प्रशासनिक महकमे के दिमाग पर अब तक छायी है मुख्यमंत्री महोदया
सरकार की पत्रावलियों में अब तक किया जा रहा है महिला मुख्यमंत्री को संबोधित
राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने जिले वार नगर निगम क्षेत्र में होने वाले बदलावों को लेकर एक अधिसूचना जारी की। जिसके तहत जिले वार निगम क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुसार वार्डों के बढ़ने की जानकारी थी। इसी के तहत अजमेर में अब 60 की जगह 80 वार्ड होंगे। चलिए यह बात तो फिर दूसरे ब्लॉग में डिस्कस की जाएगी। जो अधिसूचना मीडिया को प्राप्त हुई उस अधिसूचना में, सारी जानकारी उपलब्ध तो थी ही । परंतु अंत में सूचनार्थ प्रतिलिपि की जगह लिखा था -मुख्यमंत्री महोदया राजस्थान सरकार। अब जाहिर है महोदया किसी पुरुष के लिए तो लिखा नहीं जा सकता। यह किसी महिला को ही संबोधित करती हुई शब्दावली है । जिस पर अगर विचार किया जाए तो अधिसूचना टाइप करने वाले स्टाफ ने मात्र पुराने पत्रों में लिखी जा रही शब्दावली को कॉपी पेस्ट कर दिया है।याँ फिर टाइप करने वाले के दिमाग में अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री महोदया वसुंधरा राजे ही छाई हुई है।माना साहब !इस तरह की गलतियां टाइप करने में हो जाती है। परंतु, ऐसी गलतियां तब ज्यादा होती हैं जब मौजूदा प्रशासनिक प्रणाली के दिमाग में पुरानी हवा ज्यादा होती है। सरकार के प्रधान कार्यालय में टाइप की जाने वाली पत्रावलियों को आला अधिकारी भी बिना ध्यान से पढ़े बड़े आराम से मस्त होकर दस्तखत करके आदेश पारित कर रहे हैं। ये सब कुछ यह समझने के लिए काफी है, कि अभी तक राजस्थान प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र में कांग्रेस सरकार की वह दहशत अभी कायम नहीं हुई है, जो कि एक मजबूत सरकार की होनी चाहिए। होगी भी कैसे ? क्योंकि राजस्थान प्रदेश को अभी तक यह मालूम ही नहीं है , कि आखिर उपमुख्यमंत्री की सुननी है या मुख्यमंत्री की ?
अब जब 10 जनपद से चलाई जा कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को ही अभी तक यह भ्रम है कि प्रदेश में राज करने वाली कांग्रेस की टीम के दो कर्णधार है। तो इन बेचारे राज्य कर्मचारियों से कोई क्या कहे ?जबकि कांग्रेस आलाकमान को अब यह सब इस्तीफा और प्रपंच खत्म कर के यथार्थ के धरातल पर आ जाना चाहिए। और मौजूदा मुख्यमंत्री को खुला हाथ देकर मजबूत प्रशासनिक माहौल तैयार करना चाहिए ।जिससे प्रशासनिक महकमें का भी भ्रम दूर हो जाये और प्रदेश में मजबूत सरकार दिखाई दे।
आखिर जनता से किये हुए वादे भी तो निभाने है !
नरेश राघानी