बुधवार, 2 सितंबर 2020

1रुपये जुर्माना, सोलह आने ठीक ?

बहस का विषय इस समय यह है कि वकील प्रशांत भूषण अगर अपने आपको वास्तव में ही निर्दोष मानते हैं तो उन्हें बजाय एक रुपए का जुर्माना भरने के क्या तीन महीने का कारावास नहीं स्वीकार कर लेना चाहिए था ? सवाल बहुत ही वाजिब है। पूछा ही जाना चाहिए। प्रशांत भूषण ने भी अपनी अंतरात्मा से पूछकर ही तय किया होगा कि जुर्माना भरना ठीक होगा या जेल जाना ! प्रशांत भूषण के ट्वीटर अकाउंट पर सत्रह लाख फ़ालोअर्स के मुक़ाबले एक सौ सत्तर लाख से अधिक फ़ालोअर्स की हैसियत रखने वाले ‘चरित्र’ अभिनेता अनुपम खेर ने भी अपना सवाल ट्वीटर पर ही उठाया है :’एक रुपया दाम बंदे का ! और वह भी उसने अपने वकील से लिया !! जय हो !! ’। निश्चित ही लाखों लोग अब इसी तरह के सवाल प्रशांत भूषण से पूछते ही रहेंगे और उनका जीवन भर पीछा भी नहीं छोड़ेंगे। वे अगर चाहते तो जुर्माने या सजा पर कोई अंतिम फ़ैसला लेने से पहले पंद्रह सितम्बर तक की अवधि ख़त्म होने तक की प्रतीक्षा कर सकते थे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। हो सकता है वे न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के सेवा निवृत होने के पूर्व ही प्रकरण को समाप्त करना चाह रहे हों !


मैंने अपने हाल ही के एक आलेख (‘प्रशांत भूषण को सजा मिलनी ही चाहिए और वे उसे स्वीकार भी करें’) में गांधी जी से सम्बंधित जिस प्रसंग का उदाहरण दिया था उसे ताज़ा संदर्भ में दोहरा रहा हूँ। वर्ष 1922 में अंग्रेजों के ख़िलाफ़ अपने समाचार पत्र “यंग इंडिया ‘ में लेखन के आरोप में (तब ट्वीटर की कोई सुविधा नहीं थी) गांधी जी को अहमदाबाद स्थित उनके साबरमती आश्रम से गिरफ़्तार करने के बाद छह वर्ष की सजा हुई थी। गांधी जी तब आज के प्रशांत भूषण से ग्यारह वर्ष कम उम्र के थे। कहने की ज़रूरत नहीं कि वे तब तक एक बहुत बड़े वकील भी बन चुके थे। हम इस कठिन समय में न तो प्रशांत भूषण से गांधी जी जैसा महात्मा बन जाने या किसी अनुपम खेर से प्रशांत भूषण जैसा व्यक्ति बन जाने की उम्मीद कर सकते हैं।गांधी जी पर आरोप था कि वे विधि के द्वारा स्थापित सरकार के ख़िलाफ़ घृणा उत्पन्न करने अथवा असंतोष फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। अब इसी आरोप को प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ उनके द्वारा की गई सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना के संदर्भ में भी पढ़ सकते हैं। गांधी जी ने अपने ऊपर लगे आरोपों और अंग्रेज जज द्वारा दी गई छह वर्ष की सजा को प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार कर लिया था।


प्रशांत भूषण को अगर सजा सिर्फ़ इतने तक सीमित रहती कि या तो वे एक रुपए का जुर्माना भरें या तीन महीने की जेल काटें तो निश्चित रूप से वे कारावास को प्राथमिकता देना चाहते। पर अदालत ने (क़ानून की व्याख्या और बार कौंसिल ऑफ इंडिया का हवाला देते हुए )जैसा कि कहा है प्रशांत भूषण अगर जुर्माना नहीं भरते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल के साथ ही तीन वर्ष के लिए वकालत करने पर प्रतिबंध भी भुगतना पड़ेगा। बातचीत का यहाँ मुद्दा यह है कि अंग्रेज जज एन. ब्रूफफ़ील्ड अगर गांधी जी की सजा के साथ यह भी जोड़ देते कि वे सजा के छह वर्षों तक सरकार के ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार का लेखन कार्य भी नहीं करेंगे तो फिर महात्मा क्या करते ?


क्या यह न्यायसंगत नहीं होगा कि प्रशांत भूषण द्वारा एक रुपए का जुर्माना भरकर मुक्त होने के मुद्दे को करोड़ों लोगों की ओर से जनहित के मामलों में सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने से तीन वर्षों के लिए वंचित हो जाने की पीड़ा भुगतने से बच जाने के रूप में लिया जाए ? अनुपम खेर या उनके जैसे तमाम लोग इस मर्म को इसलिए नहीं समझ पाएँगे कि प्रशांत भूषण किसी फ़िल्मी अदालत में ‘अपने निर्देशकों’ द्वारा पढ़ाई गई स्क्रिप्ट नहीं बोलते। और न ही जनहित से जुड़ी किसी कहानी में भी स्क्रिप्ट की माँग के अनुसार नायक और खलनायक दोनों की ही भूमिकाएँ स्वीकार करने को तैयार बैठे रहते हैं।


प्रशांत भूषण का पूरे विवाद से सम्मानपूर्वक बाहर निकलना इसलिए ज़रूरी था कि नागरिकों की ज़िंदगी और उनके अधिकारों से जुड़े कई बड़े काम सुप्रीम कोर्ट से बाहर भी उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। बिना किसी अपराध के जेलों में बंद लोगों को इस समय उनकी क़ानूनी सहायता और सांत्वना की सख़्त ज़रूरत है, जो कि ट्वीटर हैंडल पर उनके ख़िलाफ़ ट्रोल करने वाले कभी प्रदान नहीं कर सकते।साथ ही इसलिए भी ज़रूरी था कि अब प्रशांत भूषण उन तमाम लोगों का अदालतों में बचाव कर सकेंगे, जो अपने सत्ता-विरोधी आलोचनात्मक ट्वीट्स या लेखन के कारण अवमाननाओं के आरोप झेल सकते हैं।


जिस तरह की परिस्थितियाँ इस समय देश में है उसमें तीन साल तक एक ईमानदार वकील के मुँह पर ताला लग जाना यथा-स्थितिवाद विरोधी कई निर्दोष लोगों के लिए लम्बी सज़ाओं का इंतज़ाम कर सकता था। किन्ही दो-चार लोगों के आत्मीय सहारे के बिना तो केवल वे ही सुरक्षित रह सकते हैं, जो शासन-प्रशासन की ख़िदमत में हर वक्त हाज़िर रहते हैं।प्रशांत भूषण को अगर जुर्माने और सजा के बीच फ़ैसला करते वक्त अपनी अंतरात्मा के साथ किंचित समझौता करना पड़ा हो तो भी उन्होंने करोड़ों लोगों की आत्माओं को अब और ज़्यादा आज़ादी के साथ साँस लेने की स्वतंत्रता तो उपलब्ध करा ही दी है।क्या हमारे लिए इतनी उपलब्धि भी पर्याप्त नहीं?                  


सरकार ने केंद्र से मांगे ₹2,241 करोड़

हल्द्वानी। मानो या न मानो उत्तराखंड राज्य भारी अर्थसंकट से गुजर रहा है। हालात यह हैं कि डबल इंजन की सरकार होने की वजह से राज्य केंद्र से खुलकर अपनी बकाया राशि की मांग भी नहीं कर पा रहा है। सरकारी आंकड़े के अनुसार जीएसटी से राज्य सरकार को 2,241 करोड़ की क्षतिपूर्ति केंद्र से होनी चाहिए जो वर्तमान में लंबित है। हालांकि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस क्षतिपूर्ति को जल्द से जल्द से रिलीज किया जाए। आश्चर्य की बात यह है कि केंद्र सरकार यह क्षतिपूर्ति राज्य को लोन के रूप में देगी।                   


न्यूज पोर्टल को यूपी सरकार ने दी मान्यता

लखनऊ। उप्र सरकार द्वारा सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए वेब समाचार पोर्टल को मान्यता देते हुए सरकारी विज्ञापन भी जारी करने के आदेश दिए हैं। जिसमें सरकार द्वारा उ.प्र. सूचना विभाग के माध्यम से पोर्टल संचालकों से आवेदन मांगे गए हैं।


सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उप्र द्वारा वेब समाचार पोर्टलों को मान्यता देते हुए वेब मीडिया विज्ञापन सूची हेतु आवेदन पत्र का प्रपत्र जारी किया गया है। सूचना विभाग के अनुसार समाचार पोर्टल के रजिस्टेªशन में वही पोर्टल संचालक आवेदन कर सकते हैं। जिनके वेब समाचार पोर्टल पर प्रतिमाह 50 हजार से अधिक हिट्स होते हैं। वेब पोर्टल दो साल से लगातार चल रहा हो। वेबसाइट का नाम एवं आईपी एडेªस न बदला गया हो। पोर्टल के संपादक-मालिक आपराधिक प्रवृत्ति के न हों।


वेब पोर्टल पर प्रतिमाह 50 हजार से अधिक यूजर्स होने चाहिए। वेब पोर्टल संचालकों को प्रतिमाह सूचना विभाग को पोर्टल से संबंधित हिट्स एवं यूजर्स की आधिकारिक जानकारी देनी होगी। विज्ञापन की दरें पोर्टल के बीते छह के प्रदर्शन के आधार पर तय होंगी। इसमें हिट्स और यूजर्स की संख्या अहम भूमिका निभाएगी। इसमें सरकार द्वारा वेब पोर्टल को केवल डिस्पले विज्ञापन ही जारी किए जाएंगे। सूचना विभाग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि वेब समाचार पोर्टल द्वारा किसी भी अन्य गलत तरीके से यदि हिट्स और यूजर्स बढ़ाए जाते हैं तो उसकी विज्ञापन की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके साथ ही पोर्टल मान्यता के लिए स्वामी-संपादक को 100 रूपए के शपथ पत्र पर आवेदन करना होगा।


 

प्रेमी ने नाबालिक को बुलाया , गैंगरेप

कोटद्वार। उत्तराखंड की नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। कोटद्वार की रहने वाली नाबालिग लड़की से उत्तर प्रदेश में गैंगरेप करने वाले आरोपियों को पुलिस ने यूपी के बिजनौर जनपद से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी युवक बिजनौर जनपद थाना क्षेत्र के नगीना समस्तीपुर के रहने वाले हैं। आरोपियों में से एक युवक को नाबालिग का प्रेमी बताया जा रहा है जिससे युवती की लंबे समय से बातचीत चल रही थी।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक घटना 28 अगस्त की है। कहा जा रहा है कि नाबालिग का प्रेमी बताए जाने वाले युवक ने पहले नाबालिग को बहला फुसलाकर कोटद्वार से नगीना बुलाया।

फिर नगीना में एक गन्ने के खेत में ले जाकर शारीरिक शोषण किया। इस दौरान युवती और उसके प्रेमी को कुछ युवकों ने गन्ने के खेत में पकड़ लिया। फिर तीन युवकों ने भी युवती का बलात्कार कर डाला।               

संवेदना का उत्तम दृष्टांत 'कहानी'

*आज का प्रेरक प्रसङ्ग*


         !! संवेदनशीलता !!


एक पोस्टमैन ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा,”चिट्ठी ले लीजिये।” अंदर से एक बालिका की आवाज आई,”आ रही हूँ।” लेकिन तीन-चार मिनट तक कोई न आया तो पोस्टमैन ने फिर कहा,”अरे भाई! मकान में कोई है क्या,अपनी चिट्ठी ले लो।” लड़की की फिर आवाज आई,”पोस्टमैन साहब,दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए,मैं आ रही हूँ।” पोस्टमैन ने कहा,”नहीं,मैं खड़ा हूँ,रजिस्टर्ड चिट्ठी है,पावती पर तुम्हारे साइन चाहिये।” करीबन छह-सात मिनट बाद दरवाजा खुला। 


पोस्टमैन इस देरी के लिए झल्लाया हुआ तो था ही और उस पर चिल्लाने वाला था लेकिन दरवाजा खुलते ही वह चौंक गया, सामने एक अपाहिज कन्या जिसके पांव नहीं थे,सामने थी। पोस्टमैन चुपचाप पत्र देकर और उसके साइन लेकर चला गया। हफ़्ते, दो हफ़्ते में जब कभी उस लड़की के लिए डाक आती, पोस्टमैन एक आवाज देता और जब तक वह कन्या न आती तब तक खड़ा रहता। एक दिन कन्या ने पोस्टमैन को नंगे पाँव देखा। 


दीपावली नजदीक आ रही थी। उसने सोचा पोस्टमैन को क्या ईनाम दूँ। एक दिन जब पोस्टमैन डाक देकर चला गया,तब उस लड़की ने, जहां मिट्टी में पोस्टमैन के पाँव के निशान बने थे, उन पर काग़ज़ रख कर उन पाँवों का चित्र उतार लिया। अगले दिन उसने अपने यहाँ काम करने वाली बाई से उस नाप के जूते मंगवा लिये। दीपावली आई और उसके अगले दिन पोस्टमैन ने गली के सब लोगों से तो ईनाम माँगा और सोचा कि अब इस बिटिया से क्या इनाम लेना? 


पर गली में आया हूँ तो उससे मिल ही लूँ। उसने दरवाजा खटखटाया। अंदर से आवाज आई,”कौन?” पोस्टमैन,उत्तर मिला। बालिका हाथ में एक गिफ्ट पैक लेकर आई और कहा,”अंकल,मेरी तरफ से दीपावली पर आपको यह भेंट है।” पोस्टमैन ने कहा,”तुम तो मेरे लिए बेटी के समान हो,तुमसे मैं गिफ्ट कैसे लूँ?” कन्या ने आग्रह किया कि मेरी इस गिफ्ट के लिए मना नहीं करें।” ठीक है कहते हुए पोस्टमैन ने पैकेट ले लिया। बालिका ने कहा,”अंकल इस पैकेट को घर ले जाकर खोलना।


घर जाकर जब उसने पैकेट खोला तो विस्मित रह गया,क्योंकि उसमें एक जोड़ी जूते थे।उसकी आँखें भर आई। अगले दिन वह ऑफिस पहुंचा और पोस्टमास्टर से फरियाद की कि उसका तबादला फ़ौरन कर दिया जाए। पोस्टमास्टर ने कारण पूछा, तो पोस्टमैन ने वे जूते टेबल पर रखते हुए सारी कहानी सुनाई और भीगी आँखों और रुंधे कंठ से कहा,”आज के बाद मैं उस गली में नहीं जा सकूँगा। उस अपाहिज बच्ची ने तो मेरे नंगे पाँवों को तो जूते दे दिये पर मैं उसे पाँव कैसे दे पाऊँगा?”


शिक्षाः संवेदनशीलता का यह श्रेष्ठ दृष्टांत है। संवेदनशीलता… यानि,दूसरों के दुःख-दर्द को समझना,अनुभव करना और उसके दुःख-दर्द में भागीदारी करना,उसमें सम्मलित होना। यह ऐसा मानवीय गुण है जिसके बिना इंसान अधूरा है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह हमें संवेदनशीलता रूपी आभूषण प्रदान करें।


दुनिया-भर में कोरोना का कहर जारी

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. दुनिया के 200 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस 'कोविड 19' का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुनियाभर में अबतक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2.58 करोड़ तक पहुंच गया है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में 2 लाख 57 हजार नए मामले सामने आए हैं और 5 हजार 846 लोगों की जान चली गई है। दुनियाभर में अबतक 2 करोड़ 58 लाख 89 हजार लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 8 लाख 60 हजार 270 लोगों ने अपनी जान गंवाई है तो वहीं 1 करोड़ 81 लाख लोग ठीक भी हुए हैं। पूरी दुनिया में 68 लाख 58 हजार एक्टिव केस हैं यानी कि फिलहाल इतने लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।             


पेट्रोल-डीजल के तेजी से बढ़ रहे है रेट

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। पेट्रोल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह पिछले 2 हफ्ते में 1.65 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। तेल कंपनियों ने सभी शहरों में पेट्रोल के दाम में इजाफा किया है। हालांकि डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है और वह पिछले एक महीने से स्थिर है। बुधवार (2 सितंबर) को दिल्ली में पेट्रोल 82.08 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है, वहीं मुंबई में 88.73 रुपये प्रति लीटर, चेन्नई में 85.04 रुपये प्रति लीटर और कोलकाता में 83.57 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।


डीजल की बात की जाए तो दिल्ली में डीजल 73.56 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। मुंबई में डीजल 80.11, कोलकाता में डीजल 77.06 रुपये और चेन्नई में डीजल 78.86 रुपये बिक रहा है।


अन्य प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमत (02 सितंबर, 2020)


आगरा- 82.06 रुपये/लीटर
अहमदाबाद- 79.46 रुपये/लीटर
इलाहाबाद- 82.32 रुपये/लीटर
औरंगाबाद- 89.89 रुपये/लीटर
बेंगलुरु- 84.75 रुपये/लीटर
भोपाल- 89.75 रुपये/लीटर
भुवनेश्वर- 82.64 रुपये/लीटर
चंडीगढ़- 78.96 रुपये/लीटर


अन्य प्रमुख शहरों में डीजल की कीमत (02 सितंबर, 2020)


आगरा- 73.51 रुपये/लीटर
अहमदाबाद- 79.11 रुपये/लीटर
प्रयागराज- 73.86 रुपये/लीटर
औरंगाबाद- 81.28 रुपये/लीटर
बेंगलुरु- 77.88 रुपये/लीटर
भोपाल- 81.26 रुपये/लीटर
भुवनेश्वर- 80.03 रुपये/लीटर
चंडीगढ़- 73.21 रुपये/लीटर


पेट्रोल की कीमत 2018 में पहुंची थी सबसे ऊपर


तेल कंपनियां पूरे देश में समान रूप से दाम बढ़ाती हैं लेकिन राज्यों में इन दोनों ईंधनों पर अलग अलग दर से बिक्री कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) लगने से खुदरा दाम अलग अलग होते हैं।             


जनपद में होम आइसोलेशन की अनुमति दी

अल्मोड़ा। कोविड—19 से संक्रमित रोगियों को अब अल्मोड़ा जिले में भी होम आइसोलेशन की सुविधा मिलेगी। बशर्ते रोगी लक्षणरहित हो और घर में होम आइसोलेशन की शर्तो के अनुसार सुविधा हो। यह बात जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने कही है। जिला अधिकारी ने मंगलवार को स्वास्थ्य महकमे की बैठक लेते हुए यह बात कही। उन्होंने जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे को सावधान किया है और पहले से अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि शासन द्वारा जारी दिशा—निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन के लिए कोविड—19 से संक्रमित रोगी को चिकित्सक की अनुमति लेना जरूरी है। उपचार प्रदान करने वाले चिकित्सक द्वारा होम आइसोलेशन के लिए पात्र व्यक्ति को लक्षणरहित रोगी के रूप मे चिन्हित किया होना चाहिए। इसके अलावा घर में रोगी की 24 घंटे देखभाल करने वाला तीमारदार उपलब्ध हो। रोगी के निवास पर स्वयं को आइसोलेट करने एवं परिजनों को कोरेन्टीन करने की सुविधा हो। घर मे रोगी के लिए एक अलग से शौचालय युक्त कक्ष होना भी अनिवार्य है। तभी होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा सकती है। जिलाधिकारी ने बताया कि होम आइसोलेट व्यक्ति को आइसोलेशन अवधि के दौरान चिकित्सालय से सम्पर्क बनाये रखना होगा और 60 साल से अधिक उम्र के रोगी, किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिला, 10 साल से कम उम्र के बच्चे, एचआईवी ग्रसित, अंग प्रत्यारोपित किया व्यक्ति तथा कैंसर का उपचार करा रहा रहे कमजोर व्यक्तियों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जायेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि अगर कोई कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति स्वंय के खर्चे पर होटल में आइसोलेट होना चाहता है, तो उसे होटल में आइसोलशन की अनुमति दी जाएगी बशर्ते उसे गाईडलाइन का पूर्ण पालन करना होगा। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कान्टेक्ट ट्रैसिंग पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है और सैंपलिग को और बढाकर संक्रमण को रोका जा सकता है।           


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)









 सितंबर 3, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-20 (साल-02)
2  बृहस्पतिवार, अगस्त 3, 2020
3. शक-1943, अश्विन, कृृष्ण-पक्ष, श्राद्ध पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:28, सूर्यास्त 07:10


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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मंगलवार, 1 सितंबर 2020

भारत ने चीन को दिया मुंहतोड़ 'जवाब'

चीन को मुंहतोड़ जवाब: भारतीय सेना ने अहम जगह पर किया कब्जा…ऊंचाई पर तैनाती का मिलेगा फायदा…बिलबिलाया चीन…दी ये चेतावनी…


नई दिल्ली/ बीजिंग। चालबाज चीन एलएसी पर अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आ रहा है। ईस्टर्न लद्दाख इलाके में पैंगोंग लेक के पास चीनी सैनिकों ने फिर घुसपैठ की कोशिश की।हालांकि भारतीय सेना के जवानों ने धोखेबाज चीन की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक, एलएसी पर तनातनी के माहौल को देखते हुए भारतीय सेना की विकास रेजिमेंट बटालियन उत्तराखंड से पैंगोंग लेक के दक्षिणी तट के पास तैनात की गई।बटालियन ने एक स्ट्रैटेजिक हाइट पर कब्जा कर लिया, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के क्षेत्र में निष्क्रिय था।
चीनी ये भी दावा करता है कि यह क्षेत्र उनके क्षेत्र में स्थित है।चीनियों का इरादा उस ऊंचाई पर कब्जा करना था।इसे कब्जे में रखने वाले पक्ष को झील और आसपास के दक्षिणी तट को नियंत्रित करने में रणनीतिक लाभ मिल सकता है।
भारतीय सेना को चीन की इस प्लानिंग का आभास था। ऐसे में चीन की ओर से कोई कदम उठाने से पहले यह निर्णय लिया गया था कि इस स्ट्रैटजिक हाइट पर सेना की टुकड़ी को तैनात करना चाहिए।हालांकि ब्रिगेड के कमांडर स्तर की बैठकें पहले ही चुशूल और मोल्डो में आयोजित की जा चुकी हैं ताकि मामले को सुलझाया जा सके, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला है।
भारत ने थाकुंज के पास ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों और टैंकों सहित हथियारों को स्थानांतरित कर दिया है।पूरे ऑपरेशन में शामिल सैनिकों में भारतीय अधिकारियों के साथ-साथ विकास रेजिमेंट के तहत काम करने वाले तिब्बती भी शामिल हैं।
उधर चीनी सेना ने भारत की इस सैन्य कार्रवाई का विरोध किया है और कहा है कि वह भारत को तनाव से बचने के लिए चीन-भारत सीमा से अपने सैनिकों को वापस लेने की मांग करती है। चीन का कहना है कि भारत ने कमांडर और राजनयिक स्तर पर हुई सहमति का पालन नहीं किया है और एलएसी पर चीन के इलाके में चार किलोमीटर अंदर घुस गयी है।           


पतंग के साथ सौ फीट हवा में उछली बच्ची

पतंग के साथ 100 फीट हवा में उछली 3 साल की लड़की, जैसे-तैसे बची जान।
तााापे। इइताइवान में पतंग उत्सव के दौरान एक तीन साल की लड़की हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गई। दरअसल पतंग को उड़ाने के दौरान उसकी एक डोर बच्ची बच्ची से लिपट गई और वह हवा में 100 फीट तक उछल गई।
ताइपे ताइवान में पतंग उत्सव के दौरान एक तीन साल की लड़की हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गई। दरअसल पतंग को उड़ाने के दौरान उसकी एक डोर बच्ची बच्ची से लिपट गई और वह हवा में 100 फीट तक उछल गई। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह लड़की को बचा लिया। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
जमीन से 100 फीट ऊपर उछली
रिपोर्ट्स के अनुसार, ताइवान के सिंचु शहर में पतंग उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। देश के कोने-कोने से पतंगबाज इस उत्सव में करतब दिखाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। रविवार को जब यहां भीड़ के बीच एक पतंगबाज नारंगी रंग की बड़ी सी पतंग को उड़ा रहा था, तभी उसकी एक डोर 3 साल की लड़की से उलझ गई। 60 किलोमीटर प्रतिघंटे से चल रही हवाओं के कारण लड़की देखते ही देखते हवा में 100 फीट ऊपर तक उछल गई।30 सेकेंड तक हवा में रही लड़की
इस घटना को देख वहां मौजूद लोग भी सहम गए। इस दौरान वह छोटी लड़की हवा में 30 सेकेंड के आसपास रही। लोगों ने तत्परता दिखाते हुए लड़की को बचा लिया। जिसकी पहचान लिन के रूप में हुई है। इस हादसे में लड़की को मामूली चोट ही आई है।
तय समय से पहले खत्म होगा त्योहार
शिंचु शहर के एक अधिकारी ने बताया कि अचानक आए हवा के तेज झोके के कारण पतंग लड़की से उलझ गई थी। इस कारण स्थानीय प्रशासन ने पतंग उत्सव के आयोजकों से इसे जल्द से जल्द खत्म करने का आदेश दिया है।                         


महिला के मुंह में घुसा 4 फुट लंबा सांप

अजीबो गरीब मामला - 4 फ़ीट लम्बा सांप सोते वक्त महिला के मुंह में घुसा।


दागिस्तान। आप लोग कभी न कभी अजीबो गरीब मामला सुना या देखा जरूर होगा। लेकिन आज हम आप लोगो को एक ऐसे अजीबो गरीब एवं बहुत ही खतरनाक घटना की जानकारी बता रहे है जिसको सुनकर अच्छों - अच्छों के पसीना छूट जाये। 
आप सबको पता ही होगा कि सांप का नाम सुनते ही हाँथ पैर में सिहरन पैदा हो जाता है। सांप चाहे विषैला हो या विषहीन हम सब उनसे बहुत डरते है। जैसा की हम अचानक से सांप देखते है तो घबरा जाते है। लेकिन उनका क्या हुआ होगा जिनके मुंह में 4 फ़ीट लम्बा सांप घुस जाये। जानिए इस अजीबो गरीब मामले के बारे में यहाँ।
दरअसल यह अजीबो गरीब मामला रूस से सामने आया है , जिसमे एक महिला के मुंह में सांप घुस गया। दागिस्तान की रहने वाली महिला अपने घर में सो रही थी। इसी दौरान महिला के मुंह में करीब 4 फ़ीट लम्बा सांप घुस गया। महिला को परेशानी होने के बाद अस्पताल ले जाया गया। 
उक्त महिला को अस्पताल ले जाते ही डॉक्टरों ने एक ट्यूब के जरिये उनके मुंह से 4 फ़ीट लम्बे सांप को निकाला गया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमे डॉक्टर महिला के मुंह से सांप निकालते दिख रहे है। डाक्टरों ने बड़ी मशक्कत कर महिला के मुंह में एक ट्यूब डाला गया जिसके मदद से सांप को खींचकर बाहर निकाला जा सका। 
सांप निकालते हुए डॉक्टर भी बहुत घबराये, डरे हुए थे।  सांप जैसे ही बाहर आया सांप को एक टब में रखा गया। महिला के मुंह में घुसने वाला सांप जिन्दा बाहर आया या मर गया था इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। उक्त सांप को देखकर महिला एकदम घबरा गयी थी। 
डाक्टरों ने दिया सलाह - आम तौर पर ऐसी घटना बहुत कम होती है लेकिन बहुत से लोग बाहर खुली जगह पर सो जाते है जो खतरनाक साबित हो सकता है। यदि आप मज़बूरी में सो रहे है तो अलग बात है लेकिन यदि आप साधन संपन्न है तो खुले में या घर के बाहर कभी भी नहीं सोने चाहिए। सोते समय बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।                  


1 लड़के को सर्प ने 1 महीने में 8 बार काटा

बस्ती। उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के एक गांव में एक विचित्र मामला सामने आया है। यहां के एक किशोर लड़के ने दावा किया है कि उसे एक ही सांप ने महीने में 8 बार काटा है। हैरानी की बात यह है कि लड़का अब तक जीवित है। रामपुर गांव का यशराज मिश्र इस दौरान कई बार अस्पताल में भर्ती हुआ है। सांप द्वारा उस पर अंतिम हमला लगभग एक सप्ताह पहले 25 अगस्त को किया गया था। अब परिजनों ने गांव में सपेरों से मदद मांगी है। लड़के के पिता चंद्रमौली मिश्रा ने कहा, “जब मेरे बेटे को तीसरी बार सांप ने काटा, तब मैंने उसे अपने रिश्तेदार रामजी शुक्ला के पास बहादुरपुर गांव में भेज दिया। कुछ दिनों बाद मेरे बेटे ने घर के पास फिर से उसी सांप को देखा और उसने उसे फिर से काट लिया। यशराज को अस्पताल में भर्ती किया गया और फिर उसका इलाज हुआ।”


परिवार ने कहा है कि वे 17 वर्षीय लड़के को इलाज के लिए गांव के डॉक्टर के पास ले जा रहे हैं। साथ ही सांपों को दूर रखने के लिए वैकल्पिक तरीके भी अपना रहे हैं।


पिता ने आगे कहा, “हम समझ नहीं पा रहे हैं कि यह सांप यशराज को ही क्यों निशाना बना रहा है। लड़का अब मानसिक रूप से परेशान है और सांप के कारण पूरे समय खौफ में रहता है। हमने कई बार ‘पूजा’ की है और सांप को पकड़ने के लिए सपेरों को भी बुलाया है, लेकिन सब व्यर्थ साबित हुआ।             


पूर्व 'राष्ट्रपति' को नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल और कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। मुखर्जी का राष्ट्रीय राजधानी में आर्मी के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर से बेहद दुखी हूं। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।”


सिब्बल ने ट्वीट में कहा, “प्रणब मुखर्जी एक प्रकांड व्यक्ति थे, जो दशकों से राजनीतिक ²ढ़ता से आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को हमेशा अपने कौशल और ज्ञान से मार्गदर्शन दिया। विपक्ष में रहने के दौरान भी हमेशा उनके विचारों में एक बल दिखा। वह संवैधानिक प्रक्रिया में ²ढ़ता से विश्वास करते थे। आज भारत ने अपना एक महान बेटा खो दिया है।”


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट की श्रृंखला में कहा, “भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दुखद निधन मेरे लिए गहरे संताप का क्षण है। वह एक ऐसे संस्थान की तरह थे, जिसने अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान राष्ट्र के विकास के लिए अपनी सारी ऊर्जा लगा दी। वह भारत के मुकुट में लगे अनमोल रत्न थे, जिसके लिए राष्ट्र का हित सर्वोपरि था। वह अपने सभी सद्गुणों के साथ सच्चे राजनेता थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”


कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, “इस दु:ख की घड़ी में प्रणब दा के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं। प्रणब दा एक अविश्वसनीय नेता, पिता और मित्र थे। राष्ट्र के लिए दिए गए उनके अनगिनत योगदानों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। मैं उनके मार्गदर्शन और प्यार के लिए उन्हें हमेशा याद करूंगा।”


पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “इस देश में ऐसा कोई नहीं है जो प्रणब मुखर्जी के जीवन और योगदान को नहीं जानता है। मैंने उनके साथ कई साल तक काम किया, खास करके 2004 से 2014 के बीच उनके बहुत निकट रहा। उनके निधन से न केवल कांग्रेस बल्कि इस देश के पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम ने एक बहादुर सैनिक को खो दिया है। कांग्रेस में हमारे लिए यह एक अपूरणीय क्षति है।”           


पुलिस को 1 ही दिन मिली 3 बड़ी कामयाबी

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


गढ़मुक्तेश्वर पुलिस को मिली एक ही दिन में तीन बड़ी कामयाबी


गढ़मुक्तेश्वर/ हापुड़। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है।जिनके कब्जे से चोरी किए गए बैटरी इनवर्टर सहित माल भी बरामद किया गया है। चोर आस मोहम्मद व नदीम निवासी गांव बदरखा थाना गढ़मुक्तेश्वर को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया है।


गढ़मुक्तेश्वर कोतवाल मुकेश कुमार व उनकी पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर गुंडा एक्ट व जिला बदर के आरोपी ऋषि पाल निवासी गांव इनायतपुर गढ़मुक्तेश्वर को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे से एक अवैध तमंचा व कारतूस बरामद किए हैं। यह आरोपी शराब माफिया से लेकर और भी कई मामलों में लिप्त है। गढ़मुक्तेश्वर पुलिस की कामयाबी नंबर 3ः गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली प्रभारी मुकेश कुमार व उनकी टीम ने सट्टा व जुए की रोकथाम को लेकर अभियान चलाया हुआ है। जिसके चलते सूत्रों से जानकारी मिलने पर इस्तेकार मोहल्ला बड़ा बाजार निवासी गढ़मुक्तेश्वर को गिरफ्तार किया है। इसके 2 साथी हाफिज बदरुद्दीन व मनोज भागने में कामयाब रहे।आरोपी के कब्जे से ₹50000 की नगदी तीन सट्टे के पर्चे एक मोबाइल,एक पैन व 1 कॉपी बरामद पुलिस ने की है।           


एक्सप्रेस बाइक सवार युवक पर पुलिस का वार

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


हापुड़ कप्तान के सामने बाइक को शताब्दी एक्सप्रेस बनाना पड़ा भारी- युवक के उतारे हापुड़ कप्तान संजीव सुमन ने खुलेआम जनता के सामने भूत


हापुड़। जनपद के थाना पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के मारवाड़ चौकी क्षेत्र के अंतर्गत सहकारी ग्राम विकास बैंकों के चुनाव के दौरान स्थल के बाहर, एक युवक ने बाइक को बनाया शताब्दी एक्सप्रेस, तोड़े सभी नियम और कानून ,पड़ा युवक को ही भारी, हापुड़ तेजतर्रार कप्तान संजीव सुमन ने उतारे खुले आम जनता के सामने शताब्दी एक्सप्रेस बाइक सवार के भूत, जहां पर युवक बाइक को लेकर बनाफर रहा था शताब्दी एक्सप्रेस जनता को कर रखा था परेशान, आया किसी तरह से हापुड़ कप्तान के कब्जे में सिखाया सबक, आम जनता और पुलिस प्रशासन के सामने ही उतार दिए। शताब्दी एक्सप्रेस बाइक सवार युवक के खुलेआम भूत, युवक को पिलखुवा पुलिस ने लिया अपने कब्जे में, जिसको कुछ देर के बाद छोड़ दिया गया समझा कर, जहां पर दिन-रात हापुड़ पुलिस प्रशासन करती है आम जनता के लिए काफी मेहनत मगर नहीं समझ पाते आजकल के युवक, बना देते हैं। बाइक को ही शताब्दी एक्सप्रेस और मुंबई मेल, बैठकर बाइक पर भूल जाते हैं सभी को नहीं करते अपनी जिंदगी और दूसरे की जिंदगी की परवाह, पड़ जाती है। प्रशासन के ही गले मुसीबत, मगर स्वयं नहीं देख पाते अपनी गलती भी, जहां पर बाइक पर बैठते ही कर देते हैं। बाइक का मीटर फेल, नहीं देखते आगे पीछे दाएं बाएं बस एक्सीलेटर बढ़ाया और बाइक को मुंबई एक्सप्रेस बनाया, नहीं देखते नियम और कानून बन जाते हैं बड़े पायलट पड़ जाता है स्वयं पर भारी।               


हापुड़ः बैंक चुनाव के दौरान हुआ हंगामा

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार


जनपद हापुड़ के पिलखुआ में उत्तर प्रदेश ग्राम विकास बैंक के चुनाव के दौरान हंगामा
हापुड़। चुनाव के दौरान युवा लड़को ने किया उपद्रव,उपद्रव करने वाले लड़को के पुलिस सख्त,उपद्रवी लड़के की एसपी हापुड़ ने कि पिटाई,मतदान स्थल के बाहर एसपी हापुड़ ने उपद्रवी लड़के को लगाए तमाचे,चुनाव को शांति पूर्वक सफल कराने में हापुड़ पुलिस दिखी नाकाम।                


जन के सुख-दुख को महत्व देता है राजा

आलेख : जो जनता के कोष के प्रति अपने सत्ता-स्वार्थों और महत्व स्थापना के लिए स्वेच्छाचार बरतता है, वह कभी भी भारतीय शास्त्रों के अनुसार अच्छा शासक नहीं हो सकता


कल विष्णु पुराण में विष्णु अपनी जीवन संगिनी लक्ष्मी से कह रहे थे कि जो शासक जनता के कोष के प्रति अपने सत्ता स्वार्थों और महत्व स्थापन के लिए स्वेच्छाचार बरतता है, वह कभी भी भारतीय शास्त्रों के अनुसार अच्छा शासक नहीं हो सकता। सच्चा भारतीय शासक वही है जो असुर सम्राट प्रह्लाद और पुत्र विलोचन की तरह हमेशा अपनी जनता के सुख से सुखी और उसके दुख को अपना दुख मानता है। राजकोष को अपने बाप की जागीर नहीं समझता। उसे जनकल्याणकारी कामों पर खर्च न कर आत्मसुरक्षा,आत्मदंभ के स्थापन के लिए बरतता है।ऐसा शासक जनता का सच्चे हितों का विरोधी शासक है।वह भारतीय शासकों की श्रेष्ठ पंक्ति में कभी आ ही नहीं सकता।
अब तो स्थिति और आगे निकल गई है। राजधानियों को चमकाने पर खूब खर्च किया जा रहा है।दूसरी ओर सड़क और पुल के अभाव में जनता डूब रही है, बेघर हो रही है।मूर्तियों और मंदिरों पर भारी बजट बढ़ा कर और खर्च कर जनता के पुलों और सड़कों के हिस्से का पैसा डकारा जा रहा है। क्या हम कभी सोचेंगे कि बजट का कितना हिस्सा सरकार और उसकी नौकरशाही के बीच बंदरबाट के हिस्से चला जाता है।तब सड़कें और पुल क्या ईमानदारी से बन पाएँगे।
जरा लालकिले,ताजमहल ,हबड़ा का पुल देखिए. ये सदियों से खड़े हैं और दूसरी ओर हमारे जनप्रतिनिधियों द्वारा बिहार,मध्यप्रदेश में बनवाए जाते पुलों को देखिए. ये सब लोग राम के भक्त होने का पाखंड करते हैं।क्या हमारे राम ऐसे और यही थे?
क्या यही रामराज्य और धर्म का शासन है?
मित्रो!जरा यह भी सोचिए
देवताओं का भक्त तो रावण भी कुछ कम नहीं था पर वह त्रास पैदा करता था,अन्याय करता था,इसलिए धर्म और संस्कृति के इतिहास में वह और बाद के कंस,जरासंध, शकुनि, धृतराष्ट्र, दुर्योधन, यहाँ कि इनके पक्ष में खड़े भीष्म,द्रोणाचार्य, कर्ण,सबका वध हुआ।तब आज जो कुछ हो रहा और किया जा रहा लह क्या है?
हमें यह भी जान लेना होगा कि असुर या राक्षस भी आर्यों के ही वंशज थे। देवता और असुर एक ही पिता और उनकी दो पत्नियों—दिति और अदिति- के पुत्र,अर्थात सौतेले भाई थे।असल प्रश्न दुनिया में जीने के ढंग को लेकर उनकी अपनी जीवन दृष्टियों का था।यही तो देवासुर संग्राम का कारण बनती गई।देवता महाभोगी ,ईष्यालु, कुटिल राजनीति करने में माहिर


जिसके प्रमाण इन्द्र स्वयं–थे.
यह भी सोचिए कि इन्द्र से उसकी सत्ता उसके ही छोटे भाई विष्णु ने क्यों छीन ली?
यह सब आर्यवंश के भीतर ही हुआ आज जो भारत विष्णु का और उनके अवतारों राम-कृष्ण आदि का भक्त है वही इससे पहले इन्द्र का भक्त था. वेदों के तमाम मंत्र और यज्ञों की आहुतियां इन्द्र के प्रति समर्पित हैं।पर आज तो विष्णु ही सब कुछ हैं। इससे यह भी मानकर चलिए कि भारत के लोग यदि जरूरत से ज्यादा सहिष्णु हैं तो मौका आने पर वे जरूरत से ज्यादा कठोर भी हैं. ऋषिकवि वाल्मीकि राम के गुणों का बखान करते हुए यही तो कहते हैं कि राम कुसुम जितने कोमल किन्तु बज्र जितने कठोर भी हैं।           
सोचिए ,अपनी परंपरा को पहचानिए।


गाजियाबादः सेवानिवृत्ति समारोह आयोजित

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। जनपद पुलिस लाइन गाज़ियाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद कलानिधि नैथानी की अध्यक्षता में सेवानिवृत्ति समारोह का आयोजन हुआ हैं। जिसमें, छह पुलिस अधिकारी/ कर्मचारी अपनी सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए।


आपको बता दें कि पुलिस लाइन गाज़ियाबाद में पुलिस अधिकारी/कर्मचारी जिनमें मुनेंद्र प्रताप सिंह (प्रतिसार निरीक्षक), उपनिरीक्षक रामदेव शर्मा, उपनिरीक्षक विनोद कुमार, मुख्य आरक्षी हरिभान सिंह, मुख्य आरक्षी निरंजन लाल और मुख्य आरक्षी विजय कुमार अपनी सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए हैं।


गौरतलब है कि एसएसपी कलानिधि नैथानी द्वारा इस अवसर पर सेवानिवृत्त हुए पुलिस अधिकारी/ कर्मचारियों को प्रतीक चिन्ह भेंट एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया हैं। इतना ही नहीं, इनके द्वारा की गई पुलिस विभाग की सेवा एवं विभाग को दिए गए इनके योगदान के लिए इन्हें धन्यवाद देते हुए इनके अग्रिम जीवन की शुभकामनाएं दी। वहीं, नवनियुक्ति पर प्रतिसार निरीक्षक उदल सिंह का जनपद में आगमन हुआ हैं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण/लाइंस, पुलिस अधीक्षक यातायात, एएसपी/क्षेत्राधिकारी लाइन प्रतिसार निरीक्षक एवं अन्य अधिकारी गण समेत आदि पुलिसकर्मी उपस्थित रहें हैं।                        


भाजपा मेरठ क्षेत्र अध्यक्ष का किया स्वागत

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त क्षेत्र अध्यक्ष मोहित बेनीवाल का गाज़ियाबाद महानगर के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वागत किया गया हैं, सभी कार्यकर्ता बंधु महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में मेरठ पहुंचे तथा मोहित बेनीवाल क्षेत्र अध्यक्ष एवं प्रदेश महामंत्री अश्वनी त्यागी का भव्य स्वागत किया गया।


साथ में महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान, सुशील गौतम, रनीता सिंह, इंदु जोहरी, तारा जोशी, चमन चौहान, गुंजन शर्मा जय कमल अग्रवाल, संजय तिवारी, संजय रावत, हरेंद्र चौधरी, योगेश भाटी, सचिन डेढ़ा, राहुल गोस्वामी, मोनू त्यागी, संदीप चौधरी, दीपक पराशर, अशोक शर्मा, अनिल शर्मा, शोभा चौधरी, पूजा शर्मा, बॉबी त्यागी, रेनू सिंह, अर्जुन तोमर, विमल शर्मा, उदयवीर चौधरी, इमरान चौधरी, श्याम शर्मा, आतिश शर्मा, दीपक राघव, ओम राजपूत, विरेंद्र कुमार कंडेरे, सुभाष प्रधान, सचिन डेढ़ा, संदीप चौधरी, अजय राजपूत, हर्ष प्रजापति राहुल शर्मा समेत आदि लोग मौजूद रहे हैं।                  


सारे प्रयासों में गाजियाबाद फेल हुआ ?

अश्वनी उपाध्याय


ग़ाज़ियाबाद। वैसे तो ग़ाज़ियाबाद नई-नई उपलब्धियां व ताबड़तोड़ हो रहे विकास को लेकर चर्चाओं में बना रहता है।और तो और सरकार भी गाजियाबाद के सौन्दर्यीकरण को लेकर नित नए प्रयास करती रहती है लेकिन लगता है कि सरकार के सारे प्रयास ग़ाज़ियाबाद में दम तोड़ते नजर आ रहे है और ग़ाज़ियाबाद के सौंदर्य करण को पलीता लगा रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा हमारी पल्स 24 की टीम को राज नगर एक्सटेंशन चौराहे क्षेत्र में देखने को मिला। बता दें कि ग़ाज़ियाबाद के एयरफोर्स के सम्मान का प्रतीक बन चुका राजनगर एक्सटेंशन में लगा हवाईजहाज आज दुर्दशा का शिकार बना हुआ है। उक्त हवाई जहाज जहां एयरफोर्स का मान बढ़ाता है तो वहीं गाजियाबाद को भी सम्मान दिलाता है । एयरफोर्स प्रशासन व पुलिस प्रशासन की घोर लापरवाही का नतीजा है कि उक्त हवाई जहाज के ऊपर व इर्द गिर्द बच्चे खेलते रहते हैं और वहां पर गंदगी फैलाते रहते हैं लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि सबसे व्यस्ततम मार्ग होने के बावजूद भी बच्चों की इन हरकतों पर कोई अंकुश नहीं है। अपनी जान की परवाह न करते हुए उक्त बच्चे हवाई जहाज के ऊपर चढ़ते हैं और फिर वहां से कुंदकुंद कर खेलते हैं जिससे कई बार बच्चे चोटिल भी हो चुके हैं। गौर करने वाली बात तो यह है यहां पर अधिकांश पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहता है बाबजूद इसके इन हरकतों पर कोई रोक टोक नहीं है। लगता है जैसे कि पुलिस प्रशासन केवल चालान तक ही सीमित रह गया हो। वहीं एयरफोर्स प्रशासन भी इस ओर से पूरी तरह आंखें मूंदे हुए हैं । कुल मिलाकर पुलिस प्रशासन व एयर फोर्स प्रशासन की लापरवाही की वजह से इंडियन एयरफोर्स का प्रतीक ग़ाज़ियाबाद का सम्मान उक्त हवाई जहाज अब अपनी हालात पर आंसू बहाने को विवश हो चुका है।             


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...