हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि कोरोना महामारी से देश की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गयी है और सरकार के लिए इससे निपटना कठिन हो रहा है इसलिए हालत को नियंत्रित करने के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। सोनिया ने कहा, ”कांग्रेस स्थायी समिति की बैठक बुलाने की मांग करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महामारी से बेहतर तरीके से लड़ने के लिए सामूहिक कार्रवाई, जवाबदेही तय हो।”
सोनिया गांधी ने शुक्रवार को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के विकराल रूप के समक्ष व्यवस्था चरमरा गई है और सरकार स्थिति से निपटने में सफल नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए महामारी से निपटने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए और कोरोना से कैसे मुक्ति मिले इस बारे में सब की राय ली जानी चाहिए क्योंकि महामारी से अब जो स्थिति पैदा हो गयी है उससे सामूहिक रूप से ही इस निपटा जा सकता है।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस महामारी का मुकाबला सामूहिक रूप से ही किया जा सकता है इसलिए ठोस रणनीति अपनाने के लिए और सामूहिक रूप से कदम उठाने के लिए संसद की स्थाई समिति की बैठक भी बुलाई जानी चाहिए।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना को लेकर जो हालात पैदा हुए है उसको लेकर संसद की स्वास्थ्य मंत्रालय से संबद्ध स्थायी समिति ने पहले ही चेतावनी दे दी थी लेकिन सरकार ने समिति की चेतावनी को नजरअंदाज किया जिसके कारण यह संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने भी महामारी से लड़ने के लिए ऑक्सीजन, दवाइयों और वेंटिलेटर की पर्याप्त आपूर्ति जारी रखने की सरकार को राय दी थी लेकिन मोदी सरकार ने विशेषज्ञों की राय को भी अनसुना कर दिया।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने कोरोना टीकाकरण को लेकर भी कोई रणनीति नहीं बनाई है। संसद ने केंद्रीय बजट में नागरिकों के निशुल्क टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है लेकिन सरकार अब भी राज्यों पर कोरोना से जुड़े भार को डाल रही है और उसे कम करने के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है। उन्होंने अरोप लगाया कि विपक्ष की तरफ से केंद्र सरकार को महामारी से निपटने के लिए जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं सरकार उनको गंभीरता से नहीं ले रही है।