बुधवार, 12 जून 2019

बंगाल में बीजेपी मार्च पर पुलिस का लाठीचार्ज

पश्चिम बंगालः बीजेपी के मार्च पर पुलिस का लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े


पश्चिम बंगाल में बुधवार को एक और बीजेपी कार्यकर्ता का शव मिलने के बाद सूबे में तनाव और बढ़ गया है। लगातार हिंसा के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता बुधवार को कोलकाता में ममता सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गए। पुलिस मुख्यालय की तरफ बढ़ते बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।


इसके अलावा पानी की तेज बौछार से बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की गई। दरअसल, बुधवार को तनाव उस समय और बढ़ गया जब मालदा में दो दिन से लापता बीजेपी कार्यकर्ता का शव मिला। पिछले कुछ दिनों से लगातार बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं का गुस्सा इससे और भड़क गया।


राजधानी कोलकाता में गुस्साए बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। अपनी नाराजगी जताने के लिए पुलिस मुख्यालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़ रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बड़ी संख्या में सड़क पर उतरे उग्र बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस को पानी की बौझार के साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।


पश्चिम बंगाल में हिंसा जारी, एक और शव मिला

पश्चिम बंगाल में हिंसा जारी: एक और बीजेपी कार्यकर्ता का शव मिला


पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब एक नए मामले में मालदा में दो दिन से लापता बीजेपी कार्यकर्ता का शव मिला है। इसके बाद से ही इलाके में तनाव है। सूबे में लगातार हिंसा को लेकर पहले से ही सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने हैं। अब एक और बीजेपी कार्यकर्ता के शव मिलने के बाद तनाव और बढ़ता दिख रहा है।


प्रदेश में हिंसा को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ता बुधवार को सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांकीनारा में बम धमाके में 2 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 लोग घायल हो गए। लोकसभा चुनाव के बाद से ही टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प जारी है। उत्तर 24 परगना में हिंसा के मामले ने इस विवाद को मंगलवार को और बढ़ा दिया।


 


मोदी की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट मीटिंग

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की पहली बैठक, कई बड़े फैसलों पर लगेगी मुहर


केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनने के बाद आज यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की पहली बैठक होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में प्रधानमंत्री अपनी सरकार के रोडमैप को सामने रखते हुए लघु एवं दीर्घकालिक एजेंडे पर चर्चा कर सकते हैं। बता दें कि उक्‍त बैठक पीएम मोदी की केंद्र के सभी सचिवों के साथ हुई बातचीत के अगले दिन हो रही है।


सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पांच जुलाई को संसद में पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट की तैयारियों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा कैबिनेट कुछ विधेयकों पर भी मुहर लगा सकती है जो पिछली सरकार में पास नहीं हो पाए थे। बता दें कि केंद्रीय मंत्रियों ने संबंधित मंत्रालयों को जिम्मेदारी संभाल ली है लेकिन राज्य मंत्रियों के काम का बंटवारा अभी तक नहीं हो पाया है। ऐसे में आज इनके काम का निर्धारण भी किया जा सकता है।


उल्‍लेखनीय है कि चुनाव प्रचार के दौरान कई जगह पर लोगों ने शिकायत की थी कि उनको प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ नहीं मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा भी किया था कि इससे कोई वंचित नहीं रहेगा। ऐसे में योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के बारे में भी इस बैठक में चर्चा हो सकती है। सरकार के एजेंडे पर 10 अध्यादेशों की जगह लेने वाले कानूनों सहित कई अहम विधेयक भी हैं, जिन पर मंथन हो सकता है।


प्याज की कीमतें बढ़ी, सरकार ने बंद की सब्सिडी

प्याज की कीमतें बढ़ी, तो सरकार ने बंद की ये सब्सिडी


 नई दिल्ली ! सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमत बढ़ने के मद्देनजर इसके ताजा और कोल्ड स्टोरोज की प्याज के निर्यात पर प्रोत्साहन को समाप्त कर दिया है। प्याज के निर्यातक पर मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) के तहत निर्यात माल के एफओबी (लदान मूल्य) के 10 फीसदी के बराबर शुल्क की पर्ची का लाभ दिया जा रहा था। इस पर्ची का इस्तेमाल मूल आयात शुल्क सहित कई प्रकार के शुल्कों के भुगतान में इस्तेमाल किया जा सकता है।


9 जून को जारी एक सार्वजनिक सूचना में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि वह ताजा और कोल्ड स्टोरेज की प्याज के निर्यात के लिए दिए जाने वाले लाभों को समाप्त कर रहे है। इसमें कहा गया है प्याज पर एमईआईएस के लाभ को तत्काल 10 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया गया है।


पिछले साल दिसंबर में इस योजना के तहत प्याज निर्यात पर प्रोत्साहन की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था। इसे इस वर्ष 30 जून तक जारी रखना था। प्रोत्साहन को वापस लेने का निर्णय इस मायने में महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने उत्पादक राज्यों में सूखे की स्थिति को देखते हुए आने वाले महीनों में कीमतों को अंकुश में रखने के लिए 50,000 टन प्याज का बफर स्टॉक बनाना शुरू कर दिया है।


बिजली कर्मी करेंगे प्रदेश व्यापी आंदोलन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उप्र


समस्याओं का समाधान न होने पर बिजली कर्मी अगले सप्ताह करेंगे प्रदेशव्यापी आन्दोलन की घोषणा 


 लखनऊ ! विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं की न्यायोचित समस्याओं का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा समाधान न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी व अभियन्ता अगले सप्ताह प्रदेशव्यापी आन्दोलन की घोषणा करने को बाध्य होंगे।
प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष को पत्र प्रेषित कर आज विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मांगों का समाधान न होने से कर्मचारियों व अभियन्ताओं में सरकार व प्रबन्धन के प्रति व्याप्त आक्रोश से अवगत कराते हुए कहा कि यदि द्विपक्षीय वार्ता द्वारा समस्याओं का समाधान न किया गया तो न्याय पाने हेतु बिजली कर्मियों के पास आन्दोलन के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व प्रबन्धन की होगी।
संघर्ष समिति ने बताया कि बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांगें विद्युत परिषद के विघटन एवं निजीकरण के प्रयोग की पूर्णतया विफलता एवं निरन्तर बढ़ रहे घाटे को देखते हुए प्रदेश में बेहतर उपभोक्ता सेवा हेतु सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर उप्र राविप निगम लि का गठन किया जाये,आगरा फ्रेन्चाइजी, ग्रेटर नोएडा का निजीकरण, पारेषण में किया गया निजीकरण और विद्युत वितरण में राजस्व वसूली, ई सुविधा,मीटर आदि के नाम पर की जा रही निजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से निरस्त किया जाये,निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीद के विगत में किये गये सभी बिजली क्रय करार रद्द किये जाये और प्राथमिकता पर सरकारी क्षेत्र के बिजली उत्पादन गृहों से बिजली क्रय की जाये और उन्हें बन्द न किया जाये,बिजली कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा तत्काल निराकरण किया जाये,प्रबन्धन द्वारा कार्मिकों पर दबाव पूर्ण एवं उत्पीड़नात्मक पद्वति में तत्काल सुधार लाया जाये,वर्ष 2000 के बाद भर्ती हुए सभी कार्मिकों के लिए पुरानी पेन्शन प्रणाली लागू की जाये एवं पुरानी पेन्शन प्रणाली लागू होने तक एन पी एस की तरह सी पी एफ में भी नियोजक का अंशदान 14 प्रतिशत तत्काल किया जाये,सभी श्रेणी के समस्त रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जाये और नियमित प्रकृति के कार्यों में संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा कर्मियों को तेलंगाना सरकार के आदेश की तरह नियमित किया जाये एवं ई-सुविधा के माध्यम से मेसर्स मेधज कम्पनी लि से अनावश्यक रूप से किया गया करार रद्द किया जाये, कर्मचारियों/अभियन्ताओं के उत्पीड़न हेतु जारी की गयी स्थानान्तरण नीति तत्काल वापस ली जाये।
संघर्ष समिति की आज यहां हुई बैठक में मुख्य रूप से शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, सदरुद्दीन राना,सुहैल आबिद, विपिन प्रकाश वर्मा, राजेन्द्र घिल्डियाल,वी सी उपाध्याय, परशुराम, पी एन राय, अशोक कुमार,भगवान मिश्र,पूसे लाल, ए के श्रीवास्तव, महेन्द्र राय, शशिकान्त श्रीवास्तव, करतार प्रसाद, के एस रावत, पी एन तिवारी, आर एस वर्मा, डीके मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, मो इलियास उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता सदरूद्दीन राणा ने की।


अस्पताल में हो रहा भ्रष्टाचार एवं लापरवाही

गाजियाबाद ! नगर निगम वार्ड नंबर 39 के पार्षद एवं भाजपा नेता हिमांशु लव ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर गाजियाबाद एमएमजी राजकीय अस्पताल में हो रही लापरवाही व भ्रष्टाचार के संबंध में अवगत कराया है! पार्षद हिमांशु लव ने बताया कि एमएमजी राजकीय अस्पताल गाजियाबाद की ओर से मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि गाजियाबाद भाजपा कार्यकर्ता संजय कुमार कामत अपने दोपहिया वाहन से कहीं जा रहे थे ! किसी अन्य वाहन द्वारा उनको टक्कर मार दी गई !जिस कारणवश उनकी दोनों टांग के घुटनों तथा अन्य हड्डियों टूट गई ! संजय कुमार को गंभीर जख्मी अवस्था में राजकीय अस्पताल एमएमजी जीटी रोड गाजियाबाद में दिनांक 6 जून 2019 को अर्जेंसी में दाखिल कराया गया ! संजय कुमार कामत का इलाज डॉक्टर अरुण कुमार हड्डी रोग विशेषज्ञ के द्वारा किया जा रहा था ! लगातार चार दिनों तक संजय कुमार कामत राजकीय अस्पताल एमएमजी में तड़पते रहे! डॉक्टरों के आपसी विवाद के कारण संजय कुमार कामंत की तरफ ध्यान किसी डॉक्टर द्वारा नहीं दिया गया ! डॉक्टरों द्वारा बताया गया कि वह आपके दोनों घुटनों में प्लेट पड़ेंगे ! आप बाजार से प्लेट मंगवा लो ! मरीज के परिवार द्वारा दोनों टांगों के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई प्लेट उपलब्ध करा दी गई! परंतु फिर भी डॉक्टर द्वारा उक्त मरीज का ऑपरेशन कर प्लेट नहीं डाली गई! किसी प्रकार का उपचार नहीं कराया गया! आखिरकार हार कर मजबूरन संजय कुमार के परिवार के लोग उनको एक निजी अस्पताल दिनांक 10 जून 2019 को ले गए!  वहां पर उसका ऑपरेशन कराया ! पार्षद ने मांग की है कि उपरोक्त घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए एवं जी राजकीय अस्पताल गाजियाबाद भ्रष्टाचार मे व्यस्त डॉक्टरों की लापरवाही और ड्यूटी के प्रति गैर जिम्मेदारी व्यवहार करने के प्रति कार्रवाई करने की मांग की!


ब्रेन हेमरेज क्या है?

ब्रेन हेमरेज क्या है


डा महेश सिन्हा की एक बहुत उपयोगी पोस्ट 
मस्तिष्क आघात के मरीज़ को कैसे पहचानें?


मस्तिष्क आघात --जी वही, जिसे कईं बार ब्रेन-स्ट्रोक भी कह दिया जाता है अथवा आम भाषा में दिमाग की नस फटना या ब्रेन-हैमरेज भी कह देते हैं।
इस के बारे में पोस्ट डाक्टर साहब लिखते हैं!


एक पार्टी चल रही थी, एक मित्र को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई और अपने आस पास के लोगों को उस ने यह कह कर आश्वस्त किया कि सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी। (आस पास के लोगों ने ऐम्बुलैंस बुलाने की पेशकश भी की).
साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में उन की मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई। ऐसा लग रहा था कि इन्ग्रिड थोड़ा अपने आप में नहीं है लेकिन वह पूरी शाम पार्टी तो एकदम एन्जॉय करती रहीं। बाद में इन्ग्रिड के पति का लोगों को फोन आया कि कि उसे हस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां पर उस ने उसी शाम को दम तोड़ दिया।


दरअसल उस पार्टी के दौरान इन्ग्रिड को ब्रेन-हैमरेज हुआ था अगर वहां पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज इन्ग्रिड हमारे बीच होती।


ठीक है ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है --लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं।


जो नीचे लिखा है इसे पढ़ने में केवल आप का एक मिनट लगेगा 


स्ट्रोक की पहचान -


एक न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि अगर स्ट्रोक का कोई मरीज़ उन के पास तीन घंटे के अंदर पहुंच जाए तो वह उस स्ट्रोक के प्रभाव को समाप्त (reverse)भी कर सकते हैं---पूरी तरह से। उन का मानना है कि सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के मरीज़ की तुरंत पहचान हो, उस का निदान हो और उस को तीन घंटे के अंदर डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो, और अकसर यह सब ही अज्ञानता वश हो नहीं पाता।


स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिये तीन बातें ध्यान में रखिये --और इस से पहले हमेशा याद रखिये ----STR.


डाक्टरों का मानना है कि एक राहगीर भी तीन प्रश्नों के उत्तर के आधार पर एक स्ट्रोक के मरीज की पहचान करने एवं उस का बहुमूल्य जीवन बचाने में योगदान कर सकता है, इसे अच्छे से पढ़िये और मन में बैठा लीजिए !


S ---Smile आप उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।


T-- talk उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें जैसे कि आज मौसम बहुत अच्छा है।


R --- Raise उस व्यक्ति को दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिये कहें।


अगर इस व्यक्ति को ऊपर लिखे तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है , तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुला कर उसे अस्पताल शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे इन लक्षणों के बारे में बता दें ताकि वह आगे जा कर डाक्टर से इस का खुलासा कर सके।


नोट करें ---- स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है!


1. उस आदमी को जिह्वा (जुबान) बाहर निकालने को कहें।
2. अगर जुबान सीधी बाहर नहीं आ रही और वह एक तरफ़ को मुड़ सी रही है तो भी यह एक स्ट्रोक का लक्षण है।


एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस ई-मेल को पढ़ने वाला इसे आगे दस लोगों को भेजे तो शर्तिया तौर पर आप एक बेशकीमती जान तो बचा ही सकते हैं, 
और यह जान आप की अपनी भी हो सकती है।
समय गूंगा नहीं
बस मौन है


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...