पालूराम
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर किसानों का आंदोलन 16 दिन से जारी है। किसान नेताओं ने कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को खारिज कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे। साथ ही आंदोलन को तेज करते हुए 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे। उत्तर भारत के सभी किसानों के लिये 14 दिसंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, जबकि दक्षिण भारत में रहने वाले किसानों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिये कहा गया है।
वही गुरुवार को कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की। उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई थी। इन कानूनों पर संसद में सभी दलों के सांसदों ने अपना पक्ष रखा था। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पारित हुआ था। चर्चा के दौरान सभी सांसदों ने अपने विचार रखे. ये तीनों कानून आज देशभर में लागू हैं।न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए है। तय समय में भुगतान की व्यवस्था की गई है। किसानों की जमीन सुरक्षित रखने का ध्यान रखा गया है। नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं। मंडी से बाहर जाकर भी किसानों को छूट दी गई। वहीं, उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों से बातचीत जारी है।
कृषि मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, हमने 10 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर पीएम हमारी बात नहीं मानते हैं और कानून को रद्द नहीं करते हैं तो हम रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर देंगे। आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारत के सभी लोग पटरियों पर उतरेंगे। संयुक्ता किसान मंच एक तारीख तय करेगा और घोषणा करेगा।किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि ,बीजेपी नेताओं और हमारे मंत्रियों को कहना चाहूंगा कि एकजुट हो जाइए. प्रधानमंत्री कुछ और, गृहमंत्री कुछ और व कृषि मंत्री कुछ और बोल रहे हैं। विनती है कि हम एकजुट हैं और हमारी चुनी हुई सरकार को भी एकजुट होकर किसानों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए।