश्किल योग माना जाता है! रामदेव का दावा था कि मार्च 2018 तक पतंजलि की बिक्री दोगुनी हो जाएगी! ये 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी. पर हुआ उल्टा! कंपनी की सालाना फाइनेंशियल रिपोर्ट बाबा रामदेव के होश उड़ाने के लिए काफी है! रामदेव के दावों के उलट पतंजलि की बिक्री 10 फीसदी घट गई है! कंपनी की सेल 10,000 करोड़ रुपए के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे 8,100 करोड़ रुपए रह गई है! साल 2016-17 में कंपनी का कारोबार 11,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था!


बहन के बाद, बुजुर्ग भाई ने भी दम तोड़ा

नई दिल्ली ! ज़िंदगी यूं हुई बसर तन्हा.. काफ़िला साथ और सफर तन्हा। गीतकार गुलजार की लिखी लाइनें भारत नगर में बुजुर्ग भाई-बहन की जिंदगी पर सटीक हैं। दरअसल, चमनलाल के पड़ोसी ने बताया कि पुश्तैनी कोठी होने की वजह से भाई-बहन ने कभी घर नहीं छोड़ा। 1957 में बनी कोठी से दोनों को गहरा लगाव था।  एक-दूसरे का खयाल रखते थे। पड़ोसियों से ज्यादा वास्ता नहीं रखते थे। काफी समय से चमनलाल को पड़ोसियों ने नहीं देखा। 

राजकुमारी ही घर से बाहर सामान लेने निकलती थीं। अक्सर पड़ोसी उन्हें बस दरवाजे पर दूध लेने के लिए निकलते हुए देखते थे। पड़ोसियों का कहना है कि आनंद विहार में रहनेवाले चमन के भाई-भतीजे ही फोन करके हालचाल पूछते रहते थे। बता दें कि भारत नगर में एक घर में दो बुजुर्गों की लाशें मिली थीं। 

छानबीन कर रही पुलिस को किसी बाहरी के घर में एंट्री के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस जब मौके पर पहुंची, घर के लाइट पंखे चल रहे थे। राजकुमारी का फोन भी चार्जिंग पर लगा था। चमन के घर का सामान भी सुरक्षित मिला। पुलिस को मौत के पीछे किसी तरह का अंदेशा फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा। दोनों के शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। 

आसपास के लोगों के मुताबिक, राजकुमारी ने रविवार सुबह आखिरी बार दूध लिया था। उसके बाद दूधवाला घर पहुंचा तो दरवाजा नहीं खुला। वह बिना दूध दिए ही लौट गया। अंदेशा है कि रविवार को ही किसी समय राजकुमारी की मौत हो गई। उसके बाद गर्मी, भूख और प्यास से किसी दिन चमनलाल की भी मौत हो गई। क्राइम टीम ने घर की जांच की है। तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस चमन के भाई और भतीजों से पूछताछ कर रही है। 

सीनियर सिटिजन सेल में नहीं थे रजिस्टर्ड
 
पुलिस अफसरों ने बताया कि बुजुर्ग भाई-बहन ने खुद को दिल्ली पुलिस की सीनियर सिटिजन सेल में रजिस्टर्ड भी नहीं कराया था। कई बार पुलिसकर्मियों और बीट स्टॉफ ने उनसे मिलने की कोशिश की। उन्होंने खुद को रजिस्टर्ड कराने से मना कर दिया था। उसके बाद भी बीट स्टाफ उनका हालचाल लेने घर आता-जाता रहता था। वहीं, पड़ोसी इससे इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों के घर कभी किसी भी पुलिसकर्मी को आते-जाते नहीं देखा। हो सकता है कि फोन पर हालचाल ले लेते होंगे।


गुरुवार, 13 जून 2019

एमआरआई के लिए बुलाया, महिला की मौत

अस्‍पताल में भर्ती महिला को एमआरआई के लिए ढाई महीने बाद बुलाया, मौत


 नई दिल्ली ! दिल्‍ली के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल सफरजंग हॉस्‍पिटल की लापरवाही के चलते एक महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी। 47 साल की विमला कोमा में थीं और सफदरजंग में भर्ती थीं। वो जिंदगी और मौत से जूझ रही थीं। उनके ब्रेन का MRI होना था। भर्ती होने के बावजूद एमआरआई के लिए उन्‍हें 26 अगस्‍त का टाइम दिया गया।


खराब हालत के चलते विमला इतना लंबा इंतजार कर नहीं पाई और उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जांच के अभाव में इलाज प्रभावित हुआ, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। यही नहीं ऐेसा ही एक और मामला सामने आ रहा है जब अन्य महिला मरीज को एमआरआई के लिए 12 नवंबर की डेट मिली है।


आपको बता दें कि विमला सफदरजंग के न्यूरॉलजी विभाग में ऐडमिट थीं। परिजनों का आरोप है कि वह बोल तक नहीं पा रही थीं, कोमा वाली स्थिति में थीं। उन्होंने कहा कि इलाज करने वाले डॉक्टर ने खुद एमआरआई ब्रेन की जांच कराने को लिखा था, बावजूद इसके अस्पताल के रेडियॉलजी विभाग ने 26 अगस्त का समय दिया था।


परिजनों ने बताया कि हमें तो यही डर था कि बिना जांच के इलाज कहीं इस कदर प्रभावित न हो जाए कि हमें इसका बड़ा खामियाजा हमें भुगतना पड़े। रिश्तेदार ने एक अखबार से बातचीत में बताया कि जब मरीज ऐडमिट हो जाता है तो उसके इलाज की जरूरत के अनुसार जल्दी जांच होती है, ताकि इलाज सही तरीके से हो सके। यहां तो ऐडमिट मरीज को भी ओपीडी की तरह डेट दी जा रही थी।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...