लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को नियमित रूप से अस्पतालों का भ्रमण करने तथा उनके द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। योगी ने मंगलवार को यहां लोक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की की समीक्षा की।
उन्होंने कोविड-19 के संक्रमण के मद्देजनर राज्य के एनसीआर क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि दिल्ली से बड़े पैमाने पर होने वाले आवागमन को देखते हुए संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। मेरठ मण्डल के सभी जिलों के कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या दोगुनी की जाए।
योगी ने कहा कि इन जिलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था आउटसोर्सिंग के माध्यम से करते हुए ट्रेनिंग के पश्चात इनकी सेवाएं प्राप्त की जाय। उन्होंने कहा कि इन जिलों के नोडल अधिकारियों से संवाद बनाकर उनसे प्राप्त फीडबैक के क्रम में आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
संक्रमित लक्षणहीन मरीज को घर पर रहने की अनुमति नही
कोरोना वायरस से संक्रमित लक्षणहीन मरीज को घर में रहने की अनुमति नही दी जा सकती है। योगी ने मंगलवार को यहां लोकभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को प्रत्येक दशा में रोका जाना है।
कोविड-19 संक्रमित लक्षणहीन व्यक्ति को घर में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे संक्रमण के प्रसार की आशंका बनी रहती है। उन्होेंने कहा कि राज्य के कोविड अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड उपलब्ध है। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कोविड-19 संक्रमित लक्षणरहित व्यक्ति को कोविड चिकित्सालय में रखते हुए उसकी निरन्तर माॅनिटरिंग आवश्यक है।
सभी जिलों में उपलब्ध वेंटीलेटरों को कार्यशील रखा जाय। सभी निगरानी समितियों को सक्रिय बनाए रखा जाय। योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं तथा आवश्यक ऑपरेशन 20 अप्रैल के बाद प्रारम्भ कर दिए हैं। जो चिकित्सालय स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल के अनुरूप पीपीई किट समेत सभी सावधानियों का पालन करते हुए चिकित्सा सुविधा प्रदान करना चाहते हैं, उन्हें जिले स्तर पर अनुमति दी जाय।