मंगलवार, 16 जून 2020
दहशतः हमीरपुर में मिलें 7 संक्रमित
निधि के दुरुपयोग की बडी संभावना
तालाब में दो शव मिलने से फैली सनसनी
कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के सरसौल में मंगलवार को समाधि बाबा मंदिर के पास निर्माणाधीन तालाब में दो शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
ग्राम सभा महाराजपुर में समाधि बाबा मंदिर के पास निर्माणाधीन तालाब में बद्री कुशवाहा पुत्र स्वर्गीय घसीटे निवासी तथा शिव प्यारी कुशवाहा पत्नी बद्री प्रसाद कुशवाहा निवासी सलेमपुर के शव बरामद हुए हैं। मौके पर आए उनके बेटे प्रेम कुशवाह ने बताया कि दोनों लोग अपनी पुत्री गुड्डन कुशवाह पत्नी मंगली कुशवाह के यहां काफी समय से रह रहे थे। 15 दिन पूर्व बेटी ने दोनों लोगों को घर से निकाल दिया। जिसकी वजह से दोनों लोग काफी डिप्रेशन में थे। कहा कि उसके माता-पिता उससे कई बार आत्महत्या करने की बात कह चुके थे। मौके पर पहुंच पुलिस घटना की छानबीन कर रही है।
रेस्क्यू कर नदी से निकले चारो शव
छतरपुर। नदी में डूबने से चार बच्चों की मौत के मामले में पुलिस एवं प्रशासन द्वारा चलाया गया रेस्क्यू मिशन खत्म हो गया। चारो बच्चों के शव नदी से बाहर निकाल लिए गए हैं। देर रात होने के कारण सुबह फिर से रेस्क्यू चलाना शरू किया गया।
बंसिया थाना क्षेत्र के नेहरा गांव की घटना है, जहां केन नदी में चार बच्चों की लाश मिली है। जानकारी के मुताबिक चारो बच्चे मछली पकड़ने गए थे। इस दौरान डूबने के कारण उनकी मौत हो गई। मृतक बच्चों की उम्र 12 से 15 साल बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि एक-दूसरे को बचाने की कोशिश में चारो बच्चों की जान चली गई। बच्चों की मौत के बाद शोक का माहौल है।
आतंकीयो से मुठभेड़, तीन आतंकी मारे
श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के तलाश अभियान के बाद मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर हो गए। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने यूनीवार्ता को बताया कि शोपियां के तुर्कावंगाम में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने संयुक्त रुप से मंगलवार तड़के तलाशी अभियान चलाया।
उन्होंने हालांकि कहा कि जब सुरक्षा बल के जवान उस क्षेत्र में गए जहां आतंकवादी छिपे थे उस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरु कर दी। उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों ने हमले का जवाब दिया और मुठभेड़ शुरु हुई जिसमें तीन आतंकवादी ढेर हो गए।” कर्नल कालिया ने कहा कि मुठभेड़ की जगह से दो एके-47 और एक आईएनएसएएस बरामद की गयी है। उन्होंने कहा, “अभियान अभी भी चालू है।”
दोहरे मापदंड से सवालों के घेरे में प्रशासन
बस्ती जिला प्रसाशन का दोहरा मापदंड सवालों के घेरे में बस्ती जिला प्रसाशन।।
गलती पर गलती किये जाओ कौन पूछेगा ??वाली कवायत पर अमल कर रहा जिला प्रसाशन।।
बस्ती। पहली जून को श्री कृष्णा मिशन में इलाज के दौरान मृत महिला की रिपोर्ट दो दिन बाद पाजिटिव आई, उसके दो बेटों की भी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई और उन्हे रूधौली स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय एल 1 अस्पताल में एडमिट किया गया है। महिला का नाम रचना श्रीवास्तव ‘रूचि’ बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो वह कांशीराम कालोनी में रहती थी और मड़वानगर में भी उसका मकान था।
हैरान करने वाली खबर ये है कि बगैर रिपोर्ट आये उसकी डेड बॉडी को बगैर किसी के प्रोटाकल के अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को सुपुर्द कर दिया, अंतिम संस्कार भी मनमाने तरीके से हुआ। मोहल्ले के लोग और महिला के करीबी इसमे शामिल हुये। ऐसा क्यों हुआ इसका जवाब न तो अस्पताल प्रबंधन के पास है और न ही स्वास्थ्य महकमे के आला अफसरों के पास। महिला की रिपोर्ट आने के बाद न तो अस्पताल की सील किया गया और न ही डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरेनटीन किये गये। बिलकुल उसी अव्वल दर्ते की लापरवाही सामने आ ही है जैसे जनपद के पहले कोरोना पाजिटिव हसनैन के मामले में आई थी। अस्पताल प्रबंधन की ऊंची रसूख और आर्थिक सम्पन्नता के आगे सारे नियम कानून बौने साबित हो गये। इस प्रकरण में प्रभारी सीएमओ डा. फकरेयार हुसेन ने बताया कि अस्पताल को 24 घण्टे में दो बार सेनेटाइज करने को बोला गया था। महिला के परिजनों को प्राटोकाल की जानकारी दे दी गयी थी। जबकि मृत महिला और उसके दोनो बेटों की कान्ट्रैक्ट ट्रेसिंग भी कम्प्लीट नही हुई। स्थानीय प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी तक श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल को बचाने में क्यों इतने रूचि ले रहे हैं समझ से परे है लेकिन रसूखदार के लिये प्रशासन द्वारा अलग मापदण्ड अपनाया जाना चर्चा में है। अस्पताल सूत्र से जानकारी ली गयी तो पता चला कि महिला की मौत एम्बुलेंस के अंदर ही हो गयी थी।
उस वक्त स्वास्थ्य महकमे के लोग भी आये थे। जबकि प्रभारी सीएमओ ने स्वीकार किया कि महिला श्री कृष्णा मिशन अस्पताल में एडमिट की गयी थी। उन्होने बताया कि वह कोरोना संदिग्ध पाये जाने पर ओपेक अस्पताल कैली में एडमिट की गयी थी। यहां से स्थिति गंभीर होने पर बीआरडी मेडिकल कालेज रिफर किया गया लेकिन परिजन वहां ने ले जाकर उसे श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल ले गये जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी और दो दिन बाद रिपोर्ट पाजिटिव आ गयी। लेकिन इसके बाद स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्स महकमे और अस्पताल प्रबंधन को जो प्रोटोकाल के तहत जो कुछ करना चाहिये थे कुछ भी नही किया गया। जबकि भानपुर में इलाज कराने पहुंचे मजदूर की मौत बरामदे में हो गयी और अस्पताल सील कर दिया गया था। श्रीकृष्णा मिशन अस्पताल के साथ दोहरे मापदण्ड क्यों अपनाये जा रहे हैं ? यह सवाल लाजिमी है।
रिपोर्ट ::राहिल खान
पति के बाद, पत्नी को दिए सब अधिकार
इलाहाबाद। हाई कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले में मानवीय चेहरा उजागर हुआ है। कोर्ट ने कोई कानून न होने के बावजूद पत्नी को पति का संरक्षक नियुक्त कर दिया है। पति करीब डेढ़ साल से कोमा में है, उनका इलाज कराने के लिए पत्नी कर्ज ले रही है। स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर पत्नी ने पति के बैंक खातों के संचालन व उनकी संपत्ति बेचने का अधिकार मांगनेके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने उनकी फरियाद सुनी, लेकिन उसके अनुरूप कोई कानून नहीं मिला। इस पर अनुच्छेद 226 के अंतर्निहित अधिकारों का प्रयोग करके याची को बड़ी राहत दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति एसएस शमशेरी की खंडपीठ ने प्रयागराज की उमा मित्तल व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि याची बिना महानिबंधक की पूर्व अनुमति के अचल संपत्ति नहीं बेच सकेगी, लेकिन मकान खाली कराने या किराये पर उठाने की खुली छूट रहेगी। कोर्ट ने कहा कि वह पति की संपत्ति से इलाज कराने के अलावा अपनी दो बेटियों की शादी का खर्च भी कर सकेंगी। उसे पति की तरफसे निर्णय लेने व हस्ताक्षर करने का अधिकार होगा।हाई कोर्ट ने अपने मार्मिक फैसले में कहा कि परिवार का पालन करने वाला डेढ़ साल से कोमा में है। पत्नी रिश्तेदारों व मित्रों से उधार लेकर पति का इलाज करा रही। पति के बैंक में पैसे व संपत्ति होने के बावजूद पत्नी कानूनी अड़चन के चलते उनका उपयोग नहीं कर पा रही है। उसने बैंक खाते के संचालन व संपत्ति बेचने के अधिकार के लिए कोर्ट की शरण ली है। याची की एक शादीशुदा सहित तीनों बेटियों व बेटे ने भी मां को पिता का संरक्षक नियुक्त करने की मांग की है।केंद्र सरकार को कानून बनाने की संस्तुति की : हाई कोर्ट ने कहा कि नाबालिग व अक्षम लोगों का संरक्षक नियुक्त करने का कानून है, लेकिन लंबे समय तककोमा में पड़े मरीज का संरक्षक नियुक्त करने का कोई कानून नहीं है, इसलिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संबंध में कानून बनाने की संस्तुति भी की है।हर छह माह में देनी होगी रिपोर्ट : हाई कोर्ट ने सीएमओ प्रयागराज के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम की मेडिकल रिपोर्ट देखी। इसमें कोमा की स्थिति की पुष्टि की गई है। कोर्ट ने कहा कि जब तक याची के पति स्वयं कार्य करने लायक नहीं होते, तब तक वह संरक्षक का दायित्व पूरा करेगी। हर छह माह पर मेडिकल की स्थिति व पति की संपत्ति के विनियमन की रिपोर्ट महानिबंधक को करती रहेगी।प्रयागराज जिला के सिविल लाइंस निवासी सुनील कुमार मित्तल 22 दिसंबर,2018 को अपने घर के बाथरूम में फिसलकर गिर गए। सिर पर चोट लगने के कारण वह बेहोश हो गए। इसके बाद उन्हें होश नहीं आया। याची अपने पति का पहले प्रयागराज में इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा न होने पर उन्हें लखनऊ व दिल्ली लेकर गई। वहां दिमाग का ऑपरेशन करके डॉक्टरों ने वापस घर भेज दिया। क्लाइव रोड, सिविल लाइंस स्थित याची के घर में ही आईसीयू जैसी व्यवस्था करके इलाज हो रहा है। डॉक्टरों ने जीवनभर इलाज चलाने को कहा है। मित्तल की इलाहाबाद शहर में करोड़ों की संपत्ति व व्यापार है। उसके अधिकार की मांग के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
हालात मुख्यमंत्री के नियंत्रण से बाहर
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में हालात मुख्यमंत्री के नियंत्रण से बाहर हो चले हैं। पुलिस तंत्र में अराजकता जैसी स्थिति बन रही है तो सचिवालय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। किसान और छोटे कारीगर परेशानी से उबर नहीं पा रहे हैं। कोरोना केकेस बढ़ते जा रहे हैं। भाजपा राज में अब हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे हैं ऐसे में मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़कर प्रस्थान कर जाना चाहिए।यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा के जंगलराज में पुलिस थाने अराजकता, हिरासत में मौत और बर्बर पिटाई के अड्डे बन गए हैं। पुलिस थाने के अंदर ही एक दूसरे पर हमले की वारदात होना पुलिस व्यवस्था पर सवालिया निशान है। अमरोहा का ढोलक कारोबार चौपट हो गया है। कारीगरों का काम सुचारु रूप से न चलने से उनके घर खर्च चलना मुश्किल हो गया है। उनकों आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्रीएक जिला एक उद्योग की ढोल तो खूब पीटते हैं परंतु जहां ढोलक से ही सैकड़ों लोगों की आजीविका चलती है उधर उनका ध्यान नहीं जाता है।अखिलेश यादव ने कहा कि महिला सशक्तीकरण पर सिर्फ भाषणबाजी करने वाले मुख्यमंत्री महत्वाकांक्षी 181 महिला हेल्पलाइन तक नहीं चला सके, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां की सैकड़ों महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं। आशा ज्योति केंद्रों में एक साल का वेतन बकाया है। सबसे बड़ा घोटाला तो शिक्षक भर्ती का है। 69 हजार शिक्षक भर्ती का मास्टरमाइंड भाजपा से जुड़ा बताया जाता है। बेसिक शिक्षा में अनामिका और प्रियंका जैसी कितनी ही फर्जी शिक्षिकाओं की भर्ती है। सचिवालय के अंदर बड़े चेहरे और बड़े अफसर भी नौकरियां और बड़े ठेके दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने का धंधा चला रहे हैं। भाजपा मंत्रियों के स्टाफ के लोगों के इस खेल में संलिप्त रहने की पहले भी सूचनाएं थीं। सचिवालय के अंदर एक फर्जी कार्यालय भी खुल गया और सरकार को खबर नहीं हुई।
मुठभेड़ के बाद 33 लाख की चरस पकड़ी
बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच में सोमवार को सघन वाहन चेकिंग के दौरान बदमाशों व पुलिस में मुठभेड हो गई। बदमाशों ने पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की। बचाव कर पुलिसकर्मियों ने घेराबंदी कर दोनों बदमाशों को दबोच लिया। पकड़े गए बदमाशों के पास से तमंचा, कारतूस के अलावा 33 लाख की चरस भी बरामद किया गया। पकड़े गए बदमाशों पर हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट व अन्य गंभीर धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्जकर जेल भेज दिया। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के झिंगहाघाट के पास का है। एसपी विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि सूचना मिली थी की कुछ बदमाश नेपाली चरस के साथ बहराइच शहर में प्रवेश करने की फिराक में है। सूचना को गंभीरता से लेकर नगर कोतवाल आरपी यादव को बदमाशों को पकड़ने के निर्देश दिए गए थे। कोतवाल ने एसआई शेषनाथ यादव, आरक्षी योगेंद्र यादव व मुनीश कुमार के साथ झिंगहा घाट के पास सघन चेकिंग अभियान चलाया। कुछ देर बाद दो संदिग्ध व्यक्ति थैला लेकर नानपारा की ओर से आते दिखाई पड़े। पुलिस के रोकने पर भागने लगे, पुलिसकर्मियों ने जब उनकी घेराबंदी करनी चाही तो एक बदमाश ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मियोंने अपनी जान बचाते हुए दोनो को दबोच लिया। पकड़े गए बदमाश के पास से 33 लाख रूपये की नेपाली चरस, एक तमंचा, दो जिंदा कारतूस, खोखे व एक चाकू बरामद किया गया। पकड़ा गया बदमाश जाकिर उर्फ छैला पुत्र मुहम्द उमर निवासी चांदपुरा कोतवाली नगर व मुनीम आलम पुत्र फिरोज आलम निवासी सलारगंज थाना दरगाह शरीफ का रहने वाला है
44 नए संक्रमित, 16 ठीक हुए, 1 की मौत
- सोमवार को 44 नये पॉजीटिव मरीज मिले, 16 डिस्चार्ज और 01 की मौत हुई
- अब तक 831 मरीज स्वस्थ हो चुके है एवं 09 की मौत
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों का आकड़ा अब 1700 के पार पहुंच चुका है। अब तक राज्य में कोरोना से कुल 1715 लोग संक्रमित हुए है, जिनमें 831 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है, वहीं अब तक 09 की मौत हुई है। वर्तमान में 875 सक्रिय मरीजों का इलाज जारी है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 15 जून को शाम में जारी किया गया बुलेटिन के अनुसार राज्य में अब तक कोरोना वायरस के कुल 107172 संभावित लोगों का सैंपल लेकर जांच किया गया है, जिनमें 1715 लोग संक्रमित पाये गये। इनमें अब तक कुल 831 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी कर दिए गए है, हालांकि अब तक कुल 09 लोगों की जानें भी जा चुकी है।
राज्य में कल भर्ती मरीजों में 16 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है, जबकि 44 नये संक्रमित मरीज भी मिले है। जिसके बाद राज्य में वर्तमान में सक्रिय मरीजों की संख्या 875 हो गई है। कल मिले 44 मरीजों में जिला कोरबा से 16, बिलासपुर व रायपुर से 07-07, मुंगेली से 04, बलौदाबाजार से 03, बलरामपुर, दुर्ग व कोण्डागांव से 02-02 एवं 01 कोरिया जिला में मिला है। इसके अलावा रायपुर में संचालित एसआर निजी लैब से एक संक्रमित मरीज की पहचान की गई है। वहीं कल कोरोना संक्रमित धमतरी निवासी 01 मरीज की मृत्यु हुई है। मृतक पूर्व से ही किडनी की बीमारी से पीडि़त एवं डायलिसिस में था।
एमपीः सक्रिय संक्रमितो की संख्या-2666
भोपाल।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण में प्रदेश की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब प्रदेश पूरे देश में आठवें स्थान पर आ गया है। प्रदेश के सभी कोरोना पैरामीटर्स में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एक्टिव प्रकरणों में एक दिन में 151 की कमी आई है तथा 300 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं। अब हमारे एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2666 है। हमारी डबलिंग रेट बढ़कर 34.1 दिन तथा रिकवरी रेट 71.1 प्रतिशत हो गई है। यह प्रदेश के लिए बहुत अच्छे संकेत हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।
रिकवरी रेट में मध्यप्रदेश भारत में दूसरे स्थान पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रिकवरी रेट में मध्यप्रदेश भारत में दूसरे स्थान पर है। म.प्र. की रिकवरी रेट 71.1 प्रतिशत हो गई है, जबकि भारत की 50.6 प्रतिशत है। राजस्थान की सर्वाधिक 75.3 प्रतिशत है। गुजरात की 68.9, उत्तरप्रदेश की 60 तथा तमिलनाडु की 54.8 प्रतिशत है।
कोरोना संक्रमण में म.प्र. अब आठवें स्थान पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कोरोना संबंधी पैरामीटर्स में सुधार के बाद कोरोना संक्रमण में मध्यप्रदेश भारत में अब 8वें स्थान पर आ गया है। म.प्र. में 10641 कोरोना पॉजिटिव प्रकरण है। सर्वाधिक कोरोना प्रकरण महाराष्ट्र में 1,04,568, इसके बाद तमिलनाडु में 42,687, दिल्ली में 38,958, गुजरात में 23,038, उत्तरप्रदेश में 13,118, राजस्थान में 12,401 तथा पश्चिम बंगाल में 10,698 कोरोना पॉजीटिव प्रकरण हैं।
म.प्र. की डबलिंग रेट भारत में सबसे कम
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पूरे देश में मध्यप्रदेश में सबसे धीमी गति है। हमारी डबलिंग रेट 34.1 दिन है, जबकि भारत की 18.4 दिन है। गुजरात की 30.2 दिन, राजस्थान की 26.7 दिन, महाराष्ट्र की 21 दिन तथा उत्तरप्रदेश की 18.6 दिन है।
प्रभारी अधिकारी रोज मॉनीटरिंग करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की मॉनीटरिंग के लिए जिलेवार वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। वे रोज सुबह उठते ही तथा रात में सोने से पहले अपने जिले में कोरोना की स्थिति की मानीटरिंग करें, संबंधित कलेक्टर्स को मार्गदर्शन दें तथा इसकी रिपोर्ट दें।
कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करना है
बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करना है। इसके लिए सभी कोविड अस्पतालों में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाए तथा हर मरीज पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जनता को जागरूक करना आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद अब जनजीवन सामान्य हो रहा है। अत: लोगों को जागरूक करना आवश्यक है कि वे सभी आवश्यक सावधानियां बरतें। मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना, इधर-उधर नहीं थूकना, बार बार साबुन से हाथ धोना, सैनेटाईजर का उपयोग आदि सभी आवश्यक है। जागरूकता फैलाने के लिए जनसहयोग लिया जाए।
प्रदेश के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में अब भोपाल नहीं
एसीएस हेल्थ श्री मो. सुलेमान ने बताया कि भारत के सर्वाधिक संक्रमित 15 शहरों में प्रदेश का इंदौर शहर सातवें स्थान पर है। इस सूची में पूर्व में भोपाल भी शामिल था परंतु अब भोपाल इनमें नहीं है।
भारत-चीन के रिश्ते में खटास ठीक नहीं
बीजिंग। लद्दाख को लेकर भारत और चीन के बीच कई दिनों से विवाद जारी है। चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। चीनी अखबार ने लिखा है कि कुछ भारतीय विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि वन चाइना प्रिंसिपल पर भारत को एक बार फिर से सोचना चाहिए। इनमें भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अरविंद गुप्ता भी शामिल हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, उन्होंने भारत को आइडिया दिया है कि भारत को हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र, ताइवान के साथ इकॉनमिक और टेक्नोलॉजिटिकल रिलेशन और तिब्बत के लोगों के साथ तब विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। जब चीनी नेता भारत दौरे पर आएं। भारतीय विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में शामिल होने से इनकार किया जाए। जब तक हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान को सदस्य नहीं बनाया जाता है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि क्या भारतीय विशेषज्ञों को लगता है कि उन्होंने ऐसी नीतियों की खोज की है जो नई दिल्ली से चीन का मुकाबला कराने के लिए उपयोग कर सकते हैं? क्या उन्हें लगता है कि उन्हें चीन को हराने की कमजोर नस मिल गई है। ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि इन विशेषज्ञों के पास रणनीतिक दृष्टि की कमी है। उदाहरण के लिए, एक-चीन सिद्धांत व्यापक रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार किया जाता है और यह पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए भी शर्त है।
चीनी अखबार का दावा है कि कुछ भारतीय विशेषज्ञ और मीडिया आउटलेट इसे तोड़ना चाहते हैं। ये लोग वास्तव में चीन की बॉटम लाइन को चुनौती देकर भारत को आग से खेलने का सुझाव दे रहे हैं। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि उन्होंने क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने के लिए चीन के संकल्प को भी कम करके आंका है। वे चीन के मूल हितों को खतरे में डालना चाहते हैं, लेकिन उनके भ्रमपूर्ण विचारों से भारत सरकार के एक-चीन सिद्धांत की स्वीकार्यता को प्रभावित करने की संभावना नहीं है।
ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि भारत ने एक-चीन सिद्धांत को 1950 की शुरुआत में मान्यता दी जब दोनों देशों ने राजनयिक संबंध स्थापित किए. चीन को भड़काने के लिए एक-चीन के सिद्धांत को चुनौती देना ठीक नहीं होगा, बल्कि केवल भारत के हितों के लिए हानिकारक होगा. भारत सरकार से ऐसी नकारात्मक भावना को चीन-भारत संबंधों में खटास नहीं आने देनी चाहिए जिससे दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ जाएं.
चीनी अखबार ने लिखा है कि कुछ देशों की सरकारें चीन के मूल हितों पर चीन को उकसाती थीं, जिनमें ताइवान और तिब्बत पर सवाल शामिल हैं. लेकिन, अंत में, वे सरकारें चीन के दृढ़ रुख को समझेंगी कि वह क्षेत्रीय अखंडता के मूल हित के विरुद्ध कुछ नहीं करेगा. चीन के पास अपने मूल हितों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इच्छाशक्ति और क्षमता है. कुछ भारतीय विद्वानों को इसकी बेहतर समझ होनी चाहिए.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत खुद भी अलगाववादी ताकतों से परेशान है. वास्तव में, कई विकासशील देश अलगाववाद से निपटने की चुनौती का सामना कर रहे हैं. भारतीय रणनीतिक विशेषज्ञों को दूसरे देशों में अलगाववाद को उकसाने की बजाय इसकी गहरी समझ होनी चाहिए. चीन के उदय के साथ, चीन के बारे में कुछ भारतीय विशेषज्ञों का संदेह भी बढ़ रहा है. आपसी समझ को गहरा करने के लिए उन्हें चीनी विशेषज्ञों के साथ स्पष्ट बातचीत करने की आवश्यकता है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
जून 17, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-309 (साल-01)
2. बुधवार, जूूून 17, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी संवत 2077।
4. सूर्योदय प्रातः 05:36,सूर्यास्त 07:28।
5. न्यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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सोमवार, 15 जून 2020
डीएम ने गेहूं क्रय केंद्र का किया निरीक्षण
नेपाल-भारत से रोटी-बेटी का रिश्ता
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल के विवादित नक्शे के कारण दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुए मतभेद के बीच अहम बयान दिया है। उन्होंने भारत और नेपाल के संबंधों को ‘रोटी-बेटी’ का रिश्ता बताते हुए कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीयों के मन में कभी भी नेपाल को लेकर किसी भी प्रकार की कटुता पैदा हो ही नहीं सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उत्तराखंड की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे साथ नेपाल का गहरा संबंध है। हम मिल बैठकर इन सब समस्याओं का समाधान करेंगे।”रक्षा मंत्री ने गोरखा रेजिमेंट की बहादुरी की चर्चा करते हुए कहा कि रेजीमेंट ने समय-समय पर अपने शौर्य का परिचय दिया है। रेजिमेंट का उद्घोष है कि ‘जय महाकाली आयो री गोरखाली’। महाकाली तो कलकत्ता, कामाख्या और विंध्यांचल में विद्यमान हैं। तो कैसे भारत और नेपाल का रिश्ता टूट सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल में सड़क को लेकर कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं। नेपाल के साथ हमारे केवल सामाजिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रिश्ते भी हैं। मगर सभी गलतफहमियां साथ बैठकर सुलझा ली जाएंगी।
राजनाथ सिंह ने मानसरोवर यात्रा की मुश्किलें कम होने की भी चर्चा की। कहा कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड का निर्माण किया, जिससे मानसरोवर जाने के लिए एक नया रास्ता खुल गया। पहले यात्रा के मुकाबले अब 6 दिन कम समय में मानसरोवर की यात्रा होगी। उन्होंने उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का गुणगान करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भी राज्य सरकार ने जीरो टॉरलेंस की नीति अपनाई है। गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया है। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की दुनिया में प्रतिष्ठा बढ़ने की बात कही।
उन्होंने कहा, “पिछले छह वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में हमारे देश ने बहुत प्रगति की है। अंतरराष्ट्रीय जगत में भी भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के छह वर्ष पूरे हुए हैं। पांच वर्षों में लगातार जनता के बीच सरकार के कामों का रिपोर्ट कार्ड लेकर गए। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरे होने पर हम जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं।”
पदार्थ की पांचवी अवस्था के मिले प्रमाण
मदन साहू
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों को पहली बार अंतरिक्ष में पदार्थ की पांचवी अवस्था के सबूत मिले हैं। उनका मानना है कि इसके जरिए ब्रह्मांड की गुत्थियों को सुलझाया जा सकता है और इसकी उत्पत्ति का भी पता लगाया जा सकता है। भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस और अल्बर्ट आइंस्टीन ने पदार्थ की इस अवस्था के बारे में 100 साल पहले 1920 में बताया था। इसलिए इसे बोस-आइंस्टाइन कंडेनसेट्स (बीईसी) भी कहते हैं। यह प्रयोग अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में किया गया है।
● जाने कब बनती है पदार्थ की पांचवीं अवस्था।
पदार्थ की यह अवस्था तब बनती है, जब किसी तत्व के परमाणुओं को परम शून्य ( जीरो डिग्री केल्विन या माइनस 273.15 डिग्री सेल्सियस) तक ठंडा किया जाता है। इसके चलते उस तत्व के सारे परमाणु मिलकर एक हो जाते हैं यानी सुपर एटम बनता है। इसे ही पदार्थ की पांचवी अवस्था कहते है। किसी भी पदार्थ में उसके परमाणु अलग-अलग गति करते हैं, लेकिन पदार्थ की पांचवी अवस्था में एक ही बड़ा परमाणु होता है और इसमें तरंगे उठती हैं।
● बीईसी का धरती पर अध्ययन है असंभव।
वैज्ञानिकों ने बताया कि बीईसी बेहद संवेदनशील है। अगर उसकी अवस्था से थोड़ी भी छेड़छाड़ की जाती है तो वे गर्म हो सकते हैं, क्योंकि वे हमेशा परम शून्य तापमान पर होते हैं। थोड़ा सा भी गर्म होने पर पदार्थ की पांचवीं अवस्था खत्म हो जाएगी। इस वजह से पृथ्वी पर इनका अध्ययन लगभग असंभव है।
● बीईसी में अंतरिक्ष की रहस्यमयी डार्क एनर्जी के बारे में जानकारी छुपी हुई है वैज्ञानिकों का ये है मानना...
वैज्ञानिक ब्रह्मांड के फैलाव के पीछे इस डार्क एनर्जी को ही मानते हैं। इस रिसर्च को नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
● इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर किया गया प्रयोग।
वैज्ञानिकों ने बताया कि आईएसएस में पदार्थ का पांचवीं अवस्था बनाना कोई आसान काम नहीं था। पहले बोसोन (ऐसे परमाणु, जिनमें प्रोटान और इलेक्ट्रान बराबर हो) को लेजर तकनीक से परम शून्य तापमान तक ठंडा किया जाता है। जैसे-जैसे परमाणुओं की गति धीमी होती है, वे ठंडे होने लगते हैं। वैज्ञानिकों ने रूबीडियम धातु से बीईसी बनाया।
● अभी तक पदार्थ की चार अवस्थाएं ही थी ज्ञात...
पदार्थ की चार अवस्थाएं होती हैं, ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा. जिसमें प्लाज्मा गैसीय अवस्था ही होती है, लेकिन यह आयनित होती है। बताया जाता है कि तारे प्लाज्मा से ही बने होते हैं। तथा ब्रह्मांड में 96% प्लाज्मा ही है।
करोड़ों के घोटालें पर एसआईटी का शिकंजा
देहरादून। उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आई है जहां लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से सक्रिय हुई एसआईटी ने देहरादून और हरिद्वार जिले में मुकदमें दर्ज कराए। ख़बर है कि 10 करोड़ से अधिक डकारे पश्चिमी यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड के इन शिक्षण संस्थानों ने। एसआईटी ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में 22 शिक्षण संस्थानों पर शिकंजा कसा है। बता दे कि एसआईटी ने राजधानी देहरादून और हरिद्वार जिले में इन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए हैं।
आरोप है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के 22 शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति के नाम पर 10.88 करोड़ से अधिक की रकम डकारी है।
जिन छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पी गई है, एसआईटी अब उन छात्रों के नाम और पते का सत्यापन कर रही है। इसके बाद छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही छात्रों से उनके दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
जान ले इन पर दर्ज हुआ ह मुकदमा
रविवार को एसआईटी की ओर से देहरादून और हरिद्वार के अलग-अलग थानों, कोतवाली में कई मुकदमे दर्ज कराए गए।
देहरादून के बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
सुद्धोवाला के खिलाफ प्रेमनगर थाने,
डीआरपीएमई सहारनपुर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद पॉलिटेक्निक कॉलेज सुंदरपुर सहारनपुर,
डीसीई कॉलेज ऑफ एजुकेशन सहारनपुर, डीसीईटी सहारनपुर, डीसीटीएस सुंदरपुर सहारनपुर, दून कालेज ऑफ लॉ सहारनपुर, दून कॉलेज गणेशपुर सहारनपुर, मोनंद यूनीवर्सिटी हापुड़, श्रीराम इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज सहारनपुर, कालका इंजीनियरिंग कॉलेज मेरठ, कालका इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड एडवांस स्टडीज मेरठ, हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशन हिमाचल प्रदेश, कृष्णा कॉलेज ऑफ लॉ कमालपुर छुटमलपुर सहारनपुर, ओम संतोष प्राइवेट आईटीआई चक हरीती जनता रोड सहारनपुर के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
वहीं, स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन मतलूबपुर रुड़की के खिलाफ गंगनहर कोतवाली, कॉलेज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी रुड़की के खिलाफ भगवानपुर थाना, रुड़की कॉलेज ऑफ एजुकेशन शेरपुर झबरेड़ा के खिलाफ झबरेड़ा थाना, सरस्वती प्रोफेशनल डिग्री कॉलेज जगजीतपुर जमालपुर कलां के खिलाफ कनखल थाना, डीआरपीएमई सहारनपुर, डीसीई कॉलेज ऑफ एजुकेशन सहारनपुर और दून कॉलेज गणेशपुर सहारनपुर के खिलाफ सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मुकदमों की जांच थाना स्तर से की जाएगी।
यूपी में 11 आईएएस अफसरों का तबादला
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने 11 आईएएस व एक पीसीएस अधिकारी को नई तैनाती दी है। इनमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी महेश कुमार गुप्ता राज्यपाल के नए अपर मुख्य सचिव बनाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न तरह की जांच व कार्रवाई के दायरे में आए नौ अफसरों को महीनों तक घर बैठाने के बाद तैनाती दे दी गई है।
कैडर बदलवाकर आए प्रतीक्षारत आईएएस अधिकारी को भी तैनाती दे दी गई है। प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव राज्यपाल हेमंत राव को हटाकर शासन में अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन व सचिवालय प्रशासन के पद पर तैनाती दी है। अब तक शासन में इन विभागों की जिम्मेदारी देख रहे महेश कुमार गुप्ता को राज्यपाल का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।पत्नी के यूपी काडर में आईपीएस अधिकारी होने के आधार पर मणिपुर काडर से यूपी काडर में आए 2014 बैच के आईएएस अधिकारी रवींद्र सिंह को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) का एसीईओ बनाया गया है। अवैध खनन पट्टा आवंटन, भूमि विवाद, प्रशासनिक शिथिलता सहित विभिन्न तरह के अलग-अलग आरोपों में सीबीआई, ईडी व विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहे कई अधिकारी पिछले कई महीने से वेटिंग में थे। इन सभी को तैनाती दे दी गई है, लेकिन कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया है। पिछले वर्ष अक्तूबर से प्रतीक्षारत अजय कुमार सिंह को सचिव राष्ट्रीय एकीकरण बनाया गया है। जुलाई-2019 से प्रतीक्षारत संतोष कुमार राय को सामान्य प्रशासन, अभय को यूपी पुनर्गठन समन्वय, विवेक को नियोजन, देवीशरण उपाध्याय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। पिछले वर्ष अक्तूबर से प्रतीक्षारत पवन कुमार को भाषा विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है।
प्रशांत शर्मा नवंबर, 2019 में अमेठी के डीएम पद से हटाए जाने के बाद से ही प्रतीक्षारत थे। उन्हें वाह्य सहायतित परियोजना विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है अक्तूबर-2019 में महराजगंज के जिलाधिकारी पद से निलंबित कर हटाए गए अमर नाथ उपाध्याय पिछले दिनों बहाल कर दिए गए थे। अब उन्हें राजनैतिक पेंशन एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी घनश्याम सिंह दो वर्ष से अधिक समय के निलंबन के बाद पिछले वर्ष दिसंबर में बहाल कर आयुक्त मेरठ कार्यालय से संबद्ध कर दिए गए थे। शासन ने अब घनश्याम को विशेष सचिव कार्यक्रम कार्यान्वयन के पद पर तैनाती दे दी है।
सड़क दुर्घटना में 6 की मौत, 18 घायल
विरोध करने वालों ने पक्ष में खोला मोर्चा
प्रवीर भट्टाचार्य
एक पुरानी कहावत है- खोदा पहाड़ ,निकली चुहिया । यह कहावत बिलासपुर के मंदिर कांड पर पूरी तरह फिट बैठ रही है। रविवार दिन भर भारतीय राष्ट्रवादी संगठन के साथ तमाम हिंदू संगठनों ने जिस अपराधी के लिए हंगामा मचाया, शाम होते होते उनकी सहानुभूति उसी अपराधी के प्रति इस कदर उमड़ पड़ी कि अब वे उसका इलाज कराने पर उनका फोकस ठहर गया हैं । शनिवार रात किसी सरफिरे ने सिम्स के सामने स्थित शिव हनुमान मंदिर की दीवार पर एक पोस्टर चस्पा कर दिया था। पोस्टर में देवी काली की तस्वीर की फोटो कॉपी थी, जिस पर उनके खिलाफ बेहद गंदी गंदी बातें लिखी थी । उनका संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जोड़ा गया था। स्वाभाविक तौर पर इसकी जानकारी होने पर बिलासपुर में हंगामा खड़ा हो गया। बात तब और बिगड़ गई जब कार्यवाही के लिए पहुंचे कोतवाली थाना प्रभारी कलीम खान के मजहब को लेकर कुछ लोगों ने सवाल खड़े कर दिए। गुस्सायी पुलिस सब को उठा लाई और उनके खिलाफ धारा 341 और 147 के तहत मामला दर्ज कर दिया।
लेकिन कोतवाली पुलिस ने शाम होते-होते उस आरोपी को भी ढूंढ निकाला, जिसकी वजह से पूरे शहर में बवाल मचा था। यहीं पर आकर वह कहावत सही साबित हो गई, जिसका जिक्र हमने शुरू में किया था। पता चला कि इस इलाके में रहने वाले एक बुजुर्ग मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति ने ही यह हरकत की थी । शुरू में लोगों को लगा कि मामले को रफा-दफा करने के लिए पुलिस निरीह विक्षिप्त को बलि का बकरा बना रही है, लेकिन जब आंदोलनकारी स्वयं थाने पहुंचे और उस उस विक्षिप्त से बात की तो फिर शक की कोई गुंजाइश नहीं बची । उस विक्षिप्त के पास कई और कागज भी मिले, जिस पर इसी तरह की बातें लिखी हुई थी। तसल्ली के लिए उससे अपने सामने वही बातें लिखवाई गई तो हैंडराइटिंग पूरी तरह से मैच कर गयी। उसने बताया कि ऐसा उसने पहली बार नहीं किया। इससे पहले भी वह कई मर्तबा कई मंदिरों में इसी तरह की चीजें चिपका चुका है । ऐसा क्यों किया पूछने पर वह कहता है कि मेरा दिमाग खराब हो गया था, मुझे माफ कर दीजिए। लोग इस बात से हैरान है कि जिस विक्षिप्त को अपनी तक सुध नहीं, उसे यह कैसे पता है की पोस्टर का फोटो कॉपी कहां कराना है। उस पर क्या लिखना है और उसे कहां चिपकाना है ।शायद इसी कारण से आरोपी के असली या नकली होने पर संदेह हो रहा था ,लेकिन जांच से यह दूध का दूध और पानी का पानी हो गया और शक की कोई गुंजाइश ही नहीं बची । आंदोलनकारियों ने अपनी आंखों से देखा कि आरोपी चलने फिरने के काबिल भी नहीं है ।उसकी हालत बेहद दयनीय है लिहाजा दिन भर जिसे सख्त से सख्त सजा देने की मांग की जा रही थी अब उसी को सेंदरी के मानसिक रोग अस्पताल भेजने की तैयारी आंदोलनकारियों में से कुछ लोग कर रहे हैं।
आरोपी का नाम ओमी गुलाटी है । बताया जा रहा है कि वह पुराना बस स्टैंड हनुमान मंदिर के बाहर भीख मांगकर गुजरा करता है । आरोपी यादव मोहल्ला टीकरापारा मे रहता है।
वैसे आरोपी को सरफिरा कहकर खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि उसकी हरकतें ऐसी है जिससे शहर में आग लग सकती है। अगर यह व्यक्ति इसी तरह खुला घूमता रहा तो पता नहीं इसके कारण किस दिन कोई बड़ा बवाल मच जाए । इस बार तो मामला आसानी से सुलझ गया लेकिन हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं, इसलिए इस व्यक्ति को या तो मानसिक चिकित्सालय में रखा जाना चाहिए या फिर कहीं भी कैद रखा जाए ताकि यह बारूद इसी तरह खुला शहर में ना घूम पाये। पकड़ा गया आरोपी कम शातिर नहीं है। आरोपी अब भी खुद को पेशावर का मानता है और कहता है कि दाऊद इब्राहिम से उसकी बात होती है। इतना ही नहीं हिंदू धर्म के विरुद्ध उसके दिमाग में कोई ग्रंथि तो है जो उसे हिंदू धर्म से नफरत करना सिखा रही है । इसलिए यह आदमी चलता फिरता मानव बम से कम नहीं है।
एक बात और
हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं।
और सबसे बड़ी बात किसी ने किसी से माफी नहीं मांगी है। अगर लक्ष्य को हासिल करना है तो फिर संगठित रहना सीखना होगा। एकता का मूल मंत्र भूल कर सिर्फ पराजय हासिल हो सकती है। समझदार को इशारा काफी है।
दिल्ली में टेस्टिंग खर्च 50 फीसदी कम
दिल्ली में कोरोना को लेकर पर सर्वदलीय बैठक
टेस्टिंग का खर्च 50 फीसदी कम होगा, भाजपा की मांग को अमित शाह की मंजूरी
कांग्रेस की मांग पर सभी को जांच का हक देने का भरोसा दिया
महावीर जैन
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को ऑल पार्टी (सर्वदलीय) बैठक की। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने बताया कि टेस्टिंग के खर्च में 50 फीसदी छूट देने की भाजपा की मांग को गृह मंत्री ने मंजूरी दे दी। भाजपा ने सुझाव दिया कि प्राइवेट अस्पतालों के चार्ज फिक्स किए जाएं। इस पर शाह ने एक कमेटी बनाकर 2 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि हर आदमी को टेस्टिंग का हक मिलना चाहिए। ऐसा करके ही इलाज संभव है। गृहमंत्री ने इस मांग को मान लिया है। उन्होंने भरोसा दिया कि नई पॉलिसी में हर आदमी को टेस्टिंग का हक दिया जाएगा। शाह ने ये भी कहा कि दिल्ली सरकार 20 जून तक हर रोज 18 हजार टेस्ट करना शुरू कर देगी। अभी 5 हजार से 7 हजार तक टेस्ट रोजाना हो रहे हैं। डेढ़ घंटे चली सर्वदलीय बैठक में आप, कांग्रेस, भाजपा और बसपा के नेता शामिल हुए।
कांग्रेस ने भी रखी 2 मांगें
1. जो लोग संक्रमित हैं या कंटेनमेंट जोन में हैं, उनके परिवारों को 10-10 हजार रुपए दिए जाएं।
2. फोर्थ ईयर वाले मेडिकल स्टूडेंट्स से नॉन-परमानेंट रेजिडेंट डॉक्टर्स की तरह काम लिया जाए। हेल्थकेयर स्टाफ की कमी को देखते हुए फोर्थ ईयर वाले फार्मेसी या नर्सिंग स्टूडेंट्स से भी काम करवाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी दिल्ली सरकार को फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर कोरोना मरीजों की लाशें कचरे के ढेर में मिल रही हैं तो ये इंसानों के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक है। कोर्ट के इस कमेंट का असर ये हुआ कि अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाल लिया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब बैक सीट पर नजर आ रहे हैं।
दिल्ली में अब तक 41000 से ज्यादा लोग संक्रमित
राजधानी में 14 जून तक संक्रमण के 41 हजार 142 केस हो गए । इनमें से 24 हजार 32 मरीजों का इलाज चल रहा है। 15 हजार 823 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 1 हजार 327 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां अब तक 2 लाख 90 हजार 592 टेस्ट किए जा चुके हैं। हर दिन 5 से 7 हजार लोगों की जांच की जा रही है। इस बीच ऐसी शिकायतें मिली थीं कि कुछ अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से बुरा बर्ताव हो रहा है। कोरोना से मरने वालों की लाशें कचरे के ढेर में छोड़ दी जा रही हैं।
24 घंटे में शाह की तीसरी बैठक
ऑल पार्टी मीटिंग से पहले शाह ने रविवार सुबह दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ करीब डेढ़ घंटे चर्चा की थी। फिर शाम को दिल्ली के सभी मेयर के साथ म्युनिसिपल लेवल की स्ट्रैटजी पर बात हुई। तीनों मेयर ने कहा कि वे कोरोना के केस बढऩे की स्थिति से निपटने और दिल्ली सरकार को अपनी सुविधाएं देने के लिए तैयार हैं। दिल्ली की तीनों म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में भाजपा की सत्ता है।
शाह-केजरीवाल की मीटिंग में हुए फैसले
1. कोरोना टेस्टिंग का रेट दोबारा तय होगा। इसके लिए बनाई गई कमेटी को आज रिपोर्ट देनी है।
2. स्काउट गाइड, एनसीसी, एनएसएस और दूसरे सेल्फ हेल्प ग्रुप के मेंबर्स को हेल्थ वॉलेंटियर बनाया जाएगा।
3. अंतिम संस्कार की नई गाइडलाइन जारी की जाएगी, ताकि लंबा इंतजार नहीं करना पड़े।
4. दिल्ली के छोटे अस्पतालों की मदद के लिए एम्स में हेल्पलाइन नंबर शुरू किया गया है। इस नंबर पर सीनियर डॉक्टर सलाह देंगे।
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