शुक्रवार, 7 मई 2021
यूपी को वैक्सीन प्रूफ करने में जुटे हुएं सीएम योगी
संक्रमितों का निशुल्क इलाज, नई योजना लागू होगीं
शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैडिंग हुईं
कोरोना की दूसरी लहर के बाद नई बिमारी, शिकार
उत्तराखंड: पौड़ी के 1 गांव में 30 लोग संक्रमित मिलें
भारतीय सेना ने 2 फील्ड अस्पतालों को पटना पहुंचाया
एचसी के सभी चीफ जस्टिस से बात करूंगा: रमना
सगे पिता के दुष्कर्म सहती रहींं दो नाबालिग बहनें
दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को असम भेजनें का ऐलान
स्टालिन ने तमिलनाडु के सीएम पद की शपथ लीं
बंगाल: सेंट्रल फोर्स के जवानों के प्रवेश पर लगाईं रोक
किस्त में 17 राज्यों को ₹9,871 करोड़ जारी किए
सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की
एचसी ने दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की
भारत: 24 घंटे में 19,133 नए मामलें सामने आएं
कुंभ महामारी फैलाने वाली 'सप्रेडर घटना' न साबित हो
एक ही गांव के 17 लोगों की मौंत से मचा हड़कंप
संदीप मिश्र
सुल्तानपुर। कोरोना संक्रमण ने 2020 और 2021 में कहर बनकर टूटी है। इस महामारी के कारण किसी की मांग की सिंदूर उजड़ी तो किसी के घर का चिराग बुझा। महामारी से लोग अब बेहद ही त्रस्त हो गए है। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले तीन सप्ताह से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अनेक मामलों में कारण कोरोना नहीं माना जा रहा है, मगर मौत की यह रफ्तार डरा रही है। कुछ ऐसे ही हालात रायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव की है।
दरअसल सुल्तानपुर खेड़ा गांव में पिछले एक सप्ताह में 17 लोगों की मौत हो गई। हैरान वाली बात ये है कि न उनकी कोई टेस्टिंग हुई और ना ही सही इलाज मिल पाया। खास बात है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा यहां के प्रभारी मंत्री हैं।रायबरेली के छोटे से गांव सुल्तानपुर खेड़ा, जिसकी आबादी 2000 लोगों की है, यहां लगभग 500 परिवार रहते हैं। बीते कुछ दिनों से हर तरफ मौत का मंजर दिखाई दे रहा है। हर घर में आंसू और मातम पसरा हुआ है। बीते दिनों में यहां पर 17 मौतें हो चुकी है, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार यह गांव आज भी अपने किसी भगवान रूपी नेता का इंतजार कर रहा है। गांव में कोरोना लक्षण जैसे जुकाम और बुखार से इंफेक्शन की शुरुआत होती है और सांस लेने में तकलीफ के बाद मौत हो जाती है। गांव में दहशत का माहौल है। 17 मौतें होने के बावजूद जिला प्रशासन ने किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है। ना कोई टीम गांव पहुंची है, ना सैनिटाइजेशन हुआ है, ना फागिंग और ना ही साफ सफाई का काम हुआ है।
मृतकों में शामिल राकेश शुक्ला और अवधेश गुप्ता की मृत्यु एल2 हॉस्पिटल रेल कोच में हुई है. बाकी लोगों की मृत्यु घरों में हुई है। गांव के 70 फ़ीसदी से अधिक लोग जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं। गांव में दहशत का माहौल है। लोग बहुत डरे हुए हैं। सुल्तानपुर खेड़ा ग्राम सभा में 13 मजरे हैं, घर-घर रोना पीटना मचा है।गांव वालों की माने तो सरकार और प्रशासन दोनों ही पूरे मामले में लापरवाह रहे। कहीं से किसी प्रकार की कोई उपचार संबंधी मदद भी नहीं मिल पा रही है। गुरुवार को डीएम कैंप, कंट्रोल रूम, एडीएम प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंह को सूचित किया गया है, लेकिन शाम तक कोई भी विभागीय टीम अथवा सैनिटाइजेशन की टीम गांव नहीं पहुंची है।
11 जून तक मरने वालों का आंकड़ा 4 लाख पार
पीक को लेकर अनुमान लगाना मुश्किल, वजह- आंकड़ों की तस्वीर सही नहीं
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पीक के लिए जो नया मॉडल अपनाया गया है, उस पर भी अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता। पिछले महीने भी यह मॉडल फेल हो चुका है। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यह आंकड़े कम करके बताए जा रहे हैं। न तो टेस्टिंग बढ़ाई है और न ही मौतों की सही तस्वीर सामने आ रही है। वहीं, देशभर में श्मशान घाटों की तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इससे पीक को लेकर सारे असेसमेंट जटिल होते जा रहे हैं।
नया पूवार्नुमान अन्य वैज्ञानिकों के पूवार्नुमानों से मेल खाता है, जिसमें 15 मई के आसपास दूसरा पीक आने की बात कही जा रही है। यह पूवार्नुमान बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीते 24 घंटे में देश में 4.12 लाख नए केस सामने आए। इस दौरान 3,980 मौतें हुईं। इन स्थितियों के बीच भी प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया है कि वे नेशनल लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते। हालांकि, ज्यादातर राज्यों में आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन पहले से लागू है। कई राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील कर रखा है।
राज्य सरकार को एचसी ने जमकर लगाईं फटकार
कांग्रेस की हार से सबक लेने की जरूरत: सोनिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को निराशाजनक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस हार से सबक लेने की जरूरत है।
कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गई पार्टी सांसदों की डिजिटल बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि जल्द ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी। जिसमें असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के चुनाव नतीजों की समीक्षा की जाएगी। सोनिया ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में जीत के लिए ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और वाम दलों को बधाई भी दी।उन्होंने कांग्रेस की चुनावी हार का उल्लेख करते हुए कहा, ”सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सभी राज्यों में हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और मैं यह कह सकती हूं कि यह अप्रत्याशित है। ” सोनिया ने कहा, ”चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी, लेकिन यह कहना होगा कि एक पार्टी के तौर पर सामूहिक रूप से हमें पूरी विनम्रता एवं ईमानदारी के साथ इस झटके से उचित सीख लेनी होगी।”
गौरततलब है कि असम और केरल में सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही कांग्रेस को हार झेलनी पड़ी। वहीं, पश्चिम बंगाल में उसका खाता भी नहीं खुल सका। पुडुचेरी में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा जहां कुछ महीने पहले तक वह सत्ता में थी। तमिलनाडु में उसके लिए राहत की बात रही कि द्रमुक की अगुवाई वाले उसके गठबंधन को जीत मिली।
जमीनी रंजिश को लेकर 2 पक्षों में विवाद, 3 की मौंत
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