हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। योगी सरकार यूपी में स्वच्छता मिशन को और सख्त बनाने जा रही है। सड़क पर गंदगी फैलाने वाले और थूकने वालों पर जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा। ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाने की तैयारी योगी सरकार कर चुकी है। इसके लिए उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्ठ (प्रबंधन, संचालन एवं स्वच्छता) नियमावली-2021 को जल्द कैबिनेट से पास कराने की तैयारी है। नगर विकास विभाग ने इस पर लोगों से राय और सुझाव मांगे हैं। इसके मुताबिक गाड़ी चलाते समय अगर थूका या फिर कोई समान फेंक कर गंदगी फैलाई तो बड़े शहरों में 1000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। शहरों की सफाई के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। मसलन, शहरों में जरूरत के आधार पर गीला और सूखा कूड़ा फेंकने के लिए डिब्बे रखवाए गए हैं। इसके साथ ही घरों व प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कूड़े को उठाने के लिए डोर-टू-डोर इसे एकत्र करने की व्यवस्था की गई है। गंदगी फैलाने पर जुर्माने के लिए अभी तक स्पष्ट प्रावधान नहीं है। कुछ नगर निगम उपविधि के आधार पर इसकी वसूली जरूर करते हैं, प्रस्तावित नियमावली में यह स्पष्ट प्रावधान कर दिया गया है कि किस शहर में क्या करने पर कितना जुर्माना वसूला जाएगा।। शहरों में ऐसे सामूहिक आयोजन जिसमें 100 से अधिक लोग शामिल हुए हैं और कार्यक्रम खत्म होने के बाद सफाई नहीं कराई है, तो आयोजकों को जुर्माना भरना होगा। जुर्माने की यह राशि क्षेत्रफल, कचरे और के हिसाब से तय की जाएगी। फेरी या फिर पटरी पर दुकान लगाने वाले इधर-उधर गंदगी नहीं फेंक पाएंगे। उन्हें निकलने वाली गंदगी को रखने के लिए बंद डिब्बा अपने पास रखना होगा। इसमें ही उन्हें कूड़े को एकत्र करना होगा और निकाय की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को देना होगा। अभी तक फेरी और पटरी दुकानदार जहां भी दुकान लगाते हैं वहां इधर-उधर कूड़ा फेंकते रहते हैं। इससे प्रदूषण तो बढ़ता ही है साथ में गंदगी भी इधर-उधर बिखरी रहती है। इसके साथ ही खुले में नाले और नालियों में कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध होगा। इसे साफ रखने का दायित्व कालोनी वालों का होगा। हाउसिंग सोसायटियों के अंदर की गलियों को रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी वालों को साफ कराना होगा और इससे निकलने वाली गंदगी को एक स्थान पर रखना होगा और उसे निकाय की कूड़ा गाड़ियों को देना होगा। निजी सोसायटी की गलियों में सफाई के लिए निकाय अब शुल्क लेंगे। इसके लिए रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को निकायों में पहले प्रार्थना पत्र देना होगा। भवन स्वामियों को सफाई वाले स्थानों पर जाने की व्यवस्था करानी होगी। शहरों में लगने वाले लंगर या पूजा पंडलों में अब अनिवार्य रूप से कूड़ा फेंकने के लिए डिब्बा रखना होगा। लंगर या पूजा पंडला के बाहर इधर-उधर कूड़ा फेंकने पर प्रतिबंध होगा। कूड़ा डिब्बे में ही फेंका जाएगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इस डिब्बे को निकाय की कूड़ा गाड़ियां ले जाएं। इसमें किसी तरह की लापरवाही पर आयोजित समिति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निजी संपत्तियों के प्रत्येक भवन स्वामियों को अपने परिसर में पर्याप्त संख्या में कचरा एकत्र करने की व्यवस्था करनी होगी। कूड़ा-करकट सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और इधर-उधर नहीं फेंके जा सकेंगे। पशुओं की पहुंच वाले स्थानों पर भी कूड़ा फेंकना प्रतिबंधित होगा। भारी मात्रा में कूड़ा निकलने वाले स्थानों खासकर बहु मंजिले भवन, अपार्टमेंट, गलित में स्थित घर, होटल, पार्क, मॉल, सरकारी या निजी आवासीय कालोनियों, समितियों, दुकानों, कार्यालयों, वाणिज्यिक अधिष्ठान, एयरपोर्ट, रेलवे, उद्योगों को अपने क्षेत्रों में अलग-अलग कूड़े रखने और निस्तारित करने की व्यवस्था करनी होगी।