मनरेगा मजदूरों के हितों के लिए बनायी जायेगी यूनियन
मोदीनगर । उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत परिवारों की आजिविका को सुरक्षा प्रदान करने हेतु महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना अधिनियम- 2005 दिनांक 7 सितम्बर 2005 को जारी की गयी थी । इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में जाॅब कार्ड वाले मजदूर को एक साल में सौ दिन का रोजगार मिलना चाहिए । जो नहीं मिल रहा है बल्कि उनका शोषण किया जा रहा है । राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने कहा कि अब यह मजदूरों का शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । मजदूरों के हितों की लड़ाई अब राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में आन्दोलन के रूप में लड़ी जायेगी ।श्री सिंह के नेतृत्व में प्रदेश के प्रत्येक जिले में मनरेगा मजदूरों के हितों के लिए यूनियन बनायी जायेगी ।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक उत्तर प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जी संजीवा रेड्डी के आदेशानुसार प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में आन्दोलन के रूप में मजदूरों के हितों के लिए यूनियने संघर्ष करेगी । उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को एक वर्ष में मिलने वाला सौ दिन का रोजगार नहीं मिल रहा है और न ही मनरेगा की मजदूरी कभी वक्त जरूरत पर नहीं मिल रही है । जो सरकार की नाकामी को दर्शाती है ।
सुरेश शर्मा