गुरुवार, 28 मई 2020
उत्तर-भारत में रविवार तक खुशनुमा मौसम
मां ने शर्मसार घटना को दिया अंजाम
संक्रमण को मात देने में हुआ इजाफा
विधायक के गांव में तड़तडाई गोलियां
विस्फोट-धमाके से दहला यूपी, कई घायल
ट्रेनों में श्रमिक मौत के मुंह में समाए
केंद्र पर मजदूरों की अनदेखी का आरोप
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर प्रवासियों की दुर्दशा की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह देश के प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को अगले छह महीने तक 7 हजार 500 रुपये प्रदान करे।
सोनिया गांधी ने गरीब, प्रवासी, छोटे व्यापारियों व मध्य वर्ग की आवाज को केंद्र तक पहुंचाने के कांग्रेस के अभियान ‘आवाज उठाओ’ के तहत कहा, “पिछले दो महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है।”
उन्होंने कहा, “देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा, जिसमें लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनके दर्द को देश में हर किसी ने सुना, पर शायद सरकार ने नहीं।”
उन्होंने कहा कि करोड़ों नौकरियां चली गईं, कई कारखाने बंद हो गए, किसानों को फसल बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार इसका आकलन नहीं कर पाई।
रायबरेली से लोकसभा सांसद कांग्रेस नेता ने कहा, “पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के साथियों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है। लेकिन न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लोगों की मदद करने को तैयार नहीं है।”
सोनिया गांधी ने कहा, “इसलिए, कांग्रेस ने लोगों की आवाज उठाने का फैसला लिया है। हम केंद्र सरकार से फिर आग्रह करते हैं कि वह खजाने का ताला खोले और जरूरतमंदों को राहत दे।” उन्होंने कहा, “हर परिवार को छह महीने के लिए 7,500 रुपये प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10 हजार रुपए फौरन उनके बैंक अकाउंट में दें।”
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि मजदूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम करने के साथ ही उनके रोजगार का भी इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससें लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके। छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिए, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो।”
सोनिया गांधी ने कहा कि आज इसी कड़ी में सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर से कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता, पदाधिकारी एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे हैं। उन्होंने जनता से भी अपील कर कहा कि वे सभी इस मुहिम में जुड़ें और लोगों से जुड़ी परेशानियों को उजागर करने का कार्य करें।
सावरकर को पीएम की श्रद्धांजलि अर्पित
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर को उनकी 137वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “साहसी वीर सावरकर की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं। हम उन्हें उनकी बहादुरी, कई अन्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और सामाजिक सुधार पर जोर देने के लिए याद करते हैं।”
मोदी ने सावरकर का जिक्र करते हुए अपने राष्ट्रीय रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ के पिछले एपिसोड में से एक वीडियो क्लिप को भी अटैच किया, जिसमें उनके संघर्ष और भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान को दशार्या गया था।
28 मई, 1883 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सावरकर हिंदू राष्ट्र और अखंड भारत के अपने नजरिए के लिए जाने जाते हैं।
भारत छोड़ो आंदोलन और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सावरकर हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। राजनेता और लेखक, सावरकर का नाम भारत छोड़ो आंदोलन का खुलकर विरोध करने के कारण उनके निधन के पांच दशक बाद भी विवाद खड़ा करता है।
उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में सजा काटने के लिए भी जाना जाता है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना सत्तारूढ़ भाजपा ने तक की थी जब पिछले साल उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा था, “मैं माफी नहीं मांगूंगा क्योंकि मेरा नाम राहुल गांधी है और राहुल सावरकर नहीं है।”
सड़क हादसे में 4 लोगों की गंभीर हालत
देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ ही सड़कों पर पाला पड़ रहा है। जो पहले भी कई हादसों का कारण रहा है । वहीं ताज़ा मामला विकासनगर क्षेत्र का सामने आया है जहाँ पर साहिया क्वानू मोटर मार्ग से सहिया की ओर एक यूटिलिटी वाहन आ रहा था। जिसमें करीब 6 लोग सवार बताए जा रहे है। मार्ग में पाले होने की वजह से वाहन रपट कर बीच रोड पर ही पलट गया। हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को स्थानीय लोगों द्वारा निजी वाहनों से सीएचसी साहिया लाया गया। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद चारों घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया।
विकासनगर क्षेत्र में साहिया-क्वानू मोटर मार्ग पर पंजी टीलानी के पास एक यूटिलिटी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त वाहन में छह लोग सवार थे। जिसमें से चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सीएचसी साहिया में भर्ती करवाया गया है जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
आतंकी हमले की साजिश, किया नाकाम
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। यहां के राजपुरा रोड पर शादीपुरा के पास एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें 20 किलो आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया। कार के अंदर ड्रम में एक्सप्लोसिव रखा था। कार का पता चलने के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास का इलाका खाली करा लिया। इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वाड ने कार को उड़ा दिया। पुलवामा पुलिस के बाद सीआरपीएफ और आर्मी ने भी इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया।
सूत्रों ने बताया कि पुलवामा पुलिस को बुधवार देर रात जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकवादी एक विस्फोटक से लदी कार से जा रहे हैं। इसके जरिए कुछ लोकेशन पर धमाके किए जा सकते हैं। सुरक्षाबलों ने फौरन कार्रवाई कर सभी रूट्स को सील कर दिया। इसी दौरान एक संदिग्ध कार नजर आई। रोकने पर कुछ राउंड की फायरिंग हुई। इसके बाद ड्राइवर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। सुरक्षाबलों ने वाहन को कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि इस कार को हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी चला रहा था।
सुरक्षाबलों ने कार के पास जाकर देखा तो पिछली सीट पर विस्फोटक से भरे नीले रंग के ड्रम रखे थे। सुरक्षाबलों ने रात भर कार की निगरानी की। इसके बाद आसपास के घरों को खाली करा दिया गया। बाद में वाहन को धमाका कर उड़ा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। कार पर स्कूटर की नंबर प्लेट लगी थी, जिसका रजिस्ट्रेशन कठुआ जिले का मिला है।
मजदूरों की अनदेखी, जवाब की जरूरत
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर प्रवासी मजदूरों को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि इस संबंध में अदालतों का जवाब तलब करना संतोष देता है।
मायावती ने ट्वीट में कहा कि मीडिया ने प्रवासी मजदूरों के दुख दर्द को जिस तरह से दिखाया है, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। यह संतोष की बात है कि अदालतें इस संबंध में जवाब तलब कर रही हैं। बसपा नेता ने कहा, ” जिस प्रकार से लाॅकडाउन से पीड़ित और घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली तथा रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वे सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने हैं, वह पुनःस्थापित करते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति-दुःखद है.”
मायावती ने कहा कि देश में लाॅकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायालयों ने कोरोना वायरस की जाँच और इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा तथा प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा और मौतों के सम्बंध में केन्द्र एवं राज्य सरकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया है।” इससे पहले उन्होंने कहा कि केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
उत्तराखंड में चार नए संक्रमित मिलें
कोरोना अपडेट-उत्तराखण्ड में 4 नए केस, आंकड़ा हुआ 483
देहरादून। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को देहरादून में चार और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसके बाद प्रदेश में मरीजों की संख्या 483 हो चुकी है।
गुरूवार को निरंजनपुर मंडी के तीन और आढ़ती की कोरोना रिपोर्ट पाजीटिव आई है। इनकी निजी लैब में जांच कराई गई थी। वहीं, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती रूद्रप्रयाग निवासी युवक की भी रिपोर्ट पाजीटिव आई है। इन्हें मिलाकर संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 483 पहुंच गई है। इनमें से 81 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। 395 मरीज अभी भर्ती हैं। तीन मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत भी हो चुकी है। बीते रोज टिहरी जनपद में कोरोना के सर्वाधिक 22 नए मामले सामने आए थे। इनमें एक दिल्ली व अन्य लोग महाराष्ट्र से 19 मई को लौटे हैं। पौड़ी में भी 13 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें एक व्यक्ति नोएडा से और 12 महाराष्ट्र से वापस लौटे हुए हैं। ऊधमसिंहनगर में 20 मई को महाराष्ट्र से लौटे सात और पॉजिटिव मरीज मिले थे। देहरादून जनपद में भी दो और पॉजिटिव केस आएं।
'बॉन्ड योजना' को वापस लेने का फैसला
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (करयोग्य) बॉन्ड योजना को बैंकिंग कारोबार समाप्त होने के समय से वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। इस कारण अब निवेशकों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि खुदरा निवेशकों के बीच ये बॉन्ड काफी पसंद किया जाता है। सरकार के इन बॉन्ड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉन्ड अथवा भारत सरकार के बॉन्ड (Taxable Savings Bonds) के नाम से जाना जाता है। इन बॉन्ड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं। हालांकि प्रवासी भारतीय इन बॉन्ड में निवेश के पात्र नहीं हैं। रिजर्व बैंक की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार एतत् द्वारा यह अधिसूचित करती है कि 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड, 2018… बृहस्पतिवार, 28 मई 2020 को बैंकिंग कार्यसमय समाप्त होने के समय से निवेश के लिये उपलब्ध नहीं होंगे। रिजर्व बैंक ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए 7.75 प्रतिशत बचत वाले करयोग्य बॉन्ड 2018 को अभिदान पाने के लिए बंद कर दिया। इन बॉन्ड में मिलने वाले ब्याज पर कर देय होता है। इन बॉन्ड में 100 रुपए के अंकित मूल्य पर निवेश होता है और न्यूनतम निवेश सीमा एक हजार रुपए है। योजना के मुताबिक ये बॉन्ड सात साल की अवधि के होते हैं। बहरहाल, ऐसे समय जब कर्ज पर ब्याज दरों में लगातार कटौती की जा रही है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में अल्पावधि बयाज दर रेपो में कटौती करते हुए इसे 4 प्रतिशत की एतिहासिक निचले स्तर पर ला दिया है। इसे देखते हुए 7.75 प्रतिशत की ब्याज दर वाले इन बॉंड पर लागत ऊंची बैठ सकती है।
मजबूत सरकार है कोई चिंता नहीं
मुम्बई/महाराष्ट्र। कोरोना के संक्रमण काल में महाराष्ट्र सकरार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राष्ट्रपति शासन की आशंकाओं के बीच महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ खेमा अपनी सरकार बचाने को लेकर आपसी जद्दोजहद में जुटा है। शासक दल जहाँ सरकार बचाने को लेकर खींचतान में जुआ है तो दूसरी ओर बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की जा रही है। महाराष्ट्र सरकार पर संकट के अटकलोंं के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले हैं। राजनीतिक गलियारों में मातोश्री में हुए इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि शरद पवार मातोश्री तब भी नहीं गए थे, जब महाराष्ट्र मेें महाविकास अघाड़ी सरकार बनने वाली थी। पिछले छह महीनों में जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी है, तब से शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात या तो किसी पाँंच सितारा होटल या वर्षा बंगले, सहयाद्री गेस्ट हाउस, शिवाजी पार्क स्थित पूर्व मेयर बंगले में ही हुई। खास मौकों पर तो खुद सीएम उद्धव ठाकरे शरद पवार के घर गए, लेकिन शरद पवार हमेशा से मातोश्री जाने से बचते रहे हैं। ऐसे में अचानक मातोश्री में हुई बैठक के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा रहा है। राजनीतिक इस बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र की राजनीति पर करीब से नजर रखने वालों का मानना है कि, यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि हो सकता है सरकार पर कुछ संकट के बादल मंडरा रहे हों, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ये मुलाकात राज्य में कोरोना की गंभीर स्थिति को लेकर हुई है। अब देखना होगा कि मातोश्री में दोनों नेताओं के बीच हुए इस बैठक का परिणाम क्या होता है? गौरतलब हो कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से भी शिष्टाचार मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसी कारण से शरद पवार राज्यपाल से मिले हैं। सरकार मजबूत है - संजय राउत सीएम उद्धव और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच मातोश्री में हुई मुलाकात के बारे में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बताया कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच कल मुलाकात हुई है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है। अपने ट्वीट में संजय राउत ने लिखा कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की, दोनों नेताओं ने करीब डेढ़ घंटे तक एक दूसरे से बातचीत की। इसी के साथ संजय राउत ने व्यंग्य कसते हुए लिखा कि, अगर कोई महाराष्ट्र सरकार की स्थिरता को लेकर झूठी खबरें फैला रहा है, तो इसे लोगों का पेट का दर्द माना जाना चाहिए। सरकार मजबूत है, कोई चिंता नहीं। |
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'गांधी' परिवार का नाम अमिट रहेगा
भिलाईनगर। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री बी.डी.कुरैशी ने नेहरू नगर चौक व सेक्टर 9 अस्पताल पहुंँच कर आदमकाद प्रतिमा में माल्यार्पण कर मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बदौलत ही बीएसपी प्लांट यहाँं स्थापित है। बीएसपी में लगभग 75 हजार परिवार का जो योगदान है। नेहरू परिवार की देन हैं देश की आजादी से लेकर आर्थिक आजादी के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांँधी, स्व. राजीव गाँंधी का जो योगदान है। जब तक ये दुनिया कायम है तब तक नेहरू परिवार अमिट रहेगा। इस अवसर पर श्रद्धांजलि देने वालो में प्रमुख रूप से सेक्टर 10 की पार्षद सुभद्रा सिंग, अफरोज खान, मोहम्मद मंसूर, शमीम अख्तर, प्रमोद सिंह, रोहन सिंग, सहित अन्य कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाया गया।
कोरोना वारियर्स को 21000 का सहयोग
गोलू कैवर्त
बलौदाबाजार। डॉ भरत नामदेव एवं श्रीमती कंचन नामदेव ने अपने परिवार की तरफ से कोरोना वायरस के खिलाफ लडाई में अपना सहयोग प्रदान करते हुए जिला रेड क्रॉस सोसायटी बलौदाबाजार भाटापारा को 21 हज़ार रुपये राशि का सहयोग प्रदान किया। उन्होंने आज जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को यह चेक प्रदान किया। श्री गोयल ने नामदेव दम्पति के इस सहयोग के प्रति गहरी आभार व्यक्त किया। कहा आप सभी का इस तरह सहयोग करने से निश्चित ही कोरोना के प्रति लडाई आसान बनेगा। डॉ भरत नामदेव जो कि पेशे से डॉक्टर रहे है।
उनके द्वारा चिकित्सा विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सहायता राशि दान की गई है। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस नम्रता जैन,मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी, जिला कोविड नोडल अधिकारी डॉ राकेश प्रेमी, उपसंचालक समाज कल्याण श्रीमती आशा शुक्ला उपस्थित थे।
नियंत्रण पाने के लिए तत्परता जरूरी
अम्बिकापुर। टिड्डी दल किसानों के सबसे प्राचीन शुत्र हैं। वे मध्यम से बड़ी आकार के टिड्डे होते हैं। जब वे अकेले होते हैं और साधारण टिड्डों की तरह व्यवहार करते हैं तब उन्हें एकाकी अवस्था में जाना जाता है। भीड़-भाड़ की सामुहिक स्थितियों में वे साथ-साथ समूह बनाकर रहते हैं और चिरस्थायी तथा सम्बद्ध वयस्क टिड्डियों का झुंड बनाते हैं। यह तब होता है जब वह यूथचारी रूप में रहते हुए समूहशीलता या सामूहिक जीवन की अवस्था में पाए जाते हैं। इसके बाद वाली अवस्था में वे फसलों और अन्य पेड़-पौधों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन ने टिड्डी के संबंध में सतर्कता बरतने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देश में कहा गया है कि अगर आस-पास टिड्डी दल दिखें या उनके बारे में कुछ खबर मिले तो निकटतम टिड्डी कार्यालय, पुलिस थाना, राजस्व कार्यालय, ग्राम पंचायत, विद्यालय, डाक घर या कोई भी शासकीय कार्यालय को सूचित करें।
टिड्डी के जीवन-चक्र अण्ड़ा, शिशु टिड्डी तथा वयस्क के रूप में तीन अवस्थाएं होती हैं। टिड्डियों का झुण्ड दिन के दौरान उड़ता रहता है और शाम होन पर पेड़ों पर, झाडियों में, फसलों इत्यादि में बसेरा करता है और वहां रात गुजारता है। फिर वे सुबह होने पर सूरज उगने के बाद अपने बसेरे के स्थान से उठकर उड़ना शुरू कर देते हैं। अ्परिपक्व वयस्क टिड्डी दल गुलाबी रंग के होते हैं धीरे-धीरे वे धुंधले सलेटी अथवा भूरापन लिए हुए लाल रंग के हो जाते हैं। परिपक्वता की स्थिति में पहुंचने पर वे पीले हो जाते हैं। शिशु-टिड्डी झुण्ड़ों के रूप में चल में चलती है। पीली अथवा नारंगी शरीर-पृष्टिका लिए हुए उनकी आकृति गहरी काली होती है।
आने वाले टिड्डी दल दो रंग के होते है गुलाबी और पीला। पीले रंग की टिड्डी ही अंडे देने में सक्षम होती है, इसके लिए पीले रंग के टिड्डी दल के पड़ाव डालने पर पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है, क्योंकि पड़ाव डालने के बाद टिड्डियां किसी भी समय अण्डे देने शुरू कर देती हैं। अण्डे देते समय दल का पड़ाव उसी स्थान पर 3-4 दिन तक रहता है और दल उड़ता नहीं है। इसी स्थिति का पूरा लाभ टिड्डी नियन्त्रण करने में उठाना चाहिये। गुलाबी रंग की टिड्डियों के दल का पड़ाव अधिक समय नहीं होता इसलिए इनके नियंत्रण हेतु तत्परता बहुत जरूरी है।
प्रवासियों को रिसीव करेंगे श्रम मंत्री
रांची में जब ये फ्लाइट लैंड करेगी तो खुद श्रम मंत्री एयरपोर्ट पर रहेंगे मौजूद
रांची। झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए दुसरे राज्य में फंसे अपने राज्य के मजदूरों के लिए फ्लाइट का इंतजाम किया है।इतिहास में यह पहली बार होगा जब मजदुर फ्लाईट में सफ़र करेंगे।
एक फ्लाइट रांची के लिए रवाना
मुंबई में मजदूरों को लेकर एक फ्लाइट रांची के लिए रवाना हुई है. एनजीओ की मदद से 177 मजदूरों को एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। रांची में जब ये फ्लाइट लैंड करेगी तो खुद श्रम मंत्री एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुबह 2 बजे ही 177 प्रवासी मजदूरों की लाइन लग गई।यह मजदूर सुबह 6 बजे एयर एशिया की फ्लाइट में उड़ान भरने पहुंचे। बैंगलोर लॉ स्कूल एलुमनाई एसोसिएशन की प्रियंका रमन सुनिश्चित कर रही थीं कि हर कोई हवाई अड्डे तक पहुंच गया या नहीं। इस लॉ स्कूल के पूर्व छात्रों के संघ ने कुछ एनजीओ के साथ मिलकर न केवल मुंबई के विभिन्न हिस्सों से प्रवासियों को इकट्ठा किया बल्कि उनके हवाई टिकट की भी व्यवस्था की।प्रियंका रमन का कहना है कि हम जानते थे कि रांची के कई प्रवासी हैं, जो वापस जाना चाहते थे, इसलिए हमने कोशिश की और वापस भेजने का फैसला किया।
एलुमनाई के पूर्व छात्रों ने फंडिंग का आयोजन किया
प्रियंका कहती हैं कि हमने ऐसे प्रदेश के मजदूरों को वापस भेजने का फैसला किया था, जहां परिवहन संपर्क खराब हो। अंत में हमने फैसला किया कि हम झारखंड के लोगों को वापस भेजेंगे। इसके लिए एलुमनाई के पूर्व छात्रों ने फंडिंग का आयोजन किया, जिसमें सभी प्रवासियों के लिए टिकट, हवाई अड्डा शुल्क और परिवहन शुल्क शामिल थे।
बड़ी संख्या में मजदूर आज हवाई जहाज से झारखंड लौट रहे हैं। इन मजदूरों की खुशी साफ दिखाई दे रही है।घर जा रहीं मंजू देवी का कहना है कि हम इसलिए वापस जा रहे हैं, क्योंकि यहां फिर से काम शुरू होने की कोई गारंटी नहीं है। हम अब वापस नहीं लौटेंगे।हमने पिछले दो महीनों से यहां बहुत सारी समस्याओं का सामना किया। मंजू का पति विरार में एक ड्राइवर था।पिछले दो महीनों से उन कठिनाइयों को याद करते हुए मंजू कहती हैं कि बहुत कम खाना था और छोटे बच्चों के साथ इसका प्रबंधन करना मुश्किल था। वह कहती हैं कि झारखंड में घर चलाना मुश्किल होगा, लेकिन कम से कम वे घर पर ही होंगे। प्रवासियों को घर भेजने की मुहिम का हिस्सा प्रिया शर्मा का कहना है कि हम जानते हैं कि रांची के लिए कई ट्रेनें नहीं थीं, इसलिए हम मुंबई और पुणे में फंसे प्रवासियों की तलाश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फ्लाइट के लिए प्रवासियों को राजी करना आसान नहीं था, क्योंकि हाल के दिनों में कई लोगों को कंफ्यूज किया गया था। एक्टिविस्ट और पूर्व छात्रों के समूह का कहना है कि अगर उन्हें अन्य राज्य सरकारों से समर्थन मिलता है तो वे राज्यों में अधिक प्रवासी श्रमिकों को भेजने के लिए तैयार होंगे।
खुशी की बात
झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्लेन से झारखंड के मजदूर अपने राज्य लौट रहे है। अंडमान में फंसे लोगों को लाने के लिए दो और फ्लाइट जल्द ही रांची में लैंड करेगी।उनका कहना है कि फ्लाइट का किराया राज्य सरकार ही वहन कर रही है।
इकोनामिक के संकुचन की आशंका बढ़ी
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद FSDC की यह पहली बैठक
नई दिल्ली।कोविड-19 के वित्तीय क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर हुए असर सहित अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरूवार को फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक बुलाई है।
कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद FSDC की यह पहली बैठक होगी। इस परिषद में रिजर्व बैंक के गवर्नर और वित्तीय क्षेत्र के अन्य नियामक शामिल होते हैं। सूत्रों ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब कोविड-19 संकट की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी में संकुचन की आशंका पैदा हो गई है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में FSDC की यह तीसरी बैठक होगी।
आरबीआइ गवर्नर के अलावा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरपर्सन FSDC के सदस्य हैं। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे।इस बैठक में 12 मई को सरकार की ओर से घोषित करीब 21 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के विभिन्न आयामों पर चर्चा होने की संभावना है। सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट के इस वक्त में देश के विभिन्न सेक्टर्स की मदद के लिए इस पैकेज की घोषणा की है।
सूत्रों के मुताबिक फरवरी से अब तक आरबीआई द्वारा इकोनॉमी को मजबूती देने के लिए घोषित विभिन्न उपायों एवं उनके असर के बारे में FSDC की बैठक में चर्चा होगी। आरबीआइ ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोविड-19 का असर अनुमान से ज्यादा गंभीर देखने को मिला है और चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी में संकुचन देखने को मिल सकता है।
भाजपा के खिलाफ ऑनलाइन आंदोलन
सुप्रिया पांडे
रायपुर। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों के बीच राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। आज कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ ऑनलाइन राजनीतिक आंदोलन करेगी, तो प्रदेश में बीजेपी सोशल मीडिया पर ट्रेंड अलर्ट मनाएगी।
SPEAK UP INDIA के नाम से सोशल मीडिया में हमला बोलते हुए सभी कांग्रेसी अपनी डीपी पर SPEAK UP INDIA का लोगों लगाएंगे। आज सुबह 11 से 2 बजे के बीच किसी भी सोशल साइट्स में लाइव होकर केंद्र की मोदी सरकार से मांग करेंगे। जिसमें छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम नेता हिस्सा लेंगे। वही सोशल मीडिया में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने होंगे। कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी, तो प्रदेश में बीजेपी सोशल मीडिया पर ट्रेंड अलर्ट मनाएगी। प्रदेश के भूपेश सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर भाजपा विरोध जताएगी। सुबह 11 बजे से 2 बजे तक भाजपाई झूठीकांग्रेस को सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने का प्रयास करेंगे।
कांग्रेस की यह है 5 मांगें
- आर्थिक रूप से कमज़ोर व जरूरतमंदों के खातों में 10 हजार रुपए भेजा जाए।
- राज्य सरकार के बाद अब केंद्र सरकार भी पूरे देश में न्याय योजना लागू करे।
- किसानों के लिए न्याय योजना द्वारा दिए गए 5700 करोड़ के लिए प्रदेश सरकार को धन्यवाद करें।
- भारत के प्रवासी मज़दूरों को सकुशल उचित स्थान तक नि:शुल्क एवं सुरक्षित पहुंचाए।
- मनरेगा मज़दूरों की 200 दिनों की भुगतान सुनिश्चित करें।
देशभर में कांग्रेस पार्टी ने फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे प्रचलित सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक साथ 50 लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन जुटाने का लक्ष्य रखा है। आज गुरुवार यानी 28 मई को ऑनलाइन आंदोलन करेगी।
खाना पकाने के अलावा 'नारियल तेल'
नारियल से निकाला गया तेल या सूखी हुई कोकोनट फ्लेक्स साउथ इंडियन कुकिंग यानी कि खाना बनाते समय इस्तेमाल की जाती हैं। लेकिन नारियल के तेल के और भी कई फायदे हैं। अब, जब हम सभी अपने-अपने घरों में हैं और बाहर सैलून नहीं जा सकते तो अब घर के इलाज ही हमारे काम आएंगे। अगर आपको नहीं पता, तो बता दें ििक नारियल के तेल के कई ब्यूटी बेनिफिट्स भी हैं। हम अपनी स्किन के लिए यूं तो कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं, लेकिन घर पर ही ऐसी कई चीजें होती हैं जिससे आप अपनी स्किन का खास ख्याल रख सकते हैं। नारियल तेल को अगर कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो यह सभी स्किन टाइप के लिए अच्छी होती है। इसमें फैटी एसिड होते हैं जो स्किन को हाइड्रेट करने कर सुरक्षित रखने के काम आते हैं। इसमें लिनोलेइक एसिड, विटामिन स्न और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। इसे रात भर चेहरे पर लगाने से कई फायदे होते हैं। नारियल का तेल आपकी स्किन के लिए नाइट सीरम का काम करता है।
चेहरे पर रात भर नारियल के तेल का किस तरह करें इस्तेमाल?
स्टेप 1: सबसे पहले नारियल के तेल को अपने दोनों हाथों के बीच रब कर लें। इससे तेल का टेक्सचर एकदम लाइट और सिल्की हो जाएगा।
स्टेप 2: अब इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इसे आप छाती और शरीर के अन्य भागों पर भी लगा सकते हैं। आपके शरीर के जिन भागों में अधिक ड्राइनेस है, इसे वहां भी लगा सकते हैं।
स्टेप 3: जमा हुआ या थिक टेक्सचर का तेल चेहरे पर नहीं बचना चाहिए। अगर है तो इसे रुई की मदद से हटा लें। रातभर आपकी स्किन पर नारियल तेल की लाइट परत रहने दें।
स्टेप 4: नारियल के तेल को आंखों में न जाने दें।
आप नारियल के तेल को रात भर लगाने से पहले इसे मेकअप रिमूवर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। कई लोग नारियल के तेल को स्पॉट ट्रीटमेंट यानी कि चेहरे के दाग-धब्बे दूर करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। इसे आंखों के नीचे और स्किन पर ड्राई पैचेज को हटाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
चेहरे पर रात भर नारियल तेल लगाने के फायदे
- नारियल का तेल आपके स्किन की प्रोटेक्टिव लेयर की मदद करता है। इससे आपकी स्किन की प्रोटेक्टिव लेयर मॉइस्चर को बचाए रखती है और इससे आपकी स्किन जंवा, फ्रेश, हाइड्रेटेड नजर आती है।
- नारियल के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। इससे ऐसी स्किन टाइप जिस पर पैचेज, इर्रिटेशन या इससे सम्बंधित परेशानियां रहती हैं, को बेहतर परिणाम मिलता है।
- इसमें मौजूद लॉरिक एसिड कोलेजन प्रोडक्शन के लिए अच्छा होता है और कोलेजन स्किन को टाइट रखने में मदद करता है। इससे फाइन लाइन्स और झुर्रियों से बचाव होता है।
- नारियल तेल डार्क पैचेज से भी निजात दिलाने में मदद करता है। इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाने से और फायदा मिल सकता है।
क्या है इसके साइड-इफेक्ट्स?
नारियल तेल का रात मेें इस्तेमाल करना हो सकता है कि सभी के लिए सही न हो। ऑयली या एक्ने-प्रोन स्किन के लिए शायद यह फायदेमंद न हो। नारियल का तेल ऐसी स्किन वालों के लिए पोर्स बंद करने का काम कर सकता है। जहां कुछ लोगों की स्किन पर यह स्किन साफ़ करने का काम करता है, वहीं दूसरों के लिए यह एक्ने बढऩे का काम कर सकता है। अगर आपकी ऑयली स्किन है तो इसे यूज करने से आपको ब्लैकहेड्स, पिम्पल्स, व्हाइटहेड्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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