बुधवार, 12 जून 2019

राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर 62 विधायक उपस्थित


राजेश पायलट की पुण्य तिथि पर 62 विधायकों की मौजूदगी क्या राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति पर असर डालेगी।


पता नहीं राहुल गांधी कांग्रेस संगठन में कब सक्रिय होंगे। इस बीच कांग्रेस को पंजाब से लेकर तेलंगाना तक में झटके लग चुके हैं। इसी क्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्य तिथि पर एकत्रित हुए 62 विधायकों को लेकर राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। स्वर्गीय पायलट के पुत्र सचिन पायलट इस समय प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष होने के साथ-साथ सरकार में डिप्टी सीएम भी हैं। अपने पिता की पुण्य तिथि पर सचिन पायलट की ओर से दौसा के भडाना गांव में 11 जून को सर्वधर्म सभा आयोजित की गई थी। चूंकि इस सभा में पायलट स्वयं मौजूद रहे इसलिए 15 मंत्रियों सहित 62 विधायक उपस्थित हो गए। राजनीतिक दृष्टि से बहुजन समाज पार्टी के चार और चार निर्दलीय विधायकों की उपस्थिति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मौजूदा समय में 200 में से 100 कांग्रेस के विधायक हैं। वहीं कांग्रेस को बसपा 6 और 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है इसलिए कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है। लेकिन राजेश पायलट की पुण्य तिथि के अवसर पर 62 विधायकों की उपस्थिति राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में हलचल उत्पन्न कर सकती है। हाल ही के लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांगे्रस को सभी 25 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। बुरी हार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष पायलट के बीच मतभेद खुलकर सामने आए। गहलोत का कहना रहा कि हार में भी हिस्सेदारी होनी चाहिए और जब मेरे पुत्र वैभव गहलोत को जोधपुर से जीताने की जिम्मेदारी सचिन पायलट ने ली थी तो फिर वैभव की हार कैसे हो गई। इस पर मंथन होना चाहिए। हालांकि गहलोत के इस बयान पर पायलट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन माना जा रहा है कि पुण्य तिथि पर उपस्थित 62 विधायकों की उपस्थिति ही अशोक गहलोत को जवाब है। हालांकि सचिन पायलट और उनके समर्थक पुण्य तिथि पर उपस्थित विधायकों की संख्या को राजनीति से जोडऩे से इंकार करेंगे, लेकिन मौजूदा समय में इतने विधायकों की उपस्थिति चर्चा का विषय बनेगी। वहीं अशोक गहलोत के समर्थकों का कहना है कि 62 विधायकों की उपस्थिति कोई मायने नहीं रखती है। क्योंकि पुण्य तिथि प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष के पिता की थी। ऐसे में अनेक विधायकों और मंत्रियों ने शिष्टाचार के नाते उपस्थिति दर्ज करवाई है। इसे शक्ति परीक्षण के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यदि सीएम गहलोत भी परिवार का कोई कार्यक्रम आयोजित करें तो इससे ज्यादा विधायक और मंत्री उपस्थित हो सकते हैं।
एस.पी.मित्तल


 


बाबा ने किया चमत्कार पहाड़ के टुकड़े टुकड़े हो गए


मानव सेवा की खातिर चार माह से घर नहीं गए मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज। बाबा के चमत्कार से जब पहाड़ टुकड़े टुकड़े हो गया।


अजमेर के निकट राजगढ़ गांव में मसाणिया भैरव धाम अब मानव सेवा का प्रतीक बन गया है। प्रत्येक रविवार को स्थापित होने वाली भैरव बाबा की चौकी से आशीर्वाद लेने के लिए बीस हजार से भी ज्यादा श्रद्धालु देश भर से आते हैं। यानि एक माह में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु भैरव धाम आकर अपने कष्टों से मुक्ति पाते हैं। यह सिलसिला पिछले बीस वर्षों से लगातार चल रहा है। इससे लोगों का भरोसा ही कहा जाएगा कि हर बार श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। चूंकि भैरव बाबा की चौकी सप्ताह में एक बार स्थापित होती है, इसलिए लोगों को परेशानी हो रही है। राजस्थान सहित पड़ौसी राज्यों से आने वाले पीडि़त चाहते हैं कि भैरव बाबा की चौकी सप्ताह में दो या तीन बार स्थापित हो ताकि अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिले। विज्ञान के इस युग में भले ही भूत प्रेत की बात को न माना जाए, लेकिन रविवार को ऐसे महिला-पुरुष आते हैं जो कथित भूत पे्रत के रोग से मुक्ति पाते हैं। शारीरिक विकालंगता हो या अन्य कोई रोना सभी का इलाज का भैरव बाबा के आशीर्वाद से होता है। कैंसर जैसे असाध्य रोग के मरीज भी स्वस्थ हो रहे हैं।
कोई चढ़ावा नहीं:
आमतौर पर यह माना जाता है कि ऐसे चमत्कारिक अथवा धार्मिक स्थलों पर चढ़ावा लिया जाता है। चाहे प्रसाद के नाम पर अथवा पूजा सामग्री के नाम पर शुल्क लिया जाता है, लेकिन राजगढ़ के मसाणिया भैरव धाम पर किसी भी प्रकार से चढ़ावे का प्रावधान नहीं है। जो श्रद्धालु दूर दराज से आते हैं उन्हें चाय नाश्ते की सुविधा भैरव धाम प्रबंध समिति की ओर से की जाती है। भैरव बाब की चौकी पर बैठने वाले उपासक चम्पालाल जी महाराज किसी धनाढ्य व्यक्ति से दान भी नहीं लेते हैं। महाराज का शुरू से ही खनिज खान का कारोबार रहा है। राजगढ़ के निकट ही एक खान से होने वाली आय श्रद्धालुओं पर खर्च की जाती है। कोई दो वर्ष पहले महाराज को आभास हुआ कि राजगढ़ की खान में कीमती खनिज दबा हुआ है। चूंकि यह आभास स्वयं उपासक चम्पालाल जी को हुआ इसलिए खान खोदने का निर्णय लिया गया। महाराज का यह मानना रहा कि यदि कीमती खनिज निकला तो भैरव धाम को और श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी, लेकिन सौ फुट खुदाई के बाद भी खान से खनिज नहीं निकला तो महाराज के परिवार वाले भी मायूस हो गए, लेकिन महाराज अपने संकल्प पर दृढ़ थे। इसलिए अपना निजी मकान बैंक में गिरवी रखकर लोन लिया और पहाड़ को काटने के लिए मशीन खरीदी। हालांकि सौ फुट की गहराई के बाद कोई एक हजार वर्ग गज के क्षेत्र में खुदाई करना जोखिम भरा काम था, लेकिन पहाड़ की इस चुनौती को महाराज ने अपने दृढ़ संकल्प से सामना किया। इसे भैरव बाबा का चमत्कार ही कहा जाएगा कि सौ फुट खुदाई के बाद पहाड़ अपने आप टुकड़े टुकड़े होने लग गया। ऐसा लगा कि मानों कीमती खनिज बाहर निकलने के लिए उतावला हो रहा है। 250 फुट की खुदाई पर कीमती खनिज निकल आया अब जो मिनरल निकल रहा है उसमें कांच, टाइल्स, चीनी के बर्तन आदि सामग्री बनाई जा रही है। उपासक चम्पालाल जी महाराज का कहना कि कीमती खनिज का भंडार अथाह है। यह सब चमत्कार लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं के भरोसे की वजह से ही हुआ है। भैरव बाबा की ताकत श्रद्धालुओं के विश्वास से ही आती है।
चार माह से घर नहीं गए :
उपासक चम्पालाल जी महाराज अजमेर स्थित चन्दबरदाई आवास में रहते हैं, लेकिन पिछले चार माह से महाराज राजगढ़ की खान पर लगाए गए टेंट में रह रहे हैं। इस बार जब तापमान 50 डिग्री के पार जा रहा है तब तपती धूप में महाराज खनिज श्रमिकों के साथ खड़े हैं। टेंट में पंखे तक की सुविधा नहीं है। 11 जून को मेरी मुलाकात चम्पालाल जी महाराज से खान पर ही हुई। महाराज का कहना रहा कि मेरे लिए यही तपस्या है। खान से निकले कीमती खनिज को बेचकर सबसे पहले बैंक का कर्जा चुकाउंगा। इस खनिज से जो भी आय होगी उससे भैरव धाम के विकास और आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। इसे मैं भैरव बाबा का चमत्कार ही मानता हंू कि पहाड़ अपने आप टूट कर गिर गया। पिछले एक वर्ष से चल रहे खनन कार्य में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। यह बात सही है कि पिछले चार माह से अपने घर नहीं गए हैं, लेकिन संकल्प पूरा हो चुका है। इसलिए जल्द ही घर जाएंगे। नसीराबाद के एसडीएम राजीव चावला भी महाराज के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। पिछले चार माह से एसडीएम चावला कई बार खान पर गए और महाराज से घर जाने का आग्रह किया।
सामाजिक सरोकार :
मसाणिया भैरव धाम प्रबंध समिति सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ी हुई है। राजगढ़ क्षेत्र के अभाव ग्रस्त गांवों में टेंकर के जरिए पेयजल की सप्लाई की जाती है। भैरव धाम पर जरुरत मंद परिवारों के सामूहिक विवाह करवाए जाते हैं। दूल्हा-दुल्हन को सभी प्रकार का घरेलू सामान समिति की ओर से नि:शुल्क दिया जाता है। नशा मुक्ति के क्षेत्र में तो भैरव धाम पूरे देश में विख्यात हो गया है। रविवार को स्थापित होने वाली भैरव बाबा की चौकी पर बैठकर उपासक चम्पालाल जी महाराज स्वयं भले ही बाल्टी भरकर देशी विदेशी शराब का सेवन कर लें, लेकिन भैरव धाम पर आने वाले व्यक्ति को नशा न करने का संकल्प करवाया जाता है। आदतन शराबी या अन्य नशे का सेवन करने वाला व्यक्ति जब भैरव धाम पर संकल्प लेता है तो भविष्य में कभी भी नशा नहीं करता। भैरव धाम के चमत्कारिक और सामाजिक कार्यों की जानकारी मोबाइल नम्बर 9950001400 पर राहुल सेन तथा 9057407002 पर अविनाश सेन व 9414003232 पर प्रकाश रांका से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल


आंधी तूफान से हुआ भारी नुकसान

आयी तेज "आंधी-तूफान" से हुआ भारी "नुकशान"


संवाददाता-विवेक चौबे


कांडी(गढ़वा) ! बुधवार को आंधी-तूफान का गजब दिखा दृश्य।चार बजे दिन में आयी तेज आंधी-तूफान के साथ वर्षा भी हुई। वर्षा के साथ ओलावृष्टि भी देखा गया।इस आंधी-तूफान व ओलावृष्टि से भारी नुकसान की खबर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ओलावृष्टि से कई लोगों के खपड़ैल मकान को भारी नुकसान पहुंचा है।वहीं सैकड़ों पेड़ धाराशाई हो गए हैं। सोहगाड़ा गांव में सुन्डीपुर- मझिआंव मुख्य सड़क पर बड़ा पेड़ गिर जाने से रास्ता बंद हो गया है।हालांकि ग्रामीण पेड़ को हटाने का कार्य कर रहे थे। बहेरा गांव के दुर्गा मंडप का करकट उड़ गया है।अधौरा गांव के मुनेश्वर ठाकुर,सतीश गुप्ता के घर में पानी घुस गया।वहीं इसी गांव के धंन्नजय गुप्ता का सोलर प्लेट व संजय गुप्ता का वाटर टंकी भी टूट गया है।राणाडीह गांव में ग्यारह हजार का बिजली का तार टुट कर गिर गया है व कई लोगों के मिट्टी के घरों को नुकसान पहुंचा है। सेतो गांव के अफजल अंसारी का घर गिरने की खबर है। वहीं उसी गांव के बसरुदीन अंसारी व ऐनुल अंसारी के घर को भी नुकसान पहुंचा है।जबकि ग्रामपंचायत घटहुआ कला में बरन राम के घर के निकट लगाए गए सरकारी सोलर पाइप सहित टूट कर गिर गया है। खबर लिखे जाने तक कई अन्य गांवों से भी काफी नुकसान होने की खबर मिल ही रही थी।


वादकारीयो ने किया न्यायालय पर प्रदर्शन

 


  वाद कारीयो ने न्यायालय पर किया प्रदर्शन


कानपुर ! आज जनपद न्यायालय देहात माती में तहसील बिल्हौर वा घाटमपुर के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार को कानपुर नगर से कानपुर देहात जनपद को वापस दिलाए जाने एवं न्यायिक क्षेत्राधिकार यथावत कानपुर देहात कोर्ट में बनाये रखने हेतु एकीकृत बार एसोसिएशन जनपद न्यायालय माती कानपुर देहात के आवाहन पर आहूत किए गए! धरना के दूसरे दिन न्याय भवन के प्रवेश द्वार संख्या 1 के बगल में सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ हुआ ! प्रत्येक वाद कारी से आन्दोलन समिति के अधिवक्ताओं द्वारा प्रवेश न करने का विनम्रता पूर्वक आग्रह किया गया! यह आंदोलन जनहित में ही अधिवक्ताओं द्वारा किया जा रहा है !आंदोलन के दौरान किसी भी किस्म से न्यायालयों द्वारा विपरीत आदेश पारित नहीं किए जाएंगे का आश्वासन दिया गया !जिसे वादकारियों ने सहर्ष स्वीकार करते हुए न्याय भवन में प्रवेश नहीं किया । निगरानी समिति ने परिभ्रमण कर प्रत्येक न्यायालय कक्ष में किसी भी अधिवक्ता व वादकारियों के न होने द्वारा किसी किस्म का कोई न्यायिक कार्य किसी भी अदालत में जाकर नहीं किया गया! हाई कोर्ट के डे टुडे सुनवाई के एक मुकदमे में ए.डी.जे षष्टम की अदालत में केवल एक सरकारी गवाह का बयान दर्ज किया गया ! इसके अलावा अन्य कोई न्यायिक कार्य किसी भी किस्म से किसी भी अदालत में नहीं हुआ है ! आन्दोलन को सफल बनाने के लिए धरने में डी.एन. सचान , विश्वनाथ कटियार , सुरेन्द्र पाल शर्मा , सुधीर सिंह भदौरिया अध्यक्ष लायर्स एसोसिएशन तहसील मैथा, केशव प्रसाद चतुर्वेदी, राधेश्याम कटियार , अदीप गौतम, संजीव यादव आदि लोगों ने आर्थिक सहयोग करते हुए अपने अपने विचार भी व्यक्त जन भागीदारी बढाने और पत्राचार करने तथा जनप्रतिनिधियों से समर्थन पत्र हासिल करने पर बल दिया गया जिसके परिपेक्ष्य में एकीकृत बार एसोसिएशन अध्यक्ष रणधीर सिंह सिसोदिया ने मा. मुख्य न्यामूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद उ.प्र. को सम्बोधित ज्ञापन श्रीमान जनपद न्यायाधीश महोदय को दिया । इसी दौरान धरना स्थल पर ही अध्यक्ष सिसोदिया द्वारा विधान सभा क्षेत्र रसूलाबाद की विधायिका श्रीमती निर्मला संखवार द्वारा महामंत्री पाण्डेय व हरीशंकर चतुर्वेदी द्वारा लाकर दिये गये समर्थन पत्र तथा विधान सभा क्षेत्र सिकंदरा के विधायक श्री अजीत पाल जी द्वारा श्री विश्वनाथ कटियार, आशीष शुक्ल द्वारा लाकर दिये गये समर्थन पत्र की जानकारी दी गयी । कार्यक्रम संचालन प्रदीप पाण्डेय व शशि भूषण सिंह चौहान द्वारा करते हुए लगभग सायं लगभग पौने चार बजे संजय सिंह सिसोदिया द्वारा बताया गया कि उ.प्र. बार काऊँसिल की चेयरमैन कु.दरवेश की आगरा सिविल कोर्ट परिसर म़े स्वागत समारोह में गोली मारकर हत्या किये जाने की सूचना सोशल मीडिया में प्रसारित होना सूचित किया गया । जिसकी पुष्टि एसोसिएशन अध्यक्ष रणधीर सिंह सिसोदिया ने बार काऊँसिल के सहविजेता अध्यक्ष बनारस निवासी श्री हरीशंकर सिंह और लखनऊ निवासी बार काऊँसिल उपाध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल से मोबाइल पर करके धरना धरना में तत् समय उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने शोक सभा करके आत्मा की शान्ति हेतु दो मिनट मौन प्रार्थना करके धरना समाप्त किया । रणधीर सिंह सिसोदिया एडवोकेट अध्यक्ष एकीकृत बार एसोसिएशन जनपद न्यायालय माती कानपुर देहात ।


 आशीष 


रक्तदान की विनम्र अपील

रक्तदान के लिए विनम्र अपील
अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार, 14 जून, 2019 को विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब के विभिन्न जगह स्वैच्छिक रक्तदान कैंपों का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन 14 जून से अगले कई दिनों तक जारी रहेगा।
आप इन दिनों इन राज्यों में कहीं भी हों। स्वैच्छिक रक्तदान करके आप किसी अनजान की जान बचा सकते हैं और पुण्य के भागी बन सकते हैं।
रक्तदान महादान- रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती। आप भी करके देखिए अच्छा लगता है।


पवन कुमार
अमर उजाला
भिवानी
हरियाणा


काउंसलिंग अध्यक्षा की गोली मारकर हत्या

काउंसलिंग अध्यक्षा की गोली मारकर हत्या


आगरा ! उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष कुमारी दरवेश की दीवानी परिसर में गोली मारकर हत्या। अध्यक्ष बनने पर स्वागत समारोह के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैम्बर में बैठी थी। वही पर पूर्व सहयोगी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष को तीन गोली मारी। इसके बाद खुद को भी मनीष ने दो गोली मारी। उसे सिकंदरा हाइवे स्थित रेनबो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरवेश को पुष्पांजलि अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। एडीजी अजय आनंद समेत अन्य अधिकारी और वरिष्ठ अधिवक्ता मौके पर पहुंचे। हत्या के कारणों का पता नही लग सका है।


महकमों के दिमाग में अभी मुख्यमंत्री महोदया


प्रशासनिक महकमे के दिमाग पर अब तक छायी है मुख्यमंत्री महोदया
सरकार की पत्रावलियों में अब तक किया जा रहा है महिला मुख्यमंत्री को संबोधित


 राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने जिले वार नगर निगम क्षेत्र में होने वाले बदलावों को लेकर एक अधिसूचना जारी की। जिसके तहत जिले वार निगम क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुसार वार्डों के बढ़ने की जानकारी थी। इसी के तहत अजमेर में अब 60 की जगह 80 वार्ड होंगे। चलिए यह बात तो फिर दूसरे ब्लॉग में डिस्कस की जाएगी। जो अधिसूचना मीडिया को प्राप्त हुई उस अधिसूचना में, सारी जानकारी उपलब्ध तो थी ही । परंतु अंत में सूचनार्थ प्रतिलिपि की जगह लिखा था -मुख्यमंत्री महोदया राजस्थान सरकार। अब जाहिर है महोदया किसी पुरुष के लिए तो लिखा नहीं जा सकता। यह किसी महिला को ही संबोधित करती हुई शब्दावली है । जिस पर अगर विचार किया जाए तो अधिसूचना टाइप करने वाले स्टाफ ने मात्र पुराने पत्रों में लिखी जा रही शब्दावली को कॉपी पेस्ट कर दिया है।याँ फिर टाइप करने वाले के दिमाग में अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री महोदया वसुंधरा राजे ही छाई हुई है।माना साहब !इस तरह की गलतियां टाइप करने में हो जाती है। परंतु, ऐसी गलतियां तब ज्यादा होती हैं जब मौजूदा प्रशासनिक प्रणाली के दिमाग में पुरानी हवा ज्यादा होती है। सरकार के प्रधान कार्यालय में टाइप की जाने वाली पत्रावलियों को आला अधिकारी भी बिना ध्यान से पढ़े बड़े आराम से मस्त होकर दस्तखत करके आदेश पारित कर रहे हैं। ये सब कुछ यह समझने के लिए काफी है, कि अभी तक राजस्थान प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में कांग्रेस सरकार की वह दहशत अभी कायम नहीं हुई है, जो कि एक मजबूत सरकार की होनी चाहिए। होगी भी कैसे ? क्योंकि राजस्थान प्रदेश को अभी तक यह मालूम ही नहीं है , कि आखिर उपमुख्यमंत्री की सुननी है या मुख्यमंत्री की ?
अब जब 10 जनपद से चलाई जा कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को ही अभी तक यह भ्रम है कि प्रदेश में राज करने वाली कांग्रेस की टीम के दो कर्णधार है। तो इन बेचारे राज्य कर्मचारियों से कोई क्या कहे ?जबकि कांग्रेस आलाकमान को अब यह सब इस्तीफा और प्रपंच खत्म कर के यथार्थ के धरातल पर आ जाना चाहिए। और मौजूदा मुख्यमंत्री को खुला हाथ देकर मजबूत प्रशासनिक माहौल तैयार करना चाहिए ।जिससे प्रशासनिक महकमें का भी भ्रम दूर हो जाये और प्रदेश में मजबूत सरकार दिखाई दे।
आखिर जनता से किये हुए वादे भी तो निभाने है !


 


नरेश राघानी


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...