गुरुवार, 13 जून 2019

परिसीमन में नहीं बढ़ेगी वार्ड की संख्या

 परिसीमन में नही बढ़ेगी वार्डो की संख्या.. ज्यादा जनसंख्या वाले वार्ड को पड़ोसी वार्डो से किया जाएगा मर्ज


कोरबा, कटघोरा ! नगर पंचायत से नगर पालिका में अपग्रेड होने के बाद माना जा रहा था कि कटघोरा निकाय के भीतर नए परिसीमन में वार्डो की संख्या बढ़ सकती है लेकिन ऐसा होना संभव नजर नही आ रहा है ! शासन से मिले नए निर्देशो के जनसँख्या के विभाजन को तरजीह दी जाएगी न कि नए वार्ड बनाये जाएंगे! सीएमओ नपा श्री पीसी कश्यप ने इस बात की जानकारी दी है ! इस संबंध में उनकी तरफ से प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है! एक-दो दिन के भीतर शासन को यह प्रेषित कर दिया जाएगा!


पिछली सरकार में मिला था नपा का दर्जा.


उन्होंने बताया कि इस बात की पूरी संभावना थी कि नपा के मुताबिक वार्डो की बढ़ोत्तरी होगी! ऐसा इएलिये भी की 15 वार्डो से अधिक होने पर ही नगर पंचायत को नगरपालिका का दर्जा मिल पाता है! शहर की जनसंख्या और भौगोलिक विस्तार को देखते हुए पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार ने कटघोरा को करीब 15 सालो बाद फिर से नगर पालिका का दर्जा दिया था! इसके बाद नए परिसीमन में वार्डो के बढ़ने की पूरी संभावना थी ! लेकिन शासन के नए निर्णय में वार्डो का विभाजन नही किया जाएगा!


वार्ड नही जनसंख्या का होगा विभाजन.


श्री कश्यप ने बताया कि उन्होंने वार्डो के सर्वे के बाद पाया कि वार्ड क्रमांक 8 की जनसंख्या दूसरे अन्य 14 वार्डो के मुक़ाबले दोगुनी है ! 2011 की जनगणना के आधार पर नया परिसीमन होना है! लिहाजा यहां की जनसंख्या 28 सौ के करीब थी! बात करे नगर पालिका निकाय में वार्डो कई जनसंख्या की तो यह 12 सौ से अधिकतम 1275 हो सकती है! वही 2011 के ही मुताबिक कटघोरा की जनसंख्या करीब 22 हजार थी जो अब 25 हजार से अधिक हो चुकी है ! यह बढ़ोत्तरी वार्ड क्रमांक 8 में सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी!


नए सिरे से तैयार होगा वोटर लिस्ट


निकाय चुनावों के लिए नए सिरे से वोटर लिस्ट बनेगी! इसका काम अगस्त-सिंतबर में होगा! उसके बाद वार्ड और निकायों का आरक्षण रोस्टर घोषित होगा ! फिर अक्टूबर में चुनाव कार्यक्रम जारी होगा ! साल 14-15 में चुनाव दो चरणों में हुए थे! सभी चुनाव 5 जनवरी 2020 से पहले कराए जाने हैं!दरअसल आने वाले दिसंबर-जनवरी में प्रदेश भर के नगरीय निकायों के लिए चुनाव होने है! निगम में महापौर व पालिका और नगरपंचायतो में अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा! प्रदेश में कुल 169 नगरीय निकाय है! इनमे 113 नगरपंचायत, 44 नगरपालिका परिषद और 12 नगरनिगम मौजूद है! शासन के मुताबिक सभी निकायों को निर्देशित कर दिया गया था कि 10 से 24 जून के भीतर वार्ड परिसीमन से जुड़े प्रस्ताव तैयार कर लिए जाए!


गौरतलब है कि नगर पंचायत कटघोरा को 20 साल बाद पुन: नगर पालिका बनाया गया था ! पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2014 स्वतंत्रता दिवस पर इसकी घोषणा की थी! आबादी कम होने के कारण 1994 में नगर पालिका से नगर पंचायत बना दिया गया था! इसके बाद से लगातार नगर पालिका बनाने की मांग की जा रही थी! 20 हजार से अधिक आबादी होने पर पुन: नगर पालिका का दर्जा कटघोरा को हासिल हुआ था!


आपको बता दे कि जिले का सबसे पुराना तहसील होने के साथ कटघोरा सबसे पुराना नगरीय निकाय भी है!अविभाजित मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 1982 में कटघोरा को ग्राम पंचायत से नगर पालिका का दर्जा दिया था! नगर पालिका के लिए 20 हजार से अधिक आबादी जरूरी है. इसी वजह से 1994 में कटघोरा को नगर पंचायत बना दिया गया! वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नगर पंचायत की आबादी 22784 हो चुकी थी और तब से जनप्रतिनिधि नगर पालिका का दर्जा देने की मांग कर रहे थे! फिलहाल जिले में पांच नगरीय निकाय है जिनमे एक नगरनिगम, दो नगरपालिका और दो नगर पंचायत शामिल है!


हमने सर्वे के बाद प्रस्ताव तैयार कर लिया है! संभवतः वार्ड आठ की जनसंख्या को मर्ज किया जा सकता है !हालांकि नए वार्डो का निर्माण नही किया जाएगा! प्रस्ताव एक-दो दिन में डीआरओ कार्यालय प्रेषित कर दिया जाएगा!


सत्या साहू


विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया गया

स्वयंसेवी संगठनों द्वारा विश्व बालश्रम निषेध  दिवस मनाया गया


बाल मजदूरी देश के समाज के लिए एक अभिशाप बन गया है क्योंकि इससें बच्चों का  भविष्य खराब होता है। बाल श्रम एक बहुत बड़ा कारण है जिसके कारण आज विश्व में कई देश विकसित नहीं हो पा रहे हैं।
एक बच्चे को 1000-1500 रुपए देकर बाल मजदूरी करवाने के कारण कई प्रकार के हानि होते हैं। इससे यह परिणाम निकलता है कि सबसे पहले तो वह बच्चा अशिक्षित रह जाता है, देश का आने वाला कल और अंधकार की और जायेगा, साथ ही बेरोजगारीऔर गरीबी और बढ़ेगा। अगर देश का आने वाला कल इतना बुरा होगा तो इसमें हम सभी का नुकसान ही तो है। इसीलिए 'इनायत फाउंडेशन' से आजम मिर्जा फैजान अहमद मोहम्मद सईद स्वालेह मिर्ज़ा शिखा चौहान और स्वयं सेवी संघ से अंकिता पाण्डेय आयुषी शर्मा हितेश दुबे द्वारा आम नागरिको को बाल मजदूरी के विषय में जागरूक किए। गरीब माता-पिता  को भी अपने बच्चों की शिक्षा में पूरा ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज सरकार मुफ्त शिक्षा, खाना, और कुछ स्कूलों में दवाइयों जैसी चीजों की सुविधाएँ भी प्रदान कर रही है इन सब के बारे में अवगत कराया तथा गरीब बच्चों को स्लेट पेंसिल बांटे गए जिससे उन्हें पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़े |


बुधवार, 12 जून 2019

ममता को दोष ना दे भाजपा सरकार: जदयू

बीएसएफ कराती है बांग्लादेशी घुसपैठियों को सरहद पार, ममता को दोष ना दे भाजपा: जदयू


भाजपा के सहयोगी जदयू ने कहा है कि केंद्र सरकार बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ के लिए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को दोष देना बंद करे और इसके लिए कदम उठाए। जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने बुधवार को कहा कि बीएसएफ की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठिए देश के अंदर आते है। बॉर्डर पर बीएसएफ अधिकारी 5 हजार रुपए में घुसपैठियों को सरहद पार कराते हैं। इसके लिए बीएसएफ जिम्मेदार है इसलिए भाजपा बार-बार इस मुद्दे पर बनर्जी को कटघरे में खड़ा करना बंद करे।


जदयू प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को कोसने से काम नहीं चलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मामले में कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि उन अधिकारियों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए जो बांग्लादेश और बर्मा के बॉर्डर पर 10 साल से ज्यादा समय से तैनात हैं। संपत्तियों की जांच होने से ही बहुत से मामले सामने आ जाएंगे। आलोक ने कहा कि घुसपैठ पर रोक जरूरी है और फिर ये अब नहीं होगा तो कब होगा।


एक दिन पहले ही जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोला था, जिसके बाद आज घुसपैठ के मुद्दे पर उनका बचाव किया है। मंगलवार को जदयू प्रवक्‍ता अजय आलोक ने कहा था कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को 'मिनी पाकिस्‍तान' बना रही हैं। बिहारियों को पश्चिम बंगाल से बाहर निकाला जा रहा है। बिहार से किसी दूसरे राज्‍य के लोगों को नहीं भगाया जाता है लेकिन बिहार के लोगों के साथ दूसरी जगह पर ऐसा हो रहा है।


 


तीन तलाक को मिली कैबिनेट की मंजूरी

तीन तलाक बिल को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी


 नई दिल्ली ! केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक बिल को मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि सरकार आगामी संसद सत्र में तीन तालक विधेयक पेश करेगी।


इसके साथ ही जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट ने जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक, 2019 को मंजूरी दी है। जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए राहत होगी। अब वे विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सीधी भर्ती, पदोन्नति और प्रवेश में आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान तीन तलाक विधेयक पेश किया था, लेकिन लोकसभा में मंजूरी मिलने के बावजूद यह विधेयक राज्यसभा में लंबित रह गया था। इस कारण पिछले महीने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही यह बिल भी खत्म हो गया था।


केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद सबसे पहले 17 जून से शुरू हो रहे 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में पेश किया जाएगा। पिछली बार राज्य सभा में सरकार के पास पर्याप्त बहुमत नहीं होने के कारण विपक्ष इस विधेयक को रोकने में सफल हो गई थी। ऐसे में इस बार इस विधेयक पर राज्य सभा के रुख पर सभी की निगाहें होंगी।


 


जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ी

जम्मू कश्मीर में और 6 महीने के लिए बढ़ा राष्ट्रपति शासन


 श्रीनगर ! जम्मू-कश्मीर में फिलहाल विधानसभा चुनाव होने की कोई संभावना होती नजर नहीं आ रही है। बुधवार के केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन की अवधि और 6 महीने के लिए बढ़ा दी है। राज्य में मुफ्ती सरकार गिरने के बाद राज्यपाल शासन लागू हो गया था। जिसके बाद उसे आगे बढ़ाते हुए रियासत में राष्ट्रपति लागू कर दिया था। जिसकी अवधि 3 जुलाई को समाप्त हो रही थी।आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रपति शासन को 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पिछले दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ सूबे से जुड़े अन्य मुद्दों के साथ साथ इस बावत भी विचार-विमर्श किया था। जिसक बाद बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रपति शासन को अगले 6 महीने के बढ़ाने को मंजूरी दी गई।


गौरतलब है कि 1 जुलाई से पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है, जो 15 अगस्त तक चलेगी। इसके के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग सूबे में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर हालात का जायजा लेने की कवायद शुरू कर सकता है।


 


पूर्व केंद्रीय मंत्री जेएनयू मे होंगे सम्मानित

निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर जेएनयू में होंगे सम्मानित, मिलेगा ये अवॉर्ड


जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय अपने तीसरे दीक्षांत समारोह में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर को एलुमनी अवॉर्ड से नवाजेगा। ये पहले एलुमनी हैं जिन्हें ये सम्मान मिल रहा है। जेएनयू प्रशासन ने यह निर्णय बुधवार को हुई कार्यकारी बैठक में लिया। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि ये दोनों ही मंत्री जेएनयू के स्टूडेंट रहे हैं। ज्ञात हो कि जेएनयू के तीसरे दीक्षांत समारोह में दोनों पूर्व छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।


यह दीक्षांत समारोह अगस्त में आयोजित किया जाएगा। इसकी पूरी जानकारी जेएनयू प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दी है। जेएनयू रजिस्ट्रार डॉ। प्रमोद कुमार का कहना है कि तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस से एम।ए और एमफिल डिग्री प्रोग्राम किया है। इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल और शोध के छात्र रहे हैं। उन्होंने न्यूक्लियर डिप्लोमेसी पर स्पेशलाइजेशन किया है।प्रमोद कुमार का कहना है कि जेएनयू को अपने दोनों एलुमनाई पर गर्व है। निर्मला सीतारमण और एस।जयशंकर जेएनयू में पढ़ रहे अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। यह पहले एलुमनाई होंगे, जिन्हें जेएनयू सम्मानित कर रहा है!


शहीद के शव को देख, सभी हुए निस्तब्ध

संवाददाता-विवेक चौबे


कांडी(गढ़वा) ! सुबह मृतक रविन्द्र का शव उड़ीसा से एम्बुलेंस से उसके घर अधौरा पहुंचा,जिसे देखते ही उसके परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे।पूरे गांव के लोगों की उमड़ गयी भीड़ ।मृतक की पत्नी- लीलावती देवी रोते-रोते बार-बार बेहोस हो जा रही थी।ढाई साल के एक पुत्र व लोगों को रोते देख पूरा गांव आवाक था ।पूरा माहौल गमगीन था।बिदित हो कि अधौरा गांव निवासी-गोपाल राम का 32 वर्षीय पुत्र-रविन्द्र राम की मृत्यु उड़ीसा में सोमवार को काम के दौरान हो गयी थी ।
मृतक के परिजनों ने बताया कि रविंद्र उड़ीसा राज्य के क्योंझर नामक स्थान पर मेंटो कार्लो नामक कंपनी के पेटी कांट्रेक्टर एस एस कंस्ट्रक्शन के साईट पर मजदूरी करता था ।जहाँ पर सोमवार को काम के दौरान रविन्द्र की मृत्यु हो गयी थी।उस वक्त साईट पर पुल के गाटर का निर्माण कार्य चल रहा था।उसके साथ काम कर रहे दूसरे साथी काम से छुट्टी के पश्चात शाम को जब डेरा वापस आ गए तो वहां पर रविन्द्र को नही देखा।एक दो साथी उसे खोजने निकल पड़े ।काफी खोज-बिन के बाद साईट के नजदीक जमीन पर वह पड़ा हुआ दिखा।सभी ने उसे उठा कर ईलाज के लिये नजदीक के अस्पताल लेकर गए ।जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पंचायत के मुखिया-योगेंद्र राम ने भी मृतक के घर पहुंच परिजनों को सांत्वना दिया।अंतिम संस्कार सतबहिनी झरना के मुक्तिधाम पर कर दिया गया।जिसमें काफी लोग शामिल हुए।इस तरह गरीबी व पलायन की बलि बेदी पर एक और युवक की बली चढ़ गयी।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...