रविवार, 12 मई 2019

गाजियाबाद जेल में बंद 6 फर्स्ट 2 सेकंड

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में उत्तीर्ण बंदियों का
परमार्थ समिति ने किया उत्साह वर्धन
अधीक्षक-दधिराम मौर्य ने जताया अभार
जेल में हाई स्कूल में 6 प्रथम श्रेणी व 2 बंदी द्वितीय श्रेणी लाए


गाजियाबाद। परमार्थ समिति द्वारा इस वर्ष भी जिला कारागार में जाकर जेल प्रांगण मे ही उन बंदियों के लिये एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिन्होंने जेल में बन्द रहते हुए इस वर्ष उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड के माध्यम से एक कीर्तिमान स्थापित किया। परमार्थ समिति द्वारा सर्वप्रथम जेल अधीक्षक दधिराम मौर्य व अजय गुप्ता द्वारा स्मति चिन्ह एवं पुष्पाहार से स्वागत किया।
वेदप्रकाश गर्ग (खादी वाले) अरुण गर्ग (रघुवंश मैटल), डॉ. बी.के. शर्मा हनुमान (उपाध्यक्ष), परमार्थ समिति द्वारा जेल कारापाल आन्नद कुमार शुक्ल को स्मृति चिन्ह, शॉल व पुष्पहार भेंट किए गए।
जेल अधीक्षक दधिराम मौर्य के हाथों हाईस्कूल में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण अब्दुल कलाम दानिश, मंजूर, मो. गुलशन, मौ. मुकीम, नदीम, सोनु कुमार सुनील कुमार को जब माला व प्रशस्ति पत्र देकर इन मेधावी बंदियों को प्रोत्साहित किया तो सारा हॉल तालियों से गूंज उठा। हाईस्कूल में द्वितीय श्रेणी में पास मौ. अलीम व रवि कुमार को भी स्मृति चिन्ह तथा माला भेंट की गई।
इसके अतिरिक्त इंटर में द्वितीय श्रेणी में पास दस बंदियों को भी स्मृति चिन्ह पुष्पहार देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
उप कारापाल राजेंद्र सिंह, नीरज श्रीवास्तव, सुरेश कुमार सिद्धार्थ, अजय कुमार सिंह, शिक्षक मौ. अफजल अहमद व 10 शिक्षामित्रों को को भी परमार्थ समिति की ओर से आर.पी. बंसल, अरुण त्यागी लोकेश सिंघल, डी.के. मित्तल, हरीश मोहन गर्ग, वी.के. सिंघल द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अनेक कैदियों ने अपनी भजन मंडली बनाई हुई है। जिन्होंने सुंदर-सुंदर भजन सुनाए। परमार्थ समिति के चेयरमैन वी.के. अग्रवाल ने अपने संबोधन में बंदियों को कहा कि आज आपने हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान अपने परिश्रम के बल पर हासिल करके, यह संकेत दे दिया है कि आप अब इस कारागार से मुक्त होकर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर अच्छा जीवन बिताएंगे। जेल अधीक्षक दधिराम मौर्य ने परमार्थ समिति का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इन बंदियों को जेल में आकर प्रोत्साहित किया।


मौसम की जानकारी

खबर मौसम विभाग


मौसम विभाग ने 12 मई से लेकर 16 मई तक उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में आसमानी बिजली कड़कने के साथ ही रुक- रुक कर आंधी और बारिश की आशंका जाहिर की है!
इसी के साथ यह भी कहा गया है इस दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ज्यादातर जगहों पर मध्यम दर्जे की बारिश भी हो सकती है!  साथ ही पश्चिम बंगाल और सिक्किम के लिए 12 मई और 13 मई 14 मई को आंधी-पानी की चेतावनी जारी की गई है!पूर्वोत्तर भारत के लिए मौसम विभाग ने 12 मई से लेकर 16 मई तक तेज हवाओं के बीच बारिश होने का अंदेशा जाहिर किया है!universalexpress.page


छठे चरण में 7 बजे तक 61.14 प्रतिशत मतदान

लोकसभा चुनाव 2019: छठे चरण में शाम7 बजे तक कुल 61.14% मतदान


पश्चिम बंगाल- 80.16 फीसदी
दिल्ली -56.11 फीसदी
हरियाणा- 62.91 फीसदी
उत्तर प्रदेश- 53.37 फीसदी
बिहार- 59.29 फीसदी
झारखंड- 64.46 फीसदी
मध्य प्रदेश- 60.40 फीसदी


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अगरबत्ती फैक्ट्री में लगी आग कई झुलसे

कानपुर:अगरबत्ती फैक्ट्री में लगी भीषण आग, छह से अधिक झुलसे 


कानपुर ! जाजमऊ में रविवार को बड़ा हादसा हुआ। यहां अगरबत्ती फैक्ट्री में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड से घटना स्थल पर चीख-पुकार मच गई। घटना में 6 से अधिक लोग झुलस गए।सभी को अस्पताल भेजा गया है। झुलसे लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक घटना चकेरी थाना क्षेत्र के जाजमऊ इलाके की है। मौके पर फायर ब्रिगेड पहुंची है।


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मुंबई के पुलिस स्टेशन में लगी आग , एक मौत

मुंबई के पुलिस स्टेशन में लगी आग ,1 मौत


मुंबईः दादर पुलिस स्टेशन परिसर की इमारत में लगी आग, 15 वर्षीय किशोरी की मौत


मुंबई के पश्चिमी दादर इलाके में दादर पुलिस स्टेशन परिसर की एक इमारत में रविवार को अचानक आग लग गई। आग की चपेट में आकर एक 15 साल की किशोरी की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक इमारत की तीसरी मंजिल पर दोपहर 01.45 बजे आग लगी।आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।


 


राज्य सरकार ने नहीं की गई अजमेर की पैरवी


जयपुर के लिए बीसलपुर बांध से अतिरिक्त पानी लेने के लिए 288 करोड़ रुपए मंजूर।
सीएम अशोक गहलोत का यह फैसला अजमेर वासियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। राजनीतिक नेतृत्व फिर कमजोर साबित हुआ। कहां है रघु शर्मा।

 अजमेर ! पेयजल की समस्या पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में 11 मई को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। अन्य निर्णय के अलावा इस बैठक में यह भी तय हुआ कि जयपुर के लिए बीसलपुर बांध से 170 एमएलडी अतिरिक्त पानी लेने के लिए 288 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। सीएम गहलोत का यह निर्णय अजमेरवासियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। मौजूदा समय में भी बीसलपुर बांध से अजमेर के मुकाबले जयपुर को अधिक मात्रा में पानी दिया जा रहा है। इस भेदभावपूर्ण नीति की वजह से ही अजमेर जिले के शहरी क्षेत्रों में तीन दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में सात दिन में एक बार मात्र 45 मिनट के लिए पेयजल की सप्लाई होती है। सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की। दोनों में ही अजमेर की उपेक्षा होती रहती है। भाजपा के शासन में अजमेर जिले के 8 में से सात विधायक भाजपा के थे, इनमें से चार विधायक मंत्री पद की सुविधा ले रहे थे, लेकिन किसी भी विधायक की हिम्मत मुख्यमंत्री वसुंंधरा राजे के सामने बोलने की नहीं थी। गत बार बरसात कम होने की वजह से बीसलपुर बांध में पानी की आवक कम हुई। अजमेर की सप्लाई में तो तत्काल कटौती कर दी गई, जबकि जयपुर की सप्लाई को बढ़ा दिया गया। भाजपा के किसी भी विधायक-मंत्री ने अजमेर के लोगों की पैरवी नहीं की। पिछले तीन माह से अजमेर में तीन दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है, लेकिन कांग्रेस के मंत्री और विधायक चुप हैं। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा अजमेर के सांसद भी हैं और स्वयं को जिले का सबसे बड़ा नेता समझते हैं, लेकिन पेयजल की समस्या पर एक शब्द भी नहीं बोलते। शर्मा की रुचि अधिकारियों के तबादले में ही नजर आती है। जयपुर के पास तो पेयजल के अन्य स्त्रोत भी है। लेकिन अजमेर जिले की 35 लाख की आबादी पूरी तरह बीसलपुर बांध पर ही निर्भर है। बीसलपुर बांध से पानी लेकर जयपुर में तो रोजाना सप्लाई की जा रही है, जबकि अजमेर में तीन दिन में एक बार। रघु शर्मा इस भेदभाव पर भी चुप है। जाहिर है कि भाजपा-कांग्रेस के नेताओं को सिर्फ वोट हथियाने से मतलब होता है। यदि अजमेर का राजनीतिक नेतृत्व मजबूत और ईमानदार हो तो लोगों के साथ भेदभाव नहीं हो सकता। चिकित्सा मंत्री शर्मा अब स्वयं को प्रदेशस्तर का नेता समझने लगे हैं,जबकि उनके अपने जिले के लोग प्यासे मर रहे हैं। 29 अप्रैल तक कांग्रेस के प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला भी भीलवाड़ा से पानी लाने की बात कर रहे थे, लेकिन मतदान के बाद रिजु भी अजमेर से गायब हो गए हैं। यदि रिजु चुनाव हार गए तो फिर अजमेर में नजर भी नहीं आएंगे। अजमेर जिले का कोई भी कांग्रेसी नेता सीएम गहलोत से यह नहीं पूछ सकता कि अजमेर के मुकाबले जयपुर को प्राथमिकता क्यों दी जाती है? जब पेयजल का स्त्रोत एक ही है तो फिर भेदभाव क्यों? अब अजमेर के बजाए जयपुर के लिए अतिरिक्त पानी लेने की योजना को मंजूरी दी गई है। जहां तक अजमेर की जनता का सवाल है तो पांच दिन में सप्लाई पर भी शांत बैठी रहेगी।
एस.पी.मित्तलuniversalexpress.page


मोदी को फर्जी पिछड़ी जाति का बताया


मेरे पास रहने के लिए अपनी एक कोठरी भी नहीं है।
जाति पर सवाल उठाने वालों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जवाब।

देवरिया ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी के देवरिया में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। बसपा प्रमुख मायावती की अरबो-खरबों की सम्पत्ति की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि मैं 12 वर्ष तक गुजरात का सीएम रहा और अभी आप मुझे देश का प्रधान सेवक बनाते रहेंगे, लेकिन 20-25 वर्ष जब मेरा शरीर कमजोर पड़ जाएगा जब मुझे अपने आवास के लिए एक कोठारी की तलाश होगी। मालूम हो कि मायावती ने पिछले दिनों मोदी को फर्जी पिछड़ी जाति का बताया था। मायावती का कहना रहा कि मोदी का पिछड़ी जाति से कोई संबंध नहीं है। इसके जवाब में मोदी ने कहा कि मैं जिस पृष्ठभूमि से आया हूं उसमें सम्पत्ति का कोई महत्व नहीं है। मैं देश को आगे ले जाना चाहता हंू जो लोग गरीबों के नाम पर आगे बढ़े उन्होंने ही गरीबों को लूटा है। जनता चाहे तो मेरी और आरोप लगाने वालों की सम्पत्तियों की तुलना कर ले। मेरे लिए देश ही परिवार है और उनके लिए परिवार ही सब कुछ है। बसपा और सपा चाहते हैं कि केन्द्र में कमजोर सरकार बने ताकि ये लोग लूट का लाइसेंस ले सके। मायावती जब मुख्यमंत्री थी तब उन्होंने किस प्रकार सरकारी चीनी मिलों की बिक्री कर दी, इसे पूरा यूपी जानता है। अखिलेश जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने सरकारी मिलों की बिक्री की जांच की बात कही। लेकिन आज वही अखिलेश और मायावती ने हाथ मिला लिया है। यह इनकी राजनीति है। सपा-बसपा कभी भी आतंकवाद से नहीं लड़ सकते। कांग्रेस तो पहले ही कह चुकी है कि वह वोट कटवा पार्टी है। 12 मई को जिस अंदाज में पीएम मोदी ने अपनी बात को रखा उससे प्रतीत होता है कि वे यूपी के लोगों के सामने अखिलेश मायावती की सम्पत्तियों और स्वयं की सम्पत्ति की तुलना करवा चाहते हैं। यानि जो नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहे उनके पास रहने के लिए अपनी एक कोठारी भी नहीं है। जबकि पिछड़े वर्गों के नाम पर राजनीति करने वाली मायावती के पास महल जैसे आवास हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जब मायावती को पूर्व मुख्यमंत्री वाली बंगला खाली करना पड़ा था तब उन्होंने लखनऊ में महलनुमा आवास में प्रवेश किया। मायावती की ओर से कहा गया कि यह मेरा आवास नहीं बल्कि पार्टी का संग्रहालय है, जिसमें पार्टी के संघर्ष की कहानी दर्शाई गई है।
एस.पी.मित्तलuniversalexpress.page


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...