शनिवार, 17 अप्रैल 2021
हरिद्वार महाकुंभ: 54 संत पाएं गए कोरोना पॉजिटिव
विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान शुरू
बिटकॉइन के बाद ऊंचे स्तर पर पहुंची एनएफटी
खुद को देश के संविधान से ऊपर समझती है ममता
टीकाकरण के लिए आयुसीमा को 25 साल किया जाएं
दुमका कोषागार मामलें से लालू को मिलीं जमानत
महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकें, अपील की
या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी रूपेण संस्थिता: नवरात्रि
कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं। परम्परागत रूप से देवी दुर्गा की तरह वे लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। नवरात्रि उत्सव के षष्ठी को उनकी पूजा की जाती है। उस दिन साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं। 'कात्यायनी' अमरकोश में पार्वती के लिए दूसरा नाम है। संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल है में भी प्रचलित हैं।यजुर्वेद के तैत्तिरीय अणवय में उनका उल्लेख प्रथम किया है। स्कंद पुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं। जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दी गई सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। वे शक्ति की आदि रूपा है। जिसका उल्लेख पाणिनी पर महाभाष्य में किया गया है। जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित है। उनका वर्णन देवीभागवत पुराण और मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य में किया गया है। जिसे 400 से 500 ईसा में लिपिबद्ध किया गया था। बौद्ध और जैैैन ग्रंथों और कई तांत्रिक ग्रंथों, विशेष रूप से कालिका पुराण (10 वीं शताब्दी) में उनका उल्लेख है। जिसमें उद्यान या उड़ीसा में देवी कात्यायनी और भगवान जगन्नाथ का स्थान बताया गया है।
कथा
माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है। कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली।
कुछ समय पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया। तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं। ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था। माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है। इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है। माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।
उपासना
नवरात्रि का छठा दिन माँ कात्यायनी की उपासना का दिन होता है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनका ध्यान गोधुली बेला में करना होता है। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में छठे दिन इसका जाप करना चाहिए।
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। इसके अतिरिक्त जिन कन्याओ के विवाह मे विलम्ब हो रहा हो। उन्हे इस दिन माँ कात्यायनी की उपासना अवश्य करनी चाहिए। जिससे उन्हे मनोवान्छित वर की प्राप्ति होती है।
महिमा
माँ को जो सच्चे मन से याद करता है। उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। जन्म-जन्मांतर के पापों को विनष्ट करने के लिए माँ की शरणागत होकर उनकी पूजा-उपासना के लिए तत्पर होना चाहिए।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021
चीन, अमेरिका का निकट प्रतिद्वंद्वी बन रहा है
गाजियाबाद में मिलें कोरोना के 538 नए संक्रमित
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। गुरुवार को जिलें में 538 नए संक्रमित मिलें। जो, कि अब तक दिन में मिले मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले 16 सितंबर 2020 को जिले में 337 मरीज मिले थे। जिले में अब कुल संक्रमितों की संख्या 29 हजार पार कर गई है। जिनमें से 1723 का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है और 104 की मृत्यु हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि गाज़ियाबाद में प्रतिदिन मिलने वाले नए मरीजों की संख्या 2 हजार तक जा सकती है। इसके लिए जिले के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। फिलहाल जिले के निजी अस्पतालों में 1338 बिस्तर उपलब्ध है। जिन्हें बढ़ा कर 2000 किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में भी बिस्तरों की संख्या को 518 से बढ़ा कर 1000 किया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार पर पाबंदियां लगाईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोविड-19 के कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की पृष्ठभूमि में निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार पर कुछ पाबंदियां लगाईंं। जिनमें प्रचार के समय में कमी करना भी शामिल है। आयोग के आदेश के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने रोजाना प्रचार खत्म होने का समय घटाकर शाम सात बजे तक कर दिया है। पहले रात 10 बजे तक चुनाव प्रचार किया जा सकता था। निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव प्रचार वाले दिनों में शाम सात बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। मतदान से पहले चुनाव प्रचार समाप्त होने की समय सीमा भी 48 घंटों से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी गई है।
कर्नाटक के सीएम दूसरी बार हुए कोरोना संक्रमित
बेंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा आठ महीने में दूसरी बार कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। शुक्रवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। येदियुरप्पा (78) को इससे पहले दो अगस्त, 2020 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हल्के बुखार के बाद आज मेरी कोविड-19 की रिपोर्ट में संक्रमण का पता चला है। मैं ठीक हूं, लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं।’’ मुख्यमंत्री ने हाल में अपने संपर्क में आए सभी लोगों से ध्यान रखने और पृथक-वास में जाने को कहा है।
कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी, भाजपा जिम्मेदार हैं
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिये सीधे भगवा दल को जिम्मेदार ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि वह निर्वाचन आयोग से कहेंगी, कि वह भाजपा को प्रचार के दौरान “बाहरी लोगों” को लाने से रोके। नादिया जिले में यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैलियों के लिये शामियाने लगवाने के लिए भाजपा “सबसे बुरी तरह प्रभावित” गुजरात जैसे राज्यों से लोगों को लेकर आई। उन्होंने कहा, “मैं निर्वाचन आयोग से अनुरोध करूंगी कि वह गुजरात जैसे राज्यों से आने वाले बाहरी लोगों को रोके जो बंगाल में कोविड-19 के प्रसार के लिये जिम्मेदार हैं।”बनर्जी ने कहा, “प्रधानमंत्री या अन्य नेता प्रचार के लिये आते हैं तो हमें कुछ नहीं कहना। रैलियों के लिये मंच और पंडाल लगाने के लिये भाजपा को सबसे बुरी तरह प्रभावित राज्यों से लोगों को क्यों लाना चाहिए?”
कौशाम्बी: कुएं से बरामद दुर्गंध युक्त युवक की लाश
पूर्व सीएम भूपेंद्र के खिलाफ आरोप तय: सीबीआई
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आदेश जारी किएं
राणा ओबराय
चंडीगढ। हरियाणा सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए और कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए आज व्यापक रुप से उठाए गए कदमों के तहत विभिन्न हितधारकों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) और मानदंडों के आदेश जारी किये है। ये आदेश आज वित्तायुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने जारी किये हैं। कौशल द्वारा जारी किये गए आदेश के अनुसार ‘कोरोना कर्फ्यू’ और धारा 144 के तहत हरियाणा राज्य में रात 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे के बीच सभी गैर-जरूरी गतिविधियों के लिए व्यक्तियों के आवागमन पर प्रतिबंध होगा। कोई भी व्यक्ति अपने घरों को नहीं छोड़ेगा या उक्त घंटों के दौरान किसी भी सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर पैदल या वाहन या यात्रा या खड़ा या घूमने नहीं जाएगा। उपायुक्त, जहाँ भी आवश्यक हो। ‘कोरोना कर्फ्यू ’के क्रियान्वयन के लिए धारा 144 लागू कर सकते हैं और अन्य प्रतिबंधों के लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि इन आदेशों के तहत निम्नलिखित व्यक्तियों और सेवाओं के आवागमन को छूट दी जाएगी जो कानून और व्यवस्था / आपात स्थिति और नगरपालिका सेवाओं / कर्तव्यों के साथ कार्यकारी अधिकारियों, पुलिस कर्मियों, वर्दीधारी सैन्य / सीएपीएफ, स्वास्थ्य, बिजली, अग्निशमन, मान्यता प्राप्त पत्रकार और सरकारी मशीनरी के कर्मियों को कोविड़-19 संबंधित कर्तव्यों (सभी पहचान पत्र के उत्पादन पर) के साथ काम सौंपा है। आवश्यक वस्तुओं के निर्माण पर कोई अंकुश नहीं होगा। (आवश्यक वस्तुओं को मार्च 2020 से एमएचए दिशानिर्देशों द्वारा परिभाषित किया जाएगा)। आवश्यक और गैर-जरूरी सामानों की आवाजाही (इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट) पर कोई अंकुश नहीं होगा। सभी वाहनों / व्यक्तियों को बोनाफाइड पारगमन (इंटर स्टेट / इंट्रा-स्टेट) को पास करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन केवल मूल और गंतव्य के बिंदु के सत्यापन के उपरान्त ही ये अनुमति होगी। अस्पताल, पशु चिकित्सा अस्पताल और सभी संबंधित चिकित्सा प्रतिष्ठान, जिनमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, जैसे कि डिस्पेंसरी, केमिस्ट, फ़ार्मास्युटी (जनऔषधि केंद्र सहित) और चिकित्सा उपकरण की दुकानें, प्रयोगशालाएँ, फार्मास्युटिकल रिसर्च लैब, क्लीनिक, दोनों शामिल हैं। नर्सिंग होम, एम्बुलेंस आदि चालू रहेंगे। सभी चिकित्सा कर्मियों, नर्सों, पैरा-मेडिकल कर्मचारियों, अन्य अस्पताल सहायता सेवाओं के लिए परिवहन की अनुमति होगी।
पूर्व विधायक बदलान ने भाजपा का दामन छोड़ा
चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। पूर्व विधायक बदलान सिंह दौलतपुरिया ने भी भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में जाने का पूरा मन बना लिया है। इस बात का खुलासा खुद बलवान सिंह दौलतपुरिया ने मीडियाकर्मियों के सामने किया है। जब इसके बारे राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज के सम्पादक राणा ओबराय ने पूर्व विधायक बलवान दौलतपुरिया से फोन परबात करने की कोशिश की तो फोन उनके ड्राइवर ने उठाया। उसने बताया अभी दो तीन दिन में कांग्रेस जॉइन करने का प्रोग्राम नही है। किसान आंदोलन के चलते फतेहाबाद से पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया ने भाजपा का दामन छोड़ दिया था। इसके बाद उनके घर वापसी यानि इनेलो और कांग्रेस में जाने के अलग अलग क्यास लगाए जा रहे थे। अब बलवान सिंह दौलतपुरिया ने खुद साफ कर दिया है कि वो निकट भविष्य में कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। वो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की अगुवाई में कभी भी कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। उन्होने खुद साफ किया कि वो इसी महीने कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि उनकी कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत चल रही है। आपको बता दें कि बलवान सिंह दौलतपुरिया इनेलो की टिकट पर विधायक चुने गए थे। 2014 के चुनाव में विधायक चुने जाने के बाद 2019 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। बलवान सिंह दौलतपुरिया को टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन उनको भाजपा का टिकट नहीं मिला। भाजपा ने दूड़ाराम को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था और दूडाराम की जीत हुई थी।
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए डीएम की बैठक
प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला देश बना 'भारत'
प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला देश बना 'भारत' डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। आपने कभी सोचा है कि आपका चाय-समोसा ख...
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चौकी में रिश्वतखोरी का नंगा नाच, अदम्य साहस धर्मवीर उपाध्याय गाजियाबाद। गाजियाबाद की तहसील लोनी का एक अद्भुत प्रकरण संज्ञान में आया है। हो ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...