पीलीभीत। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनकारी किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 15 दिनों से डटे हुए हैं। पर उनका असर दूर-दूर तक देखने को मिल रहा है। इसी के चलते पिछले दिनों एक शख्स की जान पर बन आयी। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक टीचर का आंदोलन पर रिएक्शन देना कुछ लोगों को इतना नागवार गुजरा कि टीचर की नौकरी ही छिन गयी। इतने से भी दबंगों का मन नहीं भरा तो वे टीचर को जान से मारने की धमकी दे रहे है। सोशल मीडिया पर भी ये मामला चर्चा में बना हुआ है। मामला कुछ ऐसा है कि पीलीभीत के विजयपाल सिंह निरंजनपुर के अकाल एकेडमी में पिछले 18 साल से बतौर टीचर काम कर रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वायरल वीडियो को विजयपाल सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर इसे अराजकता बताया, साथ ही उसका विरोध करते हुए इस पर उनके कमेंट करने से नाराज होकर कुछ विशेष समुदाय के लोग एकजुट हो गए और विजयपाल को फोन पर जान से मारने की धमकियां दी गईं। उसके बाद कॉलेज प्रशासन के साथ मिलकर विजय को कॉलेज बुलवाया गया और पोस्ट डिलीट करने को कहा। साथ ही उनसे कहा गया कि वे इस पोस्ट के लिए माफी मांगें।
विजयपाल सिंह ने पोस्ट डिलीट कर माफी भी मांगी
विजयपाल सिंह ने फेसबुक वॉल से पोस्ट डिलीट करने के साथ ही माफी भी मांगी। इससे भी मन नहीं भरा तो दबंगों ने उनके साथ गाली गलौज की और उनसे जबरदस्ती यह कहते हुए इस्तीफा लिखवा लिया कि वे फैमिली मैटर के कारण काम नहीं कर सकते हैं। विजयपाल सिंह कॉलेज और एक समुदाय से जुड़े लोगों के रवैये से काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि आज उनका साथ देने वाला ना तो स्टाफ में कोई है और ना ही शिक्षक संगठन उनके साथ खड़े हो पा रहे हैं। विजयपाल का कहना है कि आरएसएस का होना या हिंदू होना कोई गुनाह तो नहीं है। कोरोना काल में नौकरी गंवाने के अलावा धमकियों और बेइज्जती से वो काफी परेशान हैं। इस मामले में उन्होंने पुलिस से शिकायत भी की है। जिसके बाद सीओ ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी।