गुरुवार, 28 मई 2020

इंडिया बुल्स ने 2000 कर्मचारियों को निकाला

नई दिल्ली। कोरोना महामारी और देशभर में लागू लॉकडाउन ने कंपनियों और बिजनेस जगत की कमर तोड़ दी है। अब इसका इफेक्ट दिखाई देना शुरू हो गया है। इसके चलते लोगों की नौकरियों पर तलवार लटक रही है और बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जा रही हैं।



अब बड़ी से लेकर छोटी कंपनियां तक कॉस्ट कटिंग करने में जुटी हैं। रोजाना लाखों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है। लोग बड़ी संख्या मेंं बेरोजगारी की चपेट में आ रहे हैं। कंपनियां बिना किसी पूर्व सूचना के एक झटके में अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं। इस मिशन में बड़ी से लेकर छोटी तक सभी कंपनियां शामिल हैं। हाल ये है कि कुछ कंपनियां वाहवाही लूटने के लिए पीएम केयर्स फंड में लंबी चौड़ी रकम दे रही हैं लेकिन इन कंपनियों के पास कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं।



हाल ही में एक अनोखे मामले में फाइनेंस सेक्टर की दिग्गज निजी कंपनी इंडिया बुल्स ने अपने 2000 कर्मचारियों को महज एक वाट्सएप कॉल करके नौकरी से निकाल दिया है। खास बात ये है कि इस कंपनी द्वारा हाल ही में पीएम केयर फंड में 21 करोड़ रुपए का दान दिया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद कंपनी की लोग काफी आलोचना भी कर रहे हैं। अब इसको लेकर कांग्रेस ने भी कंपनी की कड़ी आलोचना की है।


सेब के पोषक तत्व रोगों से बचाएंं

कहते हैं कि रोज एक सेब खाने से कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। जी हां, ये बात बिलकुल सच है कि सेब में इतने पोषक तत्व मौजूद होते हैं कि ये आपको हर बीमारी से बचाकर रखता है। इसमें कैलोरी कम होती है जो कि वजन घटाने में मदद करता है और डायबिटीज के खतरे को कम करने के साथ-साथ सेब आपके दिल को भी हेल्दी रखता है। शायद यही वजह है कि फलों में सेब को इतना पसंद किया जाता है। हम सभी जानते हैं कि सेब स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है और इसके सेवन से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इसी तरह सेब दो विपरीत स्वास्थ्य समस्याओं यानी कब्ज और दस्त का इलाज भी करता है। अलग-अलग तरीके से सेब खाने से कब्ज या दस्त दोनों को ठीक किया जा सकता है, आइए जानते हैं कैसे।
सेब के गुण
सेब घुलनशील और अघुलनशील फाइबर से बना होता है। इसमें 64 फीसदी अघुलनशील फाइबर और 32 फीसदी घुलनशील फाइबर होता है।
सेब से कैसे करें दस्त का इलाज
घुलनशील फाइबर पाचन को धीमा कर देते हैं जिससे दस्त की समस्या कम होती है। सेब के अंदरूनी भाग यानी पल्प और गूदे में घुलनशील फाइबर मौजूद होते हैं। तो अगर आपको दस्त हैं तो बेहतर होगा कि आप सेब का छिलका उतार कर खाएं।
सेब से कब्ज का इलाज
सेब में मौजूद अघुलनशील फाइबर मल की मात्रा को बढ़ाते हैं और आंतों को साफ करने का रास्ता बनाने में मदद करते हैं। इस वजह से सेब कब्ज में लाभकारी होता है। सेब के छिलके में अघुलनशील फाइबर पाए जाते हैं इसलिए अगर आपको कब्ज की समस्या है तो इससे राहत पाने के लिए छिलके के साथ सेब खाएं।
अमेरिकन जरनल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन की एक स्टडी में पाया गया कि जो महिलाएं रोज सेब खाती थीं उनमें सेब न खाने वाली महिलाओं की तुलना में कब्ज की समस्या 13 से 22 फीसदी कम पाई गई।
सेब में पेक्टिन फाइबर भी होता है जो कि एंफोटेरिक प्रभाव देता है। इस प्रकार एक ही फल पेट से जुड़ी दो विपरीत समस्याओं यानी दस्त और कब्ज से छुटकारा पाने में मदद करता है।


चीन में 2 नए मामले सामने आए

बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस के दो नए मामलों की पुष्टि हुई है। दोनों मामले विदेश से आए लोगों में सामने आए हैं। वहीं 23 लोग बिना लक्षण वाले मरीज भी पाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश मामले कोविड-19 का केंद्र रहे वुहान से हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बृहस्पतिवार को बताया कि बुधवार को दो मामले सामने आए जिनमें से एक शंघाई में और दूसरा फुजियान में था। हालांकि घरेलू संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। देश में बुधवार को 23 ऐसे लोग संक्रमित पाए गए, जिनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखे। बिना लक्षण वाले सभी 413 मरीज चिकित्सा निगरानी में हैं। इनमें से 344 मरीज वुहान में हैं।


अप्रैल में 76 दिन का लॉक डाउन हटाए जाने के बाद वुहान में छह नए मामलों की पुष्टि हुई थी। वहां बिना लक्षण वाले कई मरीज सामने आ रहे हैं, जिससे शहर के अधिकारियों को अपनी सभी 1.12 करोड़ की आबादी की जांच करानी पड़ रही है। मिली जानकारी के अनुसार अभी तक 65 लाख लोगों की जांच की गई है। बिना लक्षण वाले मरीजों का आना दिक्कत की बात है क्योंकि ये मरीज कोविड-19 से संक्रमित तो पाए जाते हैं लेकिन इनमें बुखार, खांसी या गले में सूजन जैसे कोई लक्षण नहीं दिखाई देते। इनसे दूसरे लोगों में बीमारी फैलने का खतरा होता है। एनएचसी ने बताया कि बुधवार तक चीन में कोविड-19 के 82,995 मामलों की पुष्टि की गई और इस संक्रामक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या 4,634 रही।


अमेरिका: 24 घंटे में 1500 की जान ली

अमेरिका में 24 घंटे में करीब 1500 मौतें 


वाशिंगटन। अमेरिका में 24 घंटे में लगभग 1500 मौतें हुई हैं, जबकि 20 हजार से ज्यादा नए मामले मिले हैं। यहां मौतों का आंकड़ा एक लाख 2 हजार से ज्यादा हो गया है। वियतनाम, इराक, अफगानिस्तान और कोरिया की 44 साल की लड़ाई में जितनी जान गई, 3 महीने में करीब उतनी ही मौतें अमरिका में हुई हैं। वॉशिंगटन डीसी में शुक्रवार से स्टे-ऐट-होम ऑर्डर हटाया लिया जाएगा। मेयर म्युरियल बॉउजर ने बुधवार को इसकी घोषण की। दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या एक लाख दो हजार से ज्यादा हो गई है और 17 लाख 45 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। बता दें कि दुनिया भर में इस वायरस से मरने वालों की संख्या तीन लाख 57 हजार से ज्यादा हो गई है और 57 लाख 89 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं जबकि करीब 25 लाख लोगों ने कोरोना को मात दी है।


8 लाख के इनामी माओवादी का समर्पण

दंतेवाड़ा। गुरुवार को प्लाटून नं 24 का डिप्टी कमांडर प्रदीप उर्फ भीमा कुंजाम पिता हुर्रा उम्र 25 वर्ष निवासी जबेली थाना अरनपुर द्वारा माओवादियों के खोखले विचारधारा से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर समाज के मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से एवं विकास में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त कर पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डॉक्टर अभिषेक  पल्लव एवं उपपुलिस महानिरीक्षक सीआरपीएफ डीएन लाल के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित माओवादी पर छत्तीसगढ़ शासन की नई इनामी पॉलिसी के तहत आठ लाख रुपये का इनाम था। आत्मसमर्पित माओवादी को छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया।


शुरुआती दौर में शेयर बाजार में बढ़त

 नई दिल्ली। शेयर बाजार की शुरुआत आज यानी गुरुवार को हरे निशान पर हुई। बुधवार को ज्यादातर वैश्विक बाजारों में बढ़त देखने को मिली थी। प्री ओपन के दौरान सेंसेक्स 222.58 अंकों की बढ़त के बाद 31827.80 के स्तर पर था। लगातार तीसरे कारोबारी दिन आज शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में मामूली बढ़त देखी गई। यह 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 71.69 अंक ऊपर 31676.91 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.37 फीसदी की तेजी के साथ 34.70 अंक ऊपर 9349.65 के स्तर पर खुला। दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज एचडीएफसी बैंक, यूपीएल, बीपीसीएल, एल एंड टी, आईसीआईसीआई बंक, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स और एचडीएफसी के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं एम एंड एम, बजाज ऑटो, टीसीएस, कोल इंडिया, आईटीसी, इंफ्राटेल, बजाज फिन्सर्व, हीरो मोटोकॉर्प, ब्रिटानिया और ओएनजीसी के शेयर लाल निशान पर खुले। बुधवार को ज्यादातर वैश्विक बाजारों में बढ़त देखने को मिली थी। अमेरिका का बाजार डाउ जोंस 2.21 फीसदी की बढ़त के साथ 553.16 अंक ऊपर 25,548.30 पर बंद हुआ था। नैस्डैक 0.77 फीसदी बढ़त के साथ 72.14 अंक ऊपर 9,412.36 पर बंद हुआ था। एसएंडपी 1.48 फीसदी बढ़त के साथ 44.36 अंक ऊपर 3,036.13 पर बंद हुआ था। वहीं चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.09 फीसदी गिरावट के साथ 2.63 अंक नीचे 2,839.43 पर बंद हुआ था। साथ ही इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाजारों में भी बढ़त रही


कोरोनाः 24 घंटे में 6566 नए मामले

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। भारत भी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में जारी लॉक डाउन के बाद भी कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 6,566 नए मामले सामने आए हैं और 194 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देश भर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है, जिनमें से 86,110 सक्रिय मामले हैं, 67,692 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है।


सुप्रीम कोर्ट ने समस्याओं का संज्ञान लिया

 नई दिल्ली। लॉक डाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और मुसीबतों का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहयोग करने को कहा है।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस मामले पर 28 मई को सुनवाई करेगा।कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ओर से कमियां रही हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को आवास, भोजन और यात्रा की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। बता दें कि लॉक डाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर उन राज्यों में फंस गए थे जहां वह काम करने गए थे। आय और भोजन का कोई साधन न होने के चलते कई श्रमिक घर जाने के लिए पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल गए थे। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस सुविधा संचालित करने का फैसला किया था। मजदूरों के पलायन के बाद मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं सामने आई हैं। कहीं, गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया और उसके कुछ घंटे बाद फिर यात्रा शुरू कर दी। वहीं, कुछ मजदूरों की ट्रेन के नीचे आ जाने से हुई मौत ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।


मुंबई में 55 पुलिसकर्मी भी संक्रमित

मुबंई। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। प्रदेश में 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,033 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ ही राज्य में संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 35,058 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह लगातार दूसरा दिन है जब राज्य में कोविड-19 के 2,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक राज्य में 24 घंटे में 55 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।







वहीं, एक संक्रमित पुलिसवाले की मौत भी हुई है। इसके साथ ही कोरोना से मरने वाले पुलिसवालों की संख्या 12 हो गई है। महाराष्ट्र में इसके संक्रमितों का आकंड़ा 35 हजार के पार पहुंच गया है। महाराष्ट्र में संक्रमितों का कुल आंकड़ा अब 35058 हो गया है। राज्य में सबसे ज्यादा 1249 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 8437 लोग ठीक हुए हैं। आज यानी मंगलवार को आए 2,033 नए मामलों में 300 मामले ऐसे हैं, जिनकी जांच 12 से 16 मई के बीच प्राइवेट लैब में हुई थी। राहत की बात यह है कि दूसरे देशों की तुलना में भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्‍या काफी कम है।






प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-290 (साल-01)
2. शुक्रवार, मई 29, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्टि, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 27 मई 2020

मंदिरों में रखी धातु सामग्री भी बिकेंगे


  • त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड का फैसला अनयूज्ड सामान को किया जाएगा नीलाम

  • कई मंदिरों में रोज दान में आते हैं हजारों दीपक और बर्तन

  • अकेले गुरुवायूर मंदिर में 9000 दीपक का रोज दान


नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते देश में कई मंदिरों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है। इन सब के बीच केरल में मंदिरों की आय बढ़ाने और आर्थिक आधार को मजबूत करने के लिए त्रावणकोर देवास्वम् बोर्ड (टीडीबी) केरल के मंदिरों में रखे अनयूज्ड बर्तन और तांबे-पीतल को बेचने जा रहा है। इनकी मात्रा कई सौ टन में है। टीडीबी केरल में 1248 मंदिरों के प्रबंधन का काम करता है। इसमें प्रसिद्ध सबरीमाला अयप्पा मंदिर, तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर, हरिपद श्री सुब्रह्मण्य मंदिर, एट्टमनूर महादेवा मंदिर और अंबालापुजा श्री कृष्ण मंदिर शामिल हैं। हालांकि, टीडीबी के इस फैसले से कई लोगों में निराशा और गुस्सा भी है। सोशल मीडिया पर लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं। 


फिलहाल, हिसाब तैयार हो रहा


टीडीबी उन दीपकों और बर्तनों की नीलामी करने की योजना बना रहा है जो भक्तों द्वारा दान किए गए थे। टीडीबी अभी इसका हिसाब बना रहा है। इससे एक बड़ी राशि मिलने की उम्मीद है। केरल में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनमें धातु के दीपकों और बर्तनों की बड़ी मात्रा में दान आता है। जैसे सबरीमाला और गुरुवायूर मंदिर। इन एक-एक दीपक की कीमत 3000 से 5000 के बीच होती है। केरल के सभी 1248 मंदिरों में बड़ी मात्रा में ऐसे दीपक और अन्य बर्तन हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। 


 

संभालना आसान नहीं


ऐसे बर्तनों और दीपकों को संभालना और उनका ऑडिट करवाना ज्यादा मुश्किल काम है। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने फैसला किया है कि इस तरह की सारी सामग्रियों की नीलामी कर दी जाएगी। इससे आने वाली राशि से काफी काम हो सकेंगे। कई प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकेंगे। बोर्ड के जनसंपर्क विभाग का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी ऐसा होता आया है। पहले मंदिरों से इन दीपक और बर्तनों को फिर से पीतल बनाने के लिए बेचा जाता था लेकिन उससे कोई रेवेन्यू नहीं मिलता था। इसलिए, इस बार इन्हें ऐसे ही बेचा जाएगा।  


गुरुवायुर और सबरीमाला मंदिर के अलावा भी केरल के कई देवी मंदिरों में सुख-शांति और गृहस्थ सुख के लिए पीतल के बर्तनों और दीपकों का दान किया जाता है।




  • केरल में रिवाज है नेयविल्लकु समरपनम् 




केरल में मंदिरों में पीतल के बड़े-बड़े दीपक दान करने का रिवाज है। इसे नेयविल्लकु समरपनम् कहा जाता है। यहां मान्यता है कि घी के दीपक दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यहां गुरुवायूर मंदिर में रोज लगभग 8000 से 9000 तक दीपक दान में आते हैं। उसी तरह, कई मंदिरों में पीतल के बर्तन जैसे उरुली (एक बड़ा खुला बर्तन) दिया जाता है। न्य देवी मंदिरों में भी, भक्तों द्वारा पीतल के उरुलियां दी जाती हैं। इसी तरह से कई अन्य पीतल की चीजें जैसे थट्टू (प्लेट्स), देवताओं की छोटी मूर्तियां, बर्तन आदि। ऐसे में इन सबको संभालने के लिए एक बड़ी जगह का आवश्यकता होती है। इन्हें संभाले रखने का कोई अर्थ भी नहीं है। 



  • सबसे बड़े धार्मिक बोर्ड में है त्रावणकोर 


त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड देश के सबसे बड़े धार्मिक बोर्ड्स में से है। इसके अधिकार में 1248 मंदिर आते हैं। कैग (CAG) और केरल हाईकोर्ट के लोकपाल की निगरानी में इसका सारा काम होता है। टीडीबी में लगभग 6500 कर्मचारी हैं, जिनमें ज्यादातर ज्यादातर पुजारी, सहायक पुजारी, मंदिर के कलाकार, कलाकार और अन्य मंदिर व्यवस्थापक कर्मचारी हैं। टीडीबी कर्मचारी सरकारी कर्मचारी की तरह ही होते हैं और इसलिए उन्हें सभी सरकारी लाभ मिलते हैं, जैसे निश्चित वेतन, रिटायरमेंट के बाद पेंशन।


लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़ने की कोशिश

नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट में मचे सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को सवाल खड़े करने हैं तो करे, विपक्ष को सवाल करना भी चाहिए ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि सवाल करने से सरकार को भी फायदा होता है, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करना लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़कर फेंकने जैसा है। इससे पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने कहा था कि हम महाराष्ट्र में सरकार को समर्थन कर रहे हैं, लेकिन फैसला लेने की क्षमता में नहीं हैं। हम पंजाब-छत्तीसगढ़-राजस्थान में फैसला लेने की क्षमता में हैं।


राहुल गांधी ने कहा कि जितनी ज्यादा कनेक्टटेड जगह हैं, वहां कोरोना होता है। मुंबई-दिल्ली में इसलिए अधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को भी केंद्र सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए। हम सिर्फ केंद्र सरकार को सुझाव दे सकते हैं, लेकिन सरकार को क्या मानना है वो उनके ऊपर ही है।


बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उनका कहना था कि उद्धव सरकार कोरोना वायरस को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।


महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज, पवार-उद्धव मिले, संजय राउत बोले- सरकार को खतरा नहीं


इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और NCP सुप्रीमो शरद पवार की मुलाकात हुई थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उद्धव सरकार पर संकट की भी बात कही थी। हालांकि इस पर महा विकास अघाड़ी के दलों ने सफाई दी कि सरकार स्थिर और मजबूत है।


विधायक के बेटे को हिन्दुस्तान पसंद नहीं




भाजपा विधायक उमेश मलिक के सुपुत्र शुभम मलिक को पसंद नहीं हिंदुस्तान~दिनेश गुर्जर

भाजपा विधायक के सुपुत्र को पसंद नहीं हिंदुस्तान

जिला अध्यक्ष समाजवादी लोहिया वाहिनी

 भाजपा विधायक के सुपुत्र पर हो एनएसए के तहत कार्रवाई 

अश्वनी उपाध्याय

गाजियाबाद। समाजवादी लोहिया वाहिनी जिला अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने आज सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोनी एसडीएम को ज्ञापन सोपा दिनेश गुर्जर ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के बुढाना विधायक उमेश मलिक के अमेरिका में रह रहे बेटे शुभम मलिक की इंस्टाग्राम पोस्ट और सोशल मीडिया पर भारत विरोधी वीडियो डालने के बाद उन्होंने भारत का मजाक उड़ाया है शुभम मलिक कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं इंस्टाग्राम पर शुभम मलिक का एसमलिकडॉट 369 के नाम से अकाउंट है जो अकाउंट उन्होंने फिलहाल डिलीट कर दिया है उन्होंने इंस्टाग्राम पर भारत विरोधी पोस्ट डाली है शुभम मलिक ने कई बिंदुओं के माध्यम से अमेरिका व भारत की तुलना की है जिसमें अमेरिका को शुभम मलिक ने महान व हिंदुस्तान का मजाक उड़ाया गया है पोस्ट में उन्होंने कहा है कि में 8 साल से यूएसए में रह रहा हूं और यूएसए ओर भारत ने मुझे क्या दिया है उन्होंने कहा इंस्टाग्राम पर कि अमेरिका ने मुझे सम्मान शिक्षा प्यार धनसंपदा आत्मविश्वास ज्ञान सच्चे दोस्त शोहरत और खुशी दी है जबकि हिंदुस्तान ने उन्हें सापेक्ष उपेक्षा अज्ञानता घृणा हंसी का पात्र हताशा झूठे दोस्त अनदेखी निराशा और दुख ही दुख दिया है उनकी इस पोस्ट पर एक तरफ अमेरिका का झंडा तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान का तिरंगा है शुभम मलिक के द्वारा इंस्टाग्राम पर कई वीडियो भी शेयर किए गए हैं जिसमें वह कह रहे हैं कि इंडियन नॉट लाइक मी इस तरह की बातें हिंदुस्तान को तोड़ने का काम करती है मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करूंगा कि भाजपा विधायक पुत्र पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए और इसके पीछे जो भी दोषी लोग हैं उन पर भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से दिनेश गुर्जर जिला अध्यक्ष समाजवादी लोहिया वाहिनी अनीस अली जिला अध्यक्ष मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड रवि शंकर बाल्मीकि राष्ट्रीय सचिव समाजवादी युवजन सभा मनोज पंडित पूर्व महानगर अध्यक्ष युवजन सभा मोहम्मद गफ्फार पूर्व जीडीए बोर्ड मेंबर माजिद चौधरी रिंकू पहलवान आदि लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ज्ञापन सौंपा।




 








Quick Reply

हरे निशान पर खुला 'शेयर बाजार'

नई दिल्ली। लगातार दूसरे कारोबारी दिन आज शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में मामूली बढ़त देखी गई। यह 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 99.50 अंक ऊपर 30708.80 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.58 फीसदी की तेजी के साथ 52 अंक ऊपर 9081.05 के स्तर पर खुला। शेयर बाजार के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को पूंजी बाजार में 4,716.13 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।


वैश्विक बाजारों का हाल : मंगलवार को दुनियाभर के ज्यादातर बाजारों में बढ़त देखने को मिली, जिसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा। अमेरिका का डाउ जोंस 2.17 फीसदी की बढ़त के साथ 529.95 अंक ऊपर 24,995.10 पर बंद हुआ था। नैस्डैक 0.17 फीसदी बढ़त के साथ 15.63 अंक ऊपर 9,340.22 पर बंद हुआ था। एसएंडपी 1.23 फीसदी बढ़त के साथ 36.32 अंक ऊपर 2,991.77 पर बंद हुआ था। चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.22 फीसदी गिरावट के साथ 6.18 अंक नीचे 2,840.37 पर बंद हुआ था। साथ ही इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाजार में बढ़त देखने को मिली थी।    


दिग्गज शेयरों का हाल : दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज हिंडाल्को, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बंक, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, यूपीएल, सन फार्मा और वेदांता लिमिटेड के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं चाइचन, एम एंड एम, ओएनजीसी, गेल, अडाणी पोर्ट्स, कोल इंडिया, आईटीसी, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील और डॉक्टर रेड्डी के शेयर लाल निशान पर खुले। 


मंगलवार को मामूली गिरावट पर बंद हुआ था बाजार :
मंगलवार को दिनभर की बढ़त गंवाकर शेयर बाजार मामूली गिरावट पर बंद हुआ था। सेंसेक्स 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 63.29 अंक नीचे 30609.30 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 0.11 फीसदी लुढ़ककर 10.20 अंक नीचे 9029.05 के स्तर पर बंद हुआ था।


बिगड़ते जा रहे हैं महाराष्ट्र के हालात

मुंबई। लॉक डाउन के 64वें दिन तक देश में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1 लाख 50 हजार से अधिक हो गई है, जबकि इस वायरस से अब तक 4337 लोगों की मौत हो गई है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। महाराष्ट्र पुलिस की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में पिछले 24 घंटे में 75 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या 1964 हो गई है, जिसमें से 1095 सक्रिय हैं, 849 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं और 20 लोगों की मौत हो चुकी है।


महाराष्ट्र में 2091 नए केस :
महाराष्ट्र में मंगलवार को कोविड-19 के 2091 नए मामले सामने आने के साथ प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 54,758 हो गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस से 97 और लोगों की मौत के साथ महामारी में जान गंवाने वालों की संख्या अब 1,792 तक पहुंच गई है।


वार्ड का निरीक्षण, मरीजों से बातचीत

योगी ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का किया निरीक्षण, मरीजों से की बातचीत

 

अकाशुं उपाध्याय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 का कहर जारी है। दिन-प्रतिदिन इससे संक्रमित मरीजों में इजाफा देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में  संक्रमण की बढ़ती गति से शासन के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगी है और इस पर नियंत्रण पाना अभी दूर की कौड़ी है। जिसके चलते सुबह के मुख्यमंत्री ने कमान अपने हाथों में ले ली है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए बुधवार को प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों से बातचीत कर हालचाल जाना। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद रहे।

क्वॉरेंटाइन केंद्र से भाग, दारू-मुर्गा उड़ाया

जौनपुर: क्वारंटाइन सेंटर से गायब होकर उड़ा रहे थे मुर्गा-दारू, मुकदमा दर्ज


जौनपुर। जिले में क्वारंटीन सेंटर को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर डीएम द्वारा कार्रवाई का मामला सामने आया है। इस दौरान क्वारंटाइन सेंटर से गायब होकर पार्टी कर रहे तीन युवकों को पकड़ा गया, जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जौनपुर जिले में प्रवासी मजदूरों के आने से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वहीं जिलाधिकारी इस फैलते संक्रमण को लेकर काफी चिंतित हैं। इसी कड़ी में ग्राम प्रधान से शिकायत मिली कि सूरत से आया एक युवक क्वारंटीन सेंटर से गायब है। डीएम ने टीम के साथ सेऊर प्राथमिक विद्यालय से थोड़ी दूर तीन युवकों को मुर्गा-दारू पार्टी करते हुए पकड़ा है। तीनों युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही क्वारंटीन सेंटर ले आया गया।


मुर्गा-दारू पार्टी करते पकड़े गए तीन युवक
जिलाधिकारी मड़ियाहूं क्षेत्र के 5 क्वारंटीन सेंटरों पर पहुंचे और निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम दिनेश कुमार सिंह को मुंबई और अन्य राज्यों से गांव में आए लोगों के घूमने की शिकायत मिली थी। ये सभी क्वारंटीन सेंटर में रहने के बावजूद भी घूम रहे थे। इसके बाद उन्होंने सभी बीडीओ, थानाध्यक्षों को फोन कर प्रतिदिन पांच गांवों में भ्रमण करने का निर्देश दिया है। डीएम की टीम ने मुर्गा-दारू पार्टी कर रहे तीन लोगों को गांव से पकड़ा है। तीनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद इन्हें वापस क्वारंटीन सेंटर लाया गया।


महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन के बीच एकबार फिर से सियासी हलचल शुरू हो गई है। एक ओर जहां महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मुलाकात कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वहीं दूसरी ओर कोटाव ठाकरे के घर पर एक गुप्त बैठक हुई। इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार में है? या फिर केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला लेने के लिए तैयार है?


जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के सत्ता का केंद्र बने मातोश्री (उद्धव ठाकरे के घर) पर, एनसीपी सुप्रीमो शरण पवार, सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता संजय राऊत के बीच सोमवार शाम गुप्त बैठक हुई। यह बैठक महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि लंबे अंतराल के बाद एनसीपी सुप्रीमो मातोश्री पहुंचे थे। हैरान करने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद 36 दिन तक चले सत्ता के संघर्ष के बीच एक बार भी शरद पवार मातोश्री नहीं गए, और इस वक्त में उनकी मातोश्री जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।


गवर्नर से मिले पवारः इससे पहले सोमवार को ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को मिलने के लिए राजभवन बुलाया। उनके साथ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी थे। 20 मिनट तक की मुलाकात के बाद बाहर निकलकर प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘राज्यपाल के बुलावे पर हम यहां आए। हमारे बीच कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।’ हालांकि, प्रफुल्ल पटेल का यह बयान लोगों के गले नहीं उतरा कि अगर राजनीतिक चर्चा नहीं करनी थी, तो फिर राज्यपाल ने शरद पवार को मिलने क्यों बुलाया था?


अंदर कुछ तो पक रहा हैः पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को देखते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में दखल रखने वालों को यह लग रहा है कि राज्य की राजनीति में कुछ तो पक रहा है। राज्य की महा विकास आघाडी सरकार खासकर शिवसेना और राज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव और राज्य में कोरोना वायरस के अनियंत्रित होते जाने की खबरों के बीच राष्ट्रपति शासन की चर्चा के चलते शरद पवार का राज्यपाल से मिलने जाना कई तरह की राजनीतिक चर्चाओं को को जन्म दे रहा है। इसकी एक बड़ी वजह शरद पवार के साथ एनसीपी नेता प्रफुल पटेल का राजभवन जाना भी है। क्योंकि, प्रफुल्ल पटेल अपने गुजराती कनेक्शन की वजह से केंद्र की राजनीति में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के भी करीबी माने जाते हैं।


इन 3 नेताओं की मंत्रणाः सूत्रों के मुताबिक करीब 20 दिन पहले देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील और अमित शाह के बीच एक बार मंत्रणा हो चुकी है। इसके बाद ही बीजेपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को टारगेट करना शुरू किया है। सरकार के खिलाफ राज्य भर में बीजेपी का आंदोलन, बीजेपी नेताओं का सोशल मीडिया पर शिवसेना के खिलाफ आक्रामक होना, देवेंद्र फडणवीस का सीधे उद्धव ठाकरे को टारगेट करना। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का रविवार को उद्धव ठाकरे पर सीधा हमला बोलना और एनसीपी के खिलाफ मौन रहना किसी स्ट्रेटेजी का भाग हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में सरकार और राजभवन के बीच विभिन्न मुद्दों पर लगातार बढ़ते जा रहे टकराव के मद्देनजर यह सामान्य संकेत नहीं है।


अटकलें ये भी हैंः मुंबई और दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बीजेपी जल्द से जल्द कुछ भी करके महाराष्ट्र की सत्ता में बदलाव चाहती है। फिर चाहे वह शिवसेना के साथ हो या शिवसेना के बगैर। दिल्ली के स्रोतों का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सत्ता का रास्ता राजभवन से ही निकलेगा। इसीलिए बीजेपी लगातार राज्य में इस तरह का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, जिसमें राजभवन राजनीति के केंद्र में रहे।


फिर 2 हफ्ते तक बढ़ेगा 'लॉक डाउन'

नई दिल्ली। कोरोना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन के पांचवें चरण का खाका अभी ,से तैयार किया जा रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन 5.0 के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही मन की बात कर सकते हैं। लॉकडाउन के पांचवें चरण में कोरोना प्रभावित 11 शहरों को छोड़कर बाकी देश में छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है।


सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन का पांचवा चरण 11 शहरों पर केंद्रित होगा, जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, ठाणे, इंदौर, चेन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, सूरत और कोलकाता शामिल हैं। इन शहरों में देश के कुल कोरोना केस का 70 फीसदी से अधिक केस है। 5 शहरों (अहमदाबाद, दिल्ली, पुणे, कोलकाता, मुंबई) में तो कुल केस के 60 फीसदी मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।


लॉकडाउन के पांचवें चरण में केंद्र की ओर से धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट दी जा सकती है, लेकिन नियम और शर्तें लागू रहेंगी। धार्मिक स्थल पर कोई भी मेला या महोत्सव मनाने की छूट नहीं होगी। साथ ही अधिक संख्या में लोग इकट्ठा नहीं होंगे। मास्कर पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य होगा। लॉकडाउन 5.0 के दौरान सभी जोन में सैलून और जिम को खोलने की इजाजत दी जा सकती है, सिर्फ कंटेनमेंट जोन छोड़कर। हालांकि, इस चरण में किसी स्कूल, कॉलेज-यूनिवर्सिटी को खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। साथ ही माल और मल्टीप्लैक्स को भी बंद रखा जा सकता है।


तुझे कीड़े पड़ जईयो 'संपादकीय'

तुझे कीड़े पड़ जईयो   'संपादकीय'

संपूर्ण विश्व कोरोना वायरस कोविड-19 के कहर से त्रस्त है। विश्व के महानतम जीव वैज्ञानिक, औषधि विज्ञान पर अनुसंधानरत है। लेकिन सब असमंजस के बीच भंवर में खड़े एक दूसरे को आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। सामर्थ और शक्ति को धारण करने वाले राजनेताओं में बौखलाहट बढ़ती जा रही है। इसका प्रभाव हमारे देश में भी कम नहीं है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व सार्वजनिक वक्तव्य में बौखलाहट के स्पष्ट साक्ष्य मिले हैं। उन्होंने देश की कुल आबादी से कई करोड़ की गिनती खत्म कर दी। उनकी दृष्टि में भारत में केवल 130 करोड़ की ही आबादी रहती हैं। शायद अब उन्हें इस बात का आभास हो गया है कि सृष्टि का संचालन नियति पर ही निर्भर रहता है, जो मानव विवेक से अत्यंत सुदूर और निर्धारित बना रहता है। इसके विपरीत उचित समय पर संतुलित निर्णय लेकर दूरगामी दृष्टिकोण का प्रमाण भी प्रधानमंत्री के द्वारा दिया है। किंतु सफलता और असफलता के बीच कठोर निर्णय क्षमता के साथ-साथ दृढ़ इच्छाशक्ति भी आवश्यक है। जिसका वर्तमान में प्रधानमंत्री में अभाव प्रतीत किया जा रहा है। राष्ट्रीय नीति और नीति का राष्ट्रीयकरण करने में देश के प्रधानमंत्री के हाथ खाली असफलता लगी है। हो सकता है यह कार्य सिद्धि से प्राप्त परिणाम का ही स्वरूप है। देश के प्रत्येक नागरिक ने प्रधानमंत्री के कथन अनुसार वैशाख माह में दीपावली मनाई और उसके पश्चात थाल-थाली और तस्करी भी खूब बजाई। देश की गरीब जनता ने पीड़ाकारी कष्टों को अपना भाग्य मानकर स्वीकार कर लिया।

परंतु लाखों लोग इस महामारी के परिवेश और शंकाग्रस्त-भयकारी राजनैतिक योजनाओं से त्रस्त है। इतने त्रस्त है कि उनकी पीड़ा का आभास हृदय विदारक है। भारत में कई ऐसी प्रजातियां हैं जिन्हें खानाबदोश कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। ऐसे लोग निर्वाचन प्रणाली से भी मुक्त रहते हैं। लेकिन वह वास्तविक रूप से मूल भारतीय हैं। उनके विषय में वर्तमान सरकार की उदारता इतिहास में कालिख बनकर रहेगी। इतने लंबे समय तक लॉक डाउन से निर्मित व्यवस्था में जीवन यापन, वह भी बिना किसी सरकारी सहायता के, यह अभूतपूर्व है। किंतु शायद अब उनके इस साहस और धीरज दोनों ने ही जवाब दे दिया है। 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में एक मां का करूण ह्रदय तपती धूप में अपने बच्चे के सूखते गले को, अपने आंसुओं से तृप्त करना चाहती है। भूख और प्यास से बेहाल उस मां के हृदय से लरज़ती हुई आवाज में यह शब्द निकलते हैं। जिन्हें संभवत: मैं जीवन भर नहीं भूल पाऊंगा।

'रे मोदी, तुझे कीड़े पड़ जईयो'। क्या आबादी की कम होने वाली गिनती की शुरुआत, इन्हीं लोगों से होती है?

राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'

'लॉक डाउन' में धरना प्रदर्शन, आंदोलन

पटना। कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान भी बिहार में  राजनीति चरम पर है। प्रदेश  की सभी विपक्षी पार्टियां सरकार पर लगातार हमलावर है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व आरएलएसपी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा भी प्रदेश की नीतीश सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए है। उपेन्द्र कुशवाहा लॉकडाउन के दौरान सीएम का पुतला दहन और धरना प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम करने  के बाद आज एकबार फिर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित अपने प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना पर बैठे है।अपने   इस धरना को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि प्रवासी मजदूर जो बिहार आ रहे हैं उन्हें क्वारेंटाइन करने के लिए जो सेंटर बनाए गये है उसकी स्थिति बद से बदत्तर है। क्वारेंटाइन सेंटर पर किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं है। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता  है कि  आए दिन प्रदेश के  किसी न किसी जिले से  क्वारेंटाइन सेंटर पर हंगामे की खबर सामने आ रही है। श्रमिक को अन्य सुविधाएं की बात तो दूर उन्हें समय पर खाना भी नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में छात्रों, किसानों और आमजनों का हाल भी बेहाल है। उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। अपराध अपने  चरम पर है।  


हमने पहले भी मुख्यमंत्री को इन सभी बातों  को लेकर सुझाव दिया था, लेकिन हमारे सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कोई अमल नहीं किया। आरएलएसपी इन मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार जबतक हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है हमलोग लॉकडाउन का उल्लंघन और कानून को तोड़कर सड़क पर उतरने का यह करते रहेंगे।उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से निपटने में सरकार पूरी तरह फेल है। बदइंतजामी के कारण आमजनों का जीना दूभर हो चुका है। हमारे साथी सरकार के विरुद्ध बिहार भर में लॉकडाउन के नियमों को तोड़कर धरना पर बैठे हैं। हमारी मांगें मान लेने तक सिविल नाफ़रमानी आंदोलन जारी रहेगा।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...