नई दिल्ली/ थिंपू। पड़ोसी देशों से चल रहे तनाव के बीच भूटान ने भारत को राहत भरी खबर दी है। असम में भूटान की तरफ से नदियों का पानी रोके जाने की खबरों को खारिज करते हुए भूटान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत को आश्वस्त किया है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से स्पष्टीकरण दिया है। इसमें कहा गया है, “ये परेशान करने वाला आरोप है और विदेश मंत्रालय स्पष्ट करना चाहेगा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। इस मुश्किल वक्त में पानी रोकने की कोई वजह ही नहीं है। भूटान और असम के दोस्तों के बीच गलतफहमी पैदा करने के लिए ऐसी सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।
भूटान सरकार ने कहा, असम के बक्शा और उदलगिरी जिले कई सालों से भूटान के पानी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं और जब हम कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं और एक मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं तो भी ये सहयोग जारी रहेगा।भूटान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी में लागू प्रतिबंधों की वजह से असम के किसान भूटान में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं जिससे उन्हें सिंचाई के लिए पानी लाने में दिक्कतें हो रही हैं. हालांकि, असम के किसानों की मुश्किलों को समझते हुए समद्रूप जोंगखार जिले के अधिकारियों और लोगों ने सिंचाई चैनलों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है ताकि असम की तरफ पानी के बहाव में कोई समस्या ना हो।असम के चीफ सेक्रटरी कुमार संजय कृष्ण ने एएनआई से बताया, सिंचाई का पानी भूटान की पहाड़ियों से बहते हुए असम में आता है लेकिन रास्ते में कुछ पत्थरों की वजह से बहाव रुक गया था। हमने भूटान से बातचीत की और तुरंत रास्ता क्लियर कराया। इसे लेकर कोई विवाद नहीं है और ये कहना गलत है कि भूटान ने असम की तरफ आने वाला पानी रोक दिया। इसी सप्ताह, असम के कई ग्रामीणों ने सिंचाई के लिए जल-आपूर्ति बाधित होने को लेकर भूटान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि जल्द से जल्द भूटान सरकार के साथ बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाया जाए।