शनिवार, 28 अगस्त 2021
दुष्कर्म मामले को सुलझाने में पुलिस को कामयाबी
देश में पोत निर्माण का हब बनने की ‘असीम संभावना'
सिद्धार्थ ने निर्मित फिल्म 'शेरशाह' में काम किया
इराक: अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रॉकेटों से हमला किया
बगदाद। इराक-कुवैत सीमा पर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर रॉकेटों से हमला किया गया। इस घटना में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया, "अज्ञात आतंकवादियों ने कुवैत सीमा के पास जेरीशान सीमा पार के अमेरिकी सैन्य अड्डे पर तीन रॉकेट दागे हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार रॉकेट अड्डे पर नहीं गिरे और कोई नुकसान नहीं हुआ है।"
आने वाले समय में आंदोलन तेज करने की तैयारी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के बार्डर चल रहे किसानों के धरना-प्रदर्शन को 9 महीने पूरे हो चुके हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने आने वाले समय में आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आगामी 5 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के गृह जिले मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में महापंचायत आयोजित होगी। ऐसे में लोगों के जेहन में यह सवाल भी है कि क्या मुजफ्फरनगर महापंचायत में राकेश टिकैत और नरेश टिकैत दोनों एक साथ रहेंगे। अगर ऐसा हुआ तो यह पिछले डेढ़ साल के दौरान पहला ऐसा मौका होगा। बता दें कि जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है, दोनों कभी भी एक साथ नजर नहीं आए हैं।
किसान नेता दर्शनपाल के मुताबिक, 25 सितंबर को देश भर में कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद करेंगे। इससे पहले 5 सितंबर को किसान महापंचायत के जरिये हम दिल्ली और लखनऊ दोनों को संकेत देंगे। उस दिन लाखों किसान देश भर से मुजफ्फरनगर पहुंचेंगे।
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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
शुक्रवार, 27 अगस्त 2021
'हिमालय' की चोटियों पर कब्जा करने का अभ्यास
माना जा रहा है कि इसी का जवाब देने के लिए चीनी सेना ने तिब्बत में चोटियों पर फिर से कब्जा करने का अभ्यास किया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत से लगी सीमा को देखने वाले पश्चिमी थिएटर कमांड ने अपनी सेना के कई ब्रिगेड को इकट्ठा किया और उसे दो टीमों में बांट दिया गया। एक का नाम पीएलए और दूसरे का नाम 'ब्लू आर्मी' दिया गया था।
कजाकिस्तान के भंडार में विस्फोट होने से 9 की मौंत
एस्टाना। अफगानिस्तान के काबुल स्थित एयरपोर्ट पर हुए भयावह बम धमाकों के बाद शुक्रवार को कजाकिस्तान के शस्त्र भंडार में विस्फोट होने की खबर मिल रही है। समाचार एजेंसी के मुताबिक कजाकिस्तान के शस्त्र भंडार में हुए धमाकों में 9 लोगों की जान चली गई है। कहा जा रहा है कि यह धमाके जाम्बिल स्थित सैन्य अड्डे पर हुए हैं। धमाके में 9 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है और तकरीबन एक सैकडा लोग घायल हुए हैं।
कजाकिस्तान के रक्षामंत्री ने बताया है कि शस्त्र भंडार में हुए धमाके के बाद आग के भारी बवंडर उठे हैं और आग ने देखते ही देखते आसपास के हथियारों के गोदामों को अपनी चपेट में ले लिया। मंत्रालय की ओर से शुरुआत में कहा गया था कि 6 धमाके हुए हैं। लेकिन कुछ अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि कजाकिस्तान में 10 से भी ज्यादा धमाके हुए हैं। इन धमाकों का एक वीडियो भी सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया है। इसमें आग एक बड़े बवंडर का रूप लेते हुए चारों तरफ फैल रही है। धमाकों के बाद प्रशासन की ओर से सैन्य अड्डे के आसपास रहने वाले लोगों को वहां से हटाया गया है। अभी तकरीबन 1000 लोगों ने सैन्य अड्डे के समीप से अस्थाई तौर पर अपना घर बार छोड़ दिया है। धमाकों के बाद रेलवे लाइन भी बंद कर दी गई है। धमाके के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस बीच कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री नुर्लान येरमेकबायेव ने इन धमाकों के चलते अपना इस्तीफा देने की पेशकश की है। गौरतलब है कि इससे पहले बृहस्पतिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित एयरपोर्ट पर दो बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी। हमले में कुल 95 लोगों के मौत की खबर सामने आई है।
बस्ती में 1 व्यक्ति ने पत्नी की गला दबाकर हत्या की
नरेश राघानी
बाड़मेर। राजस्थान में बाड़मेर जिले के सेड़वा थाना क्षेत्र में भीलों की बस्ती में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या कर दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार सुबह पति-पत्नी के बीच आपस में बहस हो गई। गुस्साये पति भंवराराम ने पत्नी चंपादेवी (26) की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस को सूचना मिलने पर घटनास्थल पहुंची और भंवराराम को गिरफ्तार कर लिया। मृतका के पीहर पक्ष ने पति, सास और ससुर पर हत्या का आरोप लगाया है।
मोर्चा: 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन सर्वसम्मति से देश के हर गाँव में अपने आंदोलन का विस्तार करने और 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान करने के साथ शुक्रवार को संपन्न हुआ। इसने किसानों से यह भी आह्वान किया कि वे मुजफ्फरनगर में एसकेएम की रैली को विरोध का एक विशाल प्रदर्शन बनाने के लिए पूर्ण प्रयास करें। विभिन्न किसानों, कृषि श्रमिकों, ट्रेड यूनियनों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, व्यापारी निकायों के 90 वक्ताओं को, 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने तीन कृषि अधिनियमों को रद्द करने, स सभी कृषि उपज की खरीद की कानूनी गारंटी करने, नए बिजली बिल को निरस्त करने और एनसीआर में वायु गुणवत्ता के नाम पर किसानों पर मुकदमा चलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग को गई।
सभा ने बार-बार अल्पसंख्यकों पर सांप्रदायिक हमलों करने और देश की प्राकृतिक संपत्ति और सार्वजनिक क्षेत्र को कॉर्पाेरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेचने के खिलाफ भी नारे लगाए। इन तथा अन्य संबंधित विषयों पर प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस अवसर पर आयोजन समिति के संयोजक, डॉ आशीष मित्तल ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आज पूरा किसान समुदाय कृषि, खाद्य भंडारण और कृषि बाजार के सभी पहलुओं पर कॉर्पाेरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नियंत्रण से लड़ने के लिए मजबूर है। इन परिवर्तनों से किसान ऋण, आत्महत्या और भूमि से विस्थापन में व्यापक वृद्धि होगी।
लेकिन यह हमला किसानों और खेतिहर मजदूरों तक सीमित नहीं है। यह भारत के मेहनतकश लोगों के सभी वर्गों पर चौतरफा हमला हैं। देश की संपत्ति, जो अपने लोगों को रोजगार और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है, जैसे रेलवे, पावर ट्रांसमिशन लाइन, प्राकृतिक गैस संसाधन, दूरसंचार परियोजनाएं, खाद्य भंडारण, बीमा, बैंक, आदि, को बेचे जा रहा है। गरीबों के लिए कल्याण और सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से सब्सिडी और राशन पर निशाना साधा जा रहा है। आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि की जा रही है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा क्षेत्र का निजीकरण किया जा रहा है और इन क्षेत्रों के विकास में केवल कॉरपोरेट का वर्चस्व है। ऐतिहासिक किसान संघर्ष, जिसने अपने उपर सरकार के हमले को चुनौती दी है, केवल अपने अस्तित्व की लड़ाई नहीं है। यह देश को भारतीय और विदेशी कॉरपोरेट्स द्वारा, पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने से बचाने की लड़ाई है। यह वास्तविक आत्म-निर्भर विकास का मार्ग है, जो अपने देशभक्त नागरिकों के जीवन और आजीविका की रक्षा करता है। इसने करोड़ों लोगों के विश्वास को प्रेरित किया है और आने वाले दिनों में भी।
इस कन्वेंशन ने तीन कानूनों, एमएसपी और अन्य की मांग पर चर्चा की और प्रत्येक पहलू पर एक विस्तृत प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसने किसानों से राज्य / जिला एसकेएम इकाइयों का गठन करने और सभी सहायक संगठनों के साथ राज्यों और जिलों में संघर्ष करने, सम्मेलनों, रैलियों का आयोजन करने, टोल वसूली का विरोध करने और किसानों की मांगों को स्वीकार करने से इनकार करने के लिए भाजपा और एनडीए नेताओं के खिलाफ विरोध करने का आह्वान किया
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 1. अंक-352, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. सोमवार, अक्टूबर 07, 2024 3. शक-1945, आश्विन, शुक्ल-पक्ष,...
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