बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई है। यहां 35 वर्षीय मुस्लिम युवक को भीड़ ने चोरी के शक में पीट दिया। इसके बाद युवक की मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने नलकूप कॉलोनी को घेर लिया। पुलिस ने मुश्किल से भीड़ को खदेड़ा। क्षेत्र में तनाव बढ़ने पर एसपी देहात, एसडीएम, सीओ के साथ तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। आंवला के मोहल्ला किला तेली वाली गली निवासी गौस मोहम्मद का बेटा वासिद (35) टेंट पर मजदूरी करता था। सुबह 11 बजे वह एक ई-रिक्शे पर लोहे का गेट रखकर ले जा रहा था। उसने नलकूप कालोनी के गेट के समीप एक पानी की मोटर रखी देखी तो उसे उठा लिया। कालोनी के अन्य लोगों ने दौड़कर उसके रिक्शे को पकड़ लिया। इसके बाद मोटर चोरी की बात कहकर उसे पेड़ से बांधकर जमकर पीटा। बाद में पुलिस को बुलाकर युवक को उनके हवाले कर दिया। पुलिस कर्मी उसे थाने ले गए। नशेड़ी जैसी हालत देखते हुये आंवला पुलिस ने उसे छोड़ दिया। परिवार वालों का कहना है कि पुलिसकर्मी उसे गंभीर हालत में घर छोड़ गये। शाम चार बजे उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना पर आक्रोशित लोगों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने एक वीडियो के आधार पर दो युवकों को हिरासत में भी लिया है। एसपीआरए डा. संसार सिंह, एसडीएम कमलेश कुमार सिंह, सीओ रामप्रकाश ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मृतक के भाई नासिर की ओर से आंवला थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
शनिवार, 5 सितंबर 2020
नासिक में 2 बार आएं 'भूकंप' के झटके
मुंबई। महाराष्ट्र में 12 घंटे के भीतर तीन बार धरती हिली है। महाराष्ट्र के नासिक में रात बारह बजे के करीब दो बार भूकंप के झटके के बाद एक बार फिर से मुंबई में भूकंप आया है। शनिवार की सुबह 6.36 बजे मुंबई से 98 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में भूकंप आया है, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई है। इससे अधिक तीव्रता रात में नासिक में मापी गई थी। वहीं, इससे पहले रात में नासिक में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुक्रवार की राहत लगभग 11.41 पर महाराष्ट्र के नासिक में भूकंप का झटका महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 आंकी गई। इसके साथ ही 5 सितंबर को रात 12.05 पर 3.6 तीव्रता के भूकंप ने नासिक के लोगों को डरा दिया। हालांकि, इन तीनों भूकंप के झटकों में जानमाल के किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है। यह जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने दी।
बेटे के सामने पिता को मौत के घाट उतारा
निरंकुश हुई रायबरेली हुआ अपराधियों का बोलबाला
शिवाकांत अवस्थी
डलमऊ/रायबरेली। पुरानी रंजिश के चलते दबंगों ने बेटे सामने ही पिता को मौत के घाट उतार दिया। बेटे ने पिता को बचाने के लिए खूब शोर शराबा किया, लेकिन सुनसान रास्ते पर उसकी मदद करने के लिए कोई भी नहीं आया। विगत बृहस्पतिवार को शाम करीब 6 बजे राहगीरों ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने घायल अधेड़ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है। वहीं पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
भाजपा के अंतरकलह से आप पार्टी परेशान
गोविंद चावला
पिथौरागढ़। प्रदेश की भाजपा सरकार के अंर्तकलह से आम आदमी परेशान है। राज्य के मुख्यमंत्री पर उनकी ही सरकार के विधायकों की नाराजगी और विधायक द्वारा महिला उत्पीड़न व विधायक प्रणव चैंपियन ने देवभूमि को अपमानित किया और भाजपा ने उन्हें फूल-मालाओं से सुषोभित कर घर वापसी की। भाजपा के षासन में महिलाओं का उत्पीड़न बड़ा है और महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। कोविड-19 में आम जन के लिए सरकार के पास कोई नीति नहीं है। इन मूद्दों को लेकर भाजपा के खिलाफ रैली करते हुए सरकार को घेरा।
आप पार्टी के विधानसभा प्रभारी सुशील खत्री के नेतृत्व में गॉधी चौक में एकत्रित कार्यकर्ताओ ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सिल्थाम चौक तक रैली निकाली श्री खत्री ने कहा कि भाजपा के राज में स्वास्थ्य, षिक्षा, बेरोजगारी, महंगाई, असुरक्षा, पलायन बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही विधायकों को संभाल नहीं पा रही है ऐसे में पूरे राज्य को संभाल पाना इनके लिए नामुमकिन है। आम आदमी की समस्याएं सुनने तथा उनकी मूलभूत सुविधाएं पूरी करने में सरकार नाकाम साबित हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री जी को स्वंय इस्तीफे की पेषकष करनी चाहिए। डीडीहाट विधानसभा प्रभारी चंद्रप्रकाष पुनेड़ा ने कहा कि भाजपा भ्रश्टाचार में डूब चुकी है और राज्य की अवधारणा से उन्हें कोई लेना-देना नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार आत्महत्या कर रहे हैं और बेषर्म सरकार सोई पड़ी है। कहा कि आम आदमी पार्टी युवाओं को साथ लेकर सरकार के खिलाफ चरणबद्व आंदोलन चलाऐगी और भाजपा की पोल खोलेगी। वरिश्ठ अधिवक्ता आलोक चौधरी ने कहा कि राज्य में आप मजबूत विपक्ष के रूप में कार्य कर रही है जिसे आमजन का भरपूर समर्थन हासिल हो रहा है, कहा कि 62 प्रतिषत लोग ईमानदार सरकार की बाट जोह रहे हैं और 2022 में आम आदमी की सरकार होगी। जो षहीदों के सपनों के उत्तराखंड का निर्माण करेगी। राकेष वर्मा ने कहा कि बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है और भाजपा की सरकार रोजगार देने में असफल रही है। कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है।
सभा को एड आलोक चौधरी, राकेष वर्मा, जगदीश कलोनी, सुरेष जोषी, षंकर राम, इमरान अली,सोषल मीडिया प्रभारी कैलाष कठायत, नरेंद्र ग्वाल,नगरध्यक्ष धीरज जोषी, विनय भाटिया, नीरज कुमार,पंकज ग्यला, लोकेश जोशी, उमेद सिंह, छवि वर्मा,।
मेडिकल जर्नल लैंंसेट में ट्रायल किए प्रकाशित
नई दिल्ली/ मास्को। तीसरे चरण के ट्रायल के बिना ही लॉन्च हुई रूस की कोरोना वैक्सीन Sputnik V के पहले और दूसरे चरण के परिणाम सामने आ गए हैं और मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित किए गए हैं। रूस की सरकार ने तीसरे चरण के ट्रायल के बिना ही Sputnik V को 11 अगस्त के दिन लॉन्च कर दिया था जिसके बाद दुनियाभर में इसको लेकर रूस की आलोचना भी हुई थी। रूस ने अपनी वैक्सीन का पहले और दूसरे चरण का ट्रायल एक महीने से भी कम समय में पूरा कर लिया था और सिर्फ 76 लोगों पर यह ट्रायल हुआ था।
Sputnik V वैक्सीन के जो रिजल्ट सामने आए हैं उनमें कुछ हल्के साइड इफेक्ट बताए गए हैं लेकिन वैक्सीन को सुरक्षित बताया गया है। मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों को वैक्सीन दी गई थी उनमें कुछ ने हल्के साइड इफेक्ट्स जरूर बताए हैं लेकिन वे साइड इफेक्ट ज्यादा गंभीर नहीं थे, वैक्सीन लेने वाले लगभग 58 प्रतिशत मरीजों ने इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द की शिकायत की थी, 50 प्रतिशत मरीजों ने बुखार, 42 प्रतिशत ने सिरदर्द, 28 प्रतिशत ने कमजोरी और 24 प्रतिशत ने जोड़ों में दर्द की शिकायत की थी। लेकिन हल्के साइड इफेक्टस के बावजूद वैक्सीन लेने वाले सभी मरीजों में केरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुआ है जो एक राहत की बात है और इससे पता चलता है कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सफल हो रही है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत कर रही है।
रूस ने वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में कुल 78 लोगों पर परीक्षण किया है। पहले चरण में 9 लोगों को वैक्सीन के एक फार्म्युलेशन की दवाई दी गई और और 9 को दूसरे फार्म्युलेशन की दवाई। दूसरे चरण में 20 लोगों को दोनो फार्म्युलेशन की वैक्सीन दी गई। सिर्फ 2 चरण के बाद वैक्सीन लॉन्च करने को लेकर दुनियाभर में रूस की निंदा भी हुई थी और रूस ने कहा है कि जल्द ही तीसरे चरण का ट्रायल भी होगा और दुनियाभर में कई देशों में यह ट्रायल किया जाएगा।
दुनियाभर में इस समय कोरोना वायरस की लगभग 30 वैक्सीन पर काम चल रहा है और इनमें 3 वैक्सीन सबसे आगे हैं, पहली वैक्सीन फार्मा कंपनी Pfizer द्वारा विकसित की जा रही है, दूसरी वैक्सीन अस्तराजैंस के सहयोग से ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी तैयार कर रही है और तीसरी वैक्सीन को Moderna कंपनी तैयार कर रही है। ये तीनों वैक्सीन इस समय तीसरे चरण के ट्रायल में हैं।
अवैध हथियारों के साथ शातिर चोर गिरफ्तार
अवैध हथियार के साथ एक शातिर चोर दिल्ली पुलिस क्रैक टीम के सिकंजे में।
पीएम ने 'शिक्षक दिवस' पर जताया आभार
नई दिल्ली। शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट शिक्षकों को आभार जताया है। मोदी ने लिखा कि हम मन को आकार देने और हमारे राष्ट्र के निर्माण में उनके योगदान के लिए मेहनती शिक्षकों के आभारी हैं। शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करते है। पीएम मोदी ने डॉ एस राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
दुर्घटना में परिजनों को मिलेगें 2-2 लाख
रायपुर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई बस दुर्घटना में मरने वाले 7 लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मंत्री सुसंता सिंह को रायपुर जाने और आवश्यक सहायता देने के लिए कहा है. बता दें कि आज सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मंदिर हसौद इलाके में तेज रफ्तार बस और ट्रक के बीच हुई भिड़ंत में 7 मजदूरों की मौत और करीब 20 मजदूर घायल हो गए। बताया जा रहा है कि आज सुबह करीब 3:30 बजे यह हादसा तब हुआ जब मजदूरों को उड़ीसा के गुंजाम से भर कर एक बस सूरत गुजरात जा रही थी।
कोरोनाः पेटीएम ने 10 करोड रोज कमाएंं
डी.नंदनी
नई दिल्ली। डिजिटल वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने शुक्रवार को कहा कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान उसकी आय बढ़कर 3,629 करोड़ रुपये (रोजाना करीब 10 करोड़ रुपये) हो गई। कंपनी ने बताया कि वर्ष-दर-वर्ष आधार पर उसके घाटे में 40 प्रतिशत की कमी आई। पेटीएम ने एक बयान में कहा कि हम अपने मर्चेंट पार्टनर्स के लिए डिजिटल सेवाओं के निर्माण में भारी निवेश कर रहे हैं। बयान में कहा गया है कि वित्तीय सेवाओं और बिक्री उपकरणों से लेनदेन में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई और खर्च में कमी के कारण पिछले साल की तुलना में घाटा 40 फीसदी कम हुआ।
भारतीयों को डिजिटल के लिए सशक्त बना रहे
पेटीएम के प्रेसीडेंट मधुर देवड़ा का कहना है कि हम लाखों भारतीयों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं के लिए सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारा यह प्रयास आत्मनिर्भर भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इसके अलावा हम अपने मर्चेंट पार्टनर्स के लिए डिजिटल सेवाएं तैयार करने के लिए भारी-भरकम निवेश कर रहे हैं। हमारे प्रयासों की बदौलत अब ग्राहक और मर्चेंट अधिक लाभदायक सेवाओं को तेजी से ग्रहण कर रहे हैं।
2022 तक मुनाफे वाली कंपनी बनाने के रास्ते पर
देवड़ा ने कहा कि हम 2022 तक मुनाफे वाली कंपनी बनने के रास्ते पर हैं। इसके अलावा पेटीएम एक प्रमुख डिजिटल वित्तीय सेवाएं देने वाला प्लेटफॉर्म बनने के लिए कदम उठा रहा है। आने वाले वर्षों में पेटीएम पोस्टपेड, पेटीएम मनी और पेटीएम इंश्योरेंस सर्विसेज का टर्नओवर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कंपनी के मुताबिक, वह अब तक 2 लाख से ज्यादा यूनिट्स को एंड्रॉयड पर आधारित पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) डिवाइस की बिक्री कर चुकी है। इसके अलावा स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) और ग्रॉसरी स्टोर से पीओएस डिवाइस की भारी मांग आ रही है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी
रायपुर। प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना ने अब तक के सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 2599 लोगों को अपनी चपेट में लिया है। यह आंकड़ें रात 11:20 बजे की स्थिति में जारी अपडेटेड मेडिकल बुलेटिन में सामने आए हैं। नए 911 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान होने की जानकारी मिली। साथ ही 3 और मरीजों की मौत की जानकारी मिली। देर शाम जारी बुलेटिन में 1688 मरीजों की पहचान व 19 मरीजों की मौत की जानकारी मिली थी। साथ ही गुरुवार रात 68 और मरीजों की पहचान होने की जानकारी दी गई थी। 658 मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया था। इस तरह से दिनभर में 22 मरीजों की मौत हुई है।
दोनों मेडिकल बुलेटिन के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को रायपुर जिले सर्वाधिक 865 मरीज मिले हैं। इसी तरह बिलासपुर से 270,दुर्ग से 266, राजनांदगांव से 197, रायगढ़ से 114, कबीरधाम से 91, जांजगीर चांपा से 91,कोरबा से 85,बालोद से 78, धमतरी से 71,महासमुंद से 70, बस्तर से 53, जशपुर से 47, सरगुजा से 37,दंतेवाड़ा से 37,सूरजपुर से 31,कांकेर से 29,गरियाबंद से 25,नारायणपुर से 24,बेमेतरा से 21,सुकमा से 20,कोंडागांव से 19,बलरामपुर से 14,कोरिया से 13,मुंगेली से 11,अन्य राज्य से 9, बीजापुर से 8 व बलौदाबाजार से 3 मरीजों की पहचान हुई है। प्रदेश में अब तक कुल 40634 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें 19608 संक्रमित मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कुल 337 मरीजों की मौत हुई है। शुक्रवार को मिले कुल मरीजों को मिलाकर प्रदेश में एक्टिव केस 20689 हो गए हैं।
दलित की हत्या पर एक सरकारी नौकरी
पटना। बिहार में जब से लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग़ पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हैं तब से राज्य सरकार दलितों को लुभाने हर संभव प्रयास कर रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को घोषणा की कि अगर राज्य में किसी अनुसूचित जाति या जनजाति के शख्स की हत्या होती हैं तो उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारीनौकरी दी जाएगी। नीतीश कुमार शुक्रवार को पटना में अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस बैठक में सभी दलों के दलित सांसद विधायक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नीतीश कुमार के समक्ष अपनी शिकायतें रखी। इस बैठक की दो सबसे अहम बातें रही जिसमें पहला उन्होंने तुरंत अनुसूचित जाति या जनजाति के परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर उस पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए अधिकारियों को तुरंत नियम बनाने का आदेश दिया। साथ ही साथ राज्य के DGP से इन दोनों वर्गों के लंबित मामलों का निष्पादन अगले 15 दिनों में करने का आदेश दिया। मतलब 20 सितंबर तक सभी लंबित मामलों की जांच का कार्य पूरा कर रिपोर्ट देना होगा। नीतीश कुमार ने इसके लिए उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को थानावार समीक्षा करने का ख़ुद से निर्देश दिया साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को दलितों से संबंधित जितनी भी योजनाएं चल रही है उनको अपने स्तर पर समीक्षा कर इनमें तेज़ी लाने का भी आदेश दिया। हालांकि इस बैठक में लोक जनशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग़ पासवान या राष्ट्रीय जनता दल में अब शामिल श्याम रजक जैसे नेता शामिल नहीं हुए।
इस बैठक में अब नीतीश कुमार की तारीफ के क़सीदे गढ़ने वाले जीतन राम मांझी ज़रूर उपस्थित रहे। नीतीश कुमार को इस बात का आभास हैं कि चिराग़ अगर JDU उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ प्रत्याशी उतारने की अपनी ज़िद पर क़ायम रहे तो दलितों के कल्याण के लिए उनकी सरकार के काम-काज पर जमकर चर्चा होगी। लिहाजा वो अभी से ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिससे चुनाव में उन्हें घेरने का मौक़ा ना मिले।
3 बच्चों सहित पत्नी की कुल्हाड़ी से हत्या
राणा ओबरॉय
महेंद्रगढ़। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स पर पत्नी और तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या करने का आरोप लगा है। घटना को अंजाम देने के बाद अरोपी फरार हो गया। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौके से पुलिस ने कुल्हाड़ी बरामद की है। जानकारी के अनुसार, छतरपुर (मध्य प्रदेश) निवासी तुलसी (35) अपनी पत्नी आरती और तीन बच्चों के साथ सिंघाना रोड पर किराए के मकान में रहता था। तुलसी राजमिस्त्री का काम करता था और उसकी पत्नी शहर में मजदूरी का काम. यहीं पर करीब दस अन्य मजदूर भी परिवार के साथ रहते हैं। आरोप है कि रात को उसने अपने तीन बच्चों (एक 12 वर्षीय बेटी और दो 6-8 वर्षीय लड़कों) और पत्नी की कुल्हाड़ी से वार कर निर्मम हत्या कर मौके पर फरार हो गया। झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे लोगों को दोपहर उसकी झोपड़ी से बदबू आई, जिस पर उन्होंने प्लाट मालिक को इसकी सूचना दी।
झोपड़ी में पड़े थे शव
पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी
झुग्गी-झोपड़ी में उनके आस-पास रह रहे लोगों ने बताया कि गत दिवस मृतक महिला के बुधवार को गांव जाने की सूचना थी। यही कारण रहा कि आस-पास के लोगों को घटना की जानकारी नहीं लग पाई, क्योंकि उन्होंने सोचा की वे अपने गांव चले गए, लेकिन जब घटना की जानकारी लगी तो उनके आस-पास रहने वाले लोगों के होश उड़ गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि महिला का पति तुलसीराम शराब का आदी था। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
समाज को जीने की कला सिखाता है 'शिक्षक'
शिक्षक इस समाज की रीड होता है जो समाज को जीवन जीने की कला सिखाता है
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। विश्व हिंदू परिषद् बंजरंग दल गाजियाबाद के जिला मंत्री पंडित जय भोलेजी ने शिक्षक दिवस के शुभ अवसर सभी गुरूजनो को कोटी कोटी नमन करते हुए बताया कि 'गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वराय, गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः' और उन्होने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति शिक्षाविद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में 5 सितंबर को सभी शिक्षको की समाज के प्रति जिम्मेदारी के रूप मे मनाया जाता है। शिक्षक ही एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। कोरोना के कारण शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा प्रणाली दोनों ही बदल गई है। कोरोना संकट की वजह से कुछ ऐसा ही एक झटके में बदलाव हुआ है। शैक्षिक दुनिया में अब शिक्षा के तरीकों में तकनीकी इतनी हावी हो गई है कि पारंपरिक शिक्षकों पर टेक्नास्मार्ट टीचर बनने का भी दबाव आ गया है। जाहिर है अब शिक्षकों को अपनी भूमिका बदली हुई स्थितियों में निभाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। आज शिक्षको पर तकनीक हावी हो गई है।
हालांकि कोरोना ने न केवल छात्रों को बल्कि शिक्षकों को भी घरों में कैद कर दिया है। वह अब मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट या डेक्सटॉप कंप्यूटर के साथ व्यस्त हैं। कोरोना ने एक झटके में दुनिया भर के अध्यापकों को वर्चुअल शिक्षक में बदल दिया है। राजधानी दिल्ली में कई हजार शिक्षकों ने सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से यह बात कही है कि उन्होंने कोरोना के पहले भी कभी भी घंटों तो छोड़िए कुछ मिनट तक भी कैमरे सामना नहीं किया था। वह कैमरे की एबीसीडी नहीं जानते थे, लेकिन एक झटके में देश ही नहीं दुनिया के अधिकतर शिक्षको को कैमरे पर मित्रवतहोना पड़ा। इस समय लाखों-करोड़ों अध्यापक दुनिया के किसी ना किसी कोने में हर समय ऑनलाइन रहते हैं। क्योंकि वर्चुअल दुनिया स्कूल और कॉलेज की कक्षाओं में बदल गई है
सवाल है क्या ...इससे शिक्षकों की भूमिका में भी कुछ बदलाव आया है ? क्या इससे शिक्षकों के प्रति छात्रों की भावनाओं में भी कुछ परिवर्तन हुआ है ? इस सवाल का सटीक जवाब तो आसान नहीं है लेकिन इस बात को तो महसूस कर ही सकते हैं कि अब पढ़ने और पढ़ाने वालों के बीच तकनीकी महत्वपूर्ण भूमिका में आ गई है। भविष्य की पीढ़ियां अब शिक्षकों से कहीं ज्यादा शैक्षिक तकनीक से शिक्षित होंगे। दूसरे शब्दों में अब विज्ञान एक माउस क्लिक प्रक्रिया का हिस्सा है। शिक्षक को बदलना होगा, क्योंकि शिक्षकों के हिस्से की बड़ी भूमिका तकनीकी के खाते में चली गई है। देर सवेर कोरोना खत्म तो होगा ही लेकिन अब पढ़ने पढ़ाने की नई भूमिका आने वाली है।
यह अब एक कड़वा सच है कि भविष्य की पीढ़ियों को शिक्षित करने के लिए मौजूदा शिक्षा व्यवस्था को बदलना होगा। दरअसल एक दौर था जब छात्रों और शिक्षकों के बीच सिर्फ उम्र का ही अंतराल नहीं होता था, बल्कि शैक्षिक ज्ञान और समझदारी का भी एक अंतराल होता था। इसलिए शिक्षक जो कुछ पढ़ाते थे, जो कुछ बताते थे, या जो कुछ सिखाते थे, छात्र उस पर आंख मूंदकर भरोसा करते थे। क्योंकि उनके पास अपने शिक्षक से ज्यादा कोई प्रभावशाली स्त्रोत ज्ञान का अपनी पढ़ाई के लिए नहीं होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि छात्र तकनीक के इस्तेमाल में उनसे कहीं ज्यादा स्मार्ट हैं।
पिछले दिनों सोशल मीडिया में और पारंपरिक मीडिया में भी सैंकड़ों ऐसी शिकायतें उम्र दराज शिक्षकों और शिक्षिकाओं के सामने आई है कि छात्र उन्हें ऑनलाइन पर आते समय काफी परेशान करते हैं। काफी दबाव में रखते हैं क्योंकि छात्र अपने शिक्षकों के मुकाबले इस माध्यम को समझने के मामले में अपने उम्र दराज अध्यापकों से कहीं ज्यादा स्मार्ट है। यही नहीं शिक्षकों और छात्रों के बीच किसी हद तक अनुभव की समस्या खड़ी हो गई है। जिन शिक्षको के पास अपने छात्रों को पढ़ाने का एक जबरदस्त और लंबा अनुभव है। लेकिन शिक्षकों के पास आज तकनीकी के इस्तेमाल और उसके जरिए बेहतर परफॉर्मेंस करने का अनुभव अपने छात्रों से कम है। इस वजह से भी मौजूदा छात्रों और शिक्षकों की दुनिया काफी हद तक बदल रही है।
सरकारी अध्यापकों की मजबूरी बहुत चिंताजनक है
शिक्षकों पर बढ़ रहे दबाव पर ऐसा नहीं है कि यह तमाम बदलाव नहीं होने चाहिए। बदलाव तो होने से थे, चाहे कोरोना आया या न आया होता। लेकिन इतनी तेजी से एक झटके में नहीं होना था, जैसा कोरोना के कारण हुआ है। यही वजह है कि आनन-फानन में अध्यापकों ने छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाने का जिम्मा तो ले लिया, लेकिन वह इस बात को जान गए कि आज की एक्स वाई जेड और अल्फा बीटा जेनरेशन को उनके लिए पढ़ाना इतना आसान नहीं है। यह अकारण नहीं है कि बहुत सारे प्राइवेट अध्यापकों ने ऑनलाइन टीचिंग से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। सरकारी अध्यापकों की मजबूरी यह है कि वह इस जोखिम को नहीं ले सकते, लेकिन परेशान वह भी हैं। दरअसल इस परेशानी की वजह से छात्र से ज्यादा तेजी से बदलते टेक्नोलॉजी है। इससे मैसेज स्नैपचैट और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों से हर दिन जो संवाद की नई विधियां सामने आ रही है। हमारे भारतीय शिक्षक पद्धति शुरू से ही गुरू और शिष्य के बीच मे समर्पण की रही है जो आज भी इसी प्रकार हमारे देश के हर शिक्षक मे अपने शिष्य के प्रति जागरूकता रही है।
परीक्षा स्थगित करने वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) परीक्षा टालने को लेकर गैर भाजपा शासित 6 राज्यों की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।सुप्रीम कोर्ट के पुनर्विचार याचिका खारिज करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अब जेईई और नीट की परीक्षा नहीं टलेगी।
न्यायाधीश अशोक भूषण, न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश कृष्णमुरारी की पीठ ने 6 गैर-भाजपा शासित राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। पुनर्विचार याचिका पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर ओरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बीएस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवीन्द्र सावंत की तरफ से दायर की गई थी। गैर-भाजपा शासित 6 राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने नीट और जेईई परीक्षा को टालने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। यह याचिका न्यायालय के 17 अगस्त को दिए गए आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह करने के लिये दायर की गई थी।
17 अगस्त को शीर्ष न्यायालय ने नीट और जेईई परीक्षा स्थगित करने की याचिका खारिज कर दी थी। उस दिन पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने कहा था कि परीक्षा स्थगित करने से छात्रों का जीवन संकट में आ जाएगा। जीवन को कोविड-19 में भी आगे बढ़ना चाहिए, क्या हम सिर्फ परीक्षा रोक सकते हैं? हमें आगे बढ़ना चाहिए। अगर परीक्षा नहीं हुई तो क्या यह देश के लिए नुकसान नहीं होगा? छात्र शैक्षणिक वर्ष खो देंगे।
17 अगस्त को याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में परीक्षा टालने को लेकर एक बैठक हुई थी। इसमें पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया था
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
सितंबर 6, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-23 (साल-02)
2. रविवार, अगस्त 6, 2020
3. शक-1943, अश्विन, कृृष्ण-पक्ष, श्राद्ध पक्ष, तिथि- चतुर्थी, विक्रमी संवत 2077।
4. सूर्योदय प्रातः 05:28, सूर्यास्त 07:10
5. न्यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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शुक्रवार, 4 सितंबर 2020
नवंबर तक अमेरिका में आएगी 'वैक्सीन'
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि अक्टूबर के अंत तक उच्च-जोखिम वाले लोगों को संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन देने के लिए तैयारी करें। बुधवार को एजेंसी की ओर से प्रकाशित दस्तावेज में यह बात सामने आई।
वैक्सीन देने के समय को राजनीतिक महत्व के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने COVID-19 को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने का ऐलान किया। उन्होंने अरबों डॉलर का कमिटमेंट करने के बाद लोगों से नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में खुद को जिताने की मांग की।राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना वैक्सीन को लेकर शुरू से मुखर रहे हैं क्योंकि इस बीमारी ने अब तक 180,000 से अधिक अमेरिकियों की जान ले ली है।
अर्थव्यवस्था को उभारना, युद्ध संकट से बचना
पेरिस। फ्रांस की सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए गुरुवार को 100 अरब यूरो (118 अरब डॉलर) की भारी-भरकम आर्थिक योजना पेश की। इसका लक्ष्य रोजगार का सृजन करना, संकट में फंसे व्यवसायों को उबारना और देश को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकालना है।
पैकेज में चिकित्सा संबंधी सामानों का विनिर्माण वापस फ्रांस लाने, हाइड्रोजन ईंधन विकसित करने, संग्रहालयों व सिनेमा उद्योग की मदद करने, 21वीं सदी के लायक रोजगार के लिये युवाओं को प्रशिक्षित करने और बेरोजगारी कार्यालयों में अधिक लोगों को बहाल करने के लिए पैसे का प्रावधान किया गया है। फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्ते ने कहा, 'यह फ्रांस के समक्ष उपस्थित संकट के आर्थिक व सामाजिक दुष्परिणामों के खिलाफ हमारे संघर्ष की रणनीति का एक महत्वपूर्ण कदम है। 'उल्लेखनीय है कि महामारी से फ्रांस में अब तक 30,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह ब्रिटेन और इटली के बाद किसी भी यूरोपीय देश में हुई सर्वाधिक मौतें हैं। फ्रांस की सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये पहले ही हजारों अरब यूरो खर्च कर चुकी है।
कास्ते ने कहा, 'फ्रांस ने इस संकट का सामना किया और टिका रहा, लेकिन इसने देश को बहुत कमजोर कर दिया है। अब फ्रांस को बेहद अचानक उपस्थित हुई गंभीर आर्थिक मंदी से भी बाहर निकलना होगा।' फ्रांस की अर्थव्यवस्था में जून तिमाही में 13.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
चीन अंतरराष्ट्रीय कानून से बाहर हो चुका है
नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत समेत अन्य पड़ोसियों की भूमि पर नजर गड़ाने वाला भूमाफिया चीन कोरोना संक्रमण की वैश्विक लड़ाई में भी खलनायक के रूप में उभर रहा है। कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनियाभर के देश परस्पर सहयोग व जानकारियों का आदान-प्रदान कर रहे हैं, लेकिन चीन ने बंदरों का निर्यात रोककर अमेरिका में कोरोना वैक्सीन के निर्माण के रास्ते में अड़ंगा खड़ा कर दिया है।
चीन से गत वर्ष मंगाए 60 फीसद बंदर: अमेरिका में बंदरों की कमी के तीन प्रमुख कारण हैं। एक, कोरोना संक्रमण के कारण बंदरों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। दूसरा, चीन ने आपूर्ति बंद कर दी है, क्योंकि वह खुद भी वैक्सीन का विकास कर रहा है। अमेरिका ने पिछले साल चीन से 60 फीसद यानी करीब 35,000 बंदर आयात किए थे। तीसरा, कोरोना संक्रमण से पहले परीक्षण के लिए बंदरों की कमी पर ध्यान नहीं दिया गया और चीन की तरफ से आपूर्ति बंद किए जाने के बाद स्थिति बदतर हो गई।
रिकॉर्डः 3,300 अरब डॉलर पहुंचेगा घाटा
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी सरकार का बजट घाटा रिकार्ड 3,300 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है। कोविड-19 से निपटने के लिए जारी उपायों पर हो रहे खर्च और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 2,000 अरब डॉलर से अधिक के प्रोत्साहन उपायों को देखते हुए बजट घाटा रिकार्ड स्तर पर पहुंचने की आशंका है। कांग्रेस बजट कार्यालय ने यह अनुमान जताया है। घाटे में वृद्धि का मतलब है कि संघीय कर्ज अगले साल सालाना सकल घरेलू उत्पाद को पार कर जाएगा। यह स्थिति ठीक वैसी ही होगी जैसा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुई थी। उस समय संचयी कर्ज अर्थव्यवस्था के आकार से भी अधिक हो गया था। 2019 के घाटे से तीन गुना से भी अधिकः बुधवार को जारी 3,300 अरब डॉलर का अनुमान 2019 के घाटे से तीन गुना से भी अधिक है। वहीं 2008-09 में आयी नरमी के स्तर से दो गुना है। एक तरफ जहां सरकार के खर्च बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मंदी के कारण कर राजस्व कम हुआ है। व्यक्तिगत आयकर संग्रह पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत कम है जबकि कंपनी कर संग्रह 34 प्रतिशत कम चल रही है। अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर पड़ी कोरोना की मारः कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अर्थव्यवस्था को बंद किया गया था। इसका असर अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर पड़ा। रोजगार से हाथ धने वालों को राहत देने के लिए 1,200 डॉलर का सीधे भुगतान और प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की गयी। इससे अल्पकाल में अर्थव्यवस्था को राहत मिली।
टी-20 विश्व कप 1 साल के लिए स्थगित
सिडनी। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल का टी-20 विश्व कप एक साल के लिए स्थगित हो गया है। लॉकडाउन और संक्रमण के खतरे को देखते हुए दर्शकों को कम ही क्रिकेट देखने को मिल रहा है। हालांकि इंग्लैंड द्वारा लगातार दो टीमों की मेजबानी करने के बाद अब क्रिकेट वापस से पटरी पर लौटने लगा है। इसी कड़ी में अब आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टी-20 क्रिकेट का नया रोमांच देखने को मिलेगा।
टी-20 विश्व रैंकिंग में शीर्ष दो टीमों के बीच होने वाली इस श्रृंखला के काफी रोमांचक होने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया दुनिया की नंबर एक टीम है और इंग्लैंड के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। दोनों टीमों के पास दुनिया के कुछ सबसे आक्रामक बल्लेबाज और तेज गेंदबाज हैं।
अगला टी-20 विश्व कप अब अक्तूबर-नवंबर 2021 में भारत में होगा, ऐसे में आस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने इंग्लैंड के साथ सीरीज को लेकर कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि यह फाइनल की झलक होगा।’ उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा रोमांचक होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप किसके सामने खेल रहे हैं या कहां खेल रहे हैं। अगर आप सड़क पर भी खेल रहे हैं तो भी रोमांच होगा।
भारत-चीन सीमा तनाव, रोक सकेगा रूस
नई दिल्ली/ बीजिंग/ मास्को। दो लोगों के बीच लड़ाई होती है, तो अक्सर बीच बचाव की कोशिश एक ऐसे तीसरे दोस्त को करनी होती है, जो दोनों का अच्छा दोस्त रहा हो। भारत-चीन तनाव के बीच में रूस भी ऐसा ही दोस्त साबित होगा, इस पर चर्चा शुरू हो गई है। भारत और चीन के बीच फ़िलहाल सीमा पर तनाव है। जून में गलवान घाटी में था।फ़िलहाल पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव बना हुआ है।
ऐसे में कुछ भारतीय मीडिया चैनलों में रिपोर्ट है कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फ़ेंघे ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत का समय माँगा है। राजनाथ सिंह इस समय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं। एससीओ में विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हो सकती है, इसकी भी सुगबुगाहट तेज़ है।
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