विरोध स्वरुप पालिकाध्यक्ष आमरण अनशन पर बैठे, पुलिस प्रशासन सतर्क
सितारगंज। नगर पालिका में चल रहे धरने के दौरान वार्ता करने पहुंची एसडीएम मुक्ता मिश्रा अन्य अधिकारियों को दोपहर डेढ़ बजे से सवा पांच बजे तक पालिका परिसर में ही बंद कर दिए जाने के आरोप मामले में नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे, 13 सभासदों, 19 नामजद समेत 70 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पालिका अध्यक्ष ने मुकदमे को बेबुनियाद बताते हुए दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने समर्थकों के साथ पालिका में आमरण अनशन शुरू कर दिया है।विदित है कि विकास कार्यों के निपटने के बाद भी अनियमितता की जांच के नाम पर कई ठेकेदारों का भुगतान न होने से परेशान पालिका बोर्ड के अधिकांश सभासदों व नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे का कई दिनों से चला आ रहा धरना जारी था। आरोप है कि इस दौरान बुधवार की दोपहर बाद एसडीएम मुक्ता मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीओ किरण सिंह माथुर व अन्य अधिकारी धरनारत सभासदों से बातचीत करने नगर पालिका परिसर पहुंची तो अधिकारियों के अंदर जाने के बाद आंदोलनकारियों ने नगर पालिका के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। इससे तमाम अधिकारी डेढ़ बजे से पांच बजकर दस मिनट तक अंदर ही बंधक बन कर रह गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान आंदोलनकारी एसडीएम चोर है, प्रशासन मुर्दाबाद जैसे नारे भी लगा रहे थे। इससे सरकारी काम में बाधा आई।वरिष्ठ उप निरीक्षक सुधाकर जोशी ने नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे, वार्ड एक के सभासद अकरम बेग, वार्ड नंबर दो के सभासद पंकज रावत, वार्ड नंबर तीन के सभासद जहूर इस्लाम, वार्ड नंबर चार के सभासद जिलानी अंसारी, वार्ड पांच के मेंबर रवि रस्तोगी, वार्ड नंबर 6 के रहमत हुसैन, वार्ड सात के दीपक गुप्ता, वार्ड आठ के राधे श्याम, नौ नंबर वार्ड की सभासद उषा चौहान के पति नितिन चौहान, दस नंबर वार्ड की सभासद ऋतु गहतोड़ी के पति पंकज गहतोड़ी, वार्ड नंबर 11 के लक्षमण सिंह राणा, वार्ड नंबर 12 के सभासद मरगुब अंसारी, वार्ड 13 के सचिन गंगवार, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष इश्तयाक अंसारी, राजू रस्तोगी, आशु, ताबिर मलिक समेत 70 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे अपने समर्थकों के साथ आमरण अनशन पर डटे हुए हैं। पालिका परिसर में जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच हुए गतिरोध के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट है। पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने आरोप लगाया कि सुरक्षा की दृष्टि से पालिका का गेट बंद किया गया था। किसी भी अफसर को बंधक नहीं बनाया गया है अराजकत तत्वों से बचने के लिए पालिका प्रशासन ने एहतियात बरती है। उन्होंने मुकदमे के जरिए जानबूझकर प्रशासन पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।