नई दिल्ली । श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने का प्लान कर रहे प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए बड़ा झटका लग सकता है। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने श्रमिक ट्रेनों को रद्द कर दिया है। रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक रविवार तक 4040 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। वहीं राज्यों ने 256 ट्रेनों को रद्द कर दिया। ऐसा करने वालों में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहे। आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र ने 1 मई से अब तक 105 ट्रेनें रद्द कीं। रेल मंत्री पीयूष गोयल महाराष्ट्र द्वारा ट्रेनें मांगने और उनका इस्तेमाल नहीं करने को लेकर बहुत मुखर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, गुजरात ने 47 ट्रेन, कर्नाटक ने 38 ट्रेन तथा उत्तर प्रदेश ने 30 ट्रेन रद्द कीं। वैसे सर्वाधिक ट्रेनें गुजरात से ही चलीं. अधिकारियों ने संकेत दिया कि ज्यादातर ट्रेनें, भेजने वाले और उनके गंतव्य वाले राज्यों के बीच तालमेल के अभाव के कारण रद्द हुईं।
किसकी गलती से रद्द हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, ‘हम बिना उपयुक्त प्रोटोकॉल के ट्रेनें नहीं चला सकते। कई ऐसे मामले सामने आये जहां भेजने वाले राज्यों ने हमें ट्रेनों में सवार होने को तैयार यात्रियों की लिस्ट उपलब्ध नहीं कराई, इसलिए उन्हें रद्द करना पड़ा। दोनों तरह के राज्यों के बीच समन्वय के अभाव के कारण ट्रेनें रद्द हुईं। गृह मंत्रालय ने इसी बीच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए प्रोटोकॉल बदल दिया और इन सेवाओं के लिए, गंतव्य वाले राज्यों की सहमति खत्म कर दी। ऐसे में, आने वाली ट्रेनें अस्वीकार करने की संभावना खत्म हो गई। महाराष्ट्र के बाद गुजरात ने सबसे अधिक ट्रेनें रद्द कीं लेकिन उसने सर्वाधिक 1026 प्रवासी विशेष ट्रेनें भी चलाईं और 15.18 लाख श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया। इन श्रमिकों में 77 फीसदी उत्तर प्रदेश और बिहार गए। महाराष्ट्र ने 802 ट्रेनें चलवाई और वह गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर रहा।
दिल्ली सरकार ने भी नहीं की मांग
दिल्ली सरकार की तरफ से और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग नहीं किए जाने के आलोक में राष्ट्रीय राजधानी से इन ट्रेनों का परिचालन समाप्त कर दिया गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘वर्तमान में दिल्ली सरकार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग नहीं प्राप्त हुई है। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों से कोई श्रमिक ट्रेन नहीं चल रही है।’ दिल्ली में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए रेलवे एक मई से अब तक 242 ट्रेन चला चुका है।
58 लाख प्रवासियों ने की यात्रा
बता दें कि भारतीय रेलवे ने 3 जून, 2020 की सुबह 10 बजे तक देश भर में 4197 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन किया और 58 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया। सिर्फ मई में ही 50 लाख से ज्यादा लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया। श्रमिक स्पेशल के अलावा रेलवे द्वारा 12 मई से 15 जोड़ी विशेष राजधानी ट्रेनों और 1 जून, 2020 से 100 जोड़ी विशेष मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाया जा रहा है। ये 4,197 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से रवाना हुईं. शीर्ष 5 राज्य इस प्रकार हैं, जहां से सबसे ज्यादा ट्रेनें रवाना हुईं. गुजरात से 1026 ट्रेन, महाराष्ट्र से 802 ट्रेन, पंजाब से 416 ट्रेन, उत्तर प्रदेश से 294 ट्रेन और बिहार से 294 ट्रेन। सबसे ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश और बिहार में पहुंचीं। शीर्ष पांच राज्य इस प्रकार हैं, जहां सबसे ज्यादा ट्रेनों की यात्रा समाप्त हुई, उत्तर प्रदेश में 1682 ट्रेन, बिहार में 1495 ट्रेन, झारखंड में 197 ट्रेन, ओडिशा में 187 ट्रेन, पश्चिम बंगाल में 156 ट्रेन।