शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

26506 संक्रमित, आंकड़ा 8 लाख पार

नई दिल्ली। देश में तेजी से फैल रहा कोरोना अब भयावह आंकड़ों की ओर बढ़ चला है, देश में इस समय कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग आठ लाख के करीब पहुंच चुकी है, यही नहीं बीते 24 घंटों में सबसे बड़ी रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है, पिछले 24 घंटों में 26506 नए मरीज मिले हैं, यदि स्थिति यही रही, तो भारत संक्रमितों के मामले में नंबर-1 पर पहुंच जाएगा, इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को अभी सख्त लॉकडाउन लागू करने की जरूरत है, वरना आगे स्थिति भयावह हो सकती है | केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 26 हजार 506 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 475 लोगों की मौत हुई है, यह अब तक एक दिन में सबसे अधिक आंकड़ा है, इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 7 लाख 93 हजार 802 हो गई है, जिनमें से 2 लाख 76 हजार 685 सक्रिय मामले हैं, इस महामारी से 4 लाख 95 हजार 513 लोग ठीक हो चुके हैं. देश में अब तक 21 हजार 604 लोगों की मौत हो चुकी है |                


'अमरनाथ यात्रा' पर रोक के लिए याचिका


  • अमरनाथ यात्रा शुरू होने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा

  • श्रद्धालुओं के लिए लाइव दर्शन के इंतजाम करने की मांग

  • अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने SC में लगाई है याचिका


नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल में इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि अमरनाथ यात्रा में सालाना 10 लाख से ज्यादा भक्त आते हैं। इतनी संख्या में लोगों के आने से कोरोना फैलने का खतरा बना रहेगा।


याचिका में मांग की गई कि अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने के साथ ही सरकार इंटरनेट और टीवी चैनलों के जरिए अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के लाइव दर्शन का इंतजाम कराए, ताकि कोरोना काल में भी करोड़ों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें।


अमरनाथ बर्फानी लंगर संगठन ने याचिका में कहा कि अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाना श्रद्धालुओं के हित में भी है। याचिका में सलाह दी गई कि मौजूदा हालात को देखते हुए श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों के लिए अमरनाथ यात्रा शुरू करना सही नहीं है।


अमरनाथ यात्रा के दौरान पुलिस, सुरक्षा बल, श्रमिकों, घोड़े वालों, सामान ढोने वालों और दुकानदारों का एक जगह इकट्ठा होना कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर सही नहीं होगा। इसीलिए अमरनाथ यात्रा इस बार आयोजित ही नहीं होनी चाहिए।


आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर जोरशोर से तैयारियां चल रही हैं। इसके मद्देनजर सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बार सिर्फ बालटाल रूट से अमरनाथ यात्रा कराने की योजना बनाई जा रही है। हेलीकॉप्टर से यात्रा पर भी विचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।


इनके साथ क्या रवैया अपनाएगी सरकार

अनिल मिश्रा


लखनऊ। राजनीति और अपराध जगत का आत्मीय संबंध भी सुर्खियों में आ जाता है। उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन पर कई ऐसे नेता उपजे हैं। जिन्होंने इस सूबे की राजनीति को प्रभावित किया है। ऐसे ही यूपी का पूर्वांचल ऐसे ही प्रभावी नेताओं का गढ़ माना जाता है । अपराधियों को नेताओं का समर्थन हो या नेताओं की अपराधियों को कानून के शिकंजे से बचाने की कोशिश, आखिर दलों पर अपराधियों का ये कैसा असर है। छह दशक के भारतीय लोकतंत्र में अपराधी इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं कि कोई भी राजनीतिक दल उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रहा। पार्टियां उन्हें नहीं चुनती बल्कि वे चुनते हैं कि उन्हें किस पार्टी से लड़ना है। उनके इसी बल को देखकर उन्हें बाहुबली का नाम मिला है


अतीक अहमद देश की सियासत में कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने जुर्म की दुनिया से निकलकर राजनीति की गलियों में कदम रखा और वे राजनीति में आकर भी अपनी माफिया वाली छवि से बाहर नहीं निकल पाए। उनके कारनामों ने हमेशा उन लोगों को सुर्खियों में बनाए रखा। यूपी की सियासत का एक ऐसा ही नाम है अतीक अहमद। इलाहाबाद के रहने वाले अतीक अहमद को एक खतरनाक बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं। अतीक अहमद फूलपुर से सांसद रह चुके हैं। इस लोकसभा सीट से कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सांसद चुने गए थे। अतीक के 2014 के चुनाव में अपने हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ 42 मामले लंबित हैं। जिसमें हत्या की कोशिश, 6 अपहरण, 4 हत्या का आरोप हैं। इसमें सबसे सनसनीखेज मामला बसपा विधायक राजू पाल का है।


राजनीति में पहला कदम अपराध की दुनिया में नाम कमा चुके अतीक अहमद को समझ आ चुका था कि सत्ता की ताकत कितनी अहम होती है। इसके बाद अतीक ने राजनीति का रुख कर लिया। वर्ष 1989 में पहली बार इलाहाबाद (पश्चिमी) विधानसभा सीट से विधायक बने अतीक अहमद ने 1991 और 1993 का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और विधायक भी बने। 1996 में इसी सीट पर अतीक को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया और वह फिर से विधायक चुने गए।


बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद सांसद बन गए थे। इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर उपचुनाव हुआ। सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था। मगर बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया और राजू ने अशरफ को हरा दिया। उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को आरोपी बनाया गया था।


मुख्तार अंसारी पूर्वांचल से यू तो कई नेता आए लेकिन एक ऐसा भी नेता इस क्षेत्र से आया जो अपराध की दुनिया से राजनीति में आकर पूर्वांचल का रॉबिनहुड बन गया। उस बाहुबली नेता का नाम है मुख्तार अंसारी। प्रदेश के माफिया नेताओं में मुख्तार अंसारी का नाम पहले पायदान पर माना जाता है। मुख्तार अंसारी भी पूर्वांचल में बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं। मऊ विधानसभा क्षेत्र में एक रिकॉर्ड चार बार से विधानसभा के एक सदस्य के रूप में निर्वाचित हो रहे हैं। उनके ऊपर बीजेपी के बाहुबली नेता कृष्णानंद राय की हत्या करवाने का आरोप है। हालांकि इस मामले में दोष सिद्ध नहीं हो सका है। कभी माफिया बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच शुरू हुई दुश्मनी से पूर्वांचल की धरती लाल हो गई थी। हालांकि दोनों गुटों के बीच हुए एक मुठभेड़ में बृजेश सिंह की मौत की खबर आई। लेकिन कई सालों के बाद बृजेश सिंह को नाटकीय अंदाज में जिंदा पकड़ लिया गया। अंसारी का कब्जा अब ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, रेलवे ठेकेदारी में है। जिसके दम उसने बहुत बड़ा व्यवसाय खड़ा कर लिया है। अब वह पूरी तरह राजनीति में सक्रिय है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उसकी हर चाल ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी और और पूरी टीम को परेशान करके रख दिया था।


अपराध की दुनिया में कदम1988 में पहली बार हत्या के एक मामले में उनका नाम आया था। हालांकि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत पुलिस नहीं जुटा पाई थी। लेकिन इस बात को लेकर वह चर्चाओं में आ गए थे। 1990 का दशक मुख्तार अंसारी के लिए बड़ा अहम था। छात्र राजनीति के बाद जमीनी कारोबार और ठेकों की वजह से वह अपराध की दुनिया में कदम रख चुके थे। पूर्वांचल के मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर में उनके नाम का सिक्का चलने लगा था।


राजनीति में पहला कदम और गैंगवार1995 में मुख्तार अंसारी ने राजनीति की मुख्यधारा में कदम रखा। 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधान सभा के लिए चुने गए। उसके बाद से ही उन्होंने ब्रजेश सिंह की सत्ता को हिलाना शुरू कर दिया। 2002 आते आते इन दोनों के गैंग ही पूर्वांचल के सबसे बड़े गिरोह बन गए। इसी दौरान एक दिन ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई इस हमले में मुख्तार के तीन लोग मारे गए। ब्रजेश सिंह इस हमले में घायल हो गया था. उसके मारे जाने की अफवाह थी। इसके बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी पूर्वांचल में अकेले गैंग लीडर बनकर उभरे. मुख्तार चौथी बार विधायक हैं।


उत्तरप्रदेश की योगी सरकार क्या अब इन अपराधियो के साथ भी विकास दुबे जैसा व्यवहार करेगी।क्या इन बड़े माफियाओं की संपत्ति को भी जप्त या नष्ट करने का कार्य होगा।आम जनता को योगी सरकार से काफी अपेक्षा है।अपराध जगत से संलिप्त माफियाओं का सफाया होना ही चाहिए।ये अपराधी राजनीति में आकर अपने आपको सुरक्षित करना चाहते है।ऐसे अपराधियो का राजनीति में आना पूरी तरह से बंद होना चाहिए। इस विषय पर देश के सभी राजनितिक दलो को मनन करना चाहिए।जब तक अतीक अहमद और अंसारी जैसे अपराधियो को राजनीति में आना बंद नही होगा तब तक हम स्वस्थ समाज के साथ स्वस्थ राजनीती की अपेक्षा नही रख सकते है। अब इनके जैसे सभी अपराधियो के साथ विकास दुबे जैसा ही रवैया अपनाने का समय है।तब ही ये गंदगी दूर होगी।           


कार नहीं पलटती तो सरकार पलट जाती

अकाशुं उपाध्याय


कानपुर। विकास दुबे के एनकाउंटर के यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पुलिस और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने ट्वीट में उस वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सवाल उठाए हैं, जिसमें विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया गया था।


पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने अपने एक ट्वीट में लिखा, दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। अखिलेश यादव समेत तमाम राजनेताओं ने पहले ही इस बात का शक जताया था कि विकास दुबे के पीछे यूपी सरकार के तमाम रसूखदार लोगों का संरक्षण प्राप्त था।


पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में भी इसी तरह की बात का संकेत दिया है। अखिलेश ने ट्वीट में कहा है कि कार पलटने और विकास दुबे के मरने से सरकार के कई राज खुलने से बच गए हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ जवानों की बर्बर हत्‍या का मुख्‍य आरोपी विकास दुबे फिल्‍मी अंदाज में मारा गया है। यूपी एसटीएफ की गाड़ी विकास को लेकर कानपुर आ रही थी। स्‍पीड तेज थी। पुलिस के मुताबिक, बर्रा के पास अचानक रास्‍ते में गाड़ी पलट गई। इस हादसे में विकास दुबे और एक सिपाही को भी चोटें आईं। इसके बावजूद विकास की नजरें पुलिस के चंगुल से बचकर भागने पर थी।


पुलिस का कहना है कि उसने मौका पाकर एसटीएफ के एक अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसी के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। एसटीएफ ने विकास से हथियार रखकर सरेंडर करने को कहा। वह इसके बावजूद नहीं माना तो पुलिस को मजबूरन एनकाउंटर करना पड़ा।            


पाक एयरलाइंस उड़ानों पर लगी रोक

नीरज जिंदल


सिडनी। अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका देते हुए पाकिस्तान की सबसे बड़ी एयरलाइन पीआईए की उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने कहा है कि हमने पाकिस्तानी इंटरनेशनल एयरलाइंस को परमिशन ​देने से जुड़ा फैसला बदल दिया है। इसके तहत पाकिस्तानी इंटरनेशनल एयरलाइंस अमेरिका में चार्टर फ्लाइट्स चला सकती थीं लेकिन अब इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है। अमेरिका ने इसके पीछे पाकिस्तानी पायलटों के सर्टिफिकेशंस को लेकर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की चिंताओं का हवाला दिया है।
बता दें कि पाकिस्तान अपने कई पायलटों पर रोक लगा चुका है। पिछले महीने पाकिस्तान ने अपने तीसरे पायलट को फर्जी लाइसेंस के चलते हटा दिया था। वहीं अब यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने पीआईए के ऑथराइजेशन को सस्पेंड कर दिया है यह रोक 6 महीने के लिए लगाई गई है।  पीआईए ने कहा कि एयरलाइंस को लेकर जिन जरूरी सुधारों की जरूरत है, उस पर वो काम करेगा। पाकिस्तान ने ऐसे पायलट जिनके लाइसेंस और क्वालिफिकेशंस को लेकर गलत जानकारियां दी गईं थीं, इनकी जांच एक विमान हादसे के बाद शुरू की थी। इसी साल मई में एक पीआईए जेट क्रैश हो गया थी फ्लाइट में सवार 97 यात्रियों की मौत हो गई थी।            


एनकाउंटर के साथ दफन हुए कई राज

नीरज जिंदल


कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के 24 घंटों के अंदर ही उसका एनकाउंटर हो गया। उज्जैन से खुद की गिरफ्तारी करवाने वाले विकास दुबे ने आज यूपी वापसी के दौरान भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया। हालाँकि 7 दिनों से उसकी तलाश में लगी यूपी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये थे। कई पुलिसकर्मियों के साथ उसके सम्पर्क थे, वहीं नेताओं से भी उसका सम्बन्ध था। उम्मीद की जा रही थी कि विकास की गिरफ्तारी के बाद कई चेहरों से पर्दे हटेंगे लेकिन विकास की मौत के साथ ही ये राज बनकर दफ़न हो गए।  उज्जैन से महाकाल से विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा था कि अब कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। दरअसल, विकास को पहले से एनकाउंटर की जानकारी थी, वहीं इसके पहले भी उसने एक मंत्री की हत्या कर दी थीं। इन सब के बावजूद वह आजाद था। ऐसे में विकास के संबंध कई राजनेताओं और पुलिस के लोगों से होने की बात सामने आ रही थी लेकिन मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब ऐसा कोई खुलासा नहीं हो सकेगा।
कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे का आपराधिक साम्राज्य बिना राजनीतिक संरक्षण के चलना मुश्किल था। उसपर प्रदेश के बड़े राजनीतिक दलों का हाथ रहा। विकास 15 साल बसपा, 5 साल बीजेपी और 5 साल सपा के साथ रहा था। वहीं पंचायत चुनाव में बसपा के समर्थन में रहा, जबकी उसकी पत्नी को सपा की आजीवन सदस्य्ता मिली थी। राजनीतिक दलों के संरक्षण में उसने कानपुर में अपना रसूख कायम किया। कई जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए। एक दौर ऐसा आया कि जेल में बंद होने के बाद भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचायत चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राजनाथ सिंह की सरकार के कार्यकाल में 11 नवंबर 2001 को कानपुर के थाना शिवली के अंदर विकास दुबे ने मंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी, हालाँकि जब कोर्ट में मामला गया तो कई पुलिसकर्मियों ने अपने बयान बदल दिए और वह बरी हो गया। कानपुर काण्ड के बाद जब वह फरार हुआ तो उसकी तलाश में लगी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये। उसके कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि 24 पुलिसकर्मियों के साथ विकास का सम्पर्क था। एनकाउंटर की रात भी विकास को पता था कि पुलिस रेड देने वाली है। वहीं उसके गाँव की बिजली भी थाने से कटवाई गयी। मामले में चौबेपुर थाने के दारोगा और कुछ सिपाही सस्पेंड हुए और पूरा थाना लाइन हाजिर हुआ। पूर्व एसएसपी अनंत देव भी जांच के दायरे में आ गए लेकिन विकास की मौत के बाद उसके वर्दी वाले साथी संगियों के नाम से पर्दा नहीं हट सका।           


गले की खराश, आजमाएं घरेलू नुस्खे

गले में ख़राश चिड़चिड़ापन पैदा करती है। हालांकि, ये कोरोना वायरस के शुरुआती कुछ लक्षणों में से भी है। गले में ख़राश के साथ सूखी खांसी का मतलब है वायरल संक्रमण, जिसका समय रहते इलाज न किया जाए तो कोफी बढ़ सकता है।
घरेलू उपाय आज़माएं :-
कोरोना वायरस में फौरन इलाज की ज़रूरत होती है, हालांकि, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो आपको गले की ख़राश से राहत दे सकते हैं। हम आज आपको बता रहे हैं ऐसे 5 उपाय जो आपकी ऐसे समय में मदद कर सकते हैं।
अदरक और शहद :-
अदरक और शहद का मिश्रण बिल्कुल काढ़े की तरह करता है और कीटाणु और फैलते संक्रमण से लड़ता है। अदरक, गले की खराश को कम करता है, तो शहद में मौजूद एंटी-इंफ्लामेट्री गुण इम्यूनिटी को मज़बूत करते के साथ गले में राहत पहुंचाता है। अदरक और शहद का मिश्रण बलग़म को ख़त्म करता है, साथ ही गले में ख़राश पैदा कर रही तकलीफ को दूर करता है।
इसके लिए आपको चाहिए :-
अदरक ( कद्दूकस किया हुआ)
कच्चा शहद
ज़ैतून का तेल
आटा
टिशू/रुमाल
गॉज़
टेप
शहद और आटे मिला लें, फिर इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक और ज़ैतून के तेल की 2-3 बूंदें मिला लें। जब ये तैयार हो जाए, तो एक रुमाल या टिशू में इसे रखें। फिर गॉज़ और टेप की मदद से इसे सीने पर लपेट लें। इसे सोने से पहले लगाएं।
नमक के पानी से ग़रारे :-
नमक के पानी से ग़रारे से बेहतर उपाय और कुछ नहीं है। ऐसा करने से न सिर्फ गले की ख़राश से राहत मिलती है, बल्कि रोगाणु और वायरस भी खत्म होते हैं। इसे रोज़ाना कम से कम 3-4 दिनों तक करना चाहिए, उसके बाद ही आपको इसका असर देखने को मिलेगा। हालांकि, ये अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है कि नमक का पानी कीटाणु या फिर कोरोना वायरस को ख़त्म कर सकता है। नमक का पानी गले में आई सूजन और ख़राश को कम कर सकता है। इसके लिए गुनगुने पानी में आधा बड़ा चम्मच नमक मिलाएं और ग़रारे करें। ध्यान रहे कि आप इसे निगले नहीं, बल्कि थूक दें। इसे दिन में 2-3 बार करें। याद रहे, कि गर्म पानी या नमक का पानी कोरोना वायरस को ख़त्म करने का तरीका नहीं है।
मुलैठी खाएं :-
मुलैठी एक आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है, जिसे कई बार चाय में भी डाला जाता है। इसके अलावा कई लोग गले की ख़राश के लिए भी इसे खाते हैं। गले में ख़राश के वक्त खुजली से भी राहत दिलाती है मुलैठी। मुलैठी में ज़रूरी एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो बीमारी फैलाने वाले वायरस को ख़त्म करती है।
सेब का सिरका भी है मददगार :-
एप्पल साइडर वेनेगर यानी सेब के सिरके में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं। यह गले में ख़राश से राहत देने में विशेष रूप से सहायक है क्योंकि इसमें मौजूद एसिड खराब बैक्टीरिया को फैलाने वाले संक्रमण को ख़त्म करने में मदद करती है, जिससे गले में सूजन होती है। ख़राश से राहत पाने के लिए, गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिला लें और इसे पी लें। स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
नारियल तेल :-
गले की ख़राश को दूर करने का ये एक पारंपरिक तरीका है। नारियल तेल को मुंह में करीब 20 मिनट तक रखने के बाद थूक देने से कीटाणु ख़त्म होते हैं। ये साथ ही नासिका मार्ग को भी साफ करता है। नारियल तेल गले को राहत पहुंचाता है और इसके साइड-इफेक्ट भी नहीं होते।
इल लेख में दिए गए उपाय गले में ख़राश को दूर करने के लिए बताए गए हैं। हालांकि, ये उपाय कोरोना वायरस को ख़त्म नहीं कर सकते, लेकिन उसके लक्षणों में राहत ज़रूर दे सकते हैं। अगर आपको कोविड-19 के लक्षण महसूस होते हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।                     


बोलिविया की राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित

लापाज। बोलिविया की राष्ट्रपति जिनिन नॉवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उन्होंने यह जानकारी स्वयं गुरुवार को दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो ठीक थीं और आइसोलेशन में काम कर रहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘एक साथ मिलकर हम इससे निकल जाएंगे।’बोलिवियाई सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि स्वास्थ्य मंत्री समेत करीब 7 मंत्री संक्रमित हैं और घर में ही रहकर इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में कई लोग बीमार थे इसलिए उन्होंने अपना टेस्ट कराया। उन्होंने कहा, ‘मैं ठीक हूं, आइसोलेशन में रहकर मैं अपना काम जारी रहूंगी। मैं बोलिविया के सभी नागरिकों को धन्यवाद कहना चाहती हूं जो इस स्वास्थ्य संकट में हमारी मदद कर रहे हैं।’ बोलिविया में 6 सितंबर को आम चुनाव होगा। पहले यह मई में आयोजित होना था लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।                


रूस और चीन में वैक्सीन ट्रायल शुरू

नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्‍सीन पर आज दो बड़े अपडेट हैं। रूस की डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने जो वैक्‍सीन बनाई है, वह ट्रायल के आखिरी दौर में पहुंच गई है। वैक्‍सीन जिन्‍हें दी गईं, उनमें कोरोना वायरस के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप होते देखी गई है। वहीं दूसरी तरफ, चीन की झिफेई ने अपनी कोविड वैक्‍सीन के फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने तीन हफ्ते पहले ही क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। कोरोना वैक्‍सीन बनाने के मामले में चीन सबसे व्‍यापक स्‍तर पर कोशिशें कर रहा है। उसकी दुनिया के 19 लीडिंग प्रोग्राम्‍स में से कम से कम 6 में सक्रिय भागीदारी है। भारत में तैयार हुई कोरोना वैक्‍सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है। उससे पहले वैक्‍सीन के बैच की टेस्टिंग CDL कसौली में चल रही है।


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर COVAXIN नाम से कोरोना वैक्‍सीन बनाई है। इसके क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिलने के बाद फिलहाल वालंटियर्स का एनरोलमेंट हो रहा है। फिलहाल इस वैक्‍सीन के बैच CDL कसौली में चेक किए जा रहे हैं ताकि इंसानों को दिए जाने से पहले उनकी सेफ्टी, शुद्धता, पोटेंसी और स्‍टेबिलिटिी कन्‍फर्म की जा सके।


चीन की फार्मा कंपनी Zhifei ने वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने पहले कहा था कि फेज 1 ट्रायल 21 जुलाई तक खत्‍म होगा। उसने फेज 1 ट्रायल के डिजाइन या रिजल्‍ट्स को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। Zhifei की वैक्‍सीन चीन की उन 8 वैक्‍सीन में से एक हैं जिनका इंसानों पर ट्रायल चल रहा है।


रशियन डिफेंस मिनिस्‍ट्री की वैक्‍सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्‍टेज में पहुंच गई है। मंत्रालय के मुताबिक, जिन्‍हें वैक्‍सीन दी गई है उनको कोई दिक्‍कत महसूस नहीं हो रही। न ही वैक्‍सीन के किसी तरह के साइड इफेक्‍ट्स देखनो को मिले हैं। वालंटियर्स पर टेस्टिंग में सामने आया कि वे कोरोना के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप कर रहे हैं। प्रोटोकॉल के तौर पर वालंटियर्स का रेगुलरली ऐंटीबॉडी टेस्‍ट किया जाता है।


अमेरिका की दिग्‍गज फार्मा कंपनी Moderna ने यूरोपियन कंपनी ROVI से हाथ मिलाया है। यह सौदा वैक्‍सीन के बड़े पैमाने पर प्रॉडक्‍शन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन के लिए किया गया है। ROVI वॉयल फिलिंग और पैकेजिंग उपलब्‍ध कराएगी। Moderna ने mRNA-1273 नाम से वैक्‍सीन बनाई है। इस वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है।


वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने 2021 तक कोविड-19 वैक्‍सीन की 2 बिलियन डोज तैयार करने का लक्ष्‍य बनाय है। भारत दुनिया की वैक्‍सीन जरूरत का 60 फीसदी सप्‍लाई करता है। इस लिहाज से उसकी भूमिका इसमें बेहद अहम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारत वैक्‍सीन डेवलपमेंट और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।             


विकास दुबे एनकाउंटर पर उठे सवाल

हाथ बंधे क्यों नहीं थे? विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उठ रहे हैं ये 5 सवाल


सुदेश उपाध्याय


कानपुर। 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान बर्रा इलाके में एसटीएफ की वह गाड़ी पलट गई जिसमें दुबे भी मौजूद था। पुलिस का कहना है कि दुर्घटना का फायदा उठाकर विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और मारा गया। हालांकि, पुलिस की इस थ्योरी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं, जिनका अभी जवाब दिया जाना बाकी है।
सवाल 1: पहला सवाल यह है कि क्या आखिर काफिले की वही गाड़ी अचानक कैसे पलटी जिसमें विकास मौजूद था। यदि इसे संयोग मान लिया जाए तो भी बड़ा सवाल यह है कि जब इतने बड़े अपराधी को पुलिस गाड़ी में ला रही थी तो उसके हाथ खुले क्यों थे? क्या उसे हथकड़ी नहीं लगाई गई थी?
सवाल 2: एक दिन पहले जिस तरह विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई उसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि उसने खुद मंदिर परिसर में कुछ लोगों को अपनी पहचान बताई थी। यदि वह गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं था तो एक हाई सिक्यॉरिटी जोन में क्यों गया? यदि कल गिरफ्तारी के लिए तैयार था तो आज उसने भागने की कोशिश क्यों की? 
सवाल 3: गुरुवार को प्रभात और शुक्रवार को विकास दुबे, इन दोनों का जिस तरह दो दिन में एनकाउंटर हुआ और पूरे घटनाक्रम को देखें तो यह सवाल जरूर उठता है कि क्या यह संयोग है? प्रभात के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने इसी तरह का घटनाक्रम बताया था कि पहले पुलिस की गाड़ी पंक्चर हुई फिर प्रभात पुलिसकर्मियों से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करने लगा और फिर एनकाउंटर में मारा गया। आज भी सबकुछ ठीक उसी तरह से हुआ है। 
सवाल 4: दो दिन में दो बार अपराधी पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लेते हैं। जानकार सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मियों ने अपने हथियार रखने में लापरवाही बरती जो उनके गिरफ्त में मौजूद कोई बदमाश हथियार छीन लेता है। 
सवाल 5: मीडियाकर्मियों का दावा है कि वे भी उस काफिले के साथ ही उज्जैन से आ रहे थे, लेकिन दुर्घटना स्थल से कुछ पहले मीडिया और सड़क पर चल रही निजी गाड़ियों को रोक दिया गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इसका फुटेज जारी किया है। आखिर क्यों मीडिया को आगे बढ़ने से कुछ देर के लिए रोक दिया गया था? यदि विकास ने भागने की कोशिश की तो उसके पैर में गोली क्यों नहीं मारी गई? इस तरह के और भी कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका अभी पुलिस को जवाब देना होगा।             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-333 (साल-01)
2. शनिवार, जुलाई-11, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- षष्टि, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:27।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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गुरुवार, 9 जुलाई 2020

संक्रमण ने प्रशासन के फुलाए हाथ-पांंव

भरवारी कोरोना पोसिटिव मिलते ही अधिशाषी अधिकारी हुए सख्त किया तत्काल पूरे मोहल्ले को सेनेटाइजर
वहीं प्रभारी निरीक्षक कोखराज व चौकी इंचार्ज ने माइक के माध्यम से सभी दुकानों को कराया बन्द


भरवारी। नगर पालिका परिषद अंतरगत मेहता रोड के लखन लाल कॉलोनी में एक युवक कोरोना पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग कि टीम द्वारा जिलाअस्पताल ले जाने कर बाद अधिशाषी अधिकारी पूरे तरह से सख्त दिखे उनोहने अपने नगर पालिका कर्मचारियों की मदद से पूरेमोहल्ले में सेनेटाइजर करवाया वही प्रभारी निरीक्षक कोखराज बलराम सिंह व चौकी इंचार्ज भरवारी ने माइक के माध्यम से कस्बो की सभीदूकानों को अग्रिम आदेश तक बंद करने का फरमान जारी किया। यहा यह भी बताना आवश्यक है कि कुछ दिन पहले एक युवक मंझनपुर निवासी ने कोखराज इस्तिथ पंचम के ढ़ाबे में एक बर्थ डे पार्टी की दावत भरवारी निवासी अपने कई मित्रो को दावत दी थी।


जिसमे वहा पर सभी मित्रों ने दावत संग जश्न मनाया था उसी में एक मित्र को कोरोना की शिकायत थी वहां से लौटने के बाद से लोगो मे चर्चा शुरू हुई। जिसकी वजह से भरवारी कोरोना से कोशो दूर था। जांच के उपरांत लखन लाल कॉलोनी के एक युवक को कोरोना पॉजिटिव निकलते ही स्वास्थ विभाग की टीम जिला अस्पताल ले गई जिसके वजह से समूचा मोहल्ला में दहशत व सन्नाटा में तब्दील हो गया। इसकी जानकारी होते ही अधिशासी अधिकारी ग्रीश कुमार ने पूरे मोहल्ले को सेनेटाइजर करवा दिया तथा कोखराज पुलिस ने सभी दुकानों को बंद करते हुए सभी को अपने अपने घरों में रहने को कहा।


रिपोर्ट राजू सक्सेना 


कहां उड़ रही है विकास की चिड़िया

रायपुर। पूर्व सीएम और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, भूपेश सरकार पर हमला बोलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रमन सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ में पता नहीं डेढ़ साल से विकास की चिड़िया कहां उड़ रही है। जिन मुद्दों पर चश्मा और आइना दिखाया गया था, जिसमें सब कुछ दिखता था, वो कहां गया ?


दरअसल भूपेश बघेल ने विपक्ष में रहते हुए 2018 में गुमशुदा विकास की चिड़िया पर तंज कसते हुए आइना दिखाने की कोशिश की थी। एक के बाद एक कई वीडियो जारी कर चश्मा और आइना के जरिए प्रदेश में विकास के दावों को झूठा बताते हुए दिखाया था। उसी ट्वीट को अपने ट्विटर पर ट्वीट कर रमन ने भूपेश को “विकास की चिड़िया” याद दिलाई है। 


रमन सिंह ने ‘न’ शब्द का उपयोग कर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट पर कहा कि न सड़क, न अस्पताल, न स्कूल, न कॉलेज, न रोजगार, न शराबबन्दी, न समर्थन मूल्य, न रोजगार भत्ता, न भर्ती, न बकाया बोनस। इसके जरिए उन्होंने सीएम भूपेश को उनके द्वारा किए गए वादे की याद दिलाई है. जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है।


बता दें कि भूपेश बघेल ने 2 साल पहले किए गए अपने ट्वीट में कहा था कि ‘छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले 15 सालों से विकास की चिड़िया गायब है, अगर आप में से कोई भी इसके बारे में कोई जानकारी हो तो नीचे दिए गए पते पर अवश्य सूचित करें। मेरे एक अभिन्न मित्र को इसकी सख्त आवश्यकता है’। इसमें बघेल ने विकास की चिड़िया को गुमशुदा बताते हुए तलाश करने की बात कही थी।


सीएम का पुतला फूंकने पर मामला दर्ज

चंदन दुबे


अमेठी। प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करने,महंगाई, बेरोजगारी के खिलाफ धरना प्रदर्शन 69000 शिक्षक भर्ती की सीबीआई जांच की मांग कानपुर पुलिस हत्याकांड की आलोचना एवं प्रयागराज हत्याकांड जैसी घटनाओं 04-07-2019 को अमेठी के अंबेडकर तिराहे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला दहन करने के मामले में अमेठी पुलिस प्रशासन ने सपा नेता सूबेदार यादव ,अरविंद यादव, भोला यादव,वकील खान,बृजेश यादव,अशोक यादव ,नंदलाल,आजाद यादव,कुलदीप यादव,राहुल यादव,सूरज सहित 11 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं 147,188,269,506 में मुकदमा पंजीकृत किया।



इस बारे में सपा नेता सूबेदार यादव ने कहा कि सरकार मुकदमा पंजीकृत कर के समाजवादियों की आवाज को दबाने का कार्य कर रही है लेकिन सरकार हमारी आवाज को दबा नहीं पाएगी। इसके लिए हम सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करने को भी तैयार है।                  


दुबे मामले में सरकार असफलः प्रियंका

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर और कानपुर में आठ पुलिस जवानों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को गुरुवार की सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ उसके दो साथी भी गिरफ्तार किए गए हैं। लेकिन विकास की गिरफ्तारी पर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है। सामाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कई सवाल खड़े किए हैं।


प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं। यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगज़ाहिर करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।


समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।


विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया है। विकास दुबे को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वो उज्जैन में महाकाल का दर्शन कर बाहर निकला था। विकास दुबे की तलाश में पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही थीं। बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद विकास ने चिल्ला-चिल्ला कर बाताया कि वो ‘विकास दुबे’ है। इसके बाद मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षा गार्डों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। मध्य प्रदेश पुलिस विकास दुबे को सीधा यूपी पुलिस को सौंपेगी। विकास को कोर्ट में पेश नहीं किया जाएगा। पहले उसे उज्जैन की कोर्ट में पेश किया जाना था। यूपी पुलिस विकास को लेने के लिए मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो चुकी है।


अमेरिकाः 24 घंटे में 61000 संक्रमित

न्यूयॉर्क। अमेरिका में कोरोना संक्रमण ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और ये अब पहले से भी तेजी से फ़ैल रहा है। बुधवार को अमेरिका में संक्रमण के करीब 61 हज़ार मामले सामने आहे जिसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30 लाख से भी ज्यादा हो गयी है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने के मुताबिक, बीते हफ्ते से अमेरिका के 35 राज्यों में नए मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भी कह रहे हैं कि सब कंट्रोल में है और स्कूलों को जल्द से जल्द खोल देना चाहिए।


संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद व्हाइट हाउस देश के स्कूलों को दोबारा खोलने का दबाव डाल रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि स्कूल नहीं खुलने पर उन्हें दी जाने वाली फंडिंग में कटौती की जाएगी। उन्होंने स्कूलों से जुड़े सेंटर फॉर डीसीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के गाइडलाइन्स पर भी सवाल उठाए। वहीं,उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि हम सुरक्षित तरीके से स्कूल दोबारा खोल सकते हैं। जॉन्स हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या तीस लाख के पार चली गई है। वहीं अभी तक एक लाख 31 हज़ार मौतें दर्ज की गई हैं।


टूट रहे सभी रिकॉर्ड लेकिन ट्रंप निश्चिंत


बुधवार के दिन कैलिफ़ोर्निया और टेक्सास में 24 घंटे के अन्दर दस-दस हज़ार से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है। हालांकि मामले लगातार बढ़ने के बावजूद व्हाइट हाउस चाहता है कि स्कूलों समेत कुछ जगहों को खोला जाए। व्हाइट हाउस में कोरोना वायरस टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहे अमरीका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि नियम ‘बहुत ज़्यादा कड़े’ नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले कम हो रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस को लेकर व्हाइट हाउस के सलाहकार और संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फॉसी ने कहा है कि कोरोना वायरस की सिर्फ पहली लहर में ही देश घुटनों पर आ गया है।


बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में पेंस ने महामारी से निपटने के ट्रंप प्रशासन के तरीक़े का बचाव किया और अपना मास्क नीचे करते हुए कहा, ‘हम शोक में डूबे लोगों के साथ हैं। देश भर में हमारे स्वास्थ्य कर्मियों ने असाधारण काम किया है। देश की औसत मृत्यु दर लगातार कम और स्थिर है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका का सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी स्कूल खोलने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करेगा। इससे पहले ट्रंप ने एक्सपर्ट बॉडी की एक योजना की ये कहते हुए आलोचना की थी कि वो “बहुत कड़ी और महंगी है” साथ ही उन्होंने ये धमकी भी दी कि जो स्कूल पतझड़ के मौसम के बाद नहीं खुलेंगे, उनकी फंडिंग रोक दी जाएगी।


सीएम योगी ने अफसरों को दिए आदेश

 नरेश गुप्ता


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को दिए निर्देश।


मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाकर 35 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए।


लखनऊ। रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से भी भारी मात्रा में टेस्ट प्रतिदिन किए जाए। अधिक से अधिक सैम्पल लेने के लिए अतिरिक्त टीमें गठित करते हुए इनके सदस्यों को सैम्पल कलेक्शन का प्रशिक्षण दिया जाए। टेस्टिंग प्रयोगशालाओं के सभी जांच उपकरणों को क्रियाशील रखने के निर्देश। निजी चिकित्सालयों को ट्रूनैट मशीन की स्थापना एवं उसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। कोविड हेल्प डेस्क की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाए। अनलाॅक अवधि में लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकलें।प्रदेश में तीन दिवसीय विशेष स्वच्छता अभियान संचालित करने के निर्देश। यह अभियान आगामी शुक्रवार, शनिवार तथा रविवार को चलाया जाएगा। विशेष स्वच्छता अभियान में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखें।


अस्पतालों में 48 घण्टे का ऑक्सीजन बैकअप अवश्य उपलब्ध रहना चाहिए। पुलिस तथा पी0ए0सी0 कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान एन्टीलार्वा रसायन का छिड़काव किया जाए, फाॅगिंग की भी प्रभावी कार्यवाही की जाए। पानी की टंकियों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। विशेष प्राथमिकता प्रदान करते हुए गांवों में सामुदयिक शौचालय का निर्माण कराया जाए-सीएम योगी।            


सत्यमेव जयते 'संपादकीय'

मधुकर कहिन


व्यक्ति की झूठी कहानी सुनिए


इस देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि 'सत्यमेव जयते' का मतलब क्या है ? 'सत्यमेव जयते' हमारे 'राष्ट्र-चिन्ह' के नीचे लिखे देवनागरी के दो शब्द है। जिसका अर्थ है सत्य ही जीतता है। 'सत्यमेव जयते' नाम से पत्रकारिता में एक नया प्रयोग करने जा रहा हूँ। जिसके तहत हम आप तक ऐसी चीजें पहुंचाएंगे जिनको देखते ही आपको सफेद झूठ और काले सच का सामना करने में तकलीफ नहीं होगी।


'सत्यमेव जयते' को यदि आप सत्य की जीत के उत्सव का अभियान समझ ले तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं है। सो आज 'सत्यमेव जयते' की पहली कड़ी में अपनी आंखों से देखिए अजमेर से जुड़े एक चेहरे का नंगा सच।


 'जय हिन्द'


 नरेश राघानी


भूखों को भोजन 'मोदी' योजना चौपट

मोदी सरकार की भूखों को भोजन कराने की योजना चौपट


दबंग कोटेदार के आतंक से त्रस्त है भूखे गरीब कार्ड धारक 


कौशाम्बी। कोरोनावायरस की महामारी में जहां सरकार एक तरफ हर भूखे गरीब को दो जून रोटी की व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के जरिए कोटेदारों को दे दिया है। वही भ्रष्टाचार में लिप्त अपनी आदत के अनुसार कोटेदार सरकारी गोदामों से गेहूं चावल उठाने के बाद उन्हें गरीबों भूखों के बीच वितरण करने में आनाकानी करते हैं। जिससे गरीबों के सामने पेट भरने की समस्या बनी रहती है।


कोटेदारों से राशन न मिलने पर भूखे गरीब आवाज उठाते हैं तो पुलिस बुलाकर उनके ऊपर पुलिसिया कार्रवाई करने से भी दबंग कोटेदार बाज नहीं आते हैं कोटेदारों का पूर्ति विभाग में इस कदर दबदबा है कि पूर्ति अधिकारी भी कोटेदारों के तमाम गुनाह को नजरअंदाज कर देते हैं। जिससे कोटेदार अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं ।


कोटेदारों के इस कारनामे के चलते केंद्र की मोदी सरकार की भूखों को भोजन कराने की योजना चौपट होती दिख रही है। ऐसा नहीं कि कोटेदार तानाशाही अपने बल बूते पर कर रहे हो पूर्ति विभाग के अधिकारी किसी लालच बस इन्हें गलत तरीके से संरक्षण दे रहे हैं जिससे कोटेदार से अधिक पूर्ति अधिकारी भी दोषी है ताजा मामला सिराथू विकासखंड के जलालपुर टेगाई गांव के कोटेदार से जुड़ा है ।


सिराथू बिकास खण्ड के जलालपुर टेगाई गांव के कोटेदार आरिफ पर राशन कम देने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। राशन ना मिल पाने से जनता में आक्रोश ब्याप्त है गांव की जनता का कहना है कि राशन ना मिलने पर जब बोला जाता है। तो पुलिस को बुलाकर कोटेदार मारपीट करवा देते है अभी पुलिस बुलाकर कार्ड धारक राधेश्याम साहू को मरवाया गया है। इस सम्बंध में रेनू दिवेदी सप्लाई इंसपेक्टर सिराथू से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नही हो सकी।


रामप्रसाद गुप्ता 


प्रदेश में लॉकडाउन लागू करने की मांग

कोरोना मरीज़ो की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन लगाए प्रदेश सरकार


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। कोरोना मरीज़ों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने खौफ के साए मे जी रहे प्रदेशवासियों की परेशानी को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने की मांग प्रदेश सरकार से की। समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश सचिव मो०शारिक़ ने कहा जब लॉकडाउन लगाने की ज़रुरत नहीं थी तब लॉकडाउन लगाकर लोगों की कमर तोड़ दी गई और जब ज़रुरत है की लॉकडाउन होना चाहिये तो केन्द्र व प्रदेश सरकार खामोश रहकर लोगों को दहशत में रखने का काम कर रही है।
     अल्पसंख्यक सभा के निर्वतमान महानगर अध्यक्ष शाहिद प्रधान ने बढ़ते कोरोना संकट से लोगों को उबारने के लिए प्रदेश सरकार से यह मांग की के प्रदेश सरकार फिर से लॉकडाउन लगाने की घोषणा करे।
मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सैफ फरीदी ने आम जनमानस की आवाज़ को उठाते हुए कहा की लोग आए दिन शहर के इलाकों को सील्ड करने से ऐसे ही घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं और लोगों का यही कहना है की अब ज़रुरत है की लॉकडाउन लगाया जाए।  
     छात्र सभा के निर्वतमान कार्यवाहक महानगर अध्यक्ष आक़िब जावेद ने छात्रों का मुद्दा उठाते हुए कहा की छात्रों को कोरोना का डर समाया हुआ है।पठन पाठन ठप है।ज़यादातर छात्र अपने घरों को लौट चूके हैं कोरोना वॉयरस की स्थिती भयावह हो चूकी है ऐसे हम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश सरकार से मांग करते हैं की लॉकडाउन फिर से लगाया जाए।
महानगर मीडिया प्रभारी सै०मो०अस्करी ने कहा की इस वक़्त देश के हालात बहुत बुरे हैं ।देश में कोरोना मरीज़ों की संख्या ७ लाख के पार हो चुकी है वहीं उत्तर प्रदेश के आंकड़े भी भयावह स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं।प्रयागराज शहर का ज़्यादातर इलाक़ा कोरोना मरीज़ों के बढ़ते प्रभाव से ग्रस्त होने के कारण सील्ड किया गया है।व्यापार पुरी तरहा से ठप पड़ा है।ऐसे में लॉकडाउन लगाना नितांत आवश्यक है।ऐसे में समाजवादी पार्टी चाहती है की प्रदेश सरकार दहशत में दिन रात गुज़ार रहे लोगों को राहत देते हुए एक बार लॉकडाउन फिर से लगाए।सिविल लाईन्स कैम्प कार्यालय पर बैठक में समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा,मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड, छात्र सभा के पदाधिकारीयों के साथ सिविल लाईन्स के तमाम व्यापारीयों ने भी मांग का समर्थन करते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन लगाए जाने की समाजवादी पार्टी की मांग का पूर्ण समर्थन व्यक्त किया।सभी ने बैठक में भाग लेते हुए प्रदेश में लॉकडाउन लगाने की प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की।बैठक में मो०शारिक़,शाहिद प्रधान,सैफ फरीदी,सै०मो०अस्करी,आक़िब जावेद खान,डा०सरताज आलम,नसीरउद्दीन राईन,मो०अज़हर,साहब खान,युसूफ बेग,अली हैदर,सूफी हसन,आमिर हैदर,निराले,सौरभ शर्मा,प्रिन्स कुमार गोलू,मनोज वर्मा,रामबाबू जायसवाल,शुभम गुप्ता,आशीष यादव,रमीज़ अहसन,शहनवाज़ अहमद,मो०हमज़ा,अब्दुल अहद,शुभम श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।


भाजपा नेता सहित पिता-भाई की हत्या

श्रीनगर। शेख वसीम बारी नामक एक भाजपा नेता सहित उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकवादियों ने उनके पिता और भाई को गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा में भारी चूक के चलते आंतकवादि उनके पिता और भाई पर गोलियां चला पाने में कामयाब हुए , जिसके बाद जम्मू-कश्मीर प्राधिकारियों ने नेता की सुरक्षा में कथित लापरवाही के मामले में सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस ने बताया कि आतंकियों ने साइलेंसर लगी रिवॉल्वर से गोली मारी। जिस जगह इस वारदात को अंजाम दिया गया वो जगह मुख्य थाने से महज 10 मीटर दूर है।हाल ही में हुई हत्याएं सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं। जब नेता ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर आम आदमी का क्या होगा।                     


अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए

अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए  सरस्वती उपाध्याय  हर साल कार्तिक मास की शुक्ल-पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पर्व की शुरुआत ह...