विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उप्र
समस्याओं का समाधान न होने पर बिजली कर्मी अगले सप्ताह करेंगे प्रदेशव्यापी आन्दोलन की घोषणा
लखनऊ ! विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की न्यायोचित समस्याओं का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा समाधान न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी व अभियन्ता अगले सप्ताह प्रदेशव्यापी आन्दोलन की घोषणा करने को बाध्य होंगे।
प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष को पत्र प्रेषित कर आज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांगों का समाधान न होने से कर्मचारियों व अभियन्ताओं में सरकार व प्रबन्धन के प्रति व्याप्त आक्रोश से अवगत कराते हुए कहा कि यदि द्विपक्षीय वार्ता द्वारा समस्याओं का समाधान न किया गया तो न्याय पाने हेतु बिजली कर्मियों के पास आन्दोलन के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व प्रबन्धन की होगी।
संघर्ष समिति ने बताया कि बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांगें विद्युत परिषद के विघटन एवं निजीकरण के प्रयोग की पूर्णतया विफलता एवं निरन्तर बढ़ रहे घाटे को देखते हुए प्रदेश में बेहतर उपभोक्ता सेवा हेतु सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर उप्र राविप निगम लि का गठन किया जाये,आगरा फ्रेन्चाइजी, ग्रेटर नोएडा का निजीकरण, पारेषण में किया गया निजीकरण और विद्युत वितरण में राजस्व वसूली, ई सुविधा,मीटर आदि के नाम पर की जा रही निजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त किया जाये,निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीद के विगत में किये गये सभी बिजली क्रय करार रद्द किये जाये और प्राथमिकता पर सरकारी क्षेत्र के बिजली उत्पादन गृहों से बिजली क्रय की जाये और उन्हें बन्द न किया जाये,बिजली कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा तत्काल निराकरण किया जाये,प्रबन्धन द्वारा कार्मिकों पर दबाव पूर्ण एवं उत्पीड़नात्मक पद्वति में तत्काल सुधार लाया जाये,वर्ष 2000 के बाद भर्ती हुए सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेन्शन प्रणाली लागू की जाये एवं पुरानी पेन्शन प्रणाली लागू होने तक एन पी एस की तरह सी पी एफ में भी नियोजक का अंशदान 14 प्रतिशत तत्काल किया जाये,सभी श्रेणी के समस्त रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जाये और नियमित प्रकृति के कार्यों में संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा कर्मियों को तेलंगाना सरकार के आदेश की तरह नियमित किया जाये एवं ई-सुविधा के माध्यम से मेसर्स मेधज कम्पनी लि से अनावश्यक रूप से किया गया करार रद्द किया जाये, कर्मचारियों/अभियन्ताओं के उत्पीड़न हेतु जारी की गयी स्थानान्तरण नीति तत्काल वापस ली जाये।
संघर्ष समिति की आज यहां हुई बैठक में मुख्य रूप से शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, सदरुद्दीन राना,सुहैल आबिद, विपिन प्रकाश वर्मा, राजेन्द्र घिल्डियाल,वी सी उपाध्याय, परशुराम, पी एन राय, अशोक कुमार,भगवान मिश्र,पूसे लाल, ए के श्रीवास्तव, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, करतार प्रसाद, के एस रावत, पी एन तिवारी, आर एस वर्मा, डीके मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, मो इलियास उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता सदरूद्दीन राणा ने की।